विशेष सहायता ऋण के लिए सीएम ने प्रधानमंत्री का जताया आभार

वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पूंजीगत निवेश 2023-24 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड को विशेष सहायता (ऋण) के लिए 951 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को प्रदान की गई इस विशेष सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया।

वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जिन महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए 2023-24 के लिए राज्य को विशेष सहायता स्वीकृत की गई है, उनमें जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की सुविधा के लिए 110 करोड़ रूपये, नैनीताल में मॉडल कॉलेज अपग्रेडेशन के लिए 61 करोड़ रूपये, 500 बेड के दून मेडिकल कॉलेज के लिए 60 करोड़ एवं दून मेडिकल कॉलेज कैम्पस के लिए 33.98 करोड़ रूपये की विशेष सहायता प्रदान की गई है। पीएमजीएसवाई स्टेट शेयर के लिए 56 करोड़ रूपये, रूड़की देवबंद रेल लाईन के लिए 55 करोड़ रूपये, सहसपुर में स्किल हब के लिए 25.91 करोड़ रूपये, फार्म मशीनरी बैंक के लिए 25 करोड़ रूपये, टनकपुर आईएसबीटी के लिए 25 करोड़ रूपये, देहरादून में बस डिपो/वर्कशाप के लिए 25 करोड़ रूपये एवं अल्मोड़ा सीवरेज स्कीम के लिए 20.16 करोड़ की विशेष सहायता प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त अन्य योजनाओं में भी विशेष सहायता के तहत भारत सरकार द्वारा धनराशि स्वीकृत की गई है।

40 लाख रुपए तक के सालाना सकल कारोबार को जीएसटी से छूट

वित्त मंत्रालय ने कहा कि 40 लाख रुपए तक के सालाना सकल कारोबार को जीएसटी से छूट है। शुरू में यह सीमा 20 लाख रुपए थी। वित्त मंत्रालय के ट्वीट में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त डेढ़ करोड़ रुपए तक के सकल सालाना कारोबार पर संयोजन योजना का विकल्प चुना जा सकता है। इस योजना के तहत केवल एक प्रतिशत कर देना पड़ता है।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वस्तु और सेवा कर-जीएसटी लागू होने के बाद ज्यादातर वस्तुओं पर कर की दर कम हो गई। अब 28 प्रतिशत जीएसटी केवल विलासिता की वस्तुओं पर ही लगता है। 28 प्रतिशत की कर श्रेणी की कुल दो सौ तीस वस्तुओं में से करीब दो सौ वस्तुओं को कम दर वाली श्रेणी में लाया गया है।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि निर्माण क्षेत्र विशेष रूप से आवास क्षेत्र को अत्यधिक राहत देकर पांच प्रतिशत कर की श्रेणी में रखा गया है। किफायती आवास पर कर की दर घटाकर एक प्रतिशत की गई है। जीएसटी लागू होने के बाद से करदाताओं की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। शुरू में जीएसटी रिटर्न भरने वालों की संख्या 65 लाख थी जो अब एक करोड़ 24 लाख से अधिक हो गई है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी में सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह स्वचालित हैं और अब तक पचास करोड़ रिटर्न ऑनलाइन भरी गई हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक एक अरब 31 करोड़ ई-वे बिल सृजित किए गए हैं जिनमें से करीब चालीस प्रतिशत वस्तुओं के अंतर-राज्य परिवहन के लिए हैं। ई-वे बिल की संख्या स्थिर रूप से बढ़ रही है। इस वर्ष 29 फरवरी को एक दिन में सबसे अधिक 25 लाख से ज्यादा बिल बनाए गए।

वित्त मंत्री के प्रबंधन से बाजार में आई तेजी, राहत मिलने की उम्मीद

सुस्ती की शिकार अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए केन्द्र सरकार ने एक महीने के भीतर पांच बड़े कदम उठाए। सुधार के इन कदमों की शुरुआत बीती 23 अगस्त को हुई थी, जबकि देशी-विदेशी निवेशकों को राहत देते हुए कर उपकर में बढ़ोतरी का फैसला वापस लिया था। बीती 23 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेशी और घरेलू निवेशकों पर उपकर में बढ़ोतरी का फैसला वापस लेने की घोषणा की थी। उसी दिन बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की नई पूंजी देने, रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को तुरंत देने जैसी घोषणा की गई थी।
28 अगस्त को वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था से जुड़ी दूसरी बड़ी घोषणा की थी। सीतारमण ने कोयला खदान और कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दी थी। यही नहीं, गन्ना किसानों और चीनी मिलों को राहत देने के लिए चीनी के निर्यात पर 6,268 करोड़ की सब्सिडी का ऐलान भी किया। डिजिटल मीडिया में भी प्रिंट मीडिया की तरह 26 फीसदी एफडीआई को मंजूरी मिली थी। 30 अगस्त को ही सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को मिला कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी। उस समय कहा गया था कि विलय के बाद ये बैंक न सिर्फ आकार में बड़े होंगे बल्कि इनका कुल कारोबार भी बढ़ कर 55.81 लाख रुपए करोड़ का हो जाएगा। बड़े बैंक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विदेशी बैंकों से मजबूती से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
बीते 19 सितंबर को वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी बैंक अभी से अक्टूबर तक 400 जिलों में लोन बांटने के लिए शामियाना बैठक का आयोजन करेंगे। इन बैंठकों में खुदरा ग्राहक के साथ साथ नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) की भी उपस्थिति होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को घरेलू कंपनियों और नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए अध्यादेश के जरिए कॉरपोरेट कर घटाने की घोषणा की।