सीएम पहुंचे टिहरी, प्रभावितों से मिले, प्रशासन को हर संभव मदद करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनपद टिहरी के आपदाग्रस्त क्षेत्र जखन्याली का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्र में मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर उनका ढ़ाढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति एवं और शोकाकुल परिवार को धैर्य प्रदान करने की कामना की। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में शासन-प्रशासन प्रभावितों के साथ खड़ा है। सरकार द्वारा प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी लोग इस समय एक दूसरे का सहयोगी बनकर कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में आपदा से जनहानि, पशु हानि एवं अन्य परिसंपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है। आपदा के समय लोगों की सुरक्षा राज्य सरकार पहली प्राथमिकता है। उन्होंने जिलाधिकारी टिहरी को आपदा प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने तथा राहत कैंपों में सभी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं। आपदा क्षति का आंकलन कर तत्काल सुरक्षात्मक कार्य करने के भी निर्देश दिये हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र में जन जीवन सामान्य बनाने के लिए सड़क कनेक्टिविटी, विद्युत और पेयजल की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित ने जानकारी दी कि कल देर रात्रि जनपद टिहरी के घनसाली ब्लॉक के जखन्याली के पास बादल फटने से होटल बहने की सूचना प्राप्त हुई। घटना की सूचना प्राप्त होते ही राजस्व टीम, पुलिस, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य, सड़क, विद्युत आदि विभागों की टीम जेसीबी, एंबुलेंस सहित मौके के लिए रवाना हुए। विद्युत विभाग द्वारा तत्काल शट डाउन किया गया। खोज बचाव एवं राहत टीम ने खोज बचाव शुरू किया। इस घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु हुई है। दो लोगों के शव रात्रि में बरामद कर लिये गये थे। एक घायल व्यक्ति ने अस्पताल ले जाने के दौरान दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में आई आपदा में मुयालगांव में घनसाली -चिरबिटिया मोटरमार्ग को जोड़ने वाली पुलिया बहने, एक घोड़ा बहने की घटना एवं अन्य परिसंपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय,एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी मौजूद रहे।

बदलते मौसम से अभी राहत मिलने की उम्मीद नही

मौसम विभाग ने उत्तराखंड में सात फरवरी तक बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। 6 और 8 फरवरी को एक और पश्चिमी विक्षोभ के असर से मौसम में फिर बदलाव दिखने को मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड में कहीं-कहीं शीत दिवस रहने की संभावना है। इसे लेकर अगले दो-तीन दिन राज्य में येलो अलर्ट रहेगा। मौसम विभाग ने सात फरवरी तक चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में बारिश-बर्फबारी की संभावना जताई है। शेष राज्य में मौसम शुष्क रहेगा।
वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के अलावा पाला पड़ने की संभावना है। वहीं, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर जिलों में मध्यम से घना कोहरा छाया रह सकता है। 2000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यम बर्फबारी से सड़कें अवरूद्ध हो सकती हैं। जिला प्रशासन से बर्फ से अवरूद्ध सड़कों को खोलने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का सुझाव दिया गया है। लोगों को फिलहाल पर्वतीय स्थानों में यात्रा न करने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि उत्तर पाकिस्तान से लगे इलाके और जम्मू कश्मीर वाले क्षेत्र से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इसके अलावा राजस्थान और उससे जुड़े हुए इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। 6 के बाद 8 फरवरी को भी एक और पश्चिमी विक्षोभ प्रभावी दिख रहा है।
उधर, उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में 23.6 एमएम बारिश दर्ज की गई है। सभी 13 जिलों में जमकर बारिश हुई है, जिसमें अल्मोड़ा में 21.1, बागेश्वर 28.6, चमोली 25.2, चंपावत 16.1, देहरादून 19.2, पौड़ी गढ़वाल 11.3, टिहरी 26.4, हरिद्वार 27.6, नैनीताल 35.3, पिथौरागढ़ 33.6, रुद्रप्रयाग 18.7, ऊधमसिंह नगर 26.3 और उत्तरकाशी में 15.4 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा मुनस्यारी, धनोल्टी, चकराता, नैनीताल, मुक्तेश्वर, मसूरी, टिहरी, लोहारखेत, पिथौरागढ़, गंगोत्री, ओली में अच्छा हिमपात देखने को मिला है।

उत्तराखंड में अगले पांच दिन और बढ़ेगा ठंड का प्रकोप

मौसम विभाग केंद्र देहरादून ने शीतलहर की आशंका जताते हुए यलो अलर्ट जारी किया है। केंद्र के अनुसार अगले चार पांच दिन शीतलहर और पाला गिरने से कड़ाके की ठंड रहने के आसार हैं। वहीं, मौसम विभाग ने आज अधिकतम तापमान 20 और न्यूनतम तापमान तीन डिग्री के आसपास रहने का अनुमान जताया है।
पहाड़ों से चल रही ठंड़ी बर्फीली हवाओं से शनिवार को राजधानी दून और आसपास के इलाकों में पारा गिर गया। इसके कारण लोगों को भीषण ठंड़ और शीतलहर झेलनी पड़ी। दिन में धूप होने के बावजूद तापमान काफी कम रहा। वहीं, रात को पारा करीब 14 डिग्री गिर गया। राजधानी में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से चार डिग्री तक कम बना हुआ है। शनिवार को सुबह सामान्य समय पर धूप निकल आई लेकिन इसमें चमक और गर्मी काफी कम थी। पूरे दिन इसी तरह हल्की धूप लगी रही। इसके कारण दिन के तापमान में भी कमी दर्ज की गई। लोगों को दिन में भी गर्म कपड़े, मफलर, दस्ताने पहनने पड़े। शाम के समय तेज-तेज ठंड़ी हवाएं चलने से ठंड़ और ज्यादा बढ़ गई। मौसम केंद्र ने रविवार को भी कई इलाकों में शीतलहर रहने और पाला गिरने का अनुमान जताया है। हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर के मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा रहने से शीतदिवस की स्थिति रह सकती है। शनिवार को दिन में अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्य से चार डिग्री कम तापमान रहा। वहीं, रात को न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। यह सामान्य से तीन डिग्री कम तापमान दर्ज किया गया। 
तीर्थनगरी ऋषिकेश शीतलहर की चपेट में आ गई है। अब ठिठुरन भरी ठंड में अलाव ही लोगों का एकमात्र सहारा है, लेकिन नगर निकायों की ओर से आधी अधूरी तैयारियों से लोग परेशान हैं। नगर निगम ऋषिकेश के 40 वार्डों में से मात्र छह जगह ही अलाव जलाए जा रहे हैं। 
समूचे कुमाऊं में शनिवार को शीतलहर का प्रकोप रहा। लोग आग सेंकते नजर आए। तराई-भाबर में कोहरे के साथ ही शीतलहर चलने से जनजीवन ठहर सा गया।
ऊधमसिंह नगर न्यूनतम तापमान के करीब पांच डिग्री सेल्सियस पहुंचने से शुरू हुई शीतलहर के चलते दिल्ली, पंजाब और देहरादून आदि रूटों की बसों का संचालन प्रभावित रहा। कुछ बसें एक से डेढ़ घंटे विलंब से पहुंचीं। काशीपुर में शनिवार को अधिकतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पंतनगर विवि के मौसम विज्ञानी डॉ. आरके सिंह के मुताबिक ऊधमसिंह नगर जिले में कड़ाके की ठंड के बीच शीतलहर शुरू हो गई है। चार से पांच दिनों तक इसी तरह शीतलहर जारी रहेगी। 
मुनस्यारी में रात के समय माइनस चार डिग्री तापमान होने से कई जगह पानी जमने लगा है। लोग अलाव के सहारे रात गुजार रहे हैं। पिथौरागढ़ में रात के समय अधिकतम तापमान आठ तो दिन का 16 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है।

युवा सीएम के जज्बे को सलाम, 15 दिन के अंदर गौलापुल की क्षतिग्रस्त एप्रोच वॉल का होगा निर्माण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह सर्किट हाउस काठगोदाम में जन समस्याएं सुनी। मुख्यमंत्री ने गौलापार क्षेत्रवासियों को आश्वस्त किया कि गौलापुल के क्षतिग्रस्त एप्रोच वॉल का निर्माण 15 दिन के भीतर प्रारम्भ कर दिया जायेगा। क्षेत्र के प्रधान संगठन भी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिले, जिस पर मुख्यमंत्री ने प्रधानों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण किया जायेगा। उन्होंने कहा सरकार हमेशा जनता के साथ है उनकी मदद के लिए हमेशा तत्पर है। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में धैर्य बनाये रखें, समस्याओं का प्राथमिकता से निदान किया जायेगा।
इस अवसर पर आपदा प्रबन्धन मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, महापौर डॉ. जोगेन्द्रपाल सिंह रौतेला, सहित डीजीपी अशोक कुमार, आयुक्त सुशील कुमार, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी के अलावा जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

भारी बारिश से हुई तबाही, राहत और बचाव कार्यों में सेना के हेलीकाप्टर लगाये

प्रदेश में भारी बारिश के दौरान हुए भूस्खलन की घटनाओं में 40 लोगों की मौत हो गई। नैनीताल जिले में ही 25 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में 14 उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर शामिल हैं। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। जबकि, झुतिया गांव में ही एक मकान मलबे में दबने से दंपति की मौत हो गई, जबकि बेटा अभी लापता है। दोषापानी में 5 मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई।
नैनीताल जिले में ही क्वारब में 2, कैंची धाम के पास 2, बोहराकोट में 2 और ज्योलिकोट में एक की मौत हुई। अल्मोड़ा में छह लोगों की मलबे में दबने से मौत हुई है। जबकि, चंपावत में तीन और पिथौरागढ़-बागेश्वर में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। बाजपुर में तेज बहाव में बहने से एक किसान की मौत हो गई। उधर, बारिश का पानी घर में घुसने से फैले करंट से किच्छा में यूपी के देवरिया के विधायक कमलेश शुक्ला के घर में फैला करंट फैलने से बहू की मौत हो गई। नैनीताल के ओखलकांडा और चम्पावत में आठ लोग लापता हैं।
दो दिन से हो रही बारिश से आपदा के चलते एसडीआरएफ की टीमें रातभर बचाव और राहत अभियान में जुटी रहीं। एसडीआरएफ ने इस दौरान छह सौ से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। प्रदेश भर एसडीआरएफ की 29 स्थानों पर पोस्ट हैं। मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी के बाद, सभी टीमों को पहले ही हाई अलर्ट पर रखा गया था। इसी क्रम में एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर कंट्रोल रूम में डटकर, रातभर राहत और बचाव अभियान की निगरानी करते रहे। इस दौरान बारिश से हो रहे नुकसान, सड़क मार्ग पर फंसे वाहनों, पैदल मार्गों पर फंसे यात्रियों की जानकारी जुटाकर उन तक टीमें पहुंचाने का काम किया गया। बल की टीमों ने गौमुख ट्रैकिंग रूट, केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ ही जगह बाढ़ और मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम किया। मंगलवार दोपहर बाद तक बल की टीमों ने छह सौ लोगों को सुरक्षित निकालने में कामयाबी हासिल की।

केदारनाथ में ठंड से बाबा दंडी भारती की मौत
केदारनाथ में बीते कई सालों से रह रहे बाबा दंडी भारती का मंगलवार को निधन हो गया। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह 5 बजे ठंड अधिक बढ़ने से उनकी मौत हुई है। उधर, रुड़की के लंढौरा में बारिश के दौरान एक दीवार गिरन जाने से नौ माह के बच्चे की मौत हो गई।

राहत-बचाव को मिले सेना के तीन हेलीकॉप्टर
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बताया कि, सेना के तीन हेलीकॉप्टर को आपदा को लेकर संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है। सभी डीएम से बारिश की वजह से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है।

पुलिया टूटने से कई गांवों का संपर्क कटा
सोमवार सुबह से हुई मूसलाधार बारिश से गौला की बाढ़ ने पूरे किच्छा क्षेत्र जमकर तबाही मचाई। किच्छा डैम फाटक तेज बहाव से क्षतिग्रस्त गए। कई बस्तियां पानी में डूब गईं। पानी बस्तियों में घुसने से लगभग एक दर्जन घर क्षतिग्रस्त एवं एक पुलिया टूट गई। प्रशासन ने डूबी बस्तियों में बचाव कार्य चला कर लोगों को बाहर निकाला।

मौसम का फिर बिगड़ा मिजाज, बर्फबारी और ओलावृष्टि का अलर्ट

उत्तराखंड के कई इलाकों में आज और कल भारी बारिश और बर्फबारी हो सकती है। कुछ इलाकों में बिजली गिरने का अलर्ट भी जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि होने के भी आसार हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, प्रदेशभर के कई इलाकों में आज मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा। राज्य के ज्यादातर स्थानों में गरज और चमक के साथ बारिश हो सकती है। वहीं, तीन हजार मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ भी गिर सकती है।
राजधानी देहरादून और उसके आसपास के इलाकों में आंधी और बारिश के साथ ओले भी गिर सकते हैं। मौसम विभाग ने कई क्षेत्रों में बिजली गिरने का अनुमान भी जताया है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार एक मार्च को भी ज्यादातर स्थानों पर मौसम इसी तरह का बना रहेगा। उसके बाद हालांकि मौसम में सुधार होगा। बारिश के बावजूद राजधानी में तापमान सामान्य बना रहने की उम्मीद है।

केदारनाथ में बर्फ हटाने का कार्य शुरु
केदारनाथ यात्रा तैयारियों के तहत प्रशासन के दिशा-निर्देशन में यात्रा मैनेजमेंट फोर्स (वाईएमएफ) का 60 सदस्यीय दल गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चरणबद्ध बर्फ सफाई में जुट गया है। शुक्रवार को भीमबली से रामबाड़ा के बीच बर्फ को काटकर रास्ता बनाने का कार्य शुरू किया गया है।
यात्रा मैनेजमेंट फोर्ट (वाईएमएफ) के 44 जवानों समेत 60 सदस्यीय दल बीते एक सप्ताह से भीमबली में डेरा जमाए हुए है। पहले चरण में जंगलचट्टी से भीमबली तक पैदल मार्ग पर जमा हल्की बर्फ को साफ किया गया। दूसरे चरण में शुक्रवार को भीमबली से रामबाड़ा के बीच बर्फ को काटकर रास्ता बनाने का कार्य शुरू किया गया है।
2013 की आपदा के बाद निर्मित नए मुख्य मार्ग के बजाय डेढ़ किमी वैकल्पिक मार्ग पर पांच से छह फीट तक बर्फ है, जिसे साफ करने में दिक्कतें आ रही हैं। क्योंकि यहां घना जंगल होने से धूप कम पड़ती है, जिससे बर्फ की मोटी परत कठोर हो चुकी है। सहायक अभियंता (एई) दीपचंद्र नवानी ने बताया कि एक माह में मरम्मत के सभी कार्य पूरे कर दिए जाएंगे।

मौसम विभाग का आरेंज अलर्ट, प्रशासन ने सावधानी बरतने की दी सलाह

प्रदेश के नौ जिलों में 14 और 15 जुलाई को भारी बारिश की संभावना है। अन्य जिलों में भी अच्छी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी कर अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार देहरादून, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जिले के कई स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। जबकि रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, बागेश्वर जिलों में भी कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश की संभावना है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश में लगातार बारिश का मौसम बना हुआ है।
अगले दो दिन प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। इस पर विभाग ने एडवाइजरी जारी कर दी है। इस दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका भी बनी हुई है। हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही रोकने का सुझाव दिया गया है। साथ ही राज्य सरकार से अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है।
लगातार हो रही बारिश सड़कों पर भारी पड़ रही हैं। पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में दर्जनभर सड़कें बोल्डरों से पट गईं हैं। जहां-तहां मार्ग बंद होने से लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है। पंग्बाबे के पास बोल्डर गिरने से कैलाश यात्रा मार्ग भी बंद हो गया है। जौलजीबी-मदकोट-मुनस्यारी सड़क कई स्थानों में रोखड़ में तब्दील हो गई है। थल-मुनस्यारी सड़क भारी वाहनों के लिए बंद हो गया है। जड़बुंगा-अमल्यानी संपर्क मार्ग, हुनरी-तल्ला खुमती संपर्क मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इनके अलावा, जौलजीबी-मुनस्यारी, समकोट-मुनस्यारी मार्ग बंद हैं। बलतिर-अल्काथल सड़क एक सप्ताह से बंद है। इसे अब तक नहीं खोलने पर ग्रामीणों में रोष है। उन्होंने प्रदर्शन कर नाराजगी जताई।
बागेश्वर जिले में सात सड़कें अब भी बंद हैं। इनमें पोथिंग-शोभाकुंड मोटर मार्ग नौ दिन से बंद है। कपकोट-कर्मी-बघर, कपकोट-कर्मी-तोली सड़क पांच दिन से बंद हैं। डंगोली-कलानी, कपकोट-पोलिंग और रीमा-सनेती-बैकुड़ी भी बंद हैं। बारिश के दौरान जसपुर के ग्राम रामनगर वन में कच्चे मकान की दीवार गिरने से कैलाशो देवी (65) की मौत हो गई। नैनीताल में 80 साल पुराने पांच मंजिले मकान का एक हिस्सा शनिवार सुबह पांच बजे भरभरा कर गिर गया। यह मकान 15 साल से खाली था। नगर पालिका ने मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। उधर, ओखलकांडा ब्लॉक की बड़ौन ग्रामसभा में शनिवार को तूफान और मूसलाधार बारिश से छह घरों की छतें उखड़ गईं। बारिश के पानी से घरों के अंदर रखा सामान भीग गया। पेड़ गिरने से विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
इससे बड़ौन में 150 परिवार अंधेरे में रात काटने को मजबूर हैं। पिछले दो दिन में हुई बारिश से मुनस्यारी और धारचूला में 25 मकान खतरे की जद में आ गए है। धारचूला से मिली जानकारी के मुताबिक कालिका-खुमती सड़क पर खुमती के पास एक मकान सड़क से निकले मलबे में दब गया।