उत्तराखंड के पहले तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में दूसरे दिन पांच तकनीकी सत्र संपन्न हुए। जिसमें देशी-विदेशी वक्ताओं व विभिन्न शोध संस्थाओं, विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने प्रतिभाग कर मसाला एवं सब्जी की विभिन्न प्रजातियों के उत्पादन, प्रसंस्करण व पैकेजिंग में नवीनतम तकनीकी के सम्बन्ध में अपने अनुभवों को साझा किया।
दूसरे दिन का प्रथम सत्र आलोक गुप्ता अध्यक्ष, सुरभि फाउन्डेशन नई दिल्ली एवं रिर्पाेटियर डॉ. सुरेश राम उपनिदेशक श्री हेमवती नन्दन सहायक विकास अधिकारी की अध्यक्षता में हुआ। इसमें निदेशक आईसीएआर-एनआरसीएसएस अजमेर डॉ एसएन सक्सैना, निदेशक आईसीएआर-सीआईपीएचटी लुधियाना डॉ नचिकेत आदि ने मूल्यवर्धन तकनीक, बाजार व्यवस्था पर जानकारी दी। द्वितीय सत्र उत्तराखंड उद्यान विभाग के निदेशक डॉ एचएस बवेजा की अध्यक्षता में हुआ। इसमें न्यूयार्क से आई सलाहकार अदिति चौहान, सचिन अवस्थाी आदि ने भाग की खेती और उसके औषधीय उपयोगों के बारे में जानकारी दी। तृतीय सत्र में विदेशी वक्ताओं(रूस, आस्ट्रिया, अमेरिका, सिंगापुर आदि) ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। इसमें उन्होंने मसालों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के विषय पर चर्चा की। चतुर्थ सत्र में वक्ताओं ने विभिन्न प्रकार के प्रयोगों के माध्यम से डिजिटल उपयोगिता के बारे में बताया। अंतिम सत्र पर्यावरण विज्ञान की प्रोफेसर डॉ परमिन्द्र कौर की अध्यक्षता में हुआ। इसमें वक्ताओं, संबंधित विभागीय अधिकारियों और कृषकों ने कृषि विषय पर सामूहिक रूप विचार-विमर्श किया गया। किसानों को सब्जी एवं मसालों के उत्पादन में आ रही कठिनाईयों का समाधान करते हुए सत्र का समापन किया गया। मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, ऋषिकेश मंडी अध्यक्ष विनोद कुकरेती, क्रेजी फेडरेशन अध्यक्ष मनीष डिमरी, सभासद मनोज बिष्ट, सफाई निरीक्षक भूपेंद्र सिंह पंवार उत्तराखंड उद्यान विभाग के समस्त अधिकारी, प्रगतिशील कास्तकार, उद्यमी उपस्थित रहे।
पालिका ने लगाई खाद की स्टॉल
अंतराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला की ओर से जैविक खाद के पैकेटों की स्टॉल लगाई गई है। अधिशासी अधिकारी बीपी भट्ट ने बताया कि इस खाद को घरों से निकलने वाले जैविक कूड़ें फलों, सब्जियों आदि से तैयार किया गया है। उन्होंने बताया इस खाद को घरों में खेतों, गमले आदि में आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। उचित मूल्य पर यह पालिका के काउंटर से प्राप्त की जा सकती है।