राज्य में निवेश के लिए सीएम ने की चर्चा, उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने दिए सुझाव

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के सफल आयोजन हेतु नीतिगत आधार तथा मार्गदर्शन उपलब्ध कराये जाने के लिए गठित मुख्यमंत्री सलाहकार समूह की पहली बैठक सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य में औद्योगिक निवेश बढ़ाने, रोजगार को बढ़ावा देने एवं राज्य की आर्थिकी में वृद्धि के लिए आगे की कार्ययोजनाओं पर चर्चा की गई। राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए और क्या बेहतर प्रयास किये जा सकते हैं, इसके लिए औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों से सुझाव लिये गये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए निवेशकों द्वारा जो भी सुझाव दिये जा रहे हैं, उन सभी सुझावों को गंभीरता से लेते हुए उनको कार्यरूप में लाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि इन्वेस्टर समिट होने तक राज्य में निवेश की अच्छी ग्राउंडिंग हो जाय। इसके लिए नीतियों का सरलीकरण के साथ उन पर तेजी से क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों को सभी अनुमतियां समय पर मिल जाएं इसके लिए समय सीमा निर्धारित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है, राज्य में निवेशकों को हर सम्भव सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के प्रयास राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में शांति व्यवस्था के साथ ही बेहतर मानव संसाधन भी उपलब्ध है। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि उन्हें जिन-जिन क्षेत्रों में दक्ष मानव संसाधन की आवश्यकता है, वह बताई जाए। राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्थाएं की जायेंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हुआ है। इन्वेस्टर समिट में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा निवेशकों को राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों के रोजगार के संसाधन बढ़ेगे ओर पलायन भी रूकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें हमारे उद्योग जगत से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों से लगातार संवाद हो रहे हैं। विभिन्न बैठकों में निवेशकों द्वारा उठाई गई समस्याओं के निस्तारण के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 से निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ेगें एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उद्योग जगत में हो रहे नए नवाचारों से हमारे उद्यमियों को भी लाभ प्राप्त होगा। राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों एवं उद्यमियों की लगन, फीडबैक से हमारा राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में अचीवर्स की श्रेणी में सम्मिलित होकर अन्य कई बड़े राज्यों के समकक्ष खड़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारम्भ किये गये मेक इन इण्डिया और पी. एम. गति शक्ति जैसी केन्द्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं में उत्तराखण्ड के उद्यमी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आजादी के इस अमृत काल में उत्तराखण्ड को भी आगे बढ़कर अपना योगदान देना है, इसमें उद्योग जगत की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है। औद्योगिक विकास के बैकबोन लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूत करने और राज्य में व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनायें शुरू की गयी है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में आई०सी०डी० की स्थापना की गयी है। शीघ्र ही अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का कार्य आरम्भ होने वाला है। राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड लॉजिस्टिक्स नीति-2023 प्रख्यापित की गयी है, जिससे आधारभूत संरचना के विकास में मदद मिलेगी। राज्य सरकार ने विकसित उत्तराखंड को केंद्र में रख कर अपनी नीतियां बनाई हैं और यहीं कारण है कि आज उत्तराखंड तेजी से बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल एवं सौरभ बहुगुणा ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपने सुझाव दिये।
इस अवसर पर निवेशकों द्वारा राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए अनेक सुझाव दिये गये। बैठक में औषधीय पादपों को बढ़ावा देने, राज्य में संचालित उद्योगों का सर्वे करने, उद्योगों की स्थापना के लिए अनुमतियां प्राप्त करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने, उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लैण्ड बैंक बनाने के सुझाव प्राप्त हुए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, औद्योगिक जगत से पतंजलि से आचार्य बालकृष्ण, सुभाष त्यागी, आईआईएम काशीपुर से प्रो. कुलभूषण बलूनी, आईआईटी रूडकी से प्रो. कमल किशोर पंत, चेयरमैन ग्राफीक ऐरा कमल घनशाला, अनिल गोयल, विजय धस्माना, डॉ. एस. फारूक, मुकुन्द प्रसाद, पंकज गुप्ता एवं औद्योगिक जगत से जुडे़ अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

35 हजार करोड़ के एमओयू धरातल पर, 15 हजार करोड़ की परियोजनाओं में उत्पादन शुरु

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित उत्तराखण्ड निवेशक सम्मान समारोह के दौरान निवेशकों को प्रतीक चिन्ह तथा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म के मंत्र के साथ आगे बढ़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों ने उद्योग के क्षेत्र में प्रदेश को नया आयाम दिया है। प्रदेश की आर्थिकी व राजस्व को बढ़ाने में औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का योगदान अमूल्य है। आप सभी हमारे ब्राण्ड अम्बेसडर है। उत्तराखण्ड योग, आध्यात्म एवं आयुष की भूमि है। उत्तराखण्ड औद्योगिक विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उद्योगों के लिए जैसा वातावरण उत्तराखण्ड में है, यह निवेशकों को उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित करता है। जनवरी, 2020 से अब तक प्रदेश में 15 हजार करोड़ की परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हुआ है। कोरोना जैसी महामारी आने के बावजूद इतना निवेश प्रदेश में आना निश्चित ही बड़ी उपलब्धि है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, नीति सुधार व सरलीकरण की दिशा में काफी काम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश को एक नई पहचान मिल रही है। इन आठ सालों में भारत समृद्ध एवं शक्तिशाली बना है। प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है जिसका परिणाम आप सभी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिये अच्छी सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का होना जरूरी है, इन क्षेत्रों में राज्य में तेजी से कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के युवाओं की क्षमता, समर्पण, कड़ी मेहनत और समझ में विश्वास दिखाने के लिए निवेशकों को धन्यवाद दिया और कहा कि जो परियोजनाएं शुरू की गई हैं, वे राज्य में नई संभावनाएं पैदा करेंगी और राज्य के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि हम “रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म“ के मंत्र के साथ आगे बढ़े हैं। हमने नीतिगत स्थिरता, समन्वय तथा व्यापार करने में सुगमता पर जोर दिया है। उन्होंने निवेशकों और उद्योगपतियों को यह कहते हुए आश्वस्त किया कि राज्य सरकार नीति, निर्णयों और सकारात्मक उद्देश्य के साथ विकास के काम करती है। हम सब आपके हर प्रयास में आपके साथ रहेंगे और हर कदम पर आपका साथ देंगे।
उद्योग मंत्री चन्दन राम दास ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना जब हुई तो हर किसी की कल्पना थी कि पहाड़ का पानी एवं जवानी पहाड़ के काम आये। यह तभी सम्भव हो सकता था जब उत्तराखण्ड में उद्योगों को तेजी से बढ़ावा मिले। 2018 में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इन्वेस्टर सम्मिट आयोजित किया गया, जिसके सफल परिणाम भी देखे गये। प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना होगा।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये प्रमुख गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र कम पूंजी निवेश से अधिक उत्पादन एवं रोजगार सृजित कर सकता है। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में राज्य आगे बढ़ रहा है।
सचिव उद्योग डॉ पंकज कुमार पाण्डेय ने अपने संबोधन में निवेशकों को बधाई दी और राज्य में भविष्य में अपने उद्योग के विस्तार के लिए उनका आवाहन किया। उन्होंने कहा कि सरकार नई नीतियों को लागू कर रही है और राष्ट्रीय गति शक्ति योजना बनाने के प्रधान मंत्री जी के दृष्टिकोण की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।

इन्वेस्टर्स समिट के बाद 35 हजार करोड़ के एमओयू धरातल पर क्रियान्वित
राज्य ने 2018 में अपना पहला निवेश शिखर सम्मेलन ’डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड आयोजित किया था, जिसमें कई क्षेत्रों में 600 से अधिक निवेशकों द्वारा रूपये एक लाख चौबीस हजार करोड़ से अधिक के समझौता ज्ञापन/निवेश इच्छा पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए थे। हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों के कार्यान्वयन का नियमित रूप से अनुश्रवण किया गया। इसके परिणामस्वरूप रू. 35 हजार करोड़ से अधिक के एमओयू धरातल पर क्रियान्वित हो गए हैं। यह परियोजनाएं विभिन्न क्षेत्रों की हैं, जिनमें विनिर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र सम्मिलित हैं।
राज्य सरकार ने आयोजित सम्मान समारोह में ऐसे निवेशकों को सम्मानित किया जिन्होंने 2020 के बाद अपना उत्पादन कार्य प्रारम्भ किया था। इस आयोजन में 68 निवेशकों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें एमएसएमई एवं वृहद स्तर, दोनों क्षेत्रों के निवेशक सम्मिलित थे। आयोजन में निवेशकों ने अपने अनुभव साझा किए और राज्य में व्यापार करने में आसानी की सराहना की। उन्होंने उत्तराखण्ड में निवेश के लिए मैत्रीपूर्ण शान्त वातावरण की भी प्रशंसा की। इस अवसर पर निवेशकों ने कहा कि वे उत्तराखण्ड में और अधिक निवेश के लिए उत्साहित हैं।
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण, आयुक्त उद्योग रोहित मीणा तथा निदेशक उद्योग एस. सी. नौटियाल, आर.जे. काव्य, प्रमुख उद्यमी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।