आपदा से क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्निर्माण हेतु समयबद्ध कार्यवाही की जाए-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरियाणा चुनाव प्रचार से वापस आकर देर शाम मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में आपदा से हुए क्षतिग्रस्थ सड़क मार्गों व पेयजल लाइनों को अभियान के तहत पुनः सुचारू करने, डेंगू की रोकथाम, चारधाम यात्रा समेत विभिन्न विषयों पर विस्तृत दिशा निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश का मौसम लगभग समाप्त हो गया अतः सड़कों के निर्माण और मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया जाए। मानसून के दौरान आपदा में जो भी पेयजल और बिजली की लाइन सहित संपर्क मार्ग क्षति ग्रस्त हुए हैं उन्हें प्राथमिकता से ठीक किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून के दौरान सभी विभागों के सामने विभिन्न चुनौतियां थी लेकिन अब इस अभियान में कोई भी लापरवाही बरदाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि आपदा से जहां-जहां नुक़सान हुआ है। उसके पुनर्निर्माण हेतु समय बद्ध कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि इस अभियान के लिए हर अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा को लेकर समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के बाद दीपावली तक पुनः धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी ऐसे में किसी प्रकार की अव्यवस्था ना हो इसके लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा अच्छी चल रही है, यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका ध्यान रखा जाए।

डेंगू रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग सहित सभी मिलकर कार्य करें- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में डेंगू की रोकथाम के लिए किए हा रहे प्रयासों पर समीक्षा करते हुए कहा कि डेंगू के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं।इस पर रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग सहित सभी मिलकर कार्य करें।और प्रभावी नियंत्रण करें। मुख्यमंत्री ने नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में साफ़ सफ़ाई पर विशेष दिए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव डॉ. आर.के.सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, गढ़वाल आयुक्त एवं सचिव विनय शंकर पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

इस बार कैंची धाम में बेहतर रही व्यवस्था, सीएम ने की प्रशंसा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नैनीताल क्लब में विभागीय अधिकारियों के साथ मानसून की तैयारियों और विभागीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति हर वर्ग तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। इससे लिए सभी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ बेहतर योजना के साथ कार्य करें।
बैठक लेते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कई बार शिकायत मिलती है,तो अधिकारी आम जन के कार्यों को उलझा देते है, जबकि अधिकारियों को प्रवृत्ति कार्यों को सुलझाने की होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि आम जन को ध्यान में रखकर कार्य करें। इसके लिए विभागीय अधिकारी को जिम्मेदारी लेनी होगी तभी आम जन के कार्य आसानी से होंगे, यही सरकार की प्राथमिकता और उद्देश्य है कि आम जन के कार्य जल्द से जल्द हो और बेहतर सुविधा मिल सके।
सीएम ने बिजली विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि आए दिन विभिन्न सोशल मीडिया से जानकारी मिलती है कि जनता की बिजली खपत से ज्यादा उनके बिजली के बिल आ रहे है। इस संबंध में सीएम ने विद्युत विभाग के चीफ इंजीनियर को दूरस्थ क्षेत्रों में बिजली सुधार के कैंप लगाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सभी बिजली घरों में भी आम जन को बिजली बिल सुधार की व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

भविष्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या को देखते हुए आदि कैलाश में बेहतर सुविधा विकसित की जाए
सीएम ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल दुगने यात्री आदि कैलाश यात्रा पर आए हैं। इससे जाहिर है कि भविष्य में और अधिक यात्रियों के आने की संभावना है। हमें आने वाले यात्रियों की संख्या को देखते हुए सुविधाएं विकसित करनी होगी। इस दिशा में कुमाऊं आयुक्त और एमडी केएमवीएन को कार्य करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि पिछले साल पूरे सीजन में 315 यात्री केएमवीएन से आदि कैलाश गए थे जबकि इस साल अब तक 610 यात्री आदि कैलाश की यात्रा कर चुके है। साथ ही लगभग 15 हजार लोगों को इनर लाइन परमिट जारी की गई है।

मानसून से पहले सभी अधिकारी पूरा करें कार्य
बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मानसून की तैयारी की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मानसून से पहले सड़कों का पैच वर्क, चौड़ीकरण आदि का कार्य पूरा कर लें। साथ नगर निगम के अधिकारियों को नालियों के साफ सफाई आदि के कार्य पूरे करने के निर्देश दिए। कहा कि बरसात के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं, बिजली, पानी आदि की व्यवस्था पूरी करने के निर्देश दिए। जिससे लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। सभी विभाग के अधिकारियों को मानसून में अधिक से अधिक पौधरोपण करने के निर्देश दिए। साथ ही पौधों को संरक्षण करने की बात कही।

इस बार कैंची धाम में बेहतर रही व्यवस्था
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस वर्ष कैंची धाम में जिला प्रशासन ने बेहतर व्यवस्था की। मेले में भक्तों को जाम का सामना नहीं करना पड़ा, साथ ही स्वास्थ्य सुविधा भी बेहतर रही। भवाली और गरमपानी में स्थाई और अस्थाई पार्किंग छोटी छोटी बनने से लोगों को सुविधा मिली। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार सरलीकरण-समाधान और निस्तारण के साथ बेहतर कार्य कर रही है। उन्होंने 2025 में होने वाले कैंची धाम मेले से पहले कैंची में सौंदर्यीकरण और अन्य कार्य पूरा करने की बात कही। उन्होंने सेनिटोरियम बाईपास का पुल निर्माण, डामरीकरण, कैंची धाम के पास अमृत सरोवर आदि के कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने से रामनगर से कैंची धाम के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाने की बात कही।

भीमताल में पार्किंग बनाने के निर्देश
भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा ने बताया भीमताल में पार्किंग व्यवस्था नहीं होने से पर्यटकों को परेशानी और जाम की स्थिति बनी रहती है। जिस पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भीमताल समेत आस पास के इलाकों में स्थाई और अस्थाई पार्किंग के लिए जगह चिन्हित करने के निर्देश और इंटर कालेज से समन्वय कर स्कूल की भूमि में छोटी पार्किंग बनाकर जाम की समस्या का समाधान हो सकता है।

बैठक में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, एपीसीसीएफ विवेक पांडेय, जिलाधिकारी वंदना सिंह, एस एस पी पी एन मीणा, जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट, मंडी परिषद अध्यक्ष अनिल कपूर, दिनेश आर्य, विधायक नैनीताल सरिता आर्य, भीमताल राम सिंह कैड़ा, डायरेक्टर कॉर्बेट डा धीरज पांडेय, एम डी के एम वी एन डा संदीप तिवारी, मुख्य नगर आयुक्त विशाल मिश्रा, डीएफओ टी आर बीजूलाल, हिमांशु बागड़ी, यू सी तिवारी, पी सी आर्य, अपर जिलाधिकारी पी आर चौहान, शिव चरण द्विवेदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारियों को दिए समयबद्ध कार्य के आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में आपदा मद के तहत होने वाले कार्याे के लिए रू.13 करोड़ की दूसरी किश्त जारी की गई है। इस धनराशि से सभी जिलों में क्षतिग्रस्त मार्गों, पुलियाओं, पेयजल लाइनों, सिंचाई नहरों, स्कूल भवनों की मरम्मत आदि के कार्य किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में आपदा मद में मरम्मत कार्याे के लिए प्रदेश के सभी 13 जिलों के लिए रू.26 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। इसके तहत पहली किश्त के रूप में रू.13 करोड़ की धनराशि पूर्व में जारी की जा चुकी है। आज इसकी दूसरी किश्त जारी कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि आसन्न मानसून सीजन को देखते हुए सभी कार्य समयबद्ध तरीके से पूर्ण कर लिए जाएं। इसमें किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए। पैदल मार्गों और पुलियाओं की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता से किया जाए। यह भी अनिवार्य रूप से देख लिया जाए कि पेयजल लाइनें और सिंचाई नहरें चालू हालत में हैं या नहीं।
बता दें, दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आसन्न मानसून को देखते हुए सचिवालय में आला अधिकारियों की बैठक लेकर विभागों की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मानसून को देखते हुए 15 जून से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।

मौसम के पूर्व चेतावनी के आधार पर लोगों को नियमित अलर्ट मोड पर रखें-धामी

15 जून से पहले मानसून के दृष्टिगत सभी तैयारियां पूर्ण की जाय। सभी विभाग 15 जून तक आपदा प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती करना सुनिश्चत करें। एसटीपी प्लांट और पुराने पुलों का सेफ्टी ऑडिट किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि बिजली की तारों से कोई घटना घटित न हो। मानसून सीजन के दृष्टिगत मरीजों और गर्भवती महिलाओं के लिए आपातकालीन स्थिति में हेली एम्बुलेंस की व्यवस्था रखी जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी मानसून की तैयारियों की बैठक के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से पिछले सालों में क्या चुनौतियां सामने आई और किन-किन क्षेत्रों में अधिक आपदाएं आई एवं इस तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए शासन और जनपद स्तर पर क्या तैयारियां की गई हैं, इसका पूरा एक्शन प्लान प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मौसम के पूर्वानुमान की सटीक जानकारी लोगों तक समय पर पहुंचे। मौसम के पूर्व चेतावनी के आधार पर लोगों को नियमित रूप से अलर्ट मोड पर रखें। उन्होंने कहा कि मौसम के पुर्वानुमान और जन जागरूकता से अतिवृष्टि और आपदा के प्रभाव को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपदों में ऐसे क्षेत्र जहां भू-स्खलन की समस्याएं रहती हैं, उन्हें चिन्हित कर जो भी आवश्यक व्यवस्थाएं करवाने की आवश्यकता है, समय पर की जाए। जिन क्षेत्रों में बरसाती नदी और नाले उफान पर आते हैं, उनके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्थाओं के लिए अभी से प्लान बना कर रखे जाएं। मानसून के दृष्टिगत विभिन्न कार्यों के लिए शासन स्तर से जो धनराशि की आवश्यकता है, उसका यथाशीघ्र प्रस्ताव भेजा जाए। अतिवृष्टि के कारण फसलों को होने वाले नुकसान का तुरंत आकलन कर मानकों के अनुसार यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति की व्यवस्था रखी जाए। मानसून के दृष्टिगत पर्वतीय जनपदों में आवश्यक दवाओं, खाद्य सामग्री एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं से संबंधित सभी व्यवस्थाएं पर्याप्त मात्रा में रखी जाए। आपदा कि स्थिति में रिस्पांस टाइम कम से कम रखा जाए। मानसून अवधि में सभी जिलाधिकारी मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार अपने जनपदों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार छुट्टी की घोषणा करें, स्कूल जाने के पैदल मार्गों में नदी और नाले वाले स्थानों पर वैकल्पिक मार्ग तलाशे जाएं। हर जनपद में बड़े रपटे चिन्हित किये जाएं एवं वहां पर सुरक्षा की दृष्टि से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा के दृष्टिगत त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था रखी जाए। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अल्मोड़ा जनपद के सरियापनी में एसडीआरएफ बटालियन खोलने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से विभिन्न विभागों द्वारा शासन से जो धनराशि की मांग की जा रही है, वह धनराशि यथाशीघ्र संबंधित विभागों को दी जाए। जिलाधिकारियों द्वारा भी विभिन्न पदों में जो धनराशि की मांग की जा रही है, उन्हें भी शीघ्र धनराशि अवमुक्त की जाए। जिन विभागों को पहले की धनराशि अभी तक अवमुक्त नहीं हुई है, वह शीघ्र दी जाए, इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून अवधि में सड़कें, विद्युत और पेयजल लाईन बाधित होने की स्थिति में उनकी सुचारू व्यवस्थाओं के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम रखा जाए और वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि अतिवृष्टि से पिछले वर्ष के जो कार्य अभी तक पूर्ण नहीं किये गये हैं, उन्हें 15 जून तक पूर्ण किया जाए।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, एल. फैनई, डीजीपी अभिनव कुमार, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, दिलीप जावलकर, सचिन कुर्वे, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आर. राजेश कुमार, एस.एन.पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से कुमांऊ कमिश्नर दीपक रावत एवं सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड में इस वर्ष सामान्य से ज्यादा होगी बारिश

इस वर्ष उत्तराखंड में बारिश सामान्य से ज्यादा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसकी पुष्टि की है। विभाग के अनुसार प्रदेश में मानसून 21 जून के आसपास दस्तक दे सकता है।

अमूमन एक जून को केरल में दस्तक देने के बाद उत्तराखंड पहुंचने में मानसून को लगभग 21 दिन लगते हैं। इस वर्ष केरल मानसून अपने सही समय पर पहुंचा है। ऐसे में अगर बीच में सिस्टम प्रभावित नहीं हुआ तो उत्तराखंड में भी 21 जून के आसपास मानसून पहुंच जाएगा।

मौसम विभाग ने इस वर्ष पूरे उत्तर भारत रीजन में मानसून की बारिश 102 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। उत्तराखंड में पिछले साल तक मानसून सीजन में सामान्य तौर पर 1229.1 मिमी बारिश होती थी। इस वर्ष सामान्य बारिश 1191 मिमी तय की गई है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार भारत रीजन में मानसून अच्छा रहेगा।

मौसम केंद्र के अनुसार रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि राजधानी के अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है।