परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित ऊर्जा संचय समागम का सीएम ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित तीन दिवसीय ऊर्जा संचय समागम कार्यक्रम को वचुअर्ली संबोधित किया। उन्होंने इस आयोजन में पधारे आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री स्वामी अरुण आनंद सहित अन्य संत महात्माओं का स्वागत करते हुए इस समागम को आध्यात्मिक ऊर्जा को जन-जन पहुंचाने वाला प्रयास तथा व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति को प्रभु की शक्ति के साथ एकीकृत करने वाला प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह समागम मानव मात्र को अपने भौतिक जीवन में मन कर्म वचन से आत्मज्ञान की दीक्षा देने में भी मददगार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संत महात्माओं ने अपने ज्ञान से मानव मात्र को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है। सद्भावना के मार्ग का अनुश्रवण कर राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का मान व सम्मान विश्व में बढ़ा है। भारत अपने पुरातन गौरव को प्राप्त कर विश्व गुरू बनने की राह में आगे बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प पूरा हो रहा है।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के आध्यात्मिक स्वरूप को बनाये रखने के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं। उत्तराखंड के नागरिक के हित में समान नागरिक संहिता विधेयक लागू किया गया। इससे सभी को समान अधिकार मिलेंगे। उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिये सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया। राज्य में लैंड जिहाद को रोकने के लिए 500 है0 भूमि अतिक्रमण से मुक्त करायी गई है। नकल विरोधी कानून लागू कर युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। प्रदेश में दंगारोधी कानून लागू किया गया है। अब दंगाइयों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही दंगे में होने वाली सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी दंगाइयों से ही की जाएगी। अब राज्य के अन्दर अथवा राज्य के बाहर कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था किसी समिति अथवा ट्रस्ट का गठन कर राज्य के चार धामों एवं प्रमुख मंदिरों के नाम पर समिति अथवा ट्रस्ट का गठन नहीं कर पायेगा। उत्तराखण्ड आध्यात्मिक संस्कृति का केंद्र बने तथा युवा अपनी प्राचीन सनातन संस्कृति से जुड़े इसके लिए राज्य के विश्वविद्यालयों में हिंदू संस्कृति के अध्यनन की व्यवस्था की गई है।

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द मुनी, आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री तथा स्वामी अरूण आनंद ने मुख्यमंत्री द्वारा राज्य हित में लिए निर्णयों के प्रति उनकी सराहना की तथा उन्हें साधुवाद दिया।

मण्डल मुख्यालय पौड़ी में मुख्यमंत्री ने की विकास कार्यों की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़वाल मण्डल मुख्यालय पौडी में विकास कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 133 करोड़ की 158 योजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया, जिसमें 80 करोड़ की 137 योजनाओं का लोकार्पण तथा 53 करोड़ की 21 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि योजनाओं का क्रियान्वयन नो पेंडेंसी के सिद्धांत के आधार पर किया जाए। उन्होंने पौड़ी के पुराने वैभव को बनाए रखने के लिए सभी विभागों से कार्य योजना तैयार करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौड़ी में प्रतियोगी परीक्षाओं और सेना में जाने की तैयारी करने वाले युवओं के लिए हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जनहित से जुड़े कार्य मात्र औपचारिक ना हो बल्कि उसका ठोस आउटकम भी निकले। मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी भवनों की छत पर सोलर पैनल और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के भी निर्देश दिये।
इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने विकासखंड कार्यालय पौड़ी के समीप 21 लाख की सहायता से बने पहाड़ी अंजीर (बेड़ू) प्रसंकरण इकाई का लोकार्पण किया। जिसका संचालन उमंग स्वायत्त सहकारिता पौड़ी द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने इकाई में बेड़ू से बनाये जा रहे उत्पादों का जायजा लिया तथा इस तरह के अनूठे प्रयास की सराहना की।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, विधायक राजकुमार पोरी, महंत दिलीप रावत, रेनू बिष्ट, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, आईजी करन सिंह नगन्याल, जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।

श्रावण मास की नीलकंठ यात्रा को लेकर पुलिस अलर्ट, हुई बैठक

श्रावण मास की श्री नीलकंठ महादेव मंदिर यात्रा के दौरान पैदल मार्ग पर जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। जिसको देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने शाम छह बजे से सुबह पांच बजे तक को बंद रखने का निर्णय लिया है। पैदल मार्ग का यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल श्वेता चौबे ने कावड़ यात्रा के दौरान क्षेत्र में ट्रैफिक प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि पैदल मार्ग पर पार्क प्रशासन को नियमित गश्त बढ़ाने के लिए कहा गया है। बैराज-चीला शक्ति नहर पर कावड़ यात्रियों के नहाने के कारण दुर्घटनाओं को रोकने के लिए फोर्स की तैनाती अलग से की जा रही है।

कांवड़ मेले के दौरान वाहनों के जाने का मार्ग
यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाये रखने हेतु श्री नीलकंठ महादेव मन्दिर जाने के लिए ऋषिकेश- मुनिकीरेती-गरुड़ चट्टी- पीपलकोटी- नीलकंठ मंदिर मार्ग को निर्धारित किया गया है।

कांवड़ मेले के दौरान वाहनों के जाने का मार्ग
मंदिर से वापसी में निकासी हेतु नीलकंठ – पीपलकोटी- गरुड़ चट्टी- बैराज बाईपास- पशुलोक बैराज- ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग निर्धारित किया गया है।

श्री नीलकंठ मन्दिर आने का पैदल मार्ग
मेले के सामान्य दिनों में रामझूला व जानकी पुल कांवड़ यात्रियों के लिये खुले रहेंगे। भीड़ की अधिकता होने पर यात्रियों के लिये ऋषिकेश- रामझूला- बागखाला- पुण्डरासू- नीलकंठ मन्दिर का मार्ग निर्धारित किया गया है।

पैदल वापसी का मार्ग
श्री नीलकंठ मन्दिर से वापस जाने हेतु श्री नीलकंठ मन्दिर- पुण्डरासू- बागखाला- जानकी पुल- ऋषिकेश मार्ग निर्धारित किया गया है।

वाहनों के अव्यवस्थित रूप से खड़े पाए जाने पर उन्हें हटाने के लिए क्रेन की व्यवस्था की गयी है। साथ ही नीलकंठ क्षेत्र में पार्किंग फुल होने की दशा में वाहनों को पीपल कोटी- दिउली मार्ग पर डायवर्ट कर पार्क कराया जाएगा। 15 से 17 जुलाई तक मेला क्षेत्र में भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगायी गयी है।

मेला क्षेत्र में 894 अधिकारी और कर्मचारी तैनात
सम्पूर्ण मेला क्षेत्र की सुरक्षा के दृष्टिगत कांवड़ मेले में लगा 894 अधिकारी और कर्मचारियों की तैनाती की गई है।

जनपद का कुल फोर्स- 551

अपर पुलिस अधीक्षक एक, क्षेत्राधिकारी दो, निरीक्षक पांच, थानाध्यक्ष 11, उप निरीक्षक 27, महिला उपनिरीक्षक आठ, अपर उप निरीक्षक 15, हेड कांस्टेबल 80, कांस्टेबल 91, महिला कांस्टेबल 20, होमगार्ड 207, पीआरडी 84,

बाहरी जनपद से प्राप्त कुल फोर्स- 300

अपर पुलिस अधीक्षक एक, क्षेत्राधिकारी पांच, निरीक्षक तीन, थानाध्यक्ष तीन, उप निरीक्षक सात, महिला उपनिरीक्षक छह, अपर उप निरीक्षक 156, महिला अपर उप निरीक्षक दो हेड कांस्टेबल 38, कांस्टेबल 52, महिला कांस्टेबल 27, एक कम्पनी, दो प्लाटून, दो सैक्शन पीएसी

रिजर्व कुल फोर्स

निरीक्षक तीन, थानाध्यक्ष तीन, उपनिरीक्षक चार, महिला उपनिरीक्षक एक, अपर उपनिरीक्षक 18, महिला अपर उप निरीक्षक एक, हेड कांस्टेबल तीन

74 सीसीटीवी कैमरा और तीन ड्रोन की निगरानी
बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की संभावना है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन की ओर से इस बार यहां अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। 74 सीसीटीवी कैमरा और तीन ड्रोन की निगरानी में मेला संचालित होगा। सुरक्षा व्यवस्था के तहत सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को एक सुपर जोन, सात जोन व 23 सेक्टरों में विभाजित किया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी श्वेता चौबे ने ड्यूटी पर लगे समस्त पुलिस बल को परमार्थ निकेतन में ब्रीफिंग ली। पुलिस कप्तान ने कहा कि इंटरनेट मीडिया और विभिन्न माध्यम से अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और सख्त कार्रवाई होगी।

सभी अधिकारी और कर्मचारी अनुशासित और संयमित होकर अपनी ड्यूटी दें। उन्होंने बताया कि पौड़ी जनपद के सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को एक सुपर जोन, सात जोन व 23 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक सुपर जोन में अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी, जोन में पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी तथा सेक्टरों में निरीक्षक, थानाध्यक्ष, वरिष्ठ उपनिरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं अपर उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।

उन्होंने बताया कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ की दो टीम, जल पुलिस,गोताखोर टीम, दो क्यूआरटी टीम, पीएससी फ्लड टीम के साथ-साथ आतंकी घटनाओं की रोकथाम हेतु एक टीम एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड को मेला क्षेत्र में चौबीस घण्टे के लिये एक्टिव रखा गया है।

बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चंद्र सुयाल, अपर पुलिस अधीक्षक अनिल काला, सीओ श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल, सहायक सेनानायक एसडीआरएफ दीपक सिंह, पुलिस उपाधीक्षक सतर्कता अनिल मनराल, एसएस सामंत, सहायक सेनानायक पीटीसी सुनीता वर्मा, उप सेनानायक आइआरबी राजन सिंह आदि मौजूद रहे।

गंगा में स्नान के लिए पहुंचे तीन युवक तेज धारा में बहे

देहरादून डीआईटी में पढ़ने वाले दो बीटेक के छात्र आदित्य राज 22 कोलकाता, उत्कर्ष 22 आगरा होली खेलने आए शिवपुरी के नमामि गंगे घाट पर डूब गए वही लक्ष्मण झूला क्षेत्र के पटना वाटर फॉल के पास गंगा नदी में पैर फिसलने से शोभित यादव 30 निवासी मुरादाबाद भी गंगा में डूब गए, वही डूबे हुए व्यक्तियों की तलाश में एसडीआरएफ की टीम ने सर्चिंग अभियान शुरू कर दिया है ।

आज होली के मौके पर देहरादून डीआईटी में पढ़ने वाले 2 छात्र ऋषिकेश होली मनाने के उद्देश्य पहुंचे थे जो शिवपुरी के नमामि गंगे घाट पर नहाते हुए डूब गए हैं वही लक्ष्मण झूला क्षेत्र के पटना वाटर फाल के पास नहाते हुए मुरादाबाद से आए सुमित यादव का पैर फिसलने से गंगा में डूबने की सूचना एसडीआरएफ दल को प्राप्त हुई सूचना पर तुरंत एसडीआरएफ की टीम में मौके पर जाकर सर्च ऑपरेशन चलाया परंतु अभी तक किसी का पता नहीं चला। एसडीआरएफ के प्रभारी कविंद्र सजवान ने बताया कि डूबे हुए व्यक्तियों के परिजनों को सूचना दे दिया गया बताया कि आज देर शाम होने के कारण सर्चिंग अभियान रोक दिया गया है कल सुबह फिर से सर्चिंग अभियान शुरू कर डूबे हुए व्यक्तियों की तालाश की जाएगी।

मंत्री डा. अग्रवाल ने ग्रामीणों को बांटे निशुल्क बीज

यमकेश्वर ब्लॉक के तल्ला बनास गांव में आज प्राचीन लौहसिद्ध हनुमान मंदिर का स्थापना दिवस मनाया गया। इस उपलक्ष्य में मंदिर समिति की गौमुख गौशाला ने देश के पहली कृषि विश्विद्यालय जीबी पंत कृष विश्विद्यालय और राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान केंद्र करनाल के तत्वाधान में किसान मेला का आयोजन किया।

शनिवार को यमकेश्वर के तल्ला बनास स्थित गोमुख गौशाला गढ़खाल में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में संकटमोचन लौहसिद्ध हनुमान जी की पूजा में शामिल के उपरांत कार्यक्रम का अनावरण किया।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा कि संकटमोचन हनुमान के आशीर्वाद से पहाड़ के किसानों को सशक्त बनाने के लिए गौमुख गौशाला की इस पहल से हम अपनी संस्कृति और सनातन धर्म को आगे बढ़ाते हुए पहाड़ के लोगो की आय के स्रोत के लिए साथ मिलकर काम करें।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि पंतनगर विश्विद्यालय और राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान केंद्र करनाल के साथ गौमुख गौशाला एक मॉडल गौशाला बनेगी। इससे किसानों के कौशल में विकास होगा।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि किसान मेले का मुख्य उद्देश्य पहाड़ों के किसानों को प्रगतिशील बनाने के सपने को लेकर गौमुख गौशाला ने इस मुहिम की शुरुआत की है। मेले में पंतनगर के जीबी पन्त कृषि विश्विद्यालय और राष्टीय डेरी अनुसंधान संस्थान किसानो के उत्थान के लिए पहली बार साथ आये हैं।

किसान मेला में यंमकेश्वर ब्लॉक के तल्ला बनास, मल्ला बनास, कांडाखाल, किमसार से सैंकड़ों किसानों ने प्रतिभाग किया। जिन्हें आये स्रोत बढ़ाने के लिए पशुपालन, मधुमखी पालन और खेती से जीविका को बेहतर बनाने के लिए पंत नगर विश्विद्यालय और राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल ने निशुल्क बीज, मधुमखी और किट, कृषि से जुड़ी किट, वह बकरियों का अनुदान किया।

इस अवसर पर पंतनगर विश्वविधालय के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान, उत्तराखंड शासन के सचिव डॉक्टर बीवीआर पुरुषोत्तम आर, राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्था के निदेश डॉक्टर धीर सिंह, डॉ सरिता, डॉ दीप्ति चौधरी, डॉ नीलकंठ आदि उपस्थित रहे।

रक्षा मंत्रालय कर सकता है लैंसडौंन का नाम परिवर्तन, जानिए क्या हो सकता है नया नाम


देहरादून। रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव पर अमल किया तो उत्तराखंड राज्य के पौड़ी जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम बदलकर ‘कालौं का डांडा (अंधेरे में डूबे पहाड़)’ हो जाएगा। 100 साल से भी अधिक पुराने लैंसडौन नाम को बदलने की तैयारी है। रक्षा मंत्रालय ने लैंसडौन के सैन्य अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। लैंसडौन नाम से पहले इस इलाके को ‘कालौं का डांडा’ नाम से पुकारा जाता था। रक्षा मंत्रालय ने ब्रिटिशकाल में छावनी क्षेत्रों की सड़कों, स्कूलों, संस्थानों, नगरों और उपनगरों के रखे गए नामों को बदलने के लिए उत्तराखंड सब एरिया के साथ सेना के अधिकारियों से प्रस्ताव मांगें हैं।

उनसे ब्रिटिशकाल के समय के नामों के स्थान पर क्या नाम रखे जा सकते हैं, इस बारे में भी सुझाव देने को कहा गया है। बता दें कि स्थानीय स्तर पर लंबे समय से लैंसडौन का नाम बदलने की मांग होती आ रही है। स्थानीय लोग लैंसडौन का नाम कालौं का डांडा रखने की मांग करते आए हैं। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय को भी पत्र भेजे जा चुके हैं।

तत्कालीन वायसराय लैंसडौन के नाम से बदल गया नाम
गढ़वाली जवानों की वीरता और अद्वितीय रणकौशल से प्रभावित होकर 1886 में गढ़वाल रेजीमेंट की स्थापना हुई। पांच मई 1887 को ले.कर्नल मेरविंग के नेतृत्व में अल्मोड़ा में बनी पहली गढ़वाल रेजीमेंट की पलटन चार नवंबर 1887 को लैंसडौन पहुंची। उस समय लैंसडौन को कालौं का डांडा कहते थे। इस स्थान का नाम 21 सितंबर 1890 तत्कालीन वायसराय लार्ड लैंसडौन के नाम पर लैंसडौन रखा गया।

608 हेक्टेयर में फैला है लैंसडौन
लैंसडौन नगर सैन्य छावनी क्षेत्र है, जो 608 हेक्टेयर में फैला है। नगर के आधे से अधिक भाग में बांज, बुरांस और चीड़ के वृक्षों के सदाबहार वनों का विस्तार है। यह एक प्रसिद्ध और पसंदीदा पर्यटक स्थल भी है।

केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा समय-समय पर क्षेत्र के लोग नाम बदलने की मांग करते हैं। ऐसे प्रस्तावों का रक्षा मंत्रालय परीक्षण करता है। देश, काल और परिस्थितियों को देखकर प्रस्ताव पर विचार किया जाता है।

वनंत्रा जा रहे 32 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने किया अरेस्ट

अंकिता हत्याकांड के मामले में सीबीआइ जांच की मांग को लेकर निकाली गई तिरंगा यात्रा को पुलिस ने बैराज सीमा पर रोक दिया। दोनों पक्षों के बीच तीखी झड़पें हुई। दो आंदोलनकारियों को हल्की चोट आई। पुलिस ने मौके से करीब 32 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया है। जिन्हें थाना लक्ष्मणझूला ले जाने के बाद निजी मुचलके पर रिहा किया गया।

गंगाभोगपुर स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट की महिलाकर्मी के गांव डोभ श्रीकोट श्रीनगर से बीते रोज बेटी को न्याय दिलाने और सीबीआई जांच करने की मांग को लेकर युवाओं द्वारा तिरंगा यात्रा शुरू की थी। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे तिरंगा यात्रा जैसे ही जनपद देहरादून की सीमा ऋषिकेश को पार किया तो जनपद पौड़ी की सीमा चीला बैराज के पास बैरियर डालकर रोक दिया गया।

मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी शेखर सुयाल, पुलिस उपाधीक्षक श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल, प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण झूला विनोद गुसाईं भारी फोर्स के साथ या मौजूद रहे। आंदोलनकारियों का कहना था कि हम शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे हैं, हमें इस तरह रोक कर पहाड़ की बेटी को न्याय की राह में बाधा खड़ी की जा रही है। पुलिस के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को काफी समझाने की कोशिश की मगर वह आगे जाने की जिद पर अड़े रहे।

प्रदर्शनकारियों में मौके से पुलिस ने पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत, एआईसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला, स्वराज्य सेवा दल उत्तराखंड के अध्यक्ष रमेश जोशी, कांग्रेस नेता दीपक जाटव और अरविंद हटवाल समेत 32 आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया गया। जिन्हें थाना लक्ष्मणझूला ले जाया गया। शाम को उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।

19 वर्षीय युवती की हत्या के विरोध में ग्रामीणों ने निकाला विरोध जुलुस

यमकेश्वर ब्लॉक के गंगा भोगपुर स्थित रिसॉर्ट में कार्यरत युवती के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए दुर्गा मन्दिर बीस बीघा से सिटी गेट शनि मंदिर तक विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजलि अर्पित की गई।

जिला उपाध्यक्ष युवा मोर्चा मनीष भट्ट ने कहा कि अंकिता एकमात्र पौड़ी जनपद की ही नहीं अपितु पूरे उत्तराखंड के हर समाज, वर्ग की बेटी है। अंकिता के परिवार के प्रति आज पूरा राज्य अपनी संवेदनाएं प्रकट कर रहा है, यह हमारे राज्य की एकता का सूचक भी है। उन्होंने अंकिता भंडारी के साथ हुई घटना को दुखद बताते हुए इसकी निंदा की। कहा कि ऐसी घटनाएं हमारे उत्तराखंड ही नहीं बल्कि किसी भी राज्य व समाज में स्वीकार्य नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि इस तरह के जघन्य अपराध का किसी भी व्यक्ति व समाज के लिए कोई क्षमा नहीं है और न ही स्वीकार योग्य है।

इस मौके पर सतवीर भंडारी, रवि अमोली, कस्तूरी चौहान, सुंदरी कंडवाल, कांता प्रसाद जोशी, मोहनलाल चमोली, रविंद्र रावत, विनोद पांडे, संजू जुगलान, विनीश नैथानी, गौरव यादव, दिनेश बडोनी, मोंटी मिश्रा सहित समस्त महिला शक्ति 20 बीघा बापू ग्राम मौजूद थे।