चंद्रमा को अर्ध्य दे पति के दीर्घायु की कामना की

गंगातट पर पूजा-अर्चना को जुटी सुहागिनों की भीड़

ऋषिकेश।
बुधवार को करवा चौथ पर दिन ढलते ही त्रिवेणी घाट, स्वर्गाश्रम, लक्ष्मणझूला, तपोवन, मुनिकी रेती, कैलाश गेट सहित गंगा तट के क्षेत्रों में महिलाओं ने दीप जलाकर गंगा की पूजा अर्चना की। सुहागिनों ने चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद अपने पति के दीर्घायु के साथ उनके सुहाग के लिये विशेष अनुष्ठान किये। दिनभ बाजारों में गिफ्ट की खरीददारी के लिये महिलायें अपने पति के साथ शहर के विभिन्न प्रतिष्ठानों पर देखी गई। पति-पत्नी के प्रेम संबंधों के प्रतीक करवा चौथ को लेकर धर्मनगरी में सुहागिनों में खासा उत्साह देखा गया।उधर, दुर्गा मंदिर व इंदिरानगर में महिलाओं ने करवाचौथ पर पूजा-अर्चना कर पति के दीघार्यु की कामना की। पूजन में कुसुम, मीना कंडवाल,हिमानी, लक्ष्मी सजवाण, नेहा, माला देवी, नानकी देवी, वैशाली, आंचल, रीना देवी, मंजू देवी आदि मौजूद थे।
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ज्योतिष डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी बताते है कि करवा चौथ पर सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु की कामना के साथ परिवार की सृमद्वि व सुख शांति के लिये व्रत रखती है।चन्द्रमा मन की चंचलता का कारक है।इसलिये सुहागिनें चन्द्रमा से मन को चंचल न करने की प्रार्थना करती है। बताया कि पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़े इसके लिये करवा चौथ पर पति भी पत्नी के साथ व्रत रखने लगे है।

प्राइवेट स्कूलों ने नहीं माना छुट्टी का आदेश

ऋषिकेश।
राज्य सरकार की ओर से करवाचौथ पर अवकाश के आदेश दिए थे, लेकिन शहर के कई निजी स्कूलों ने यह आदेश नहीं मना। इन स्कूलों में शिक्षिकाएं और महिला स्टाफ करवाचौथ के दिन भी कार्यरत रहा। जबकि शासन से अवकाश की श्रेणी में निजी स्कूलों को भी शामिल किया था।
करवाचौथ के दिन महिला अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। महिलाएं घर में रहे और विधिवत पूजन कर सके, इसे देखते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने करवाचौथ पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। बावजूद बुधवार को निजी स्कूलों ने न तो अवकाश घोषित किया और न ही महिला शिक्षक और कर्मचारियों को छुट्टी दी।
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उत्तराखंड अभिभावक संघर्ष महासंघ के संयोजक रवि कुमार जैन ने बताया कि निजी स्कूलों में मनमानी चल रही है। जब मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है, तो प्रशासनिक अधिकारियों का आदेश क्या मायने रखता है।

“मौखिक शिकायत आयी है। शासन के आदेशों का पालन क्यों नहीं हुआ। जांच कर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।”
वृजेश कुमार तिवारी, एसडीएम ऋषिकेश