ऋषिकेश में स्थित मुनि की रेती में पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव’ का मंगलवार को समापन हो गया है। सात दिवसीय योग महोत्सव के आख़िरी दिन फूलों की होली के साथ विदेशी पर्यटक खूब झूमें। इस योग महोत्सव में 1600 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।
योग महोत्सव के अंतिम दिन के कार्यक्रमों में पर्यटन विभाग के सहयोग से योग स्कूलों में से एक हार्टफुलनेस संस्थान की छवि सिसोदिया ने रक्तचाप उपचार के लिए एक योग सत्र का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने योग साधकों को बल्ड प्रेशर नियंत्रण के लिए अनेक योग प्रणायामों के बारे में बताया व इनके करने की विधि समझाई। इस दौरान उन्होंने बताया कि बल्ड प्रेशर अनेक रोगों का कारक है। आज रोजमर्रा के जीवन में लोगों की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या हाई बल्ड प्रेशर है, जो अनेक रोगों का जनक है, जिनमें हृदय, किडनी एवं आँख संबंधी रोगों के साथ मेटाबॉलिक सिन्ड्रोम, सांस लेने में कठिनाई, नींद की समस्या, थायरॉइड समस्या आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा अन्य दूसरे सत्र में छवि सिसोदिया के मार्गदर्शन में साधकों ने ध्यान योग किया। अन्य सहयोगी योग संस्थान में चेन्नई स्थित कृष्णामचार्य योग मंदिरम के योगाचार्य एस श्रीधरण ने भक्ति सत्र का आयोजन किया।
योग महोत्सव के समापन कार्यक्रम पर उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद निदेशक विपणन व प्रचार सुमित पंत ने योग महोत्सव में आये सभी योग विद्यालयों के गुरूओं को प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट किए। योग महोत्सव के समापन कार्यक्रम का संचालन पर्यटन विभाग के जनसंपर्क अधिकारी कमल किशोर जोशी ने किया।
समापन कार्यक्रम में डॉ. सुनील जोशी उप कुलपति आयुर्वेद विश्वविद्यालय, डॉ. छवि सिसौदिया हार्टफुलनेस संस्थान, राजीव कालरा ईशा फाउंडेशन, वीपी सिंह कैवल्यधाम, अरूण पेरूमल कृष्णामचार्य योग मंदिरम, सुश्री एकता राममणि स्मृति योग संस्थान, नंदलला शिवानंद आश्रम, कुमार नारायण आर्ट ऑफ लिविंग, सुनील भगत नारायण स्वामी सहित देश-विदेश के पर्यटक मौजूद रहे।
अंतिम दिन के कार्यक्रमों में दैनिक आधार पर चल रहे सहयोगी योग संस्थानों द्वारा 2 घंटे का योग, हास्य योग विशेषज्ञ मनोज रंगढ़ द्वारा हास्य योग सत्र, आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा नाड़ी परीक्षण का आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त होली के उपलक्ष्य में शाम को इस्कॉन द्वारा राधा कृष्ण की मूर्ति का पुष्पाभिषेक किया गया, जिसके बाद फूलों की होली खेली गई।
गौरतलब है कि पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ एक मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा किया गया। सात दिनों के इस महोत्सव में योगाभ्यास, भक्ति के अलावा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन किए गये।
महोत्सव में आए पर्यटकों ने ईशा फाउंडेशन, शिवानंद आश्रम, आर्ट ऑफ लिविंग, कृष्णामचार्य योग मंदिरम, कैवल्यधाम, राममणि स्मृति योग संस्थान, हार्टफुलनेस संस्थान के योगाचार्यों व प्रशिक्षकों के सान्निध्य में विभिन्न प्रकार के योगाभ्यास व योगकलाएं सीखी। साथ नाड़ी परीक्षण, ध्यान योग एवं भक्ति सत्रों से आरोग्य एवं भक्ति का लाभ कमाया। विदेशी योग साधकों में राज्य के परिधानों व स्वादिष्ट व्यंजनों एवं लोक कलाओं को लेकर खासी दिलचस्पी देखी गई। इसके अलावा विभिन्न विषयों पर पैनल परिचर्चाओं एवं रात्रि के सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने आगंतुकों को ज्ञान अर्जन के साथ मनोरंजन का भी सुख प्रदान किया।
योग महोत्सव के दौरान उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय द्वारा मर्म चिकित्सा, नाड़ी परीक्षण, चिकित्सीय परामर्श एवं निःशुल्क औषधि वितरण किया गया। विश्वविद्यालय के चिकित्सक डॉ. विपिन चंद्र ने बताया कि 1 मार्च से 7 मार्च तक ओपीडी में 500 से अधिक लोगों ने अपना परीक्षण करवाया एवं चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया।
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अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का सीएम ने किया उद्धाटन, यह मंत्री भी रहे मौजूद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश स्थित योग भरत घाट में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड देश की सांस्कृतिक राजधानी ही नहीं अपितु योग और वेलनेस का उत्कृष्ट केंद्र भी है। इसलिए राज्य सरकार प्रदेश में योग व वेलनेस केंद्रों का विकास करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। योग हमारे प्रदेश की प्राचीनतम परंपरा है, योग के माध्यम से उत्तराखंड के लोगों को देश विदेश में नई पहचान मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा योग के क्षेत्र में काम कर रहे उत्तराखंड के लोगों को सम्मानित किया जाना समस्त प्रदेशवासियों के लिए सम्मान का विषय है। यह हमारा सौभाग्य है कि इस अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पद्मश्री से सम्मानित आदरणीय योगाचार्य स्वामी शिवानंद जी, रजनीकांत जी का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। योग महोत्सव में आगंतुकों को जहां एक ओर योग, ध्यान और प्राणायाम की बारीकियों को सीखने का मौका मिलता है, वहीं दूसरी ओर वे नाड़ी परीक्षण और आयुर्वेद शिविरों के माध्यम से अपनी समस्याओं का निःशुल्क समाधान भी पाते हैं।
उन्होंने कहा कि ऋषिकेश की आध्यात्मिक भूमि पर संध्या काल में गंगा आरती, भजन, संकीर्तन और आंचलिक लोक-संगीत की धुन योग महोत्सव में भाग लेने वालों को उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत से रूबरू कराने का कार्य करेगी। आज हम कितने तनावपूर्ण माहौल में क्यों न हों, कुछ मिनट का ध्यान हमें आराम देता है, हमारी क्षमताओं को बढ़ा देता है। इसलिए, हमें योग को एक अतिरिक्त काम के तौर पर नहीं लेना है, हमें योग को जानना भी है, हमें योग को जीना भी है, हमें योग को पाना भी है और हमें योग को अपनाना भी है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत, विश्व को योग का संदेश दे रहा है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का महत्व और भी बढ़ जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा की ऋषिकेश की नैसर्गिक सुंदरता भी ऐसी है कि लोग स्वयं यहां प्रकृति का आनंद लेने के लिए आते हैं और योग महोत्सव के दौरान यह सौंदर्य और आनंद अपने चरम को छू लेता है। संपूर्ण विश्व में आज हमारे ऋषिकेश को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी कहा जाता है, यह हम सभी के लिए बड़ी गौरव की बात है।
उन्होंने कहा की कुछ ही दिनों बाद यहां होने वाली जी20 बैठक के बाद तो ऋषिकेश की इस आध्यात्मिक भूमि से विश्व का कोना कोना परिचित हो जायेगा। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में घर-घर में योग का प्रचार हुआ है, आज योग ’पार्ट ऑफ लाइफ’ नहीं बल्कि अब ’वे ऑफ लाइफ’ बन चुका है। उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों की तपस्थली ऋषिकेश जैसे भारत के आध्यात्मिक केन्द्रों ने जिस योग-ऊर्जा को सदियों से पोषित किया, आज वो योग ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज योग मानव मात्र को निरोगी जीवन का विश्वास दे रहा है, आज दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्याेदय के साथ, सूर्य की गति के साथ, लोग योग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि कि इस महोत्सव में आयोजित होने वाले सत्रों की सार्थक चर्चा, हमारी सरकार को योग के क्षेत्र में और अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में उत्तराखण्ड की हमारी डबल इंजन की सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है। आज जब पूरी दुनिया में हमारे प्रदेश की पहचान योग और आध्यात्म की जननी के रूप में है, तब हम सभी का दायित्व है कि इस पहचान को उत्कृष्टता प्रदान करने का कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चार धाम यात्रा यहां आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों को सुगम और सरल हो इसके लिये व्यापक तैयारियों की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बार की यात्रा में तमाम चुनौतियों के बावजूद 50 लाख से अधिक यात्री देवभूमि के दर्शन हेतु आये। इस बार अभी तक 1.51 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके है तथा जीएमवीएन को 4 करोड़ की बुकिंग प्राप्त हो चुकी है। होटल व्यवसायियों की भी बुकिंग यात्रियों द्वारा की जा रही है। इस अवसर मुख्यमंत्री ने आस्थापथ सेतु के विस्तार की भी घोषणा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पद्मश्री स्वामी शिवानन्द को सम्मानित किया। जबकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा पद्मश्री रजनीकान्त को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री गंगा आरती में भी शामिल हुए, उन्होंने गंगा पूजन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने योग पर आधारित आकर्षक ड्रोन शो का भी अवलोकन किया।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह महोत्सव उत्तराखण्ड के पर्यटन को नये आयाम प्रदान करेगा। इससे हमारे परम्परागत उत्पादों को भी पहचान मिलेगी। देश व दुनिया के लोगों को यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा की यहां की बर्ड वाचिंग के साथ कई क्षेत्रों में पहचान बन रही है। राज्य के अन्य पर्यटन क्षेत्रों को पहचान दिलाने का भी कार्य किया जा रहा है। वेडिंग डेस्टिनेशन को भी उत्तराखण्ड में प्रमोट करने का कार्य किया जा रहा है। जिससे लोग यहां विवाह कर देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करें। अनेक धार्मिक सर्किटों के माध्यम से प्रदेश को पहचान दिलाने का कार्य भी किया जा रहा है। इससे पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि चारधाम के साथ लगे अन्य दर्शनीय स्थलों का भी भ्रमण करें।
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने सभी आगन्तुको का स्वागत करते हुए अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। सचिव पर्यटन ने कहा कि यह योग महोत्सव उत्तराखण्ड के पर्यटन को बढ़ावा देने के हमारी अतिथि देवो भवः की परम्परा को और अधिक प्रभावी बनाने मे मददगार होगा। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2023 में 6 प्रतिष्ठित योग संस्थान भाग ले रहे हैं ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, रमामणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम तथा शिवानंद योग वेदांत सेंटर।
कार्यक्रम को कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल ने भी सम्बोधित किया।
योग पूरे विश्व को भारत द्वारा दिया गया अमूल्य उपहारः राज्पाल उत्तराखंड
गढ़वाल मण्डल विकास निगम लिमिटेड व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का समापन राज्यपाल बेबी रानी मौर्य द्वारा किया गया। समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि योग का मतलब जोड़ना है। योग पूरे विश्व को भारत द्वारा दिया गया अमूल्य उपहार है, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग को समूचे विश्व में एक नई पहचान दी है, युवा पीढ़ी का आहवान करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं को योग को आत्मसात करना चाहिए। तभी हम विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं, योग एक साधना ही नहीं वरन एक सस्कृति है, जो कि ऋषिमुनियों ने कठिन तप से प्राप्त की है।
इससे पूर्व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि योग की शक्ति से ही हम भारत को विश्व गुरू बना सकते हैं। आज विश्व में फैल रही तमाम वैश्विक बीमारियों से हमें योग ही बच सकता है कोरोना से लडने में योग ने अहम भूमिका का निर्वहन किया है।
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि योग अब देवभूमि उत्तराखण्ड से पूरी दुनिया में आम लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। पश्चिमी देशों ने भी योग के महत्व को स्वीकार करते हुए योग को अपनाया है यही वजह है कि 21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस मना रही है।
योग महोत्सव में उपस्थित विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश योग की धरती है और यहाँ से बहती हुई गंगा की तरह योग पूरी दुनिया में प्रवाहित हो रहा है। इस मौके पर विभिन्न देशों के उच्चायुक्तों ने भी कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। जिसमें बोसनियां के उच्चायुक्त मोहम्मद शिनजिक, नोर्थ मेसोडोनिया के राजदूत नेहथ ईमिनी, फिजी के उच्चायुक्तों कमलेश शशि प्रकाश एवं त्रिंडाड एण्ड टैबगो के राजदूत डाॅ0 रोजर गोपाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
मौके पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकार, डीएम टिहरी ईवा आशीष श्रीवास्तव गढ़वाल मण्डल विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक, डाॅ आशीष चैहान, महाप्रबन्धक (पर्यटन), जितेन्द्र कुमार, महाप्रबन्धक (प्रशासन), अवधेष कुमार सिंह, महाप्रबन्धक (वित्त) एवं अभिषेक कुमार आनन्द आदि मौजूद रहे।
योग शिविर में बाहर हरियाणा के युवक और स्थानीय भिड़े
ऋषिकेश।
पुलिस के अनुसार, योग महोत्सव में आए हरियाणा के युवक और स्थानीय युवक आपस में उलझ गए। विवाद बढ़ने पर दोनों गुटों में लात-घूंसे चले। स्थानीय युवकों का आरोप है कि हरियाणा के युवक विदेशी युवतियों से छेड़खानी कर रहे थे जिसका उन्होंने विरोध किया तो वे उलझने लगे। विवाद बढ़ने पर दोनों गुटों में जमकर मारपीट हुई। घटना के बाद हरियाणा के युवक फरार हो गए।
वहीं स्थानीय युवकों के मारपीट में घायल होने की खबर से स्वर्गाश्रम क्षेत्र के लोग इकट्ठा होकर आरोपी युवकों को ढूढ़ने लगे। उन्हें पता चला कि हरियाणा के युवक श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारे में ठहरे हैं तो स्थानीय लोग बड़ी संख्या में गुरुद्वारे पहुंच गए। दोनों गुटों के आमने-सामने होने की जानकारी होते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने दोनों गुटों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां फटकारीं जिसके चलते स्थानीय लोगों का पुलिस से विवाद भी हो गया। हालांकि दोनों ओर से पुलिस को लिखित में कोई तहरीर नहीं मिली है।
परमार्थ में 150 योग क्रियाओं का होगा प्रदर्शन
योग महोत्सव की मेजबानी परमार्थ निकेतन कर रहा
ऋषिकेश।
अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव में परमार्थ निकेतन में 150 योग क्रियाओं के प्रमुख प्रारूपों का प्रदर्शन होगा। परमार्थ में आयोजित पत्रकार वार्ता में स्वामी चिदानंद मुनि और साध्वी भगवती ने बताया कि योग महोत्सव में 100 से अधिक देशों के लगभग 1200 योग साधक भाग लेने के लिए आश्रम पहुंचने शुरू हो गए हैं। योग महोत्सव का शुभारंभ और समापन परमार्थ निकेतन में ही किया जाएगा।
योग महोत्सव में दो मार्च को पीएम नरेन्द्र मोदी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से योग साधकों को संबोधित करेंगे। छह मार्च को सूफी गायक कैलाश खेर और सात मार्च को शिवमणि की प्रस्तुति योग महोत्सव का आकर्षण होंगे। चिदानंद मुनि और साध्वी भगवती ने बताया कि देश-विदेश से आए आध्यात्मिक महापुरुष और धर्मगुरुओं द्वारा धार्मिक संवाद व प्रश्नोत्तरी का भी विशेष आयोजन किया गया है। इसके अतिरिक्त ध्यान, मुद्रा, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, रेकी और भारतीय दर्शन की कक्षाएं भी संचालित होंगी।