देहरादून। उत्तराखंड में दिसंबर में होने जा रहे इन्वेस्टर्स समिट को लेकर उद्योग जगत में उत्साह का माहौल है। पहले ही पहाड़ी राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में 1000 करोड़ के निवेश का उत्तराखंड सरकार के साथ एमओयू साइन कर चुके महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अब इसे लेकर एक्स पर अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने लिखा है कि श्होम इज वेयर द हार्ट इज। दुनिया में हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में भारत में सर्वाधिक अवसर हैं क्यूंकि इस समय घरेलू टूरिज्म बूम पर है।
उत्तराखंड सरकार की ओर से आगामी दिसंबर माह में इन्वेस्टर समिट का आयोजन प्रस्तावित है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने ढाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है। बीते दिनों दिल्ली में हुए समिट के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में देश के कई नामी उद्योग घरानों ने राज्य में निवेश की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किये। हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में अग्रणी महिंद्रा ग्रुप के द्वारा भी उत्तराखंड में 1000 करोड़ के निवेश के एमओयू किये गए। अब, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इसे लेकर एक्स पर अपनी राय साझा की है। उन्होंने लिखा दुनिया में भारत मे पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार (यूके) के साथ महिंद्रा ग्रुप ने 1000 करोड़ के निवेश के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। पहले से उत्तराखंड में अपने ग्रुप के रिसोर्ट संचालित कर रही अग्रणी कंपनी की योजना है कि आने वाले दिनों में 4-5 बड़े रिसॉर्ट्स का निर्माण उत्तराखंड के अलग अलग क्षेत्रों में किया जाए। कंपनी का कहना है कि यह देश के किसी भी राज्य में ग्रुप द्वारा किया गया सबसे बड़ा निवेश होगा।
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राज्य में औद्योगिक विकास को हर संभव किये जा रहे प्रयासः धामी
राज्य सरकार का प्रयास है कि हमारे औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों से लगातार संवाद बना रहे, जिससे सभी समस्याओं का समाधान आसानी से हो सके। राज्य में जल्द ही इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जायेगा। इन्वेस्टर समिट के ब्रांड एम्बेसडर भी हमारे औद्योगिक जगत से जुड़े लोग हैं। राज्य में औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होटल रेडिसन ब्लू रुद्रपुर में राज्य स्तरीय उद्योग मित्र समिति की बैठक में सभी उद्योगपतियों का स्वागत करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि औद्योगिक नीति में उद्योगपतियों के सुझावों को शामिल किया गया है। उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य एवं बेहतर मानव संसाधन उद्योगपतियों को उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बैठक में जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, इन सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक संस्थानों का तेजी से विकास हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि बड़ी बैठकें राज्य के अलग-अलग स्थानों पर हो, इसलिए उद्योग मित्र की इस बैठक का आयोजन रूद्रपुर में करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बैठकें 06 माह में एक बार अवश्य हो, इसके प्रयास किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड अभी युवा राज्य है। सीमित संसाधन होने के बावजूद भी राज्य के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा राज्य में सी.एस.आर के लिए एक सेल बनाया गया है। औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों एवं संस्थानों से राज्य को सी.एस.आर. फंड से सहयोग देने की भी मुख्यमंत्री ने अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास हेतु अनुकूल माहौल है। राज्य में औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक भवनों की ऊंचाई और बढ़ाई जायेगी। सिडकुल की सड़के बनाई जायेंगी और धीरे-धीरे अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया गया है तथा औद्योगिक क्षेत्रों सहित सभी जगह से अतिक्रमण हटाया जायेगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण श्रेणी का सरलीकरण करते हुए प्रयास किया जाएगा कि व्हाइट श्रेणी में आने वाले उद्योगों को एनओसी न लेनी पड़े। उन्होंने कहा कि सोप स्टोन रॉयल्टी कम की गई है। प्रभावी लीसा नीति हेतु हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों की लीसा नीतियों का परीक्षण कराते हुए लीसा नीति का भी सरलीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक आस्थानों में पुराने विद्युत सब स्टेशन्स पर लोड की समीक्षा करते हुए आवश्यकतानुसार सब स्टेशनों को अपग्रेड किया जाये तथा औद्योगिक आस्थानों से अलग ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों के लिए अलग से फीडर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्किल रेट के आधार पर स्टाम्प शुल्क गणना के सम्बन्ध में कन्फ्यूजन दूर करने के लिए स्पष्टीकरण किया जायेगा ताकि किसी भी प्रकार का कन्फ्यूजन न रहे। फूड प्रोसेसिंग पर शुल्क खत्म करने हेतु परीक्षण कराया जाएगा। बहादराबाद इंडस्ट्रियल क्षेत्र में फायर स्टेशन स्थापित कराया जाएगा। सूक्ष्म उद्योगों हेतु सीडा द्वारा कम्पलीशन सर्टिफिकेट के लिए फायर एनओसी हटाने सम्बन्धी सुझाव का परीक्षण कराया जाएगा। कारखाना अधिनियम में कर्मचारियों की संख्या निर्धारण के सम्बन्ध में परिवर्तन किया जाएगा। पेट्रोलियम लाईसेन्स नवीनीकरण हेतु अवधि बढ़ाई जायेगी। जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतु काशीपुर में ईएसआई हॉस्पिटल प्रस्तावित किया गया है। दूरस्थ क्षेत्रों को हैली सेवा से जोड़ने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है तथा पन्तनगर एयरपोर्ट को अन्तराष्ट्रीय स्तर का बनाने की कार्यवाही लगभग अन्तिम चरण में है। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंगल विण्डो सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है। उन्होंने महिला वर्करों की सुरक्षा, सशक्तिकरण विषय पर सभी उद्यमियों से लिखित में सुझाव देने की अपील की।
बैठक के दौरान उद्योग मित्रों ने औद्योगिक इकाइयों की बेहतरी के लिए सुझाव दिए, समस्या रखी व सरकार द्वारा उद्योग नीतियों में किये गए सरलीकरण की सराहना की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक सरकार व उद्योग मित्रों में मध्यस्थता का कार्य करेगी जिससे उत्तराखंड में उद्योग और अधिक उन्नति करेंगे। उद्योगों ने राज्य के विकास में सहयोगी की भूमिका निभाई है।
केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना काल में उत्पन्न समस्याओं का सामना करते हुए आज भारत विश्व की 5वी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है। उन्होंने कहा कि आपसी समन्वय से निश्चित ही विकास कार्यों को और अधिक गति मिलेगी।
बैठक में विधायक शिव अरोरा, मेयर रामपाल सिंह, मुख्य सचिव डॉ. एसएस सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, पंकज पाण्डे, रंजीत सिन्हा, दीपेन्द्र चौधरी, हरि चन्द्र सेमवाल, मण्डलायुक्त दीपक रावत, आईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, अपर सचिव मुख्यमंत्री जगदीश चन्द्र काण्डपाल, बीजेपी जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल, गुंजन सुखीजा, उद्यमि दुर्गेश मोहन, रमेश चन्द्र, मनोज दागा, अनुज सिंघल, राजीव गुप्ता, एलएम बिष्ट, आशुतोष शर्मा, आर मिड्डा, विनीत सांगल, अशोक बंसल, डीसी बिष्ट, अमित सिंह, दिलीप सिंह खेतवाल, हरिओम अग्रवाल सहित अन्य उद्यमि व अधिकारी उपस्थित थे।
योगनगरी ऋषिकेश स्टेशन से उत्तराखंड की विश्व में बनेगी विशिष्ट पहचान
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास एवं चार धाम यात्रा को नये आयाम प्राप्त होंगे। इस रेल लाइन की शुरूआत में ऋषिकेश में बनने वाला सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन देश व दुनिया में उत्तराखण्ड की विशिष्ट पहचान बनाने के साथ ही राज्य को देश के विभिन्न भागों तक रेल सुविधायें उपलब्ध कराने में भी मददगार होगा। उन्होंने इस योजना की कार्य प्रगति के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए निर्माण कार्यों से जुड़े अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुखों से निर्माण कार्यों में और तेजी लाने के साथ ही रेलवे स्टेशनों के निर्माण में उत्तराखण्ड के शिल्प, संस्कृति एवं धार्मिक धरोहरों के स्वरूप को प्रदर्शित करने की भी अपेक्षा की।
मंगलवार को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण कार्यों का विभिन्न स्थानों पर स्थलीय निरीक्षण करने के पश्चात योग नगरी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में योजना से जुड़े अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुखों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के लिये विशिष्ट महत्व की यह परियोजना निर्धारित समय सीमा के अंदर गुणवत्ता एवं समय बद्धता के साथ पूर्ण हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना राज्य को न केवल विशिष्ट पहचान देने वाली होगी बल्कि चार धाम यात्रा को और अधिक सुगम बनायेगी। यह योजना संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र की लाइफ लाइन बनने के साथ ही इन क्षेत्रों से पलायन रोकने, रोजगार को बढ़ावा देने तथा उद्योगों की स्थापना में भी मददगार होगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस रेल लाइन से पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित हो सकेगी। निजी क्षेत्र के सहयोग से अच्छे स्कूल व अस्पतालों की भी यहां उपलब्धता हो सकेगी। यह योजना धार्मिक पर्यटन के साथ ही पर्यटन के अन्य स्वरूपों को भी बढ़ावा देने में भी सहायक होगी।
रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि परियोजना के तहत 16 टनल के कार्य को 9 पैकेज में बांटा गया है। इन सभी पैकेज के लिए डीडी एंड पीएमसी कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड किये जा चुके हैं। इनके डिजाइन का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार लछमोली व श्रीनगर में अलकनंदा नदी पर आर.ओ.बी. का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। श्रीनगर, गौचर व सिवाइ में रोड ब्रिज का कार्य हाल ही में प्रारम्भ किया गया है। वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश ब्लॉक सेक्शन का काम 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2023-24 और देवप्रयाग-कर्णप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2024-25 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कॉरपोरेट और सरकार के मध्य गैप को कम करेगा ‘सहयोग’ पोर्टल
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पोर्टल ‘‘सहयोग‘‘ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘सहयोग‘‘ पोर्टल के माध्यम से राज्य सरकार एवं उद्योग जगत से जुड़े लोगों के मध्य आपसी सामंजस्य बढ़ेगा, साथ ही सरकार एवं उद्योग जगत के मध्य गैप को कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पोर्टल के माध्यम से सरकार की प्राथमिकताओं की जानकारी पूर्ण पारदर्शिता के साथ उद्योग जगत के समक्ष उपलब्ध होगी, साथ ही साथ, सी.एसआर के अंतर्गत पोर्टल के माध्यम से उद्योगों को राज्य के विकास में अपनी इच्छा के अनुरूप कार्यक्षेत्र चुनने का भी अवसर होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में सीएसआर फंड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस सी.एस.आर. फंड के सही उपयोग करने के लिये इंडस्ट्रीज को सरकार की प्राथमिकताओं की जानकारी होना आवश्यक है। इसके लिए विभागों द्वारा प्रयास किये जाने चाहिए ताकि पोर्टल पर समस्त प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो सके। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को विभागों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कराये जाए वाले कार्यों की जानकारी पोर्टल पर शीघ्र अपलोड करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने उद्योग जगत से सरकार की प्राथमिकताओं एवं विजन-2020 के अनुरूप विकास कार्यों में अपना सहयोग देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। साथ ही अच्छे प्रोजेक्ट्स को सम्मानित भी किया जाएगा।
सचिव राधिका झा बताया कि कॉरपोरेट एवं सरकार के मध्य गैप को कम करने हेतु तैयार इस पोर्टल के माध्यम से विभागाध्यक्ष अपने ऐसे प्रोजेक्ट्स, जिन्हें वे अपने संसाधनों से नहीं कर पा रहे हैं, को प्राथमिकता के आधार पर अपलोड करेंगे। इससे कॉरपोरेट जगत को ऐसे प्रोजेक्ट्स या क्षेत्रों की जानकारी मिल जाएगी जिन क्षेत्रों में उनका सहयोग अपेक्षित है। सचिव ने बताया कि पोर्टल में कॉरपोरेट को सेक्टर और जनपद चयन करने का भी विकल्प होगा। इन प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग भी सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से लगातार की जाएगी।