मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून की शहरी बस्ती चीड़ोवाली-कंडोली में उत्तराखण्ड महिला समेकित विकास योजना के अन्तर्गत कामन फेसिलिटी सेन्टर के अधीन संचालित द्विवर्षीय महिला कौशल प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारम्भ किया। इस प्रशिक्षण केन्द्र में 120 स्थानीय महिलाओं को जूट व सूती बैग बनाने आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में महिलाओं को हुनरमंद बनाया जाना समय की जरूरत है। यदि महिलायें मजबूत हुई तो परिवार, समाज व देश मजबूत होगा। उन्होंने महिला व पुरूषों को समाज के विकास की गाड़ी के दो पहिए बताते हुए कहा कि दोनों सशक्त होंगे तो निश्चित रूप में समाज में बदलाव आयेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेती आदि के संसाधनों की सुविधा के साथ ही जीविका के साधनों का विकल्प रहता है, जिसका शहरी क्षेत्रों में अभाव रहता है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जमीन आदि की कमी के कारण यह सुविधायें नहीं उपलब्ध हो पाती हैं। इसके लिये जरूरी है कि शहरों की गरीबों को दूर करने के लिये यहां की महिलाओं को हुनरमंद बनाया जाय, कौशल विकास के जरिये हम वेस्ट को बेस्ट में बदल सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा प्रभावी पहल की जा रही है। उद्यमिता के क्षेत्र में महिलायें 5 हजार तक ओवर ड्राफ्ट ले सकती हैं। महिला समूओं को एग्रोबेस उद्यम के लिये 5 लाख तक शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। हमारा उद्देश्य महिलाओं को दिये गये ऋण के सदुपयोग करने वाला बनाना है। ग्राम लाइट योजना व देव भूमि प्रसाद योजना महिलाओं को आर्थिक स्वावलम्बन की राह दिखा रही है। महिला समूह पहाड़ी भोजन भी तैयार कर रही है। पौड़ी में आयोजित कैबिनेट बैठक में उन्हीं के द्वारा तैयार किया गया भोजन परोसा गया। कम लागत में सबको खाना खिलाने का यह अच्छा प्रयास रहा। इससे एक प्रकार की उद्यमिता भी विकसित हुई है। यह सब हुनरमंद होने का ही परिणाम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष केदारनाथ में महिला समूहों ने 2 करोड़ का प्रसाद बिक्री किया। प्रदेश के 625 मन्दिरों में देवभूमि प्रसाद योजना का शुभारम्भ किया जा रहा है। मंशादेवी, बदरीनाथ, जागेश्वर, बागेश्वर से भी इसकी शुरूआत हो गयी है, इसका परिणाम है कि आज चैलाई 55 रू. किलो बिक रहा है। उन्होंने महिलाओं से उत्पादों की बेहतर पैकिंग पर ध्यान देने को कहा। इसमें लोगों का आकर्षण उत्पादों के प्रति बढ़ता है। यदि हम छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देंगे तो अपने उत्पादों की बिक्री में भी मदद मिलेगी। उन्होंने महिलाओं से पुष्प उत्पादन, धूप-अगरबत्ती बनाने की दिशा में भी आगे आने को कहा। पर्यावरण अनुकूल सामग्री के उत्पादन से उसकी मांग देश व दुनिया में बढ़ेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कामन फेसिलिटी सेन्टर व प्रशिक्षण केन्द्र का भी निरीक्षण किया तथा प्रशिक्षार्थी महिलाओं से भी संवाद किया। मुख्यमंत्री ने परियर में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। क्षेत्रीय विद्यायक गणेश जोशी ने कहा कि इस प्रकार की पहल महिलाओं के आर्थिक उन्नयन में मददगार होती है, उन्होंने कहा कि महिलाओं की मजबूती समाज की मजबूती से जुड़ी है। महिलाओं को स्वालम्बी बनाने के लिये उन्हें प्रशिक्षित करने की भी उन्होंने जरूरत बतायी। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि महिला समेकित विकास योजना के तहत जानकी देवी एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी द्वारा इस प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। पालीथीन के स्थान पर जूट व सूती व फाइबर से बने विभिन्न उत्पादों व अन्य सामग्री का प्रशिक्षण एवं निर्माण यहां पर महिलाओं द्वारा किया जायेगा। इस अवसर पर निदेशक महिला एवं बाल विकास झरना कमठान, संस्था के चेयरमैन संजय जोशी, सचिव कविता चतुर्वदी और प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलायें आदि उपस्थित थे।