मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर रोड स्थित होटल में उद्योग विभाग द्वारा आयोजित उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट-2023 में हुए निवेश प्रस्तावों की ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 11 परियोजनाओं का शिलान्यास करने के साथ ही उद्योग विभाग के 64 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उद्योग जगत से आये हुये उद्योगपतियों तथा प्रतिनिधियों का स्वागत, करते हुये कहा कि आज ग्राउंडिंग सेरेमनी के तहत 27 हजार करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउण्डिग की जा रही है, इस प्रकार अब तक 71 हजार करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउण्डिग की जा चुकी है। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि आप हमारे ब्राण्ड अम्बेस्डर ही नहीं, बल्कि उससे भी बढ़कर की भूमिका आप लोगों ने निभाई है। हमने दिल्ली, लन्दन, दुबई, अहमदाबाद, मुम्बई, ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून आदि स्थानों पर निवेश हेतु जितने प्रयास किये, उसे आगे बढ़ाने का कार्य आप लोगों ने किया तथा विकास के हर क्षेत्र में आपने योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के सपने साकार हो रहे हैं तथा व्यापार, विकास और विश्वास का वातावरण बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ग्राउण्डिंग हमारे द्वारा सम्पादित एमओयू का 20 प्रतिशत है, जो हमने महज 3 माह में प्राप्त किया है। इसे हम शत-प्रतिशत करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने इन्वेस्टर समिट के दौरान जो सपने देखे थे, वे सपने अब धीरे धीरे धरातल पर उतरने लगे हैं। उन्होंने कहा कि अवस्थापना के क्षेत्र में आज निरन्तर प्रगति हो रही है। कनेक्टिविटी के क्षेत्र में चाहे रेल हो, सड़क हो या हवाई इसमें लगातार सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ के लिये 42 सीटर हवाई जहाज संचालन की अनुमति मिल चुकी है तथा पन्तनगर को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक कहा है। प्रधानमंत्री का इस राज्य से विशेष लगाव के साथ उनका उत्तराखण्ड से कर्म व मर्म का रिश्ता है और पिछले 10 सालों में उनके मार्गदर्शन में प्रदेश के सभी क्षेत्रों में अनेक विकास कार्य हुये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव के कारण उत्तराखण्ड को जहां एक नई पहचान मिली है, वहीं लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि हम उनके मार्गदर्शन में विकसित भारत व विकसित उत्तराखंड के निर्माण के संकल्प के साथ काम कर रहे हैं तथा लाखों-करोड़ों रुपए का निवेश उत्तराखंड की धरती पर उतर रहा है, इसी का प्रतिफल है कि उत्तराखंड में “व्यापार, विकास और विश्वास“ का आज नया माहौल बना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत हुए 3.56 लाख करोड़ के एमओयू को इसी तरह समय समय पर धरातल पर उतारने का काम आप सभी के सहयोग से किया जाएगा। हमारा प्रयास उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के साथ ही एक मॉडल स्टेट के रूप में विकसित करने का संकल्प है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्टार्टप उत्तराखण्ड ग्राण्ड चेंलेंज 2022-23 के विजेताओं-साक्षी एण्ड ग्रुप, अंकुश गर्ग, सौम्यदीप एण्ड अभि, लव शर्मा, मयंक बिष्ट, अरूण शर्मा, तेजस एण्ड वंश, समृद्धि एण्ड ग्रुप, समृद्धि एण्ड शिव साक्षी तथा कुलदीप बिष्ट को पुरस्कृत भी किया।
कार्यक्रम को कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सम्बोधित करते हुये कहा कि उत्तराखण्ड नित नये-नये प्रतीयमान स्थापित कर रहा है तथा यहां उद्योगों के अनुकूल वातावरण होने के साथ ही सभी प्रकार की अवस्थापना सुविधायें मौजूद हैं और मुख्यमंत्री के मंत्र-सरलीकरण, निस्तारण, समाधान के तहत कार्य करते हुये राज्य निरन्तर प्रगति कर रहा है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिये हमने 30 नई नीतियां बनाई है तथा हमारा उद्योग जगत से निरन्तर संवाद बना हुआ है उद्योगों से सम्बन्धित जो भी समस्या होगी, उनका त्वरित निस्तारण किया जायेगा ताकि उत्तराखण्ड इन्वेस्टमेंट में भी अग्रणी राज्य बन सके।
कार्यक्रम को अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव उद्योग विनय शंकर पाण्डेय ने भी संबोधित करते हुए अब तक हुए निवेश के सम्बन्ध में विस्तार से प्रकाश डाला।
समारोह को उद्योग जगत से जुड़े हुये पवन अग्रवाल नैनी पेपर तथा श्री आर0एस0 यादव इण्डिया ग्लाइको ने भी सरकार की उद्योग नीति की सराहना करते हुये अपने विचार रखे।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव आर0 मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष सचिव डॉ0 पराग मधुकर धकाते, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, उद्योग समूहों के प्रतिनिधि, उद्योगपतिगण, विभिन्न एसोसिएशनों के पदाधिकारीगण सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
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इन्वेस्टर्स समिट के रोड शो में किये गये एमओयू को धरातल पर उतारने के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में राज्य के विकास कार्यों में तेजी लाने एवं रोजगार सृजन को बढ़ाने के लिए शासन के उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत अब तक हुए रोड शो में जो करार हुए हैं, उन करारों की ग्राउंडिंग के लिए तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि देहरादून में 8 और 9 दिसम्बर 2023 को होने वाले आयोजन से पहले अधिकांश कार्य धरातल पर उतरें, इसके लिए तेजी से कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में और सरलीकरण की जरूरत है, तो इसके लिए प्रस्ताव लाये जाएं। राज्य में जिन निवेश प्रस्तावों से अधिक रोजगार सृजन हो सकता है और राज्य की परिस्थितियों के हिसाब से जो प्रस्ताव अधिक अनुकूल हैं, उनको शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए हवाई कनेक्टिविटी को और विस्तार देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जॉलीग्रांट एयरपोर्ट और पंतनगर एयरपोर्ट को अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की दिशा में राज्य स्तर से की जाने वाली समस्त कार्यवाही शीघ्र की जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पिथौरागढ़ के नैनीसैनी हवाई पट्टी से नियमित हवाई सेवा संचालित करने के लिए की जा रही कार्यवाही में तेजी लाई जाए। इन सभी गतिविधियों में फास्ट ट्रेक मोड में कार्य किया जाए। राज्य में रोपवे निर्माण से संबधित कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के मास्टर प्लान पर तेजी से कार्य किये जाएं। राज्य में गढ़वाल मंडल और कुमांऊ मण्डल आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत दोनों मण्डलों में कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए भी तेजी से कार्य किये जाएं। मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत प्रथम चरण में चयनित मंदिरों के लिए मास्टर प्लान के आधार पर कार्यों में तेजी लाई जाय।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 28 नवम्बर से 1 दिसम्बर 2023 तक देहरादून में होने वाले 6वें विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन की सभी तैयारियां समय पर सुव्यवस्थित तरीके से की जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा प्रबंधन की दृष्टि से यह बड़ा आयोजन होना है। अनेक देशों से आपदा प्रबंधन से जुड़े विशेषज्ञ इस आयोजन में प्रतिभाग करेंगे। उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक अलग पहचान बनाने का राज्य के पास अच्छा अवसर है।
मुख्यमंत्री ने आने वाले त्योहारों के दृष्टिगत कानून व्यवस्था की समीक्षा भी की। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि कानून व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, एस.एन. पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, युगल किशोर पंत, सी. रविशंकर, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, महानिदेशक यू कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, अपर सचिव जे.सी काण्डपाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सीएम धामी से मिलकर आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के करटेन रेजर के मौके पर आज आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार को दिया। महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड के साथ 1000 करोड़ और ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ रुपए के निवेश का एमओयू किया गया। पहले ही दिन इतने बड़े निवेश प्रस्ताव पर सहमति यह दिखाती है कि निवेशक उत्तराखण्ड को लेकर कितने ज़्यादा उत्सुक हैं और सरकार भी कितनी तत्पर है। महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड उत्तराखण्ड में अगले तीन महीने में 1000 करोड़ के निवेश के साथ विभिन्न स्थानों पर 4/5 रिजोर्ट स्थापित करने जा रहा है। इससे 1500 लोगो के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। पूरे देश में यह महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड का किसी भी राज्य में सबसे बड़ा निवेश है।
उत्तराखंड में आगामी दिसम्बर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर नई दिल्ली स्थिति होटल ताजमहल में कर्टेन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखण्ड एक युवा राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है जहां उद्योगों के लिए अपार सम्भानाएं हैं। राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है। उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असन्तोष की घटनायें ना के बराबर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुगम व्यवसायिक वातावरण तैयार करने के विजन के साथ सरकार काम कर रही है। राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिये विशेष नीतियां लागू करने के साथ ही आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है। इन नीतियों में प्रमुख रूप से पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना हेतु नीति-2023 शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्राकृतिक विरासत के साथ राष्ट्र में सबसे तेजी से बढती अर्थ व्यवस्था के रूप में विकसित करने के लिए सरकार संकल्पवद्ध है। राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये सशक्त उत्तराखण्ड मिशन लॉच किया गया है, जिसके तहत अगले 5 वर्षों में राज्य की एसजीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति की कड़ी के रूप में उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 1200 से अधिक ऐसे अधिनियमों को चिन्हित किया है, जो वर्तमान में अनुपयोगी हैं और इनमें से लगभग 500 अधिनियमों को सिंगल रिपील एक्ट के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सैक्टर के उद्योगों की स्थापना हेतु उपलब्ध है। राज्य में रेल, रोड एवं एयर कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हुआ है। देहरादून एयरपोर्ट से विभिन्न शहरों के लिये सीधी वायु सेवा उपलब्ध हो गई है। देहरादून एवं पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है। रेलवे नेटवर्क के विकास एवं उन्नयन के तहत ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। राज्य में चार धाम यात्रा को सुगम बनाने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर हैं और राज्य में निवेश बढ़ाने में उनकी सबसे अधिक सहभागिता है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रही है और यह तभी सम्भव है, जब उद्योग संघों से निरन्तर संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि काशीपुर में अरोमा पर्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटकों एवं श्रद्वालुओं की सुविधा हेतु सभी स्थलों पर नवाचार के माध्यम से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है निर्यात् को बढ़ावा देने के लिये भी नीति निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पौराणिक स्थलों के विकास का हमारा लक्ष्य ह। चारधाम आदिकैलाश की भांति कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों का मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत सर्किट बनाया जा रहा है। इसमें राज्य में धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में कर्म करना हम सबका सौभाग्य है। राज्य का वातावरण पूर्णतः उद्यमियों के अनुकूल है। उत्तराखण्ड का 71 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित हैं। हेल्थ वेलनेस के साथ ऊर्जा का भी यह श्रोत है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद आज भव्य केदार बन गया है। शीघ्र ही केदारनाथ एवं हेमकुण्ड साहिब के लिए रोपवे का निर्माण हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में गढ़वाल व कुमाऊं मण्डलों में एक-एक शहर बसाया जाएगा। हरिद्वार ऋषिकेश में गंगा कॉरीडोर का निर्माण के साथ हरकी पैड़ी की भांति महाभारत काल की भांति यमुना की भी आरती हेतु कालसी के पास हरिपुर में घाट निर्माण का शिलान्यास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित/निर्मित 9 उत्पादों में जीआई टैग हासिल किये हैं। इन जीआई टैगों में कुमांऊ ब्यूरो ऑयल, मुनस्यारी राजमा भोटिया दन, ऐपण रिंगाल, ताम्र उत्पाद, धुलमा, तेजपत्ता तथा बासमती चावल शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा नेटल (बिच्छू घास). पिछौड़ा, आर्टिस्टिक कैण्डल मुखौटा एवं मन्दिर प्रतिकृत आदि कुछ अन्य उत्पादों में जीआई टैग के लिये आवेदन किया गया है। उन्होंने कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में ( 8वें स्थान पर) शामिल है। जबकि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि सम्पूर्ण देश में 9वें स्थान पर है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की LEADS रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य अचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ‘लीडर’ श्रेणी में शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेल की स्थापना की है, जो निवेशकों / व्यवसायियों के लिये ‘वन स्टॉप शॉप’ के रूप में डेडीकेटेड हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट उपलबध करा रहा है। रू0 5.00 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिये एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति हेतु राज्य में ऑनलाईन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल investuttarakhand.uk.gov.in की स्थापना की गई है।
मुख्य सचिव डॉ एस.एस.संधु ने बताया कि उत्तराखण्ड निवेश के लिये उद्यमियों के लिए बेहतर डेस्टिनेशन हैं। दिल्ली एनसीआर के नजदीक होने के नाते बेहतर सड़क सुविधाओं के विकास द्वारा यह दूरी शीघ्र ही ढाई घण्टे में पूरी होने वाली हैं। इसी प्रकार हरिद्वार, कोटद्वार, रूद्रपुर, काशीपुर, टनकपुर के लिए भी सड़क सुविधाओं से यहां की दूरी भी कम समय में तय हो सकेगी। पर्यावरण की दृष्टि से भी उत्तराखण्ड उद्योगों के अनुकूल है। हमारे प्रदेश में पानी का कोई विवाद नही हैं बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है। राज्य के बेहतर इकोसिस्टम से लोग राज्य के प्रति आकर्षित हो रहे है।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में देश के विभिन्न राज्यों की उद्योग एवं निवेश से संबंधित नीतियों का अध्ययन कर नीति तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक उद्यमी राज्य से जुड़े, इसके लिए उद्योगों के अनुकूल नीतियां एवं सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।
लंदन, सिंगापुर, ताइवान में आयोजित किए जाएंगे इंटरनेशनल रोड शो
उत्तराखण्ड ग्लोबल इंवेस्टर समिट की तैयारियों को उत्तराखण्ड सरकार ने पूरी तरह से तैयार है। समिट को लेकर विदेश में पहला अंतरराष्ट्रीय रोड शो 25 सितंबर से 28 सितंबर तक लंदन में होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसमें शामिल होंगे। इसके बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते में सिंगापुर और ताइवान में रोड शो होंगे। वहीं दुबई और अबू धाबी में 16 से 20 अक्टूबर तक रोड शो के जरिये विदेशी निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा।
विदेश में होने वाले रोड शो में राज्य सरकार की ओर से अधिकारियों की टीम भी जाएगी। इसके बाद देश में 3 अक्टूबर को पहला रोड शो दिल्ली में आयोजित होगा, उसके बाद 6 और रोड शो होंगे, जो अहमदाबाद, चंडीगढ़, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद में आयोजित होंगे। राज्य सरकार द्वारा निवेशक सम्मेलन के माध्यम से कम से कम ढाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
इन्वसर्ट समिट का असर, 28686 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद
प्रदेश में आठ माह पूर्व हुए निवेश सम्मेलन का असर धरातल पर दिखने लगा है। सम्मेलन के दौरान किए गए समझौतों के बाद 98 योजनाओं पर काम होना शुरू हो गया है। इनमें तकरीबन 13261.83 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इन योजनाओं के धरातल पर उतरने से लगभग 28686 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
प्रदेश में बीते वर्ष अक्टूबर में दो दिवसीय निवेश सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में लगभग एक करोड़ बीस लाख करोड़ रुपये निवेश के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर हुए। इससे सरकार खासी उत्साहित भी थी। आठ माह बाद जो तस्वीर सामने आई है उसके मुताबिक प्रदेश में अभी तक 98 प्रस्तावों पर काम शुरू हो गया है। इनमें सबसे अधिक कार्य उद्योग के क्षेत्र में हुआ है। इसमें 32 योजनाओं पर काम चल रहा है, जिसमें 3692 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद जताई गई है। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं और परिवार कल्याण के क्षेत्र में 26 योजनाओं पर काम चल रहा है और इसमें 861 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। रोजगार के लिहाज से देखें तो सूचना प्रौद्योगिकी में सबसे अधिक उम्मीदें हैं। इसके तहत यहां पांच योजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें 3217 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है और इससे 11730 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जताई गई है। निवेश के लिहाज से सबसे ज्यादा उम्मीदें पशुपालन क्षेत्र में हैं। इसके तहत तीन योजनाओं पर काम हो रहा है, जिसके अंतर्गत 3850 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।
मुख्य सचिव उद्योग मनीषा पंवार ने मंत्रिपरिषद के सामने ये आंकड़े प्रस्तुत किए। यह भी बताया गया कि निवेश सम्मेलन में हुए करार के अलावा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के 211, सूचना प्रौद्योगिकी के दो बड़ी योजनाओं पर भी काम हो रहा है, जिनमें 2700 करोड़ का निवेश और 10832 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।