देहरादून संभाग के तहत 45 केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू


देहरादून। केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए पंजीकरण जारी हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग के पास चार दिनों में पहली कक्षा के लिए सीटों के मुकाबले चार गुना से ज्यादा पंजीकरण हो चुके हैं। यहां सीटों की संख्या करीब 1,800 है, जिसमें गुरुवार शाम तक 7,658 पंजीकरण हो चुके हैं। जबकि आवेदन की अंतिम तिथि 15 अप्रैल है। वहीं, इस सत्र से सीटों की संख्या 40 से घटाकर 32 किए जाने के बाद पहली कक्षा में पिछले वर्षों के मुकाबले दाखिले की राह और भी कठिन मानी जा रही है।

देहरादून संभाग के तहत 45 केंद्रीय विद्यालय
केंद्रीय विद्यालय संगठन के देहरादून संभाग के तहत 45 केंद्रीय विद्यालय हैं। इनमें कई केंद्रीय विद्यालयों में दो शिफ्ट चलती हैं। केंद्रीय विद्यालयों में एक अप्रैल से पहली कक्षा के लिए आनलाइन पंजीकरण शुरू हो चुके हैं। अधिकांश अभिभावक चाहते हैं कि देश के टाप सरकारी स्कूलों में होने से केंद्रीय विद्यालयों में उनके भी बच्चे का दाखिला हो। हर वर्ष की तरह इस बार भी लोग आनलाइन पंजीकरण करने में जुटे हैं। केंद्रीय विद्यालयों में हर कक्षा के लिए सीटों की संख्या तय है।

अब तक 40 सीटें हर कक्षा में होती थीं, लेकिन इस बार 32 सीटों पर ही प्रवेश दिए जाएंगे। ऐसे में पंजीकरण के बाद कई लोग स्कूल से भी संपर्क कर रहे हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग की उपायुक्त डा. सुकृति रैवानी का कहना है कि केंद्रीय विद्यालयों में पंजीकरण को लेकर अभिभावक उत्साह दिखा रहे हैं।

बालवाटिका के लिए भी उमड़ रही भीड़
केंद्रीय विद्यालयों में बाल वाटिका में प्रवेश के लिए आवेदन को अभिभावक काफी संख्या में विद्यालय पहुंच रहे हैं। गुरुवार को भी विभिन्न विद्यालयों में अभिभावक पंजीकरण फार्म लेने के लिए पहुंचे। आफलाइन मोड पर बालवाटिका-1 के लिए 31 मार्च तक न्यूनतम तीन वर्ष व चार वर्ष से कम आयु, बालवाटिका-2 के लिए न्यूनतम चार वर्ष व पांच वर्ष से कम, जबकि बालवाटिका-3 के लिए न्यूनतम पांच वर्ष से छह वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

एनईपी में मील का पत्थर साबित होगी बालवाटिकाः डॉ0 धन सिंह रावत

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत देशभर के 50 केन्द्रीय विद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बालवाटिका कक्षाओं का शुभारम्भ करने पर शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एनईपी-2020 के तहत बालवाटिका कक्षाओं की शुरूआत देश की शिक्षा प्रणाली में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने एनईपी-2020 में विशेष मार्गदर्शन के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं एनईपी समिति के चेयरमैन डॉ0 के0 कस्तूरीरंगन का भी आभार जताया।

नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज देशभर के 50 केन्द्रीय विद्यालयों में बालवाटिका कक्षाओं का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क समिति के सदस्यों एवं शिक्षाविदों का आभार जताते हुये बालवाटिका कक्षाओं को बुनियादी शिक्षा के लिये सबसे अहम बताया। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि समिति द्वारा तैयार किया गया पाठ्यक्रम बालवाटिका से कक्षा दो तक के बच्चों के लिये उपयोगी साबित होगा। उन्होंने उत्तराखंड के 4000 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में बालवाटिका कक्षाओं की शुरूआत किये जाने पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

उन्होंने उम्मीद जताई कि देश के अन्य राज्य भी उत्तराखंड की तर्ज पर प्राथमिक शिक्षा में एनईपी लागू करेंगे। उन्होंने देशभर के विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों, बुद्धिजीवियों एवं शिक्षाविदों से आह्वान किया कि वह नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रम तैयार करने में अपना योगदान दें। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि एनसीईआरटी समिति द्वारा तैयार किये गये राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क को सर्वाजनिक डोमेन डालें। उन्होंने विश्वास जताया कि पाठ्यक्रम समिति 21वीं सदी के भारत के निर्माण के लिये एक मजबूत नींव रखने में सफल साबित होगी।

प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने देशभर के 50 केन्द्रीय विद्यालयों में बालवाटिका कक्षाओं के शुभारम्भ को शिक्षा प्रणाली में एक नई क्रांति का उदय बताया। उन्होंने कहा कि यह शुरूआत मैकाले की शिक्षा नीति की परिपाटी को बदलने तथा क्षेत्रीय बोली भाषाओं के विकास में अहम साबित होगी। डॉ0 रावत ने कहा कि उत्तराखंड में इसी माह उच्च शिक्षा में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू कर दी गई है। इसके लिये उन्होंने कैरिकुलम फ्रेमवर्क समिति सहित इस कार्य में सहयोग प्रदान करने वाले सभी शिक्षाविदों एवं विभगीय अधिकारियों का आभार जताया।

तीन माह के भीतर सीबीएसई का क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून में खुलेगा

राज्य में पांच नए केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सीबीएसई, एनआईटी, जेएनवी, केविएस, एनआईओएस, इग्नू के अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव को जमीन उपलब्ध कराने को कहा हैं।

सीबीएसई के 90 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ओएनजीसी तेल भवन परिसर में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को स्मृति चिह्न भेंट किया। इसके बाद उन्होंने सीबीएसई की कार्यप्रणाली की जानकारी दी। चर्चा के दौरान डॉ. निशंक ने सीबीएसई चेयरमैन से फोन पर वार्ता कर तीन माह के भीतर देहरादून में क्षेत्रीय कार्यालय की बिल्डिंग का शिलान्यास करने के निर्देश दिए। बैठक में केंद्रीय विद्यालयों का मुद्दा प्रमुखता से उठा।

केंद्रीय विद्यालयों में 187 पदों के सापेक्ष अभी तक केवल 60 प्रतिशत ने ज्वाइन किया है। इनमें से 40 प्रतिशत ने ज्वाइन नहीं किया है। इस पर मंत्री ने उनकी जगह दूसरों को मौका देने की बात कही। इसके अलावा गौचर, बनबसा, हल्द्वानी, श्रीनगर और ऋषिकेश में केंद्रीय विद्यालय के लिए मुख्य सचिव को जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में सभी केंद्रीय संस्थानों के अधिकारी मौजूद रहे।