ऋषिकेश।
नेशनल और स्टेट हाईवे से शराब की दुकानें हटाकर आबादी क्षेत्र में खोलने का मार्च के तीसरे हफ्ते से ही विरोध चल रहा है। महिलाएं आबादी के आसपास शराब के ठेके खोलने के पक्ष में नहीं हैं। इसके चलते रायवाला, रानीपोखरी, लालतप्पड़ और डोईवाला में भी महिलाओं का धरना-प्रदर्शन चल रहा है। रायवाला, प्रतीतनगर में महिलाएं ग्रामीणों के साथ देर शाम तक धरने पर डटी रहीं। यही स्थिति लालतप्पड़ और डोईवाला की भी रही।
रानीपोखरी के शांतिनगर क्षेत्र में भी ग्रामीणों का विरोध लगातार जारी है। हालांकि इसके बाद भी मंगलवार सुबह 10 बजे तक यहां अंग्रेजी और देसी शराब की दुकानें खुल गईं। हालांकि महिलाओं के प्रदर्शन के कारण दुकान पर ग्राहकों की आमद न के बराबर ही रही। महिलाएं देर शाम तक ठेके के सामने ही बैठी रहीं। उन्होंने आबकारी विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनका कहना है कि क्षेत्र में शराब के ठेकों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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ठेका दूर न ले जाने पर दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी
ऋषिकेश।
गुरुवार को क्षेत्र के ग्रामीण नाघाघेर, रानीपोखरी में एकत्रित हुए और प्रदर्शन कर नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना था कि कोर्ट ने शराब का ठेका पांच सौ मीटर दूर खोलने के निर्देश दिए हैं लेकिन ठेका मेन रोड से मात्र चार सौ मीटर दूर खोलने की योजना है। जहां ठेका खोला जा रहा है। वहां पर गैस गोदाम, हाट बाजार और बच्चों के खेलने का स्टेडियम भी है। गैस गोदाम होने के कारण यहां महिलाएं और बच्चे आते हैं। ठेका खुलने से उन्हें परेशानी होगी। उन्होंने ठेका अन्यत्र खोलने की मांग की। दूसरे दिन धरने पर बैठने वालों में बीना देवी, तारा देवी, राधा देवी, शांति देवी, ममता देवी, प्रमिला देवी, बसंती देवी, रुक्मणि देवी, अतर सिंह, अनिता देवी, रुकमा देवी आदि शामिल थे।