मुख्यमंत्री ने मानसून को लेकर की उच्चस्तरीय बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानसून सीजन में आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहें। शासन के वरिष्ठ अधिकारी जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाकर रखें। वर्षाकाल के दृष्टिगत पर्वतीय जनपदों में सभी आवश्यक सुविधाएं खाद्यान्न, दवाइयां, एवं अन्य राहत सामग्री पर्याप्त मात्रा में रखी जाएं।
मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय और वर्चुअल माध्यम से जुड़े कुमांऊ कमिश्नर दीपक रावत से दोनों मण्डलों में बारिश और सड़को की स्थिति के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने दोनों आयुक्तों को निर्देश दिये कि वे अपने मंडलों में सड़कों, पेयजल, विद्युत, नालों की सफाई आदि व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा करें। जिलाधिकारियों से निरन्तर समन्वय बनाते हुए सभी व्यवस्थाओं को सुचारू बनाये रखें। वर्षा के कारण सड़के, पेयजल और विद्युत लाइन बाधित होने की स्थिति में उन्हें यथाशीघ्र सुचारू करवाया जाए। मौसम विभाग की चेतावनी एवं स्थानीय मौसम संबंधी गतिविधियों के आधार पर ही स्कूलों को खोलने और बंद करने का निर्णय लिया जाए। जर्जर पुलों की स्थिति का भी आंकलन किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि गांवों में लोगों की आवाजाही प्रभावित न हो।
इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, आईजी कृष्ण कुमार वी.के, अपर सचिव जगदीश चन्द्र काण्डपाल उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारियों को दिए समयबद्ध कार्य के आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में आपदा मद के तहत होने वाले कार्याे के लिए रू.13 करोड़ की दूसरी किश्त जारी की गई है। इस धनराशि से सभी जिलों में क्षतिग्रस्त मार्गों, पुलियाओं, पेयजल लाइनों, सिंचाई नहरों, स्कूल भवनों की मरम्मत आदि के कार्य किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में आपदा मद में मरम्मत कार्याे के लिए प्रदेश के सभी 13 जिलों के लिए रू.26 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। इसके तहत पहली किश्त के रूप में रू.13 करोड़ की धनराशि पूर्व में जारी की जा चुकी है। आज इसकी दूसरी किश्त जारी कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि आसन्न मानसून सीजन को देखते हुए सभी कार्य समयबद्ध तरीके से पूर्ण कर लिए जाएं। इसमें किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए। पैदल मार्गों और पुलियाओं की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता से किया जाए। यह भी अनिवार्य रूप से देख लिया जाए कि पेयजल लाइनें और सिंचाई नहरें चालू हालत में हैं या नहीं।
बता दें, दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आसन्न मानसून को देखते हुए सचिवालय में आला अधिकारियों की बैठक लेकर विभागों की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मानसून को देखते हुए 15 जून से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।

केन्द और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए बहुद्देशीय शिविर लगाने के निर्देश

आमजन को केन्द्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिले इसके लिए सभी जनपदों में नियमित बहुद्देशीय शिविर लगायें जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिकांश जन समस्याओं का निस्तारण मौके पर ही हो। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए टोल फ्री नम्बर 1064 का बोर्ड सभी कार्यालयों में लगे, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। भ्रष्टाचार से संबंधित विजिलेंस को जितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उन पर की गई कार्यवाही की विजिलेंस से नियमित रिपोर्ट ली जाए। मुख्यमंत्री ने सभी एस.एस.पी को निर्देश दिये कि जनपद स्तर पर विवेचना से संबंधित जो मामले एक साल से अधिक समय से लम्बित हैं, अभियान चलाकर तीन माह के अन्दर उनको निस्तारित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि विवेचना संबंधित मामलों के त्वरित निस्तारण हो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग की पहली समीक्षा बैठक के दौरान ये निर्देश वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारियों एवं एस.एस.पी को दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में निर्देश दिये कि ग्राम सभाओं की चौपालों में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा माह में कितनी बार भ्रमण किया जा रहा है। इसका भी कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग पूरा अपडेट रखे। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलाधिकारी नियमित ग्रामसभा चौपालों में जाएं और अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों को भी भेंजे। ग्राम भ्रमणों की मासिक रिपोर्ट, बीडीसी एवं तहसील दिवस की मासिक रिपोर्ट एवं उनमें प्राप्त शिकायतें और उनके निस्तारण के लिए की गई कार्यवाही की नियमित रिपोर्ट कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग को भेजें। मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिये कि जन समस्याओं के निस्तारण के लिए जन प्रतिनिधियों एवं आम जन के फोन रिसीव न करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी कारणवश अधिकारी फोन रिसीव न कर पा रहे हैं, तो बाद में अवश्य कॉल बैक करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़वाल एवं कुमांऊ कमिश्नर अपने मण्डलों में जन समस्याओं के त्वरित निदान एवं सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए नियमित समीक्षा करें।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि बरसात का समय शुरू होने वाला है। सभी जिलाधिकारी जिन क्षेत्रों में जल भराव होता है, मलवा आने की संभावनाएं होती हैं, इनके समाधान के लिए अभी से पूरी कार्ययोजना बना लें। वर्षाकाल के दृष्टिगत सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखें। जिला अधिकारी जनपदों में प्रतिमाह आय-व्ययक की भी समीक्षा बैठक करें। मुख्यमंत्री घोषणाओं पर जनपदों में प्रगति की नियमित समीक्षा कर रिपोर्ट भेजी जाए। जनपदों में जिन दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य किये जा रहे हैं, उनमें तेजी लाई जाए। तात्कालिक रूप वाले कार्यों को समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए। सड़कों की स्थित हर जगह सही हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। जनपदों में जिन महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, यदि उनमें किसी स्तर पर विलंब हो रहा है, तो जिलाधिकारी इसकी सूचना शीघ्र शासन को दें। सभी जनपदों में जल जीवन मिशन के कार्यों में तेजी लाई जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि डेंगू एवं मलेरिया जैसी बीमारियों से बचने के लिए अभी से पूरी तैयारियां की जाएं।
बैठक में सचिव विनय शंकर पाण्डेय, सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग दीपक कुमार गैरोला, वर्चुअल माध्यम से कमिश्नर कुमांऊ दीपक रावत, सभी जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।