बीमार बच्चे पर दो दिन तक नर्स से करवाया गया एक्सपेरिमेंट, परिजनों को नहीं बताया

चिल्ड्रन होम अकादमी में 20 सितंबर को हुई छात्र अभिषेक रविदास निवासी जालंधर पंजाब की मौत मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी सोमवार को स्कूल पहुंची। यहां स्कूल प्रबंधन, समस्त स्टाफ और बच्चों से बातचीत के बाद उन्होंने यहां निठारी कांड यानी मानव अंग तस्करी की आशंका जताई हैं।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि बीमार छात्र को स्कूल के छोटे से अस्पताल में नर्स की देखरेख में रखा गया। इसके लिए अध्यक्ष ने स्कूल प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जब छात्र दो दिन से बीमार था, तो उसे अस्पताल के बजाए अपने स्कूल के ही छोटे से अस्पताल में क्यों रखा गया? स्कूल के अस्पताल में आखिर चिकित्सक की तैनाती क्यों नहीं है? नर्स सिर्फ प्राथमिक उपचार दे सकती है, बीमार बच्चे के साथ दो दिन तक प्रयोग नहीं कर सकती।

आखिर हॉस्टल के बगल में कब्रिस्तान कैसे बना दिया गया
आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि आखिर हॉस्टल के बगल में ही स्कूल प्रबंधन ने कब्रिस्तान कैसे बना दिया? इसकी इजाजत उन्हें कैसे मिली? स्कूल प्रबंधन से पूछा कि कब्रिस्तान में दफन होने वाले का नाम, पता, जन्मतिथि सहित अंतिम क्रिया की तिथि उसकी कब्र के ऊपर क्यों नहीं लगाई गई है? इस पर स्कूल प्रबंधन ने गोलमोल जवाब दिया।

आंदोलन को धार देने के लिए की थी राजनीति, ऐसे थे रणजीत सिंह वर्मा

जननायक और पूर्व विधायक रहे रणजीत सिंह वर्मा की अंतिम यात्रा में आज सुबह भारी हुजूम उमड़ा। सुबह दस बजे उनके आवास से अंतिम यात्रा निकली और लक्खीबाग देहरादून में उनका अंतिम संस्कार किया। बतातें चले कि सोमवार सुबह सात बजे उनका स्वर्गवास हो गया था।
पूर्व विधायक और राज्य आंदोलनकारी रणजीत सिंह वर्मा का सोमवार सुबह जौलीग्रांट अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। अस्पताल में पिछले पांच दिनों से उनका इलाज चल रहा था। वे अविभाजित उत्तरप्रदेश की मसूरी विधानसभा के दो बार विधायक रहे थे। उनके निधन पर उनके निकट सहयोगी रहे क्षेत्र के तमाम लोगों ने दुख जताया है। जौलीग्रांट के पूर्व प्रधान और उनके सहयोगी रहे कुंवर सिंह मनवाल कहते हैं कि उनके निधन की खबर डोईवाला के लिए अपूर्णनीय क्षति है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं दुरूख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक उत्तराखंड के निर्माण में रणजीत सिंह के संघर्षों को सदैव याद रखा जाएगा।

शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान
पूर्व विधायक रणजीत सिंह वर्मा के निधन पर डोईवाला क्षेत्र के लोग स्तब्ध हैं। उनका नाम शिक्षा के प्रचार प्रसार और गन्ना राजनीति में बेहद आदर के साथ लिया जाता है। आजीवन मूल्यों और सिद्धांतों पर चलकर उन्होंने गन्ना राजनीति और डोईवाला में शिक्षा को बढ़ावा देने का काम किया। पृथक राज्य निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पूर्व विधायक रणजीत सिंह वर्मा का कार्य क्षेत्र डोईवाला रहा।
तरली जौलीग्रांट में उनका निवास स्थान है। क्षेत्र में उनके पास काफी खेती बाड़ी होने के कारण प्रगतिशील किसान कहा जाता रहा है। गन्ना राजनीति में करीब तीन दशक से भी अधिक समय तक उनकी पकड़ रही है। गन्ना परिषद डोईवाला में करीब 25 सालों तक लगातार अध्यक्ष का दायित्व निभाया।
डोईवाला शुगर मिल के पुनर्निर्माण में भी उनका बड़ा योगदान रहा। अविभाजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे स्व. नारायणदत्त तिवारी से उनका स्नेह होने के कारण डोईवाला चीनी मिल की पेराई क्षमता बढ़ाकर उसको आधुनिक रूप दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही एक शिक्षक के रूप में भी उन्होंने काम किया। क्षेत्र के सबसे पुराने पब्लिक इंटर कॉलेज डोईवाला के प्रबंधक का काम साल 1966 से 2018 तक निभाया। जबकि आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज के वह अभी तक प्रबंधक रहे।