उत्तराखण्ड निवास में राज्य की संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला का किया गया है समावेशः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह ‘उत्तराखण्ड निवास’ का लोकार्पण किया। इस भव्य उत्तराखण्ड निवास का निर्माण लगभग 120 करोड़ 52 लाख की लागत से किया गया है। इस अवसर पर सबसे पहले मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा जनपद के मार्चुला बस दुर्घटना में दिवंगत आत्माओं की शांति और उनके परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज हम सब उत्तराखण्ड निवास के लोकार्पण के ऐतिहासिक पल के साक्षी बन रहा हैं। उत्तराखण्ड निवास में राज्य की संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला का समावेश किया गया है। उत्तराखण्ड की अद्वितीय कला की छाप उत्तराखण्ड निवास संजोये हुए है। इसकी दीवार पारंपरिक रूप से पहाड़ी शैली के सुंदर पत्थरों से निर्मित है, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत करने का का कार्य करती है। यह भवन हमारी समृद्ध सांस्कृतिक पंरपराओं को एक नई ऊंचाई प्रदान करने के साथ ही उत्तराखण्ड और देश-विदेश से आने वाले अतिथियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरामदायी आवास व्यवस्था तथा उत्तराखण्ड की संस्कृति की झलक को समेटे यह भवन राष्ट्रीय राजधानी में हमारे प्रदेश की गरिमा का प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड निवास में हमारे पारंपरिक व्यंजनों की व्यवस्था की जाए। श्री अन्न उत्पादों और जैविक उत्पादों की बिक्री के लिए भी यहां पर एक विशेष काउंटर की व्यवस्था की जाए। उत्तराखण्ड की पहचान टोपी, पिछोड़ा, शॉल, जैकेट एवं राज्य के प्रसिद्ध उत्पादों की बिक्री की भी व्यवस्था हो। राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उच्च गुणवत्ता के उत्पाद बनाये जा रहे हैं। यह हमारे आने वाले अतिथियों के लिए एक विशेष प्रकार का अनुभव होगा। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड भवन के निर्माण में योगदान देने वाले सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। सभी श्रमिकों के समर्पण भाव की भी उन्होंने सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 09 नवम्बर को हम उत्तराखण्ड राज्य की रजत जयंती वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में उत्तराखण्ड भवन का लोकार्पण श्रेष्ठ उत्तराखण्ड बनाने का हमारे संकल्प को मजबूती प्रदान करेगा और राज्य को आगे बढ़ाने में हम सबको प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए पिछले सालों में कई महत्वपूर्ण योजनाएं और नीतियां लागू की गई हैं। यही कारण है कि नीति आयोग द्वारा इस वर्ष जारी सतत विकास के लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखण्ड को देश प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में राज्य को एचीवर्स और स्टार्टप में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है। जीएसडीपी में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखण्ड युवाओं को रोजगार देने में भी अग्रणी राज्य बना है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत कमी लाई गई है। फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी सबसे अनुकूल राज्य होने के लिए भी उत्तराखण्ड को देश में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य हित में अनेक निर्णय लिये हैं। समान नागरिक संहिता की दिशा में कदम उठाने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। जल्द ही यूसीसी राज्य में लागू करने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। जिससे प्रदेश के युवाओं में नया आत्मविश्वास जगा है। हर जनपद से युवाओं का चयन हो रहा है। विगत तीन वर्षों में राज्य में 18500 सरकारी पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। राज्य में धर्मान्तरण को रोकने के लिए सख्त कानून लागू किया गया है। जो देवभूमि की पवित्रता और संस्कृति की रक्षा करेगा। 05 हजार से भी अधिक सरकारी जमीन जो गैरकानूनी रूप से कब्जे में थी, उसको अतिक्रमण से मुक्त कराया है। प्रदेश में लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घटिया मानसिकता के खिलाफ भी कड़ा रूख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले बजट सत्र में एक सख्त भू-कानून भी लाया जायेगा। जिसकी काफी लंबे समय से प्रतिक्षा है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड के अंतिम छोर के व्यक्ति तक विकास की धारा से जोड़ने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सासंद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट, राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सासद डॉ. कल्पना सैनी, विधायकगण, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु एवं सचिवगण उपस्थित थे।

उत्तराखंड निवास निर्माण में योगदान देने के लिये सीएम ने किया श्रमिकों को सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह ‘उत्तराखण्ड निवास’ का लोकार्पण किया। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड निवास के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले श्रमिकों को भी शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड निवास के निर्माण में अपना योगदान देने वाले श्रमिकों को सम्मान करना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। श्रमिकों की रात दिन की मेहनत एवं उनके अथक परिश्रम से हम उत्तराखण्ड निवास का लोकार्पण कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा श्रमिकों का समर्पण भाव से ही हम निर्माण कार्य को तय समय में पूरा कर पाए हैं। सम्मानित होने पर श्रमिकों ने भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

इससे पूर्व में मुख्यमंत्री कई अवसरों पर श्रमिकों के बीच में जाकर उनका हौसला अफजाई करते हुए नजर आए हैं। केदारनाथ पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्रमिकों के साथ भी कई बार मुख्यमंत्री नज़र आए। इसके साथ सिल्क्यारा रेस्क्यू अभियान के दौरान भी मुख्यमंत्री श्रमिकों के बीच मे जाकर उनसे संवाद करते नजर आए थे।

उत्तराखंड की विकासगाथा में स्थानीय जनमानस के साथ ही उत्तराखंड के प्रवासियों को भी बनाया जाएगा भागीदार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम को देवभूमि रजतोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई। आगामी 6 नवंबर को दिल्ली में उत्तराखंड भवन के लोकार्पण, 7 नवंबर को देहरादून में आयोजित होने वाले उत्तराखंड प्रवासी सम्मेलन, 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस तथा 12 नवंबर तक देवभूमि रजतोत्सव उत्तराखंड रजतगाथा से संबंधित कार्यक्रम भव्य तरीके से आयोजित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि उत्तराखंड के जनमानस, यहां की मिट्टी से प्रेम करने वाले प्रवासियों और उत्तराखंड के विकास में प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष भागीदार बनने की चाहत रखने वाले युवा, महिला, किसान, कारीगर, पर्यावरणविदों, राज्य आंदोलनकारियों सभी को देवभूमि रजतोत्सव उत्तराखंड रजतगाथा में भागीदार बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि विगत वर्षों से उत्तराखंड हर एक क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रहा है इसीलिए 6 नवंबर से 12 नवंबर तक विभिन्न दिवसों में समाज के विभिन्न पक्षों को आमंत्रित किया जाए तथा उनसे जुड़ी प्रेरक गतिविधियों को संपादित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड की विकास गाथा में सभी की सक्रिय भागीदारी चाहते हैं और हमारे लिए सभी के विचारों का व्यापक महत्व है।

उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद, स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक क्विज प्रतियोगिता तथा महिला, किसान, वेंडर, स्वच्छकार, युवा, प्रवासियों सभी के लिए विशेष सम्मेलन, शिविर व कैंप इत्यादि आयोजित किए जाएं ताकि सभी प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहे उत्तराखंड की विकास गाथा के साक्षी बन सकें।

संदर्भित है कि दिनांक 6 नवंबर को दिल्ली में उत्तराखंड भवन का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा लोकार्पण किया जाएगा। 7 नवंबर को देहरादून में उत्तराखंड प्रवासी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। 8 से 12 नवंबर तक देवभूमि रजतोत्सव उत्तराखंड रजतगाथा से जुड़े प्रेरक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

देवभूमि रजतोत्सव उत्तराखंड रजतगाथा का 9 नवंबर 2024 को देहरादून में मुख्यमंत्री द्वारा शुभारंभ किया जाएगा तथा एक वर्ष बाद एक वर्ष तक चलने वाले इस पर्व का 2025 में कुमाऊं मंडल में इसका समापन किया जाएगा।

इस दौरान बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, दीपेंद्र चौधरी व विनोद कुमार सुमन, आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

नई दिल्ली में छह नवंबर को होगा उत्तराखण्ड निवास का शुभारम्भ

उत्तराखण्ड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आज नई दिल्ली स्थित नवनिर्मित उत्तराखण्ड निवास का दौरा किया। इस दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप इस वर्ष राज्य स्थापना दिवस का विशेष रूप से भव्य आयोजन किया जाना है, जिसकी शुरूआत नई दिल्ली में उत्तराखण्ड निवास के शुभारम्भ, दिल्ली में रहने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत उत्तराखण्ड मूल के अधिकारियों, कार्मिकों व प्रवासियों की भागीदारी से आयोजित किया जाएगा। मुख्य सचिव ने उत्तराखण्ड निवास के शुभारम्भ तैयारी के बारे में कार्यदायी संस्था के अधिकारियों से जानकारी ली और उन्होंने कार्यक्रम के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

इस दौरान सचिव ऊर्जा डॉ. आर. मीनाक्षी सुन्दरम, परियोजना प्रबंधक राकेश चन्द तिवारी, योगेश कुमार, सहायक अभियन्ता प्रमोद कुमार कोठियाल, उत्तराखण्ड सदन के विशेष कार्याधिकारी रंजन मिश्रा सहित कार्यदायी संस्था के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।

हरियाणा की जीत पीएम के नेतृत्व में आमजन के विश्वास को करती है प्रदर्शितः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये जीत प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आम जन के विश्वास को प्रदर्शित करती है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति और बाबा केदारनाथ का प्रसाद भी भेंट किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में निरंतर मिल रहे प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञ समिति-२ द्वारा संस्तुत 21 जल परियोजना (कुल क्षमता 2123) के विकास एवं निर्माण की अनुमति प्रदान किए जाने हेतु अनुरोध किया। उन्होंने तीन रोपवे परियोजनाए, (क) सोनप्रयाग-गौरीकुंड केदारनाथ (ख) गोविंद घाट-हेमकुंड साहिब और (ग) काठगोदाम-नैनीताल को राज्य सरकार द्वारा विकास और संचालन के लिए हस्तांतरित करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत देहरादून-गौचर- देहरादून और देहरादून-चिन्यालीसौंड-देहरादून की हवाई सेवा पुनःसंचालित किए जाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय को निर्देशित करने के लिए भी आग्रह किया। सीएम ने कहा कि चिन्यालीसौंड हवाई पट्टी जनपद उत्तरकाशी पर छोटे विमान संचालन की अनुमति हेतु सम्बन्धित मंत्रालय को दिशा-निर्देश का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कुमाऊँ एवं गढ़वाल को संयोजित करने के लिये 02 मार्गों, (क) खैरना-रानीखेत-बंगीधार-बैजरों मोटरमार्ग (256.9 किमी0) और (ख) काठगोदाम-भीमताल लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग (189 किमी०) को राष्ट्रीय राजमार्ग अधिसूचित करने का भी अनुरोध किया। इसके साथ ही देहरादून रिंग रोड़ की अवशेष लम्बाई की स्वीकृति का भी अनुरोध किया।

सीएम ने किया सिल्क्यारा सुंरग घटनाक्रम पर आधारित पुस्तक का विमोचन

नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘वो 17 दिन’ पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक ‘वो 17 दिन’ सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों पर आधारित है।

मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा सुरंग को लेकर अपने अनुभव भी साझा किए और कहा कि 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन से ही बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूर्ण हो पाया।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान पुस्तक के लेखक राजीव रंजन सिंह को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सकारात्मकता और अनुभवों से भरी यह पुस्तक निश्चित ही पढ़ने योग्य है।

इस अवसर पर भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष श्याम जाजू, पूर्व सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी और पुस्तक के लेखक राजीव रंजन सिंह उपस्थित रहे।

ऊर्जा की कमी को पूरा करने हेतु राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन का अनुरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक में प्रतिभाग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में उत्तराखण्ड भी निरंतर कार्य कर रहा है। उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य है, इस बार के केन्द्रीय बजट में इसको दृष्टिगत रखते हुए विशेष वित्तीय प्राविधान किये जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में जारी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य ने ‘समान नागरिक संहिता’ विधेयक को उत्तराखण्ड में पारित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कई शहरों में पेयजल का गंभीर संकट दिखाई दिया है, इस समस्या के समाधान के लिए भू जल स्तर बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड में इसके लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन ऑथोरिटी का गठन किया है, जो जल संरक्षण और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की परियोजना पर कार्य कर रही है। उन्होंने इसके लिए केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकि सहयोग का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिसके लिए कलस्टर आधारित इंक्यूबेशन सेंटर तथा ग्रोथ सेंटर महत्वपूर्ण साबित होंगे। उत्तराखण्ड में पायलट प्रोजक्ट के रूप में दो रूरल इंक्यूबेशन सेंटर तथा 110 ग्रोथ सेंटर स्थापित किये गये हैं। उन्होंने इंक्यूबेशन सेंटर्स स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार से तकनीकि और वित्तीय सहयोग के लिए अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान करने तथा लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वाेत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने का अनुरोध किया। पी.एम कृषि सिंचाई योजना’ की गाईडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग तथा क्लाइमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके दृष्टिगत उत्तराखण्ड सरकार इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय से विकास योजनाओं को संचालित करने पर विशेष ध्यान दे रही है। राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी जारी करने की शुरुआत की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी विकसित राष्ट्र में उनके शहरी क्षेत्र ग्रोथ इंजन के रूप में विशेष योगदान देते हैं। रोजगार सृजन बड़े शहरों में अधिक होता है, जिस कारण इन शहरों में अत्यधिक जनसंख्या के कारण मूलभूत सुविधाएं देना कठिन हो जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए देश के विभिन्न शहरों के बीच ‘काउंटर मैग्नेट एरियाज’ विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना शोध विकास एवं नवाचार के लिए ए.आई रेडीनेस और क्वांटम रेडीनेस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष नीति आयोग की आठवीं बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास संबंधित कुछ प्रस्ताव रखे गये थे, उन प्रस्तावों पर हिमालयी राज्यों के परिपेक्ष में विशिष्ट नीतियां बनाने का उन्होंने अनुरोध किया।

म्येरू पहाड़ फाउण्डेशन ने मुख्यमंत्री को किया सम्मानित


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का डीपीएमआई सभागार न्यू अशोक नगर नई दिल्ली में म्येरू पहाड़ फाउण्डेशन द्वारा उत्तराखण्ड में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता विधेयक विधान सभा से पारित होने पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में बडी संख्या में बुद्धिजीवियों, जनप्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया। उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू किये जाने के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सभी ने प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने राज्य विधान सभा में नागरिक संहिता विधेयक पास होने के पीछे उत्तराखण्ड की जनता का आशीर्वाद बताते हुये कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह कानून मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्र सरकार तथा प्रदेश की देवतुल्य जनता का भी आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं पं. दीन दयाल उपाध्याय को नमन करते हुए कहा कि देश में सभी के लिये सभी के लिये समान कानून लागू करने का हमारा संकल्प रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने समान नागरिक संहिता पर देवभूमि की सवा करोड़ जनता से किये गए अपने वादे को निभाया है। हमने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की जनता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ’’एक भारत और श्रेष्ठ भारत’’ मन्त्र को साकार करने के लिए उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था। प्रदेश की देवतुल्य जनता ने हमें इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना आशीर्वाद देकर पुनः सरकार बनाने का मौका दिया। सरकार गठन के तुरंत बाद, जनता जर्नादन के आदेश को सिर माथे पर रखते हुए हमने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिये 43 जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किये जाने पर समिति को विभिन्न माध्यमों से लगभग 2.33 लाख सुझाव प्राप्त हुए। प्राप्त सुझावों का अध्ययन कर समिति ने उनका रिकॉर्ड समय में विश्लेषण कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट 02 फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी तथा 7 फरवरी को विधान सभा द्वारा पारित कर 11 जुलाई को राष्ट्रपति महोदया द्वारा इसे स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इसकी नियमावली बनाने के लिये समिति का गठन किया गया है। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होते ही इस वर्ष अक्टूबर तक इसे प्रदेश में लागू कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से इस देवभूमि से निकलने वाली मां गंगा अपने किनारे बसे सभी प्राणियों को बिना भेदभाव के अभिसिंचित करती है उसी प्रकार राज्य विधान सभा से पारित समान नागरिक संहिता के रूप में निकलने वाली समान अधिकारों की संहिता रूपी ये गंगा हमारे सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात संविधान स्वयं करता है, क्योंकि हमारा संविधान एक पंथनिरपेक्ष संविधान है। यह एक आदर्श धारणा है, जो हमारे समाज की विषमताओं को दूर करके, हमारे सामाजिक ढांचे को और अधिक मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि माँ गंगा-यमुना का यह प्रदेश, भगवान बद्री विशाल, बाबा केदार, आदि कैलाश, ऋषि-मुनियों-तपस्वियों, वीर बलिदानियों की इस पावन धरती ने एक आदर्श स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में उल्लिखित होने के बावजूद अब तक इसे दबाये रखा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता समाज के विभिन्न वर्गों, विशेष रूप से माताओं-बहनों और बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों को रोका जाए। हमारी माताओं-बहन-बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त किया जाए। हमारी आधी आबादी को सच्चे अर्थों में बराबरी का दर्जा देकर हमारी मातृशक्ति को संपूर्ण न्याय दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में बीते दश वर्षों में शक्तिशाली समाज एवं देश के विकास में अनेक महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। विकसित भारत का सपना देखने के साथ भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और धारा-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर अग्रसर है। उनके नेतृत्व में सैंकड़ों वर्षों के बाद अयोध्या में रामलला अपने जन्मस्थान पर विराजमान हुए हैं, और मातृशक्ति को सशक्त करने के लिए विधायिका में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता में लिव इन संबंधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हुए कहा कि एक वयस्क पुरुष जो 21 वर्ष या अधिक का हो और वयस्क महिला जो 18 वर्ष या उससे अधिक की हो, वे तभी लिव इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे, जब वो पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में न हों और कानूनन प्रतिबंधित संबंधों की श्रेणी में न आते हों। लिव-इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लिव-इन में रहने हेतु केवल पंजीकरण कराना होगा जिससे भविष्य में हो सकने वाले किसी भी प्रकार के विवाद या अपराध को रोका जा सके।

मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले जम्मू कश्मीर में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीर भूमि भी है। यहां लगभग हर परिवार से कोई न कोई सेना, अर्द्ध सैन्य आदि बलों से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य देश दुनिया के लोगों को आकर्षित का केंद्र रहा है। देवभूमि उत्तराख्ण्ड के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये राज्य में हमने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून बनाया गया है। हमारी सरकार लैंड जिहाद को जड़ से खत्म करने के लिए लगातार कार्यवाही कर रही है। अब तक 5 हजार हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया है। दंगा करने वाले दंगाइयों से ही सारे नुकसान की भरपाई का नियम लागू किया गया है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, संतुष्टि के साथ-साथ विकल्प रहित संकल्प की मूल भावना को साकार करने की दिशा में अग्रसर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता का अभाव था, परन्तु हमने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने का कार्य किया तथा राज्य में देश के सबसे कठोर “नकल विरोधी कानून बनने के बाद पारदर्शिता के साथ ही अब समयबद्ध तरीके से परीक्षाएं संपन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि यह नकल विरोधी कानून का ही प्रतिफल है कि हम हर रोज अलग अलग विभागों में योग्य युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान कर उन्हें रोजगार देने का कार्य कर रहे हैं। अब तक 15 हजार से अधिक युवाओं को पारदर्शिता के साथ सरकार नौकरी दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर आगे बढ़ कर जनहित के कार्य किए जा रहे हैं। आज उत्तराखंड विकास और विश्वास के अभूतपूर्व माहौल में, जन आकांक्षाओं को पूरा करते हुए आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका सम्मान उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता का सम्मान है।

म्येरू पहाड फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्रो. दयाल सिंह पंवार, एडवोकेट सतीश टम्टा, पूर्व आईएएस कुलानंद जोशी, देवेन्द्र जोशी आदि ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष विनय रोहिला, प्रो ललिता गांधी, डॉ धर्मा रावत आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापू राम मोहन नायडू से की भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री किंजरापू राम मोहन नायडू से शिष्टाचार भेंट कर केंद्रीय मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के दायित्व का कार्यभार ग्रहण करने पर बधाई और शुभकामनाएं प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र शुरू करने के संबंध में अनुमोदन प्रदान कर सम्बंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के जनपद उधमसिंहनगर के पंतनगर में स्थित रनवे छोटा होने के कारण इस एयरपोर्ट पर बड़े वायुयानों को उतारना संभव नहीं हो पा रहा है, जिसके लिए रनवे को बढ़ा कर एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई वर्तमान में 1372 मीटर है जिसे बढ़ाकर 3000 मीटर किया जाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में विभिन्न विभागों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग सिडकुल की कुल 804.0162 एकड़ अथवा 325.5126 हैक्टेएयर भूमि अधिग्रहण की जा चुकी है। जिसमें से 212.4868 (524.78 एकड़) भूमि नागरिक उड्डयन विभाग के नाम हस्तान्तरित की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से देहरादून स्थित जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि के हस्तांतरण के संबंध में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुरोध करते हुए विस्तारीकरण पर कार्य शुरू करने की अनुमति प्रदान करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट से काठमांडू (नेपाल) के लिए वायुयान सेवा संचालित किए जाने के लिए निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। जिसके दृष्टिगत जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का दर्जा देने की कार्यवाही को गति देने की नितांत आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि को एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुसार नागरिक उड्डयन मंत्रालय को हस्तांतरित करने में कोई अवरोध नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्तारीकरण हेतु एयरपोर्ट सीमा से लगी एनटीआरओ की परिधि में आने वाली भूमि के लिए अनापत्ति की कार्यवाही गतिमान है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से केदारनाथ धाम और देहरादून के सहस्त्रधारा हेलिड्रोम पर एटीसी की स्थापना के संबंध में अनुरोध करते हुए अवगत कराया कि वर्तमान में उत्तराखंड के तीन हवाई अड्डे हैं जहां टभ्थ् संचार सहित वायु यातायात सेवा उपलब्ध हैं। हालांकि टभ्थ्
संचार व्यवस्था एक लाइन ऑफ साइट कम्युनिकेशन व्यवस्था होने तथा राज्य की पर्वतीय भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्र अभी भी इस व्यवस्था से आच्छादित नहीं हो पाए हैं। इसके मद्देनजर श्री केदारनाथ धाम और सहस्त्रधारा हेलिड्रोम में वायु यातायात नियंत्रण स्थापित किया जाए।

मुख्यमंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य के सीमावर्ती शहर पिथौरागढ़ के लिए अलायन्स एयर द्वारा द्वारा उत्तराखंड एयर कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत दिल्ली-पिथौरागढ़-दिल्ली उड़ान संचालन हेतु सहमति हो गई है। राज्य सरकार द्वारा हवाई अड्डे के लिए 2 सी श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एटीआर 42 विमानों के संचालन हेतु पायलट्स के लिए सिम्युलेटर ट्रेनिंग आवश्यक है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अलायन्स एयर को सिम्युलेटर ट्रेनिंग प्रक्रिया शीघ्र आरंभ करने हेतु सम्बंधित विभाग को निर्देशित करने का अनुरोध किया गया।

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से की भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर उन्हें प्रदेश की जनता की ओर से पुनः सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का दायित्व मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित करेगा।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी को अवगत कराया कि भारत सरकार द्वारा 2016 में राज्य के 06 मार्गों खैरना-रानीखेत, बुआखाल-देवप्रयाग, देवप्रयाग-गजा-खाड़ी, पाण्डुवाखाल नागचुलाखाल-बैजरों, बिहारीगढ़-रोशनाबाद तथा लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-मोहन-रानीखेत को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकृत किये जाने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। उन्होंने उक्त मागों की अधिसूचना निर्गत किए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कुमाऊँ एवं गढ़वाल को जोड़ने वाले 256.90 किमी० लम्बे खैरना-रानीखेत- भतरौंजखान-भिकियासैंण-देघाट-महलचौरी-नागचुलाखाल-बुंगीधार-बैंजरों सड़क मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित करने का अनुरोध करते हुए बताया कि इसे राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने से कुमाऊं एवं गढ़वाल क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि के साथ-साथ क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। यह मार्ग 05 विधानसभा क्षेत्रों- नैनीताल, रानीखेत, सल्ट, कर्णप्रयाग एवं थैलीसैंण को संयोजित करेगा। मुख्यमंत्री ने 189 किमी० लम्बे काठगोदाम-भीमताल-धानाचूली- मोरनौला- खेतीखान-लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का आग्रह केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से किया।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से मोहकमपुर आर०ओ०बी० से अजबपुर आर०ओ०बी० तक (विधान सभा चौक से मोहकमपुर तक) के मार्ग को ऐलिवेटेट मार्ग के रूप में परिवर्तित किये जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसकी लागत रू0 452.00 करोड़ आगणित की गई है। उन्होंने प्रस्तावित कार्य को वार्षिक योजना 2024-25 में सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून शहर की वाहनों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत 51.59 कीमी. लम्बी देहरादून रिंग रोड का निर्माण प्रस्तावित है। वर्तमान में देहरादून रिंग रोड का कार्य एन०एच०ए०आई० द्वारा किया जा रहा है। आशारोडी से झाझरा तक कुल 12.00 कि.मी० लम्बाई में 04-लेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जबकि अवशेष कार्य का संरेखण कर मार्ग की डी०पी०आर० गठन की कार्रवाई की जा रही है, मुख्यमंत्री ने इसके शेष कार्य की स्वीकृति के साथ ही 1432 करोड़ लागत की 17.88 कि.मी ऋषिकेश बाईपास सड़क निर्माण हेतु भी केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया। इन प्रस्तावों पर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को अवगत कराया कि कुमाँऊ क्षेत्र में एन०एच०ए०आई० द्वारा अफजलगढ़ भागूवाला बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिये संरेखण के अंतिमीकरण की कार्यवाही की जा रही है, तथा एल०ए०सी० के प्रस्ताव को एन०एच०ए०आई० मुख्यालय से स्वीकृति प्राप्त है। मुख्यमंत्री ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार में विचाराधीन उक्त परियोजनाओं पर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। इस पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को मसूरी-देहरादून के मध्य बढते यातायात के दबाव की समस्या से अवगत कराते हुए अनुरोध किया कि 40 कीमी0 लम्बे देहरादून-मसूरी मार्ग की संयोजकता को भी स्वीकृति प्रदान की जाए। इस मार्ग के निर्माण से देहरादून व मसूरी में अतिरिक्त कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे और हिमाचल प्रदेश, पंजाब आदि के लिए मसूरी जाने वाले यातायात को देहरादून शहर में प्रवेश किए बिना इस कनेक्टिविटी का उपयोग करने और शहर को भीड़भाड़ से मुक्त करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी के लिये प्रस्तावित कनेक्टिविटी एन. एच. 07 पर झाझरा गोल चक्कर से प्रारम्भ होकर लाईब्रेरी चौक के पास मसूरी में समाप्त होगा। परियोजना की अनुमानित लागत 3425 करोड़ की डी.पी.आर. के गठन की कार्यवाही गतिमान है। इस पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कैंचीधाम बाईपास के निर्माण की भी स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध करते हुए कहा कि कैंचीधाम, ज्योलीकोट-अल्मोड़ा मोटर मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग 109 के किमी0 24 पर स्थित है। इस स्थल पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने एवं सड़क पर वाहनों से जाम की स्थिति बनी रहती है। वर्तमान में इस मार्ग का (ज्योलीकोट से खैरना) 2 लेन में चौड़ीकरण प्रस्तावित है, जिसका एलाइन्मेंट स्वीकृति हेतु मुख्य अभियन्ता क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। इस बाईपास की लम्बाई 1.900 किमी० होगी। इस बाई पास के प्रारम्भ बिन्दु के 275 मी० बाद एक 325 मी० की सुरंग भी प्रस्तावित है। इन प्रस्तावों पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने खटीमा शहर हेतु रिंग रोड़ निर्माण, हल्द्वानी बाईपास निर्माण, पंतनगर एयरपोर्ट हेतु बाईपास निर्माण के साथ ही चंपावत बाईपास, लोहाघाट बाईपास, पिथौरागढ़ बाईपास के निर्माण का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से भेंट के दौरान बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चारधाम सड़क परियोजना, सी.आर.आई.एफ., एन.एच. एवं एन.एच.ए.आई. के माध्यम से राज्य सरकार को विशिष्ट सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के 13 जनपदों में से 10 जनपद पूर्ण रूप से पर्वतीय हैं तथा इन जनपदों में यातायात का मुख्य साधन सड़क मार्ग है। मार्गों को प्रत्येक ऋतु में आवागमन हेतु सुचारू किये जाने के लिए मार्गों को सर्वऋतु मार्गों में निर्मित किया जाने तथा प्रदेश के कई जनपदों की सीमायें अन्तर्राष्ट्रीय सीमा होने के दृष्टिगत सड़क मार्गों से ही सैन्य आवागमन होता है। सामरिक रूप से अतिमहत्वपूर्ण जनपदों में आमजनमानस की आवाजाही बनाये रखने तथा सैन्य आवागमन हेतु मार्गों को उच्चीकृत किया जाना राज्य हित में है।

मुख्यमंत्री ने राज्य महत्व की सड़क निर्माण से संबंधित उपरोक्त प्रस्तावों पर स्वीकृति हेतु केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस संबंध में हर संभव सहयोग का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया है।