मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने चमोली की घटना के मद्देनजर सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को समस्त परियोजनाओं, आस्थानों एवं शासकीय कार्यालयों में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था के मानकों का अविलम्ब परीक्षण कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने सभी उच्चाधिकारियों को अपने प्रभाराधीन विभागों के विभागाध्यक्षों को इस बाबत निर्देशित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि विभागाध्यक्ष अपने नियंत्रणाधीन समस्त परियोजनाओं, आस्थाओं एवं शासकीय कार्यालय परिसरों आदि में विद्युत सुरक्षा सम्बन्धी किए गए उपायों का अविलम्ब परीक्षण कराए जाने के साथ ही प्रभारी अधिकारी से सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाने का प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सुरक्षा मानकों के परीक्षण की कार्रवाई विभाग के मानकों के अनुसार अथवा प्रत्येक 3 माह में किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
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मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी, हर संभव मदद का दिलाया भरोसा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली हादसे में हुई जनहानि पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को चमोली पहुंचे। चमोली हादसे में हताहत लोगों के परिजनों से मिलकर मुख्यमंत्री काफी भावुक नजर आए। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना देते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। पुलिस मैदान गोपेश्वर में मुख्यमंत्री ने चमोली हादसे में हताहत होमगार्ड के तीनों जवानों के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित करते हुए नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बहुत हृदयविदारक घटना है। हम ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि इस घटना में जो हताहत हुए हैं उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। राज्य सरकार की तरफ से मुआवजा, इलाज आदि से संबंधित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्घटना के कारणों की गहन जांच की जायेगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चमोली में हुए हादसे में मृतकों के परिजनों से एक-एक कर मिले। उन्होंने सभी को सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है, सरकार द्वारा इनकी हर संभव मदद की जाएगी।
इस दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, विधायकगण एवं अधिकारीगण मौजूद रहे।
नमामि गंगे परियोजना से गंदे नालों को टेप करने में मिली मदद-विस अध्यक्ष
नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत चंद्रेश्वर नगर में निर्मित 7.5 एमएलडी सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) का केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, उत्तराखंड पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल एवं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया।
एसटीपी प्लांट के निरीक्षण के दौरान केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री ने प्लांट से संबंधित सभी जानकारियां पेयजल निगम के अधिकारियों से प्राप्त की। प्रहलाद पटेल ने पांच मंजिला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य क्षमता देखकर इस पर संतोष जताया। कहा कि गंगा में मिलने वाले दूषित नालों को रोकना और शोधित करना एक बड़ी चुनौती है, नमामि गंगे परियोजना इस दिशा में काफी हद तक सफल रही है। उन्होंने कहा की ऋषिकेश व हरिद्वार शहर में दूषित नालों को रोकने और सीवर शोधन के लिए पर्याप्त क्षमता के एसटीपी बनाए गए हैं। ऋषिकेश में लक्कड़घाट का एसटीपी 26 एमएलडी का बनाया गया है, जो अपने आप में बहुत बड़ा प्लांट है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट आसपास की आबादी की अगले कई सालों की जरूरत पूरी कर सकते हैं। सभी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बेहतर ढंग से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा की उच्च स्तर पर इनकी नियमित रूप से मॉनीटरिंग होती रहे।
चंद्रेश्वर नगर में तीन नालो श्मशान घाट, चंद्रेश्वर नगर एवं ढालवाला नाला से अनुपचारित गंदा पानी सीधे गंगा नदी में मिलकर गंगा जल को प्रदूषित कर रहा था। तीनों नालों को टैप कर सीवेज पंपिंग स्टेशन के माध्यम से 7.5 एमएलडी एसटीपी तक शोधन हेतु पहुंचा कर उपचारित किया जा रहा है। एसटीपी प्लांट स्थल घनी आबादी के बीच स्थित होने एवं संयंत्र हेतु पर्याप्त भूमि उपलब्ध ना होने के कारण इसका डिजाइन मूविंग बेड बायोफिल्म रिएक्टर तकनीक के अनुसार बनाया गया जो कि अपने तरह का एकमात्र बहुमंजिला एसटीपी प्लांट है। 41.13 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 7.5 एमएलडी एसटीपी प्लांट द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार वर्तमान में प्रतिदिन 5 एमएलडी सीवेज शोधन किया जा रहा है। इस तकनीकी पर आधारित एसटीपी प्लांट में प्राइमरी शोधन यूनिट, एमबीबीआर रिएक्टर, सेकेंडरी क्लेरिफायर, डिसइन्फेक्शन यूनिट एवं सलज डिवाटरिंग यूनिट सम्मिलित है।
विधानसभा अध्यक्ष एवं अन्य मंत्रियों द्वारा केंद्रीय राज्यमंत्री के ऋषिकेश आगमन पर पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। निरीक्षण के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों के समक्ष केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री से एसटीपी प्लांट से घनी आबादी में होने वाली आवाज की समस्या के निदान पर भी बातचीत की। वही अग्रवाल ने शोधित जल को गिलास में लेकर उसकी शुद्धता के बारे में भी जानकारी ली।
इस अवसर पर पेयजल निगम के चीफ इंजीनियर केके रस्तोगी, चीफ इंजीनियर एस सी पंत, नमामि गंगे के तकनीकी निदेशक प्रवीण कुमार, जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता नमित रमोला एवं अन्य अधिकारी सहित ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, पार्षद शिव कुमार गौतम, कविता साह, सीमा रानी, उषा जोशी, सुमित पवार, प्रदीप कोहली, जयंत शर्मा, एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
मुख्य सचिव ने साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा करने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, सीवरेज प्रबंधन, ठोस एवं तरल वेस्ट मैनेजमेंट, ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट, सैनिटेशन इत्यादि से सम्बन्धित जल जीवन मिशन ग्रामीण और शहरी, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण व शहरी तथा नमामि गंगे परियोजना से सम्बन्धित कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
विभागीय अधिकारियों पेयजल निगम और जल संस्थान ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न सेक्टर से वित्त पोषित विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति और अद्यतन विवरण से मुख्य सचिव को अवगत कराया।
मुख्य सचिव ने पेयजल निगम, जल संस्थान और सम्बन्धित अधिकारियों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल, सीवरेज प्रबंधन, सैनिटेशन, तरल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन निस्तारण से सम्बन्धित कार्यों की बेहतर गुणवत्ता बनाये रखते हुए तेजी से प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी ऐसी स्कीमों जिनकी अभी तक डीपीआर बनानी शेष है अथवा गतिमान है उनकी टाइमलाइन बनाते हुए तेजी से डीपीआर बनाने के निर्देश दिये। साथ ही उनकी साप्ताहिक प्रगति समीक्षा करने को कहा। उन्होंने पेयजल योजना की डीपीआर स्थानीय भौगोलिक स्थिति की लोकेशन को ध्यान में रखते हुए बनाने को तथा जल का वेस्टेज न्यूनतम हो और उसका अधिकतम सदुपयोग हो इस बात को भी ध्यान में रखने को कहा। मुख्य सचिव ने सभी तरह की योजनाओं में विकास कार्यों हेतु अवमुक्त धनराशि को तेजी से खर्च करते हुए भौतिक और वित्तीय प्रगति बढ़ाने को कहा।
नमामि गंगे परियोजना के कार्यों में भी उन्होंने तीव्र प्रगति बढ़ाने और कार्य की गुणवत्ता बेहतर रखने के निर्देश दिये। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज के सम्बंध में उन्होंने निर्देश दिये कि इसके अंतर्गत निर्मित किये गये व्यक्तिगत अथवा सामुदायिक शौचालयों में जहाँ-जहाँ पानी की कमी है वहाँ पर पानी की लगातार निर्बाध आपूर्ति बनाये रखें। अंत में सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने को प्रेरित किया।
इस दौरान बैठक में सचिव पेयजल नितेश झा, अपर सचिव नितिन भदौरिया, उदयराज सिंह, मुख्य प्रबंधक जल संस्थान एस.के. शर्मा, अधिशासी अभियंता जल संस्थान नमित रमोला सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
विरोध जताने का नया तरीका, कांग्रेस ने सड़क के गड्ढ़ों में रोपे पौधे
वीरपुर खुर्द में तालाब बनी सड़कों की चपेट में आकर आए दिन दुर्घटना घट रही है। लिहाजा, इस मार्ग की जिम्मेदार विभाग सुध लेने को तैयार नहीं है। स्थानीय लोग कई बार मामले को उठा भी चुके है। बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यहां बने गड्ढों में धान के पौधे रोपकर अपना विरोध दर्ज कराया।
दरअसल, नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत करीब डेढ़ साल से यहां सीवर लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। नमामि गंगे की ओर से सीवर लाइन तो बिछा दी गई। पीडब्ल्यूडी ने यहां सड़क बनानी हैं, मगर एक साल बीतने को हैं, अभी तक सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। कांग्रेस के पूर्व सचिव दीपक जाटव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सरकार, पीडब्ल्यूडी के खिलाफ नारेबाजी की। तालाब बनी सड़क पर खड़े होकर कार्यकर्ताओं ने यहां धान के पौधे तक रोप डाले। विरोध करने वालों में प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला, जयपाल बिट्टूू, सरोज देवराड़ी, नीरज चौहान, राजेश गोयल, गौतम नौटियाल, हरिराम वर्मा, इमरान सैफी, सीताराम सेमवाल, जगदंबा रतूड़ी, दाताराम नौटियाल, गोविंद सरीर, सुनील, जगतपाल रावत आदि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने की केंद्र को प्रेषित प्रस्तावों को जल्द स्वीकृत करने की मांग
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से भेंट कर नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत केंद्र को भेजे गए विभिन्न प्रस्तावों को जल्द स्वीकृत करने का अनुरोध किया। इनमें केदारपुरी क्षेत्र में 67 करोड़ 64 लाख रूपए लागत से सीवेज प्रबंधन, गंगा की सहायक नदियों सुसवा, कोसी, ढ़ेला, कल्याणी, भेला, पिलाखर, नन्दौर व किच्छा में गिरने वाले नालों के प्रदूषित जल के उपचार के लिए 545 करोड़ 14 लाख रूपए लागत की आठ परियोजनाएं, काशीपुर आई.एण्ड डी व एसटीपी की 97 करोड़ 79 लाख रूपए लागत की परियोजना, केदारनाथ यात्रा के दृष्टिगत महत्वपूर्ण 21 करोड़ 62 लाख रूपए लागत की गौरीकुण्ड सीवेज परियोजना, अगस्तमुनि की 27 करोड़ 17 लाख रूपए लागत की आईएंडडी व एसटीपी परियोजना व शारदा नदी में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए 43 करोड़ 49 लाख रूपए लागत की टनकपुर सीवेज आईएंडडी व एसटीपी परियोजना शामिल हैं।
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मुख्यमंत्री ने की मांग, मिड-डे-मील में परम्परागत अनाज शामिल होने से मिलेगा स्वरोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी की निर्मलता व अविरलता भारत सरकार व उत्तराखण्ड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। वर्तमान में नमामि गंगा के अंतर्गत प्रथम चरण में गंगा नदी में विभिन्न नालों व सीवर के पानी से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए उत्तराखण्ड राज्य के चिन्हित 15 प्राथमिकता के नगरों में 1005.11 करोड़ लागत की कुल 21 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इसके सापेक्ष वर्ष 2017-18 में स्वीकृत की गई 18 योजनाओं में से 8 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, 6 योजनाएं अगस्त 2019 तक, 3 योजनाएं दिसम्बर 2019 तक व 1 योजना फरवरी 2020 तक पूरी कर ली जाएंगी। इसी प्रकार वर्ष 2018-19 में स्वीकृत की गई 03 योजनाओं के संबंध में निविदा प्रक्रिया गतिमान है। इन प्राथमिकता के नगरों में चिन्हित 135 नालों में से 70 नालों को टैप किया जा चुका है और शेष 65 नालों में 61 नालों के लिए इंटरसेप्शन एंड डाईवर्जन की योजनाएं नमामि गंगे परियोजना के तहत स्वीकृत की गई है। इनमें से भी 30 नालों को टैप किया जा चुका है।
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मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से हरिद्वार महाकुंभ के लिए मांगी वित्तीय मदद
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री शेखावत से सिंचाई विभाग के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य की केन्द्र पुरोनिधानित निर्माणाधीन योजनाओं को पूर्ण करने के लिए अवशेष केन्द्रांश 142 करोड़ 52 लाख रूपए व लघु सिंचाई विभाग की केन्द्र पोषित योजनाओं को पूर्ण करने के लिए अवशेष धनराशि 63 करोड़ 57 लाख रूपए यथाशीघ्र अवमुक्त करने के साथ ही लघु सिंचाई विभागके अंतर्गत क्रियान्वित योजनाओं के कार्यों को पूर्ण कराए जाने की समयावधि 31 मार्च 2020 तक विस्तारित करने का भी अनुरोध किया।
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मुख्यमंत्री ने की 17 प्रान्तीय मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को उत्तराखण्ड सरकार द्वारा केंद्र को नमामि गंगे योजना में प्रेषित प्रस्तावों की शीघ्र स्वीकृति के लिए मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री द्वारा इस पर जल्द समुचित कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया गया।