पुलिस स्मृति दिवसः उत्तराखण्ड पुलिस में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के पौष्टिक आहार भत्ते में होगी 100 रुपये की वृद्धि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस लाइन, देहरादून में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुलिस एवं अर्द्ध सैन्य बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने शहीद पुलिस जवानों के परिजनों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था एवं कानून-व्यवस्था बनाये रखने का उत्तरदायित्व राज्यों के पुलिस बल एवं अर्द्ध सैनिक बलों का है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में कुल 216 अर्द्ध सैनिक बलों एवं विभिन्न राज्यों के पुलिसकर्मी शहीद हुए, जिसमें उत्तराखण्ड पुलिस के 04 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना की गई है, जो हमारे पुलिस बल के अद्वितीय समर्पण और बलिदान का प्रतीक है। पिछले कुछ वर्षों में हमारी पुलिस ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। आतंकवाद, देश के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सलवाद, प्राकृतिक आपदाओं, कानून व्यवस्थाओं से संबंधित जटिल परिस्थितियों में हमारी पुलिस ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भौगोलिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य में शांति और सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने में हमारे पुलिस की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। किसी भी राज्य की पुलिस व्यवस्था उस राज्य की सुरक्षा और समृद्धि का एक अभिन्न स्तम्भ है। राज्य पुलिस भी सेवा की भावना और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अनेकों चुनौतियों नशा, साइबर क्राइम, महिला अपराध, यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, काँवड यात्रा प्रबंधन का सामना करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस के अन्तर्गत एक त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक फोर्स का गठन किया गया है। इस वर्ष 1100 से ज्यादा नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 23 करोड़ रूपये के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध एक बड़ा खतरा बन चुका है। हमारी पुलिस को इस दिशा में भी सजग रहना होगा और तकनीकि रूप से और अधिक दक्ष होना पड़ेगा। राज्य में महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के प्रत्येक थाने पर “महिला हैल्प डेस्क” के अन्तर्गत ‘क्यूआरटी’ का गठन किया गया है। बच्चों एवं महिलाओं के प्रति हुए अपराधों में 95 प्रतिशत से अधिक मामलों का अनावरण कर 50 प्रतिशत से अधिक अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है। जिसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस बधाई की पात्र है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों के आवासीय स्तर को सुधारने के लिए 150 करोड़ से अधिक की लागत से 380 आवासों का निर्माण किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 42 करोड़ की लागत से 05 पुलिस थानों 02 पुलिस चौकियों, 02 फायर स्टेशनों और तीन पुलिस लाईनों के प्रशासनिक भवनों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। पुलिस के रिस्पॉस टाइम को बेहतर करने के लिए 1105 पुलिस वाहनों की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है। पुलिस सैलरी पैकेज के अन्तर्गत पुलिस कार्मिकों के लिए 75 लाख से 1 करोड़ तक का दुर्घटना बीमा कराया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत 15 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि दिवंगत पुलिस कार्मिकों के परिजनों को प्रदान की जा चुकी है। आपदा एवं राहत के क्षेत्र में सरकार द्वारा एस0डी0आर0एफ0 की एक कम्पनी स्वीकृत करते हुए 162 पदों का सृजन किया गया। 06 थानों व 21 पुलिस चौकियों के क्रियान्वयन हेतु 327 पद स्वीकृत किये गये, पी0पी0एस0 के ढांचे में 11 नये पदों का सृजन किया गया। उप निरीक्षक स्तर के 222 पदों पर भर्ती निकाली गयी है तथा 2000 सिपाहियों की भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है। राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए उत्तराखण्ड खेल नीति के अन्तर्गत कुशल खिलाड़ी कोटे में भी पुलिस विभाग में भर्तियां की जायेंगी।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, विधायक विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव गृह शैलेश बगोली, डीजीपी अभिनव कुमार एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पुलिस स्मृति दिवसः सेवा के दौरान मृत पुलिस कर्मियों के आश्रित को तत्काल एक लाख रूपये

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस लाईन, देहरादून में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुलिस एवं अर्द्ध सैन्य बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उत्तराखण्ड के शहीद पुलिस जवानों के परिजनों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चार घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि सेवा के दौरान पुलिस कर्मियों की अकाल मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को तत्काल 01 लाख रूपये आर्थिक सहयोग दिये जाने के लिए पुलिस शहीद कल्याण कोष के लिए 02 करोड़ रूपये की धनराशि दी जायेगी। अराजपत्रित पुलिस कर्मचारियों का निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण कराया जायेगा। अगले तीन वर्षों में पुलिस कर्मियों के आवास हेतु 100 करोड़ रूपये की धनराशि का प्राविधान किया जायेगा। पुलिस विभाग में मृतक आश्रितों की भर्ती संबंधी अड़चनों को दूर किया जायेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने का उत्तरदायित्व राज्यों की पुलिस बल व अर्द्धसैनिक बलों का है। अपने इस उत्तरदायित्व को निभाते हुए पुलिस कर्मी अपने जीवन की आहुति को भी तत्पर रहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस व्यवस्था किसी भी राज्य की सुरक्षा एवं समृद्धि का एक आवश्यक अंग है। हमारे राज्य की पुलिस भी सेवा की भावना के अनुरूप कार्य करते हुए शान्ति एवं कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए अनेकों चुनौतियों नशा, साइबर क्राईम, महिला अपराध, यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, कांवड़ यात्रा आदि का प्रबंधन करती है। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा इस वर्ष भी कांवड़ यात्रा में आये करीब 4 करोड़ से अधिक एवं चारधाम यात्रा में अब तक पहुंचे लगभग 50 लाख श्रद्धालुओ को सुगम यात्रा एवं दर्शन कराते हुए गन्तव्य तक सुरक्षित पहुंचाने में सराहनीय योगदान दिया है। जी-20 सम्मेलन, की राज्य में हुई तीन बैठकों में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था को उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा सुनिश्चित कराया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को नशा मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए सरकार द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस के अन्तर्गत एक त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक फोर्स का गठन किया गया है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए वर्ष 2021 से अब तक 04 हजार से ज्यादा नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 40 करोड़ रूपये के नारकोटिक पदार्थ बरामद किए गए हैं। भू-माफिया तथा नकल माफियाओं से सम्बन्धित अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कठोर कानून लाये गये हैं। राज्य में माताओं और बहनों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के प्रत्येक थाने पर “महिला हैल्प डेस्क’’ खोले गये हैं। महिला सुरक्षा के लिए उत्तराखण्ड पुलिस एप के अन्तर्गत गौरा शक्ति मॉड्यूल बनाया गया, जिसमें एक लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। वैवाहिक मामलों में काउंसलिंग हेतु प्रत्येक जनपद में महिला काउंसलिंग सेल खोले गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्मार्ट पुलिसिंग की परिकल्पना को साकार करते हुए पुलिस जवानों के कार्यस्थल एवं उनके बैरकों को स्मार्ट बनाये जाने के लिए भवन निर्माण के लिए 36 करोड़ रूपये की धनराशि को बढ़ाते हुए 57 करोड़ रूपया स्वीकृत किया गया है। एनसीआरबी द्वारा जारी क्राइम इन इंडिया 2021 रिपोर्ट के अनुसार चोरी अथवा लूटी गयी सम्पत्तियों की बरामदगी में उत्तराखण्ड राज्य 68 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर है। गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सम्पूर्ण देश के थानों की स्वच्छता, अपराध एवं कानून व्यवस्था के आधार पर जो समीक्षा की गयी, जिसमें चम्पावत जनपद का ’’थाना बनवसा’’ देश के 16 हजार से अधिक थानों में शीर्ष तीन में स्थान बनाने में सफल हुआ।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि 21 अक्टूबर का दिन राज्य पुलिस बलों, केंद्रीय सशस्त्र बलों एवं सभी केंद्रीय पुलिस संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 16 हजार फीट ऊँचे बर्फीले एवं दुर्गम क्षेत्र हॉटस्प्रिंग में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने एस. आई. करन सिंह के नेतृत्व में चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लड़ते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन्ही वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष पूरे देश में 21 अक्टूबर को “पुलिस स्मृति दिवस” के रूप में मनाया जाता है। विगत एक वर्ष में भारत में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों के कुल 188 कर्मियों ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है। उत्तराखण्ड पुलिस के 04 जवानों उप निरीक्षक प्रदीप सिंह रावत, आरक्षी लक्ष्मण सिंह, आरक्षी चमन सिंह तोमर और आरक्षी जवाहर सिंह ने इस वर्ष ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्राण न्यौछावर करने वाले जवानों को नमन: मुख्यमंत्री

देहरादून।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस लाईन में आयोजित कार्यक्रम में ड्यूटी निर्वहन के दौरान प्राण न्यौछावर करने वाले अर्धसैनिक बलों व राज्य पुलिस बलों के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर शहीद पुस्तिका भी शहीद स्मारक में प्रस्थापित की गई। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि आज का दिन उन बहादुर पुलिस जवानों को नमन करने का है, जिन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए प्राण न्यौछावर कर दिए। नक्सलवाद व आतंकवाद आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। हमारे अर्धसैनिक बलों व राज्य पुलिस बलों के बहादुर जवान इन चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री रावत ने पिछले वर्ष ड्यूटी करते हुए प्राण न्यौछावर करने वाले उत्तराखण्ड के दस जवानों को नमन करते हुए कहा कि राज्य सरकार इनके परिवारजनों के साथ है। मुख्यमंत्री रावत ने पुलिस प्रशिक्षण केंद्र नरेंद्रनगर के लिए 6 करोड़ रूपए, राज्य पुलिस के कार्मिकों के आवास के लिए 7 करोड़ रूपए व पुलिस के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए 1200 रूपए प्रतिवर्ष वर्दी भत्ता की स्वीकृति की घोषणा की। उन्होंने एसडीआरएफ सहित पुलिस की विभिन्न इकाइयों के तकनीकी सुदृढ़ीकरण के लिए संसाधन उपलब्ध करवाए जाने की बात भी कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि 9 हजार फीट से ऊपर कार्यरत पुलिस जवानों को 300 रूपए प्रति दिन हाई एल्टीट्यूड भत्ता व हेड कान्स्टैबिल को 1200 रूपए प्रति माह मोटर साईकिल भत्ता दिया जा रहा है। प्रदेश में 30 नए पुलिस थाने, 1 साईबर थाना व 1 रिपोर्टिंग चैकी स्थापित की गई है। कुछ और थानों को खोला जाना विचाराधीन है। रियो ओलम्पिक में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मनीष रावत को निरीक्षक के पद पर पदोन्नति दी गई है। पुलिस में एक स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बनाया गया है। पौड़ी व अल्मोड़ा में सतर्कता अधिष्ठान की इकाइयां स्थापित की गई हैं। प्रत्येक पुलिस थाने में एक महिला उपनिरीक्षक के लक्ष्य को पूरा करने के लिए महिला उपनिरीक्षकों की भर्ती की गई है।
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पुलिस महानिदेशक एमए गणपति ने बताया कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का वीरता से सामना करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। तब से प्रति वर्ष अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए प्राण न्यौछावर करने वाले पुलिस जवानों की स्मृति में इस दिवस का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष देश में अर्धसैनिक बलों व राज्य पुलिस बलों के 431 जवानों ने अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। इनमें उत्तराखण्ड पुलिस के 10 जवान शामिल हैं। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह, दिनेश अग्रवाल, सांसद श्रीमती माला राजलक्ष्मी शाह, विधायक ललित फस्र्वाण, राजकुमार, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पंवार सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व आला अधिकारियों ने भी कर्तव्यों का पालन करते हुए प्राण न्यौछावर करने वाले पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।