कैबिनेट बैठकः केदारनाथ में हेलीपैड का विस्तार, वायुसेना का चिनूक हेलीकाॅप्टर लाएगा भारी भरकम मशीनें

उत्तराखंड में कैबिनेट बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इसमें युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए यह निर्णय लिया गया कि उपनल के माध्यम से पूर्व सैनिकों के साथ ही सिविल लोगों को भी नौकरी दी जाएगी। पड़ोसी देशों से सीमा मसले में चीन व नेपाल सीमा से सटे सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल नेटवर्क को मजबूत किए जाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए कपंनियों को सरकार एकमुश्त राशि देगी। इसी के साथ ही सरकार केदारनाथ नव निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए यहां हेलीपैड का विस्तार करने जा रही है। इसके बाद यहां वायुसेना का चिनूक हेलीकाॅप्टर आ सकेगा। जो भारी भरकम मशीनों को लाने में सक्षम है।
राज्य कैबिनेट ने शुक्रवार को केदारनाथ हेलीपैड विस्तार की योजना पर मुहर लगाई है। योजना के तहत अभी धाम में मौजूद 40 मीटर चैड़ा और 50 मीटर लंबा हेलीपैड को, 100 मीटर लंबा और 50 मीटर चैड़ा किया जाना है। इसके लिए कुछ भवनों को भी ध्वस्त किया जाएगा, जिससे हेलीपैड के सामने पचास मीटर और खुली जगह उपलब्ध हो पाएगी।

सरकार ने कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया कि उपनल में अब पूर्व सैनिकों के साथ सिविल वालों को भी नौकरी का मौका मिलेगा। मगर, नौकरी पर पूर्व सैनिकों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी। उत्तराखण्ड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 को लाने पर मंजूरी हुई है। कोरोनाकाल में विधायकों के वेतन कटौती को लेकर सरकार विधानसभा में विधेयक लाएगी। राजकीय महाविद्यालयों में 257 संविदा-गेस्ट टीचरों की अवधि एक साल तक बढ़ाई गई।

मेडिकल कॉलेज में मेडिकल सोशल वर्कर्स सेवा नियमावली को भी मंजूरी दी गई है। उत्तराखण्ड नागरिक सुरक्षा क और ख नियमावली में संशोधन किया गया है, कृषि विभाग का शासन स्तर में अनुभाग एक हुआ, पहले चार अनुभाग थे। हरिद्वार स्थित माया देवी व जूना अखाड़ा की ऊंचाई की परमिशन कैबिनेट ने दी ।

सतर्कता विभाग को आरटीआई के नियम से बाहर किया है। प्रदेश में 25 किलोवाट के सौर्य मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को मंजूरी दी गई है साथ ही स्टाम्प पेपर में 100 प्रतिशत की छूट। देहरादून के मेहर गांव में शहीद के नाम पर बनने वाले पेट्रोल पंप में नियमों में दी गई छूट गई है। पर्यटन को बढावा देने के लिए पर्यटक प्रोत्साहन कूपन योजना को शुरू किया गया, ई-बुकिंग करने वाले पर्यटकों को पर्यटक स्थलों पर 3 दिन रहने पर 1000 रूपए की छूट मिलेगी।

सिंचाई विभाग में निर्माण कार्यों में छोटे ठेकेदारों के लिए रास्ता तलाशने के लिए सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है। यह समिति नहरों के निर्माण, बाढ़ सुरक्षा, रिवर ट्रेनिंग आदि कामों में टेंडर की वर्तमान शर्तों शिथिलता का अध्ययन करेगी। राज्य के छोटे ठेकेदारों की सुविधा के लिए सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने इसका प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए थे।

देहरादून। सीएम सोलर स्वरोजगार योजना में स्टांप ड्यूटी पूरी तरह माफ कर दी गई है। इसमें दो लाख रुपये तक सब्सिड़ी मिलेगी और भूउपयोग परिवर्तन की जरूरत नहीं होगी। इस तरह सरकार ने 25 किलोवॉट के सोलर प्लांट के जरिए राज्य के दस हजार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में कदम उठाया है।

प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों का अवलोकन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से श्री केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। उन्होंने केदारनाथ मन्दिर परिसर, आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट एवं आस्था पथ, भैरव मन्दिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल, मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का अवलोकन किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पेच को श्री केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाय, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके। इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाय। इससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उनका सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए ताकि इनका स्वरूप आकर्षक हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किये जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिन्हित कर पहले उन्हे पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से हर सम्भव मदद दी जायेगी। भगवान बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में यात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग 200 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ जी के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है। मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी के पालन करते हुए एक दिन में अधिकतम 800 लोग दर्शन कर सकते हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा हो जायेगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, यह कार्य 30 जून जक पूर्ण हो जायेगा। भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है। तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 05 ब्लॉको में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से 02 ब्लाको में बनाये जा चुके हैं, शेष ब्लाको में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जायेगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा। मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 31 मार्च 2021 तक पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है।

कपाट खोलने की तिथियां बदली, देश-दुनिया को राष्ट्रधर्म के अनुपालन का दिया संदेश

श्री बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि परिवर्तित की गई है। जिसका धर्माचार्यो और धर्म विशेषज्ञों ने स्वागत किया है। वहीं, केदारनाथ के कपाट खुलने की नई तिथि आज घोषित होगी। धर्म मर्मज्ञों का कहना है कि पहले कभी भी ऐसी परिस्थितियां नहीं आई, जब बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बदलनी पड़ी हो। बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग ने भी राजाज्ञा के अनुसार क्वारंटाइन रहना स्वीकार कर देश-दुनिया को राष्ट्रधर्म के अनुपालन का संदेश दिया है। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल कहते हैं कि आपातकाल में राजधर्म ही सब धर्मों में श्रेष्ठ है। ऐसे में बदरीनाथ के कपाट खोलने की तिथि परिवर्तित किया जाना राजधर्म के पालन के साथ ही धर्मग्रंथों के हिसाब से भी उचित है। कहा कि शीतकाल में भगवान नारायण के धाम में देवपूजा का विधान है। देवताओं की ओर से स्वयं देवर्षि नारद भगवान नारायण की पूजा करते हैं। कपाट खुलने के बाद नर पूजा का विधान है। लेकिन, देश में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन से हर व्यक्ति घरों में ही रह रहा है। ऐसे में हक-हकूकधारी, श्रद्धालु व स्थानीय लोगों के बिना कपाट खोलने से नर पूजा के मायने नहीं रह जाते। कहा कि कई प्रांतों से गुजरकर आए मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी भी नियमानुसार स्वास्थ्य परीक्षण करा चुके हैं। साथ ही उन्होंने लॉकडाउन के नियमों का पालन कर क्वारंटाइन को स्वीकार किया। यह अनुकरणीय पहल है।
धर्माधिकारी ने कहा कि टिहरी के राजा को ’’बोलांदा बदरी’’ माना गया है। ऐसे में राजा का निर्णय स्वयं नारायण का निर्णय है और यह प्रजा के हित में भी है। बदरीनाथ पूर्व धर्माधिकारी जगदंबा प्रसाद सती का कहना है कि संकटकाल के दौरान राजधर्म में ही सारे धर्म लीन हो जाते हैं। इन दिनों कोरोना महामारी के चलते देश में महाभय का वातावरण है। ऐसे में राजधर्म का पालन कर तिथि आगे बढ़ाने का निर्णय धर्मसंगत है। कहा कि जनता से ही जनार्दन की शोभा है और वर्तमान परिस्थितियां जनार्दन के दर पर जाने से जनता को रोकती हैं।

शीतलहर की चपेट में उत्तर भारत, कई जिलों में ठंड से मौत की खबर

पहाड़ों में लगातार हो रही बर्फबारी के चलते उत्तरी भारत शीतलहर की चपेट में है। ठंड से अब तक देशभर के विभिन्न जिलों में 25 लोगों की जान चली गई।
इनमें चंदौली में 6, हमीरपुर में 4, बांदा, बलिया व गाजीपुर में 2-2, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, चित्रकूट, महोबा, फतेहपुर व हाथरस में एक-एक की मौत हुई है। प्रदेश में बागपत में न्यूनतम तापमान 4.9, मुजफ्फनरगर में 5 और सहारनपुर 6 व वाराणसी में 8.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
फिलहाल ठंड से राहत के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं। पूर्वांचल में बीते 24 घंटे में 15 लोगों की जान चली गई। चंदौली जिले में मजनू (5), इंद्रनाथ सिंह चैहान (62), लक्ष्मण यादव (65), रज्जन मौर्या (60), रामवृक्ष मौर्य (60) और वीरेंद्र माली (55) की ठंड से मौत हो गई।
गाजीपुर में चमेला देवी (68) व रेखा (6) और बलिया में शिव शंकर यादव उर्फ पेटू (70), उपेंद्र यादव (48) की मौत हुई है। इसके अलावा वाराणसी में सिताबुन (75), भदोही में राजनारायण गुप्ता उर्फ नबी (53), जौनपुर में सालिक राम (50) और आजमगढ़ में बालचंद (58) तथा मऊ में एक अज्ञात वृद्ध की भी मौत हो गई।
बुंदेलखंड के महोबा में रूपरानी (70), हमीरपुर में समर (7), गजराज यादव (75), फूलमती (85) व सुखदेई सिंह (90) की भी ठंड से जान चली गई। चित्रकूट में जगदीश प्रसाद, बांदा में दुर्गेश लोध (38) और झंडू (90) की मौत हुई है। उधर, फतेहपुर जिले के असोथर क्षेत्र के बेसढ़ी गांव निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक राजविभीषण राजपूत व हाथरस में अलीगढ़ रोड स्थित गांव तमनागढ़ी में एक बुजुर्ग की ठंड से मौत हो गई।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होते ही बृहस्पतिवार को पहाड़ों पर फिर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया जिससे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप बढ़ गया। उत्तराखंड के केदारनाथ, बदरीनाथ, तुंगनाथ, हेमकुंड साहिब, मद्महेश्वर समेत ऊंचाई वाले स्थानों व हिमाचल के रोहतांग और किन्नौर में हिमपात हुआ है। वहीं जम्मू लगातार तीसरे दिन धुंध की चपेट में रहा, शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर हल्की बर्फबारी या बारिश होने की संभावना है।
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे के बाद से हल्की बर्फबारी शुरू हो गई थी, जो शाम तक जारी रही। यहां पहले से छह फुट से अधिक बर्फ मौजूद है। उधर, चमोली जिले में 12-13 दिसंबर को हुई बर्फबारी के चलते अभी भी करीब 90 गांवों में विद्युत आपूर्ति ठप पड़ी है। वहीं सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बृहस्पतिवार को नीती और माणा घाटियों को जोड़ने वाली सड़कों को वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारु कर दिया है।
हिमाचल में ताजा बर्फबारी के चलते प्रशासन ने सैलानियों को सोलंगनाला जाने से रोक दिया है। रोहतांग दर्रा के साथ कुल्लू, लाहौल और किन्नौर की ऊंची पहाड़ियों में बृहस्पतिवार को रुक-रुककर बर्फबारी का दौर जारी रहा। खराब मौसम की वजह से गगल हवाई अड्डे में जहाज भी नहीं उतर पाए। वहीं हिमाचल में इस बार भी व्हाइट क्रिसमस की उम्मीद टूट गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 22 से 25 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान जताया है।
रिलकोट में बर्फबारी में फंसे जवान-पोर्टर सुरक्षित निकाले जाएंगेरू मुनस्यारी के रिलकोट में बर्फबारी के बीच फंसे आईटीबीपी के आठ जवानों और सात पोर्टरों को सुरक्षित निकालने की कोशिश शुरू हो गई हैं। आईटीबीपी ने रेलकोट में हैलीपेड तैयार कर लिया है। साथ ही एयरफोर्स अधिकारियों से फंसे जवानों और पोर्टरों को निकालने के लिए पत्र लिखा गया है।

चुनाव परिणाम से पहले फडणवीस पहुंचे केदारनाथ, लिया जीत का आर्शीवाद

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पूर्व पत्नी सहित परिवारिक सदस्यों के साथ बुधवार को बाबा केदार के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने चुनाव में जीत के लिए बाबा का आशीर्वाद लिया।
सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस सुबह साढ़े दस बजे चार्टर हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम पहुंचे। यह उनका निजी कार्यक्रम था, जिस कारण प्रशासन व पुलिस को इस बारे में कोई सूचना नहीं थी। मंदिर पहुंचने पर मुख्य पुजारी केदार लिंग ने उनकी पूजा संपन्न करवाई। रुद्राभिषेक करने के बाद फडणवीस ने मंदिर की परिक्रमा की और कुछ देर तक केदारनाथ की हिमाच्छादित चोटियों के सौंदर्य को निहारते रहे। इस दौरान मंदिर समिति की विजिटर बुक में फडणवीस ने लिखा कि वह बाबा केदार के दर्शनों से अभिभूत हैं और स्वर्ग में होने जैसा अहसास कर रहे है। करीब डेढ़ घंटा केदारनाथ धाम में रहने के बाद फडणवीस वापस लौट गए। गौरतलब है कि इसी वर्ष मई माह में लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने गर्भगृह में रुद्राभिषेक किया तो मंदिर की परिक्रमा भी की और दोपहर बाद करीब दो बजे वह साधना के लिए एकांत स्थल, मंदिर से 1.5 किलोमीटर दूर ध्यान गुफा में चले गए थे। यहीं रात्रि विश्राम भी किया था।