यूपी के कानपुर में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यूपी एसटीएफ ने गिरोह के सरगना सौरभ सिंह सहित 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरोह यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित बॉयोमेट्रिक मानकों को बाइपास करके फर्जी आधार कार्ड बनाने के काम को तेजी से अंजाम दे रहा था। इनके पास से 18 फर्जी आधार कार्ड के साथ ही इसे बनाने के सभी उपकरण बरामद कर लिए गए है।
जानकारी के मुताबिक, यूपी एसटीएफ को फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। यूआईडीएआई को इसकी पुख्ता सूचना मिलने के बाद इसके डिप्टी डायरेक्टर द्वारा लखनऊ के साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया गया। इससे पहले इससे संबंधित कई केस लखनऊ, देवरिया और कुशीनगर में भी दर्ज कराये जा चुके हैं। एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश के निर्देश के बाद एक टीम इसकी जांच में लगी हुई थी।
कानपुर का है मास्टरमाइंड सौरभ
पुलिस को पता चला कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड सौरभ सिंह कानपुर का रहने वाला है। इसके बाद पुलिस ने कानपुर के बर्रा में दबिश देकर सौरभ सिंह सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने बताया कि वे आधार कार्ड बनाने के लिये निधार्रित मानकों को बाईपास करते हुए बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से अधिकृत आपरेटर्स के फिंगर प्रिन्ट ले लेते हैं। इसके बाद उसका बटर पेपर पर लेजर प्रिंटर से प्रिंट आउट निकालते हैं।
इस तरह से करते थे फर्जीवाड़ा
इसके बाद फोटो पॉलीमर रेजिन केमिकल डालकर पॉलीमर क्यूरिंग उपकरण में पहले 10 डिग्री फिर 40 डिग्री तापमान पर कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट, मूल फिंगर प्रिन्ट के समान तैयार कर लेते हैं। उसी कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट का प्रयोग करके आधार कार्ड की वेबसाइट पर लॉगिन करते हैं। फिर आधार कार्ड के इनरोलमेंट की प्रकिया पूरी कर लेते है। तैयार किया गया कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट ऑपरेटर के मूल फिंगर प्रिन्ट की तरह ही काम करता है।
पूछताछ में पता चला कि हैकर्स अनधिकृत आपरेटर्स से 5-5 हजार रुपये लेते थे। पूछताछ और जांच में यह तथ्य सामने आया है कि यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी पॉलीसी का रजिस्ट्रार, इनरोलमेंट एजेंसी, सुपरवाइजर, वेरीफायर और ऑपरेटर द्वारा नहीं किया गया है। इसकी वजह से हैकर्स फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने में सफल हो जाते हैं। अब पूरे आधार इनरोलमेंट प्रॉसेस की सिक्योरिटी आडिट कराई जाएगी। इसकी जांच जारी है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सौरभ सिंह, कानपुर, शुभम सिंह, कानपुर, शोभित सचान, कानपुर, शिवम कुमार, फतेहपुर, मनोज कुमार, फतेहपुर, तुलसीराम, मैनपुरी, कुलदीप सिंह, प्रतापगढ़, चमन गुप्ता, हरदोई, गुड्डू गोंड, आजमगढ़, सतेन्द्र कुमार, कानपुर के रूप में हुयी।