राष्ट्रीय खेल के लिए वॉलंटियर ऑनलाइन प्रशिक्षण/चयन प्रक्रिया शुरू

दस मिनट में 16 सवाल। राष्ट्रीय खेलों में वॉलंटियर बनने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले अभ्यर्थियों को कडे़ इम्तिहान से गुजरना पड़ रहा है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय ने वॉलंटियर प्रशिक्षण/चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। चूंकि रजिस्ट्रेशन बहुत ज्यादा हुए हैं, इसलिए एक बार में 500 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण/चयन प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय ने दस जनवरी तक चयन प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

वॉलंटियर बतौर 38 वें राष्ट्रीय खेल से जुड़ने के लिए अभी तक 30,433 रजिस्ट्रेशन हुए हैं। रजिस्ट्रेशन अभी जारी हैं। राष्ट्रीय खेल सचिवालय के अपर मुख्य कार्याधिकारी प्रशांत आर्या के अनुसार-रजिस्ट्रेशन कराने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय की टीम एक बार में 500 अभ्यर्थियों के साथ जुड़ रही है। कुल 45 मिनट में प्रशिक्षण/चयन प्रक्रिया से संबंधित कार्य संचालित हो रहे हैं। इसमें शुरुआती 35 मिनट में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बाद के दस मिनट में प्रत्येक अभ्यर्थी से 16 सवाल पूछे जा रहे हैं। इसके आधार पर ही चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।

जहां से रजिस्ट्रेशन, वहीं तैनाती पर रहेगा जोर

वॉलंटियर बतौर राष्ट्रीय खेलों से जुड़ने के लिए जिस अभ्यर्थी ने जहां से रजिस्ट्रेशन कराया है, उसे वहीं तैनाती देने पर जोर रहेगा। हालांकि चयनित अभ्यर्थियों को यह विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे, तो दूसरे जिले में भी अपना योगदान दे सकता है। वालंटियर चयन प्रक्रिया से जुड़े प्रतीक जोशी के अनुसार-यह बात उत्साहित करने वाली है कि उन जिलों से भी रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जहां पर राष्ट्रीय खेलों से संबंधित कोई भी गतिविधि प्रस्तावित नहीं है। जोशी के अनुसार-दस जनवरी तक वॉलटियर चयनित हो जाएंगे। इसके बाद, चयनित अभ्यर्थियों को भौतिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। दो से ढाई हजार चयनित वॉलंटियर इस आयोजन में अपनी प्रत्यक्ष भूमिका निभाएंगे।
वॉलंटियर के लिए रजिस्ट्रेशन की स्थिति

जिला रजिस्ट्रेशन
अल्मोड़ा 1750
बागेश्वर 771
चमोली 1582
नैनीताल 4119
चंपावत 1719
देहरादून 7524
हरिद्वार 4881
पौड़ी 1562
पिथौरागढ़ 1161
रूद्रप्रयाग 822
उधमसिंहनगर 2355
टिहरी 1245
उत्तरकाशी 942
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राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के प्रति हर तरफ उत्साह दिखाई दे रहा है। हम उत्तराखंड में हर एक व्यक्ति का इस आयोजन से जुड़ाव चाहते हैं। सभी के सहयोग से उत्तराखंड में खेलों का यह महा आयोजन भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित कोच सुभाष राणा बोले, नेशनल गेम्स बहुत बड़ा अवसर

द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित कोच सुभाष राणा मानते हैं कि 38 वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी हमारे लिए किसी सौगात से कम नहीं है। इस आयोजन के दौरान खेलों के लिए इतना बड़ा आधारभूत ढांचा उत्तराखंड में तैयार हो जाएगा, कि खेल प्रतिभाओं को प्रशिक्षण के लिए बाहर नहीं जाना पडे़गा। स्थिति ऐसी बदलेगी कि अन्य प्रदेशों के खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए यहां आने शुरू हो जाएंगे। राणा का यह भी कहना है कि सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ियों के अन्य प्रदेशों से खेलने पर भी रोक लग जाएगी। इस तरह से यह आयोजन खेल पलायन को भी रोकेगा। श्री राणा ने राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी को शुभकामनाएं भी दी।

द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलने पर राणा का कहना है-जब आपके काम को मान्यता मिलती है, तो स्वाभाविक तौर पर उत्साह बढ़ता है और खुशी मिलती है। 38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड की मेजबानी को वह खेल विकास के लिए बहुत बडे़ अवसर के तौर पर देखते हैं। राणा के अनुसार-राष्ट्रीय खेल जहां भी होते हैं, वहां खेल का बड़ा आधारभूत ढांचा तैयार हो जाता है। इससे खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने और निखरने का अवसर मिलता है। खेल का जो आधारभूत ढांचा उत्तराखंड में दस-बीस वर्षों बाद तैयार होना था, वह राष्ट्रीय खेलों की वजह से कुछ दिनों में ही तैयार मिलेगा। नई प्रतिभाओं को आगे आने में इससे बहुत लाभ मिलेगा। उत्तराखंड खेलों में नई ऊंचाइयां प्राप्त करेगा।

उत्तराखंड से खेलने के लिए कर रहे संपर्क

विभिन्न खेलों में अन्य प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर रहे कई खिलाड़ी अब उत्तराखंड से खेलने के इच्छुक हैं। सुभाष राणा ने एक बातचीत में इस बात की पुष्टि की है। उत्तराखंड की शूटिंग फेडरेशन से जुडे़ सुभाष राणा के अनुसार-ऐसे कई खिलाड़ियों ने उनसे संपर्क किया है। कई खिलाड़ी खेलों की अन्य फेडरेशन से भी संपर्क कर रहे हैं।

खिलाड़ी/कोच बतौर ये हैं उपलब्धियां

जाने-माने शूटर रहे सुभाष राणा के खाते में चार अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण और दो रजत पदक शामिल हैं। उन्होंने वर्ष 1994 में इटली और वर्ष 1998 में स्पेन में हुई विश्व शूटिंग चौंपियनशिप में भाग लिया था। एक कोच के तौर पर उनकी उपलब्धियों की चर्चा करें, तो वर्ष 2020 में टोक्यो पैरालंपिक में शामिल हुई शूटिंग टीम को उन्होंने प्रशिक्षित किया था। इस टीम ने पैरालंपिक में पांच मेडल जीते थे। भारतीय पैरा शूटिंग टीम के वह लंबे समय तक प्रशिक्षक रहे हैं।
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द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चयनित होने पर सुभाष राणा को हार्दिक बधाई। उन्होंने उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। खेल क्षेत्र में उत्तराखंड दिन प्रतिदिन आगे बढ़ रहा है। अब राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खेल विकास में एक नई इबारत लिखेगा। खेलों में उत्तराखंड और देश का नाम आगे बढ़ान वाले सभी खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों से मेरी अपील है कि वे राष्टीय खेलों में अपनी भागीदारी निभाएं।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

शीतकालीन यात्राः 15 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन

शीतकालीन चारधाम को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। 30 दिसंबर तक 15314 तीर्थयात्री चार धाम दर्शन कर चुके हैं। इनमें बाबा केदारनाथ के शीतकालीन प्रवास स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में सर्वाधिक 6482 श्रद्धालु पहुंचे हैं। जबकि पांडुकेश्वर में 5104 तीर्थयात्रियों ने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किए हैं। गंगोत्री धाम के प्रवास स्थल मुखबा में 3114 श्रद्धालु मां गंगा और यमुनोत्री धाम के प्रवास स्थल खरसाली में 614 तीर्थयात्री मां यमुना के दर्शन कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विगत आठ दिसंबर को पंच केदार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में पंच केदार शीतकालीन यात्रा का श्रीगणेश किया था। कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के बावजूद श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर खासा उत्साह है। बाबा केदार एवं मद्महेश्वर भगवान की डोली शीतकाल के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होती है। छह माह तक यहीं भगवान केदारनाथ और मद्महेश्वर के दर्शन होते हैं। बाबा केदार के दर्शन के लिए हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बीते दिवस सोमवार को 518 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। पांडुकेश्वर में 364 तीर्थयात्रियों ने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किए। जबकि मुखबा में 18 और आठ यात्री खरसाली पहुंचे।

शासन प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। ठंड से बचाव के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं की गई हैं।

केंद्रीय बजट से पूर्व हुई नई दिल्ली में बैठक, सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने किया प्रतिभाग

उत्तराखंड के वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आगामी केन्द्रीय बजट के लिए राज्यों के सुझाव के सम्बन्ध में नई दिल्ली में आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया।

भारत मंडपम में आयोजित बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री भारत सरकार निर्मला सीतारमण जी ने की। बैठक में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी तथा विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों सहित केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड की ओर से वित्त मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल एवं सचिव वित्त दिलीप जावलकर उपस्थित थे।

बैठक में उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री डॉ प्रेम चन्द अग्रवाल ने देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता की ओर से बजट निर्माण पूर्व बैठक में प्रतिभागिता का अवसर देने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री जी का आभार व्यक्त किया। आगामी बजट में उत्तराखण्ड की भौगोलिक एवं परिस्थितियों को विशेष रूप से सहानुभूति पूर्वक विचार करने का अनुरोध किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री डॉ प्रेम चन्द अग्रवाल ने तीन बिन्दुओ को प्रमुखता से उठाया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि एक पर्वतीय व सीमान्त राज्य होने के दृष्टिगत सुदृढ़ कनेक्टिविटी व सुचारू आवागमन एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। ऑल वेदर रोड़ व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना सहित राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं पर द्रुतगति से हो रहे कार्य हमारे लिए संजीवनी का कार्य कर रहे हैं। हमें आशा है कि आगामी बजट में उत्तराखण्ड को नयी केन्द्रीय योजनाओं का आशीर्वाद मिलेगा। इस आलोक में आगामी बजट में ऋषिकेश-उत्तरकाशी तथा टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना हेतु आवश्यक प्रावधान करने का निवेदन किया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखण्ड सहित कुछ दूसरे हिमालयी राज्यों को प्रतिवर्ष लैण्ड स्लाइड का सामना करना पड़ रहा है। क्रोनिक लैण्ड स्लाईड के ट्रीटमेंट हेतु राष्ट्रीय महत्व के शोध संस्थान की स्थापना उत्तराखण्ड के सीमान्त व संवेदनशील जनपद यथा-चमोली, पिथौरागढ़ तथा चम्पावत आदि में किये जाने का अनुरोध किया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि भू-जल के स्तर में क्षरण एक ज्वलन्त समस्या है। यह देखा गया है कि हिमालय के तराई भाग में भूजल के स्तर में तीव्रता से क्षरण हो रहा है। आबादी का बडा भाग तराई क्षेत्र में निवास करता है। यहाँ के वाटर टेबल को बचाये जाने के लिए तथा भूजल के स्तर में क्षरण को यथा शीघ्र रोके जाने के लिए गम्भीर प्रयासों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस सम्बन्ध में हमारे राज्य की दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं यथा कुमायूँ मण्डल के हल्द्वानी एवं समीपवर्ती तराई के शहरों में सिंचाई व पेयजल आपूर्ति हेतु जमरानी बांध परियोजना एवं गढवाल मण्डल में देहरादून व उपनगरीय क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निदान हेतु सौंग बांध परियोजना उल्लेखनीय हैं। केन्द्र सरकार की कृपा से जमरानी बांध परियोजना को पी. एम.के.एस.वाई. ए.आई.वी.पी. योजना के अन्तर्गत आच्छादित किया जा चुका है। इसी क्रम में गढवाल मण्डल में देहरादून व उपनगरीय क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निदान हेतु सौंग बांध परियोजना जो यद्यपि सिंचाई परियोजना नहीं है तथापि भूजल के स्तर को बनाये रखने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि वित्त पोषण हेतु सहानुभूति पूर्वक विचार करने का अनुरोध किया।
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’कई बिंदुओं को लेकर डॉ अग्रवाल ने दिया ज्ञापन’
’नई दिल्ली/देहरादून।’ वित्त मंत्री डॉ प्रेमचन्द अग्रवाल ने इस अवसर पर एक ज्ञापन दिया। जिसमें
ऽ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा जल जीवन मिशन योजना से राज्य में विद्यमान ग्रेविटी स्कीमों की तुलना में पम्पिंग स्कीमों पर अधिक निर्भरता के दृष्टिगत राज्य द्वारा अतिरिक्त व्यय की ओर ध्यान आकर्षित किया गया तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अनुरूप ही जल जीवन मिशन योजना के अनुरक्षण के लिए भी केन्द्रीय सहायता का अनुरोध किया गया।

ऽ ैक्त्थ् योजना से अनाच्छादित आपदाओं/ घटनाओं हेतु नई योजना प्रारम्भ करने हेतु अथवा अनाच्छादित मदों जैसे भ्पही टवसजंहम ज्तंदेउपेेपवद स्पदमे / वनाग्नि आदि घटनाओं को ैक्त्थ् की ळनपकमसपदम से आच्छादित करने का अनुरोध किया।

ऽ राज्य के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजनाओं को प्रोत्साहित किये जाने हेतु रू. 2 करोड़ प्रति मेगावाट की दर से रू. 8 हजार करोड़ की टपंइपसपजल ळंच थ्नदकपदह (टळथ्) प्रदान करने हेतु आवश्यक प्रावधान आगामी बजट में करने का अनुरोध किया। वृद्धावस्था पेंशन हेतु केन्द्रांश को रू0 200 से बढ़ाकर रू0 500 किये जाने, मानसखण्ड माला

ऽमिशन के अन्तर्गत इंटरनल कनेक्टिीविटी को सुदृढ़ करने, नेट फेज-2 परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन किये जाने एवं मनरेगा कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तराखण्ड सहित समस्त पर्वतीय राज्यों हेतु श्रम व सामग्री का अनुपात 60रू40 के बजाय 50रू50 किये जाने का अनुरोध किया।

ऽ राज्य में प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुाओं के आने (फ्लोटिंग पोपुलेशन) के परिणाम स्वरूप साफ-सफाई एवं अवस्थापना सुविधाओं के नों के अनुरक्षण हेतु आगामी बजट में यथोचित योजना के अन्तर्गत इस बिन्दु पर सहानुभूतिपूर्वक अनुदान देने के लिये विचार करने का अनुरोध किया।

डॉ प्रेमचन्द अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं व केन्द्रीय अनुदानों से प्रदेश के सर्वांगीण विकास का पथ प्रशस्त हुआ है। केन्द्र के आशीर्वाद से हमारी विकास यात्रा को गति मिली है।

पीएम की तीसरी बार मोदी ने ली शपथ, धामी ने दी बधाई


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल कार्यकाल हेतु अनंत शुभकामनाएं दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री का तीसरा कार्यकाल विकसित भारत’ के निर्माण की दिशा में मज़बूती से आगे बढ़ने वाला स्वर्णिम काल होगा। निश्चित रूप से मोदी के सशक्त नेतृत्व में देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन कर उभरेगा और देशवासियों की आशाओं व आकांक्षाओं को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत विकास का नया अध्याय लिखने को तैयार है।

मुख्यमंत्री ने ट्रैकर्स के साथ हुई दुर्घटना के दिए मजिस्टीरियल जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी स्थित सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक रूट पर मौसम खराब होने के कारण ट्रैकिंग दल के साथ घटित दुर्घटना की मजिस्टीरियल जांच के निर्देश दिये हैं। उक्त मजिस्टीरियल जाच करने हेतु आयुक्त, गढ़वाल मण्डल को नामित किया गया है। आयुक्त, गढ़वाल मण्डल को निर्देश दिये गये हैं कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट यथाशीघ्र शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करायें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर फंसे पर्यटकों की खोज एवं बचाव के लिए संचालित रेस्क्यू अभियान पर निरंतर नजर रखे रहे। उन्होंने रेस्क्यू अभियान में हर संभव विकल्पों और संसाधनों का प्रयोग करने की भी हिदायत अधिकारियों को दी थी।

ज्ञांतव्य है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर हादसे की सूचना मिलते ही रातों-रात वायु सेना से लेकर निजी कंपनियों के हेलीकॉप्टर्स जुटाने के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रेस्क्यू करने में दक्ष व अनुभवी रेस्क्यूअर्स की अनेक टीमों को तैयार कर अगले दिन तड़के ही कई दिशाओं से जमीनी व हवाई रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया और दोपहर होने तक सभी जीवित ट्रैकर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया था।

मुख्यमंत्री शुरू से इस अभियान को लेकर निरंतर जिलाधिकारी से अपडेट लेते रहे। मुख्यमंत्री ने इस हादसे में ट्रैकर्स की मौत होने पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए अधिकारियों को इस रेस्क्यू अभियान में हर संभव विकल्पों पर कार्रवाई करने के साथ ही उत्कृष्ट संसाधनों एव विशेषज्ञ रेस्क्यूअर्स को जुटाने के निर्देश देते हुए कहा था कि सहस़्त्रताल क्षेत्र में फंसे जीवित पर्यटकों के जीवन के रक्षा के लिए कोई भी कसर न रखी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जटिल व अत्यंत चुनौतीपूर्ण अभियान को तेजी से संचालित करने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे सभी लोगों, विभागों व संगठनों ने पूरा प्रयास किया। फलस्वरूप इस हादसे में जीवित सभी व्यक्तियों को गत दिन ही सुरक्षित निकालने में सफलता मिली है।

भाजपा आलाकमान लोकसभा चुनाव में सीएम धामी का जमकर कर रहा इस्तेमाल

समान नागरिक संहिता कानून, सख्त नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून और सख्त दंगा नियंत्रण कानून। ये चंद ऐसे बड़े निर्णय रहे हैं, जिनसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की लोकप्रियता का ग्राफ देश भर में तेजी से बढ़ा। यही वजह रही कि भाजपा आलाकमान ने भी धामी की इस बढ़ती लोकप्रियता को इन लोकसभा चुनावों में भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। धामी अब तक लोकसभा चुनाव के लिए हुए छह चरणों में धमाकेदार 60 से ज्यादा जनसभायें कर चुके हैं। तेलंगाना से लेकर दिल्ली और राजस्थान से लेकर पंजाब तक में भाजपा उनका जमकर उपयोग कर रही है।
भाजपा की नई पंक्ति के नेताओं में पुष्कर सिंह धामी अब सीधा फ्रंट लाइन में हैं। धामी की पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी खूब जमती है। पीएम मोदी के पास उत्तराखंड हित के कार्यों के लिए जब सीएम धामी जाते हैं तो उन्हें कभी निराशा नहीं मिलती। कई मौके तो ऐसे भी आये जब पीएम से मुलाकात के लिए 15 मिनट का समय तय था लेकिन मुलाकात डेढ़ घंटे तक चली।
दरसअल, धामी 2022 में जब दोबारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने राज्य में समान नागरिक सहिंता कानून को लागू करने का वायदा जनता से किया और कुछ ही अंतराल में उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया जहां इसे लागू किया गया है। जनसंघ के दौर से ही पार्टी ने इसे अपने एजेंडे में प्राथमिकता पर रखा और उत्तराखंड में धामी ने भाजपा के इस अहम एजेंडे को लागू करके दिखाया। यही वजह रही कि इस बार के लोकसभा चुनाव के अपने मेनिफेस्टो में भाजपा ने उत्तराखंड की तर्ज पर इसे अब देश भर में लागू करने की गारंटी दी है। यही नहीं, धामी उत्तराखंड में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून भी लागू कर चुके हैं। इसके बाद केंद्र सरकार ने भी इसे लागू किया। इन तमाम बड़े फैसलों के कारण आज उत्तराखंड के सीएम धामी की भाजपा आलाकमान में स्वीकारोक्ति अधिक बढ़ी है और इसके बाद भाजपा आलकमान ने उन्हें लोकसभा चुनाव में धामी को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया है।
अब तक लोकसभा चुनाव के छह चरण हो चुके हैं और धामी इन चुनाव में भाजपा के लिए देशभर में ताबड़तोड़ तरह से 60 से ज्यादा जनसभा कर चुके हैं। क्या, दिल्ली, क्या राजस्थान, क्या हिमाचल, क्या तेलंगाना सब जगह धामी की धूम है। जहां जहां उनकी जनसभा व रोड शो हो रहे हैं वहां वहां युवाओं की भीड़ उन्हें देखने और सुनने को उमड़ रही है।

हल्द्वानी अतिक्रमण विवादः डीएम वंदना को कट्टरपंथियों से ट्रोलिंग, जनता ने किया समर्थन

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई करने वाली जिलाधिकारी वंदना सिंह सोशल मीडिया पर चर्चाओं का केंद्र बन गई हैं। कुछ कट्टरपंथी उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रेंड करवा रहे थे और उनके खिलाफ भड़काऊ अभियान चला रहे थे।

अब्दुल मलिक पर कार्रवाई का नतीजा?

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद कट्टरपंथियों ने डीएम वंदना के खिलाफ “#अरेस्ट_वंदना_सिंह” ट्रेंड चलाया। उन पर आरोप लगाते हुए सांप्रदायिक रंग दिया गया। सोशल मीडिया ट्रेंड के विश्लेषण से पता चला कि इसमें ज्यादातर एक समुदाय विशेष के कट्टरपंथी समूह शामिल थे।

कथित प्रेस कॉन्फ्रेंस और झूठा माहौल

इसी कट्टरपंथी मानसिकता से ग्रसित कुछ लोगों ने दिल्ली प्रेस क्लब में डीएम के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ये लोग कभी बनभूलपुरा गए ही नहीं थे, लेकिन वहां से एक वीडियो के आधार पर वंदना सिंह के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की। यही गिरोह अक्सर लोगों को भड़काने के लिए जाना जाता है।

सच सामने आया, मिला जनता का विश्वास

लेकिन सच छिपाए नहीं छिपता। जैसे ही सच्चाई सामने आई, सोशल मीडिया साईट एक्स पर “#isupportdmvandana” ट्रेंड शीर्ष पर चला गया। राष्ट्रीय मीडिया में भी डीएम वंदना की चर्चा होने लगी। शायद उत्तराखंड में पहली बार किसी डीएम ने इतनी ख्याति प्राप्त की, उन्हें लगातार सोशल मीडिया पर युवाओं द्वारा सपोर्ट और फॉलो किया जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह अराजक तत्वों पर सम्पूर्ण नारी शक्ति का तमाचा है।

सरकार का समर्थन, डीएम की निष्ठा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे घटनाक्रम में डीएम का समर्थन किया, जिससे वह बिना किसी दबाव के अपना कर्तव्य पूरा कर सकीं। डीएम वंदना ने साबित किया कि अगर आप सत्य के साथ खड़े हों तो कोई ताकत आपको झुका नहीं सकती। उन्होंने सरकार और सीएम धामी को हर परिस्थिति में विश्वास रखने के लिए धन्यवाद दिया।

तीन राज्यों में हुए चुनावों में देश को बांटने की हुई कोशिशः मोदी

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद दिल्ली में पार्टी हेडक्वार्टर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- कुछ लोग तो कह रहे हैं कि आज की इस हैट्रिक ने चौबीस की हैट्रिक की गारंटी दे दी है। इस चुनाव में देश को जातियों में बांटने की बहुत कोशिशें हुईं।
उन्होंने कहा कि मैं लगातार कह रहा था कि मेरे लिए देश में चार जातियां ही सबसे बड़ी जातियां हैं। ये हैं हमारी नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसान और हमारे गरीब परिवार।इन चार जातियों को सशक्त करने से देश सशक्त होने वाला है। आज भी मेरे मन में यही भाव है। मैं अपनी माताओं-बहनों और बेटियों के सामने अपने युवा साथियों, किसान भाइयों के सामने, गरीब भाइयों के सामने नतमस्तक हूं। चुनाव परिणाम पर हर फर्स्ट टाइम वोटर कह रहा है कि मेरा पहला वोट मेरी जीत का कारण बना है। भविष्य का सपना देखने वाला युवा अपनी जीत देख रहा है। चुनाव नतीजों ने एक और बात स्पष्ट की है कि देश की युवा पीढ़ी सिर्फ विकास चाहती है। जहां की सरकारों ने युवाओं के खिलाफ काम किया है, वे सरकारें सत्ता से बाहर हुई हैं। चाहे छत्तीसगढ़ हो, राजस्थान हो या तेलंगाना हो।देश का युवा यह जानता है कि बीजेपी की सरकार युवा हितैषी होती है। युवाओं के लिए नए अवसर बनाने वाली होती है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम से देश की बेटियों-बहनों के मन में एक नया विश्वास जागा है। यह विश्वास जगा है कि भाजपा की सरकार में उन्हें एक नई बुलंदी मिलने वाली है। उन्हें लगता है कि बीजेपी ही नारी सुरक्षा, सम्मान और गरिमा की गारंटी है। उन्होंने देखा है कि बीते दस सालों ने भाजपा ने उन तक टॉयलेट, बिजली, गैस, नल से जल और बैंक में खाते जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए कितनी ईमानदारी से काम किया है।

पीएम ने कहा कि इस चुनाव में देश की बहन-बेटियों ने भाजपा की विजय की जिम्मेदारी उठा ली थी। आज मैं उनसे बहुत विनम्रता से कहूंगा कि बीजेपी ने आपसे जो वादे किए हैं वह शत-प्रतिशत पूरे किए जाएंगे और यह मोदी की गारंटी है। और मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरा होने की गारंटी।देश का आदिवासी समाज भी खुलकर अपनी बात रख रहा है। यह वह समाज है जो कांग्रेस की नीतियों की वजह से पीछे रहा। इन्हें अवसर नहीं दिए गए। हमने गुजरात में भी देखा कि जिस समाज को कांग्रेस ने कभी पूछा नहीं, उस समाज ने कांग्रेस का सफाया कर दिया। यही स्थिति हमने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी देखी है। इन आदिवासी अंचलों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। देश का आदिवासी समाज विकास का आकांक्षी है। उसे भरोसा है कि इस आकांक्षा को भाजपा ही पूरा कर सकती है। आज मैं भाजपा कार्यकर्ताओं की सराहना करूंगा, उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करूंगा। भाजपा और कमल के प्रति आपका समर्पण अतुलनीय है। डबल इंजन की सरकार का उद्देश्य आपने घर-घर तक पहुंचाया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के परिवार में चुनाव के दौरान एक दुखद घटना हो गई थी, फिर भी वह चुनाव अभियान में जुटे रहे।

विघ्नसंतोषियों के गजब हाल, पनौती नहीं पापा हैं मोदी! भारत की अर्थव्यवस्था आज 4 ट्रिलियन के पार पहुँची और तुम टीम भारत की हार पर बस करते रहना पनौती-पनौती

लगता है विघ्नसंतोषियों के पास कोई काम ही नहीं है। अहमदाबाद में टीम भारत विश्व कप फाइनल क्या हारी, विघ्नसंतोषियों को तो मानो मौका ही मिल गया। टीम भारत की हार के बाद सोशल मीडिया पर ‘पनौती-पनौती’ के नाम से मुहिम छेड़ दी है। अरे भइया विघ्नसंतोषियों पहले ये तो जान लो जिसे तुम पनौती-पनौती कहकर कीचड़ उछाल रहे वो पनौती नहीं तुम्हारे ‘पापा’ हैं। मोदी जी को जो मैच खेलना है वो तो बहुत बेहतर तरीक़े से खेल रहे हैं। आज जो मैच खिलाड़ियों को खेलना था वो बस बेहतर नहीं कर पाये।

दरअसल, विघ्नसंतोषियों ने शायद आज यह खबर ही नहीं पढ़ी की भारत आज 4 ट्रिलियन की इकॉनमी बन गया है। अगर पढ़ी होती या इतने महत्वपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी होती तो शायद ये सब ऊट पटांग बातें न करते। शर्मनाक तो ये की अपने देश के प्रधानमंत्री और अपने देश की टीम के हार में भी विघ्नसंतोषि खुशियां मना रहे हैं।

विघ्नसंतोषियों की जानकारी के लिए बता दें कि ‘भारत की अर्थव्‍यवस्‍था में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई। पहली बार भारत की इकोनॉमी 4 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच चुकी है और इसके साथ ही यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था वाला देश बनने के बेहद करीब पहुंच चुका है।
वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी में 7.8 फीसदी की ग्रोथ हुई थी। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर भरोसा जताया था। शक्तिकांत दास ने 31 अक्‍टूबर को अपने एक बयान में कहा था कि आर्थिक गतिविधयों को देखते हुए कुछ शुरुआती आंकड़ें सामने आए हैं, जिससे उम्‍मीद है कि नंवबर के अंत में दूसरी तिमाही के दौरान आने वाले GDP के आंकड़े चौंकाने वाले होंगे और आज मोदी जी की अगवाई में देश की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन हो गयी है, पर विघ्नसंतोषियों के पेट में मरोड़ उठ रही है और उनसे ये हजम नहीं हो रहा।