मुख्यमंत्री के निर्देश पर कांवड़ यात्रा व्यवस्थाओं के लिए स्वीकृत हुई तीन करोड़ की धनराशि

आगामी कांवड़ यात्रा 2024 को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन द्वारा तीन करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है, यह धनराशि कांवड यात्रा 2024 की विभिन्न व्यवस्थाओं हेतु विभागों की माँग के सापेक्ष स्वीकृत कर जिलाधिकारी हरिद्वार को उपलब्ध कराई गई है। मुख्यमंत्री द्वारा कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए पूर्व से आयोजित समीक्षा बैठकों में अधिकारियों को दिए गए थे।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए थे कि गत वर्ष की कांवड़ यात्रा में आये शिव भक्तों की संख्या एवं व्यवस्थाओं के दृष्टिगत इस वर्ष कांवड़ यात्रा में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालुओं को दी जाने वाली आवश्यक सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए साथ ही इस दौरान शांति एवं क़ानून व्यवस्था एवं यातायात प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश उनके द्वारा दिए गए हैं।

इस संबंध में अपर सचिव शहरी विकास नितिन भदोरिया द्वारा जिलाधिकारी हरिद्वार को संबोधित शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि कांवड़ मेला-2024 की व्यवस्थाओं हेतु विभिन्न विभागों से प्राप्त धनराशि की माँग के सापेक्ष अपने स्तर से समीक्षा करते हुए अत्यंत आवश्यक कार्यों का चयन कर धनराशि वित्तीय नियमों के अंतर्गत ही व्यय की जाए। यदि नियमानुसार किसी निर्माण कार्य आदि के आगणन के सापेक्ष शासन की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति पृथक से प्राप्त किया जाना आवश्यक है, तो उसका प्रस्ताव शासन को पृथक से उपलब्ध कराया जाएगा।

सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव लोनिवि ने दिये सेफ्टी ऑडिट के आदेश

प्रदेश में सभी सेतुओं का सेफ्टी ऑडिट किया जायेगा इससे सम्बन्धित शासनादेश प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आर0के0सुधांशु द्वारा जारी किया गया है। इस सम्बन्ध में पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये गये थे।
प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु द्वारा जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में सेतुओं का उचित अनुरक्षण न होने, मानकानुसार निर्धारित समय में व्यवस्था न होने, भार क्षमता से अधिक यातायात संचालन होने, सेतुओं के समीप साईनेजेज न होने तथा सेतुओं की अत्यधिक समयावधि (निर्माण की) होने से देश एवं प्रदेश के कई महत्वपूर्ण सेतु दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं, जिसमें जान-माल के नुकसान के साथ-साथ आवागमन बाधित हो रहा है। उन्होंने प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये है कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस सम्बन्ध में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करते हुये प्रदेश में अवस्थित सेतुओं से सम्बन्धित अद्यतन सूचना प्रत्येक दशा में 3 सप्ताह के अन्दर शासन में उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि सेतुओं के सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा संबंधित जनपद के जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर ऐसे सेतु जिनको निर्मित हुये कई वर्ष हो चुके हैं, उनमें भार क्षमता के आधार पर आवागमन सुनिश्चित किया जाय। प्रत्येक सेतु का सेफ्टी ऑडिट करते हुये आवश्यकतानुसार अनुरक्षण आदि का प्रस्ताव तत्काल शासन को उपलब्ध कराया जाय सेतुओं के समीप साईनेजेज की उचित व्यवस्था की जाय किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे।

शासनादेश जारी होने से अब मिल सकेगा 50 हजार तक का ऋण

उत्तराखंड में छोटे व्यवसायियों एवं उद्यमियों को मजबूत बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड शासन ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार नैनो योजना का संशोधित शासनादेश जारी कर दिया है।
पूर्व के शासनादेश को संशोधन करते हुए योजना के अंतर्गत ऋण देने की सीमा को 50 हज़ार रुपए तक बढ़ा दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस योजना को संशोधित करने के पीछे का मकसद प्रदेश में छोटे उद्यमी एवं व्यापारियों को आत्मनिर्भर और उन्हें मजबूत करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में ऋण सीमा बढ़ाने से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी फल रेड़ी, सब्ज़ी, चाय ठेली, दर्जी, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, मोबाइल रिपेयरिंग, मोबाइल रिचार्ज, पेपर बैग निर्माण, छोटी बेकरी शॉप, लॉन्ड्री जैसे व्यवसाय से जुड़े लोग लाभान्वित होंगे।
सचिव उद्योग अमित नेगी ने उक्त योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान हेतु प्रदेश में 5 श्रेणियाँ क्रमशः ए, बी, बी$, सी और डी निर्धारित की गई हैं।
श्रेणी ए में पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिले को शामिल किया गया है। इस श्रेणी में सामान्य अभ्यर्थियों को (परियोजना की लागत पर) 35 प्रतिशत अधिकतम 17500 रुपए एवं अनुसूचित जाति/अनु जनजाति/भूतपूर्व सैनिक/महिला/दिव्यांग पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक श्रेणी के अभ्यर्थियों हेतु 40 प्रतिशत अधिकतम 20 हज़ार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
इसी प्रकार श्रेणी बी और बी $ में अल्मोड़ा, पौड़ी गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल के मात्र पर्वतीय बहुल विकासखण्ड (श्रेणी बी $ में वर्गीकृत क्षेत्रों को छोड़कर), नैनीताल और देहरादून जिले के मात्र पर्वतीय बहुल विकासखण्ड (बी $ और सी श्रेणी में वर्गीकृत क्षेत्रों को छोड़कर), पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा विकासखण्ड के कोटद्वार सिगड्डी और इनसे जुड़े हुए मैदानी क्षेत्र तथा टिहरी गढ़वाल के फकोट विकासखण्ड के ढालवाला, मुनीकी रेती, तपोवन तथा उससे जुड़े हुए मैदानी क्षेत्र, नैनीताल के कोटाबाग विकासखण्ड का सम्पूर्ण क्षेत्र और देहरादून के कालसी विकासखण्ड के मैदानी क्षेत्र में सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों हेतु (परियोजना लागत पर) 30 प्रतिशत और अधिकतम 15000 रुपए एवं अनुसूचित जाति/अनु जनजाति/भूतपूर्व सैनिक/महिला/दिव्यांग पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक श्रेणी के अभ्यर्थियों हेतु 35 प्रतिशत अधिकतम 17500 रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
इसी प्रकार श्रेणी सी और डी हेतु देहरादून जिले के विकासखंड रायपुर, सहसपुर, विकासनगर व डोईवाला विकासखण्ड के समुद्रतल से 650 मी. से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र, नैनीताल जिले के रामनगर और हल्द्वानी विकासखण्ड में आने वाले क्षेत्र, हरिद्वार और उधमसिंहनगर का सम्पूर्ण क्षेत्र तथा देहरादून व नैनीताल जिले के अवशेष समस्त मैदानी क्षेत्र (श्रेणी-बी, बी $ और श्रेणी सी सम्मिलित क्षेत्र को छोड़कर) सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों हेतु (परियोजना लागत पर) 25 प्रतिशत और अधिकतम 12500 रुपए एवं अनुसूचित जाति/अनु जनजाति/भूतपूर्व सैनिक/महिला/दिव्यांग पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक श्रेणी के अभ्यर्थियों हेतु 30 प्रतिशत अधिकतम 15000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा।

अधिकारी मेहनत, ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ करें दायित्वों का निर्वहनः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन के उच्चाधिकारियों को पत्रावलियों का निस्तारण समयबद्धता के साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों से मेहनत, ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ अपने दायित्वों के निर्वहन की भी अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य कार्यो को उलझाने का नही बल्कि उन्हें सुलझाना होना चाहिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्य सचिव ओम प्रकाश के नेतृत्व में आईएएस एसोसिएशन के सदस्यों ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा देश की सबसे बड़ी सेवा है। शासन व्यवस्था का अनुभव आपको है। शासन में बैठे अधिकारियों से जनता की उम्मीदे जुड़ी होती है। जनता से जुड़े कार्यों का त्वरित निस्तारण समयबद्धता के साथ हो इसके लिये प्रभावी व्यवस्था बनायी जाने की उन्होंने जरूरत बतायी।

उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि योजनाओं के क्रियान्वयन से सम्बन्धित प्रक्रिया शीघ्र धरातल पर दिखाई दे इसकी भी पहल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबको एक परिवार की तरह राज्य के विकास में सहयोगी बनाना होगा। उन्होंने अधिकारियों से शासकीय कार्यप्रणाली एवं प्रक्रियाओं में आवश्यक सुधार आदि के लिये सुझाव भी आमंत्रित किये है। उन्होंने आपसी संवाद पर भी ध्यान देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से सेवा में नये आये अधिकारियों का मार्गदर्शन करने की भी अपेक्षा की।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत, स्वामी यतीश्वरानन्द, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आईएएस एशोसियेशन की अध्यक्ष मनीषा पंवार, अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु आदि उपस्थित थे।