पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व संसदीय कार्यमंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने लोकतंत्र के मंदिर नए संसद भवन के उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा किये जाने का विरोध कर रहे विपक्षियों के रुख की आलोचना की है।
शनिवार को संसदीय कार्यमंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि जनता की आशाओं के प्रतीक, भव्य, अद्भुद व आलीशान संसद भवन, जिसमें आधुनिकता एवं संस्कृति का संगम समाहित है, यह बुलंद भारत की नई तस्वीर है। नई संसद स्वतंत्रता के बाद बना गौरवशाली एवं ऐतिहासिक भी है। ऐसे पल पर विपक्ष को राजनीति करने से बाज आना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को इसके उद्घाटन पर लोकतंत्र के त्योहार के रूप में मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को खुश होना चाहिए कि देश को नई संसद मिल रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को रिकॉर्ड समय में नई संसद बनाने के लिए सरकार की प्रशंसा करनी चाहिए, जबकि वे सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि वह नई संसद के उद्घाटन के बेवजह विवाद के खिलाफ हैं। विपक्ष के पास मुद्दों की कमी है वह हमेशा सही चीज का ही विरोध करते है। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष राष्ट्रपति से इतना ही प्रेम दर्शा रहा है तो राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने उनके खिलाफ कैंडिडेट क्यों खड़ा किया था।
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद विपक्ष ने उनपर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। यही नहीं बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण का भी विरोध कर विपक्ष ने लोकतंत्र के मूल्यों का अपमान किया था। मगर, आज उन्हीं से नई संसद भवन का उद्घाटन कराने पर आतुर दिख रहे है जो कि सिर्फ राजनीति भर है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी रहे प्रधानमंत्रियों ने लोकतंत्र के ऐसे नए आयामों का लोकार्पण व शिलान्यास किया है। इस लिए बेवजह प्रधानमंत्री पर निशाना साधना छोड़ दे और कार्यक्रम में शामिल होकर इसकी शोभा बढ़ाये।