मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में कानपुर में प्रस्तावित प्रथम नेशनल गंगा काउंसिल की बैठक से संबंधित राज्य से जुड़े विषयों के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में नमामि गंगे के तहत संचालित अवशेष कार्यों में तेजी लाई जाए। गंगा एवं उसकी सहायक नदियों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय। कार्यों में तेजी लाई जाए।
नालों के टेपिंग की समुचित व्यवस्था की जाय। गंगा के किनारे पौधरोपण के लिए औषधीय पौधों को प्राथमिकता दी जाए। गंगा के किनारे अतिक्रमण वाले स्थानों को चिन्हित किया जाए। जगजीतपुर, सराय एवं ऋषिकेश में एस.टी.पी से कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी, इसका पूरा आकलन किया जाय। सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड बनाने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि नमामि गंगे के तहत 21 में से 10 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 11 गतिमान हैं। 34 एसटीपी में से 21 पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 13 पर कार्य गतिमान है। जगजीनपुर, सराय एवं ऋषिकेश के एसटीपी से 1017 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। गंगा के किनारे बसे 15 नगरों से प्रतिदिन औसतन 371 मीट्रिक टन कूड़ा उठाया जा रहा है।