सीएम ने वनाग्नि, चारधाम यात्रा, पेयजल व विद्युत आपूर्ति को लेकर की महत्वपूर्ण बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन से प्रदेश में वनाग्नि, पेयजल समस्या, आगामी चारधाम यात्रा, विद्युत आपूर्ति आदि महत्वपूर्ण विषयों पर राज्य शासन के आलाधिकारियों व सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर दिशा-निर्देश जारी किए।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में वनाग्नि को लेकर कहा कि हमारे सामने वनाग्नि बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है। उन्होंने मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी को निर्देशित किया कि इस मामले में ऊपर से नीचे तक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यालय स्तर पर तैनात सभी अधिकारियों को प्रभागों की जिम्मेदारी बांटी जाए और इन सभी से नियमित रिपोर्ट ली जाए। उन्होंने कहा कि वनाग्नि रोकने के कार्य में जिलाधिकारी भी वन विभाग का पूर्ण सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि जो फायर वॉचर्स फील्ड में कार्यरत हैं उनकी भी सुरक्षा के उपाय किये जायें और इसके लिए उनके हेतु बीमा आदि विकल्पों पर विचार किया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि डीएफओ और उनसे उच्च स्तर के अधिकारी मौके पर जरूर जाएं। उन्होंने कहा कि कार्यालय में बैठकर आग पर काबू नहीं पाया जा सकता। इसके लिए जो भी कड़ी कार्रवाई की जानी है वह की जाए। जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय लें।

मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वनाग्नि के मामले में एक सप्ताह में सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे। नवनियुक्त हॉफ के द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अब तक वनाग्नि के प्रकरणों में कुल 350 केस दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें 60 नामजद मुकदमे दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि जहां कहीं से भी घटना की सूचना मिल रही है वहां तत्काल टीमें भेजकर एक से छह घंटों में आग पर काबू पा लिया जा रहा है।
मुख्य सचिव द्वारा इस दौरान मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि पिरूल को लेकर एनटीपीसी के साथ राज्य सरकार का करार हो चुका है और एनटीपीसी ने राज्य से पिरूल लेना शुरू भी कर दिया है। ऐसे में आगामी समय में यह भी आग लगने से बचाव में कारगर साबित होगा।

चारधाम यात्रा, चुनौती भी है और परीक्षा भी, अच्छा संदेश लेकर जाएं श्रद्धालु

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा हमारे लिए चुनौती भी और परीक्षा की घड़ी भी। उन्होंने डीजीपी को निर्देशित किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मंदिर परिसरों में तैनात सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करें और उनकी मदद के लिए तत्काल आगे आएं। उन्होंने कहा कि जो भी श्रद्धालु यहां से जाए वह अपने साथ एक अच्छा सन्देश लेकर जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के शुरुआती 15 दिन हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हैं और इस हेतु आवश्यक निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इन 15 दिनों में वीआईपी का मूवमेंट कम से कम हो। उन्होंने कहा कि चारधाम की हर तरह की सूचना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार किया जाए ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्य सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा यात्रा रूट पर अतिरिक्त सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की रोटेशन में तैनाती के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें हेली सेवाओं को लेकर आती है, इस पर बहुत ज्यादा सख्ती करने की जरूरत है। डीजीपी श्री अभिनव कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि डीआईजी लॉ एंड आर्डर को ट्रैफिक प्रबंधन के लिहाज से भी जिम्मेदारी दी गयी है। लक्ष्मण झूला, मुनि की रेती, शिवपुरी वाले मार्ग पर लगने वाले जाम के मद्देनजर देहरादून के एसपी देहात को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। एडिशनल एसपी कोटद्वार व सीओ नरेन्द्र नगर उनका सहयोग करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग और अधिकारी ओनरशिप लेकर एक पॉजिटिव भाव के साथ कार्य करें।

पेयजल के लिहाज से अभी चुनौती आना शेष, इसलिए अभी से तैयारियों को पुख्ता बनाएं
बैठक में मुख्यमंत्री को सचिव पेयजल श्री अरविंद सिंह ह्यांकी द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य में कुल 317 गांव व शहरी क्षेत्रों में 148 मोहल्ले चिन्हित किये गए हैं जहां पेयजल की समस्या है और इन क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु तमाम विकल्पों के जरिये पेयजल पहुँचाने के प्रयास किए जा रहे हैब। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़, डीडीहाट, कोटद्वार, चम्पावत से प्राप्त हो रही हैं। साथ ही 1 अप्रैल से 30 जून तक समस्त जिलों में कमर्शियल कंस्ट्रक्शन के लिए कनेक्शन देने पर रोक लगाने के साथ ही समस्त डीएम को निर्देशित किया है कि वे वर्कशॉप्स में वाहनों को ड्राई वाश किया जाए यह सुनिश्चित करें। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को हर जिले में 10-10 छोटे नाले धारे चिन्हित कर इन्हें पुनर्जीवित करने का लक्ष्य दिया गया है। इसी तरह राज्य स्तर पर 10 छोटी नदियों को चिन्हित किया जा रहा है जिन्हें पुनर्जीवित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 1 से 7 जून तक भारत सरकार जल संरक्षण अभियान शुरू करने जा रही है, जिसकी राज्य स्तर पर भी तैयारियां गतिमान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण हमारे लिए चुनौती है। उन्होंने कहा कि समस्त सरकारी भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग व सौर ऊर्जा के इंतजाम किये जायें। उन्होंने कहा कि पेयजल के लिहाज से अभी चुनौती आना शेष है, इसलिए अभी से तैयारियों को पुख्ता बनाएं।

चारधाम यात्रा मार्गों पर सड़कें हों चकाचक
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मई को चारधाम यात्रा प्रारंभ होने से पहले समस्त सड़कें चकाचक हो जानी चाहिए। लोनिवि सचिव पंकज पांडेय ने अवगत कराया कि अपर सचिव व अन्य अधिकारियों के द्वारा नियमित रूप से फील्ड विजिट की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मई तक सभी सड़कों की स्थिति ठीक होनी चाहिए यह सुनिश्चित किया जाए।

विद्युत आपूर्ति के लिहाज से लघु व दीर्घकालिक योजनाओं पर करें काम
सचिव ऊर्जा मीनाक्षी सुंदरम द्वारा अवगत कराया गया कि चारधामों में 24×7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए दो अधिकारियों की ड्यूटी चारधाम के लिए लगाई गई है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ व बद्रीनाथ धाम में 23 केवी के सब स्टेशन का निर्माण प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी ज्यादा विद्युत की आवश्यकता होगी, इसके लिए हमें लघु और दीर्घकालिक दोनों योजनाओं पर काम करना है।

सीएम ने छावला केस पीड़िता मामले में वकील से ली जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में छावला केस की पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात कर कहा कि उत्तराखण्ड की बेटी को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू से भी बात की है। मामले से संबंधित वकील चारू खन्ना से भी पूरी जानकारी ली है। पूरा उत्तराखंड उनके साथ है। मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पूर्व उत्तराखण्ड की बेटी के पिताजी से फोन पर बात की थी और कहा था कि वे जल्द ही दिल्ली आकर उनसे मुलाकात करेंगे। आज मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में उत्तराखण्ड सदन में पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात कर कहा कि पीड़िता हमारे उत्तराखंड की बेटी है और उसे न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

नई दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडवासियों से सीएम ने की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आज उत्तराखण्ड सदन नई दिल्ली में प्रवासी उत्तराखण्डवासियो ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने सभी से उत्तराखण्ड के विकास में सहयोगी बनने की अपेक्षा की। उन्होनें कहा कि हमारे प्रदेश के लोगों ने अपनी प्रतिभा के बलपर प्रदेश के बाहर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के साथ ही उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखण्डवासियों की समस्याओं के समाधान के लिये देहरादून में प्रकोष्ठ के गठन की भी बात कही। इस प्रकोष्ठ के माध्यम से प्रवासी बंन्धुओं की समस्याओं का समाधान तो होगा ही राज्यहित से जुडे उनके सुझावों को अमल में लाये जाने का प्रयास किये जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे प्रवासी उत्तराखण्डवासी हमारे राज्य के विकास के सहभागी ही नहीं हमारे ब्रॉण्ड अम्बसेडर भी है, उन्होनें कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में पहचान दिलाने के लिये दृढ़ संकल्पित है, कृषि, बागवानी, वैकल्पिक ऊर्जा एवं पर्यटन के क्षेत्र में यहां असीमित संभावनायें है, हमारे युवा इस क्षेत्र में आगे आकर स्वरोजगार पर ध्यान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखण्डवासियों, जो उद्यमिता के क्षेत्र में प्रदेश से बाहर कार्य कर रहे है उनसे भी राज्य के युवाओं का मार्गदर्शक बनने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास की यात्रा हम सबकी सामूहिक यात्रा है। उत्तराखण्ड को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप राज्य सरकार विकास के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही है। विकास से जुड़ी योजनायें धरातल पर भी शीघ्रता से साकार हो इसके लिये प्रतिबद्वता के साथ कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन राज्य की आर्थिकी का मजबूत आधार है। अगले माह आरंभ हो रही चार-धाम यात्रा राज्य के पर्यटन एवं धार्मिक पर्यटन को मजबूती प्रदान करेगी। इसकी उन्होनें उम्मीद जतायी, मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में यात्रा में आये व्यवधान के बाद इस बार भगवान केदार एवं बद्रीनाथ, मॉ गंगा एवं यमुना के आर्शीवाद से इस बार की यात्रा में लाखों लोग शामिल होगें। उन्होंने कहा राज्य सरकार अतिथि देवों भवः की भावना के साथ राज्य में आने वाले तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों के स्वागत के लिये तैयार है। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के लिये प्रभावी प्रयास किये गये है।