परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कनखल हरिद्वार में आयोजित श्री अखिल भारतीय वेदांत सम्मेलन के अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत से भेंट की।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने उन्हें तीन जून को अपने जन्म दिन पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए परमार्थ निकेतन में आमंत्रित किया।
संघ प्रमुख से भेंटवार्ता के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि राष्ट्रवादी हिन्दुत्व के पुरोधा गुरुजी माधव राव सदाशिव राव गोलवलकर से लेकर वर्तमान राष्ट्रऋषि और सनातन धर्म प्रेमियों के हृदय सम्राट आदरणीय मोहन भागवत तक की जो परंपरा है उस परंपरा ने वर्तमान युग में नई दृष्टि और भारतीय संस्कारों के साथ आगे बढ़ाने का संदेश दिया।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि मोहन भागवत ने समाज को समता, समरसता और सद्भाव के सूत्रों से बांधे रखा हैं और वे पूरे भारत को एक नई दिशा प्रदान कर रहे हैं। आज इसी दृष्टि की आवश्यकता है। यही भागवत और भगवत दृष्टि है।
इस दृष्टि को आगे बढ़ाते हुए महापुरुषों ने जो पथ दिखाया है ष्इदम् राष्ट्राय स्वाहा, इदम् राष्ट्राय, इदम् न मम’’ के दिव्य सूत्र के साथ सभी अपने आप को राष्ट्र को समर्पित करें।