मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उद्योग विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड इन्वेस्टर्स समिट के तहत हुए करारों की ग्राउंडिंग के लिए और तेजी से कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड के तहत हुए करारों की ग्राउंडिंग के लिए संबंधित विभागों द्वारा किये गये कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पूरा ब्योरा देने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि औद्योगिक संस्थानों में राज्य के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर मिल सके, इसके लिए रोजगार मेलों के आयोजन किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों और जिन नीतियों में संसोधन की आवश्यकता है, उनका प्रस्ताव जल्द लाया जाए। उन्होंने अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल पार्क, काशीपुर में बनने वाले इलेक्ट्रोनिक पार्क, सितारगंज में बनने वाले प्लास्टिक पार्क के लिए राज्य स्तर से होने वाली कार्यवाही को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। राज्य में रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई आई.टी.पॉलिसी को भी जल्द लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। निर्यात संवर्द्धन के लिए डेडिकेटेड सेल बनाने के साथ देहरादून-ऋषिकेश में कन्वेंशन सेंटर की स्थापना के लिए भी शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
बैठक में जानकारी दी गई कि उद्योग विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 13640 करोड़ के निवेश का लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 28800 करोड़ का निवेश की ग्राउडिंग की जा चुकी है। इस वित्तीय वर्ष में अभी तक निवेश की ग्राउडिंग में 250 प्रतिशत वृद्धि हो चुकी है। मार्च 2024 तक 17200 करोड़ के और निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग का लक्ष्य है। जबकि 46 हजार रोजगार सृजन का लक्ष्य भी पूर्ण किया जा चुका है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के तहत राज्य में 215 यूनिट का रजिस्ट्रेशन हुआ है। जिसमें 5-5 गोल्ड और सिल्वर तथा 205 ब्रांज सेर्टिफिकेशन शामिल हैं। राज्य में 6180 एकड़ का लैंड बैंक बनाया गया है। राज्य में जिन परियोजनाओं पर कार्यवाही गतिमान है, उनमें एरोमा पार्क काशीपुर, प्लास्टिक पार्क सिंतारगंज, इलेक्ट्रोनिक पार्क काशीपुर, फूड पार्क कोटद्वार के निर्माण का कार्य गतिमान हैं। इसके साथ ही हरिद्वार में 200 करोड़ की लागत से 5 लाख स्क्वायर फीट में फ्लेटेड फैक्ट्री का निर्माण, पंतनगर और हरिद्वार में रेन्ट बेस एकमोडेशन के लिए 60 करोड़ की लागत 2 एकड़ में भवन निर्माण किया जायेगा। निवेशकों की सुविधाओं के लिए उद्योग विभाग द्वारा अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री को सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय द्वारा राज्य को ओडीओपी के तहत राष्ट्रीय स्तर पर प्रदान किये गये द्वितीय पुरस्कार की शील्ड तथा प्रमाण पत्र सौंपा गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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जी-20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी में उत्तराखंड के उत्पादों को मिलीं सराहना
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित “जी 20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी“ में उत्तराखंड के स्टॉल में यहां के उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। इस संबंध में उत्तराखण्ड के स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा ने बताया कि सचिव वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार सुनील बर्थवाल ने स्टॉल का भ्रमण कर प्रदर्शित उत्पादों की जानकारी प्राप्त कर सराहना की। रेजिडेन्ट कमिश्नर केरला सौरभ जैन ने भी उत्तराखण्ड के स्टॉल का भ्रमण कर अन्य उत्पादों के साथ बिच्छू घास की बनी जैकेट की विशेष रूप से सराहना की। प्रधानमंत्री कार्यालय में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल के साथ विभिन्न प्रदेशों के रेजिडेन्ट कमिश्नरों ने भी उत्तराखण्ड के स्टॉल का भ्रमण कर प्रदर्शित राज्य के उत्पादों की सराहना की।
उपनिदेशक उद्योग विभाग एवं नोडल अधिकारी डॉ एम एस सजवाण ने बताया कि उत्तराखंड के उद्योग विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल में उत्तराखंड राज्य के हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। यहां अल्मोड़ा ट्वीड ऊनी स्कार्फ, डूंडा शॉल, पिथौरागढ़ के ऊनी कार्पेट, केदारनाथ व अन्य धार्मिक स्थलों की काष्ठ प्रतिकृति, नैनीताल ऐपण, उधमसिंहनगर की मूंज घास के उत्पाद, बागेश्वर के ताम्र उत्पाद, प्राकृतिक फाइबर जैकेट, प्रदर्शित किए गए हैं।
विदेशों से निवेश हो इसके लिए सरकार कर रही विभिन्न देशों में भारत के राजूदतों के साथ चर्चा
मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में स्वीडन में भारत के राजदूत/उच्चायुक्त तन्मय लाल, ताजिकिस्तान में विराज सिंह, पनामा में उपेन्द्र सिंह रावत, ब्रूनेई में आलोक अमिताभ डिमरी, केन्या में नामग्या खम्पा, अल्जीरिया में गौरव अहलूवालिया और स्लोवेनिया में नम्रता एस. कुमार के साथ “बिजनेस मीट“ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ विभिन्न उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग कर अपने विचार रखे।
मुख्य सचिव ने 7 देशों के मिशन प्रमुखों का उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन विदेश में भारत के हितों को बढ़ावा दिए जाने के लिए एक महत्त्वपूर्ण प्लेटफार्म साबित होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय राजदूत और उच्चायुक्त इस सम्मेलन के माध्यम से उत्तराखण्ड द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड अभी एक नया राज्य है, अपने 22 वर्षों के सफर में उत्तराखण्ड ने इंडस्ट्री फ्रेंडली माहौल तैयार किया है। हम उद्योग को देश में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करवा रहे हैं। उत्तराखण्ड की लोकेशन इंडस्ट्री की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से काफी करीब है। नए एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र 2 घंटे की हो जायेगी, जो उत्तराखण्ड में पर्यटन और उद्योग की दृष्टि से काफी लाभप्रद होगी। इसके साथ ही, प्रदेश में हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाऐं बढ़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि हम हाई एंड टूरिस्ट को भी आकर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं। ऋषिकेश विश्वपटल पर इंटरनेशनल योगा कैपिटल के रूप में जाना जाता है, जो वैलनेस की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है।
मुख्य सचिव ने राजदूतों एवं उच्चायुक्तों के माध्यम से इन देशों के व्यापारिक समुदाय को उत्तराखंड में उद्यमियों के साथ सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियमित संवाद स्थापित किया जाएगा। हम राज्य की प्रगति के लिए एवं निवेशकों को सहयोग प्रदान करने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट नीतियां लेकर आ रहे हैं। कुछ नीतियां जो पाइपलाइन में हैं, वे हैं लॉजिस्टिक्स पॉलिसी, सर्विस सेक्टर पॉलिसी, ड्रोन पॉलिसी, डिस्ट्रिक्ट वाइज स्टार्ट-अप स्ट्रैटेजी और ईवी पॉलिसी आदि, ये नीतियां इन सम्बन्धित क्षेत्रों को बढ़ावा देंगी और देश में कारोबारी माहौल में सुधार करेंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड सरकार हर कदम पर निवेशकों को सहयोग प्रदान करने के लिए संकल्पित है।
इस अवसर पर विभिन्न देशों में कार्य कर रहे राजदूतों ने सुझाव दिया कि राज्य के पर्वतीय अंचल के उत्पादों को राज्य की ओर से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी मेनुफेक्चरिंग, ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग की अच्छी व्यवस्था हो। बैठक में सुझाव दिया गया कि उत्तराखंड को योग और वेलनेस टूरिज्म के रूप में वैश्विक स्तर पर तेजी से उभारा जा सकता है। उत्तराखंड योग की भूमि रही है। यहां से प्रशिक्षण लेकर विभिन्न देशों में लोग योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। अधिक से अधिक लोग राज्य में योग का प्रशिक्षण ले सकें, इसकी राज्य में अच्छी व्यवस्था की जा सकती है। राज्य में अपने प्रवास के दौरान, राजदूत एवं हाई कमिश्नर राज्य में निवेश के विभिन्न अवसरों पर चर्चा करेंगे और राज्य से निर्यात को बढ़ावा देंगे। राजदूत आकांक्षी जनपद हरिद्वार का भी दौरा करेंगे, जहां ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) की जानकारी साझा की जाएगी।
सचिव उद्योग डॉ. पंकज कुमार पांडे ने सभी विशिष्ट और सम्माननीय अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार पर्याप्त बुनियादी ढांचा बनाने और उद्योगों के अनुकूल वातावरण तैयार करने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में उभरते क्षेत्रों में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में विशेषज्ञों, संगठनों, स्टार्ट-अप्स, उद्योग संघों और निवेशकों द्वारा अपने अनुभव और सुझाव साझा किये जायेंगे। उत्तराखण्ड निवेश गंतव्य और निर्यात में अग्रणी राज्यों में शामिल हो, यह हमारा प्रयास है। उत्तराखण्ड प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। राज्य पहले से ही जिंक और जिंक उत्पाद, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्युटिकल उत्पाद, उद्योगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले रसायन, प्लास्टिक और प्लास्टिक उत्पाद, सेब, चावल, आम, बाजरा आदि कृषि आदि उत्पादों का निर्यात कर रहा है।
सचिव कृषि वी.वी.आर.सी. पुरूषोतम ने राज्य में कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाओं की जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि राज्य में फूड पार्क, एरोमेटिक आयल हर्ब, स्पाइस, हिमालयन गोट मीट, हिमालयन हर्ड चीज, बद्री गाय घी की बड़ी मांग है।
महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में उद्योगों की स्थिति एवं निवेश से सम्बन्धित संभावनाओं एवं उद्योगों के हित में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद पूजा गर्ब्याल ने प्रदेश में पर्यटन से सम्बन्धित गतिविधियों की जानकारी दी।
सचिव वित्त आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड निवेश के क्षेत्र में संभावनाओं का प्रदेश है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्यमियों एवं निवेशकों के सहयोग के लिये नोडल अधिकारी तैनात किये जायेंगे। विभिन्न क्षेत्रों के लिये निर्धारित की गई नीतियों के प्रति आकर्षित होने वाले उद्यमियों एवं निवेशकों को सुविधा हो सके।
बिजनेस मीट में उद्यमी पंकज गुप्ता, आईटीसी, फार्मास्यूटिकल्स, हीरो मोटो कॉर्प के प्रतिनिधियों के साथ उद्यमी एस.पी.सिंह, प्रणव कुकरेती आदि ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं उद्योग व्यापार से जुड़े लोग उपस्थित रहे।
सीएस ने दिए निर्देश, बोले-निवेश राज्य के लिए बेहद जरूरी
मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने आज सचिवालय में सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत लंबित आवेदनों के संबंध में बैठक की। बैठक में समस्त जिलाधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।
बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि निवेश राज्य के लिए बेहद जरूरी है और निवेश बढ़ाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों पर तत्काल कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। निवेशकों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इस बात पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक 15 दिन में जनपद स्तर पर लंबित आवेदनों की मॉनिटरिंग करें साथ ही शासन स्तर पर संबंधित सचिव इसकी मॉनिटरिंग करते हुए निस्तारण सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने कहा कि प्राप्त आवेदनों को टाइम बाउंड करते हुए समय से निस्तारित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी सामंजस्य से कार्य करें।
मुख्य सचिव ने राजस्व विभाग,आबकारी विभाग के अलावा जिलाधिकारी हरिद्वार व जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को निर्देश दिए कि उनके स्तर पर लंबित आवेदनों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए इन आवेदनों का निस्तारण सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक उद्योग रणवीर सिंह चौहान सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
सीएस ने उद्योगों के अनुकूल महौल बनाने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधु ने सचिवालय में उद्योग विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि उद्योग विभाग का उद्देश्य उद्योगों को राज्य में आने के लिए प्रोत्साहित करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए उद्योग विभाग को उद्योगों के लिए हैंड होल्डिंग करने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि उद्योग राज्य में आएं इसके लिए मूलभूत सुविधाओं को विकसित करते हुए हर संभव सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों द्वारा अपनाई गई बेस्ट प्रैक्टिसेज को उत्तराखंड की पॉलिसीज में शामिल किया जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को उन्नति पोर्टल के माध्यम से नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी क्लियरेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को भी उन्नति पोर्टल के माध्यम से समीक्षा की जाएगी। ऑनलाइन रिव्यू से कार्यों में तेजी लाई जा सकेगी। राज्य में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये औद्योगिक घरानों एवं समूहों से लगातार संपर्क किया जाए। इसके लिए विशेषज्ञ कंसल्टेंट लगाए जाएं।
मुख्य सचिव ने राज्य में हॉर्टी टूरिज्म की अपार संभावनाओं को देखते हुए इस पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फिल्म शूटिंग, फूड प्रोसेसिंग आदि क्षेत्र भी प्रदेश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इन पर विशेष फोकस किया जाए।
बैठक के दौरान महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा द्वारा बताया गया कि उद्योग विभाग का मुख्य कार्य इन्वेस्टमेंट को प्रोमोट करना एवं एंटरप्रिन्योर शिप को प्रोत्साहित करते हुए रोजगार उत्पन्न करना है। इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन के अंतर्गत 12 सेक्टर में फोकस किया जा रहा है। इसमें फूड प्रोसेसिंग, फार्मास्यूटिकल्स, वेलनेस एंड आयुष, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी, हार्टिकल्चर एंड फ्लोरीकल्चर, ऑटोमोबाइल्स, हर्बल एंड एरोमेटिक, रिन्यूएबल एनर्जी, फिल्म शूटिंग, नेचुरल फाइबर्स, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और बायो टेक्नोलॉजी शामिल हैं।
बताया गया कि आईपीए रेटिंग में उत्तराखण्ड 8 आईपीए पिलर्स में से 7 में टॉप परफॉर्मर रहा है और एक में एस्पायरिंग लीडर रहा है। इस अवसर पर सचिव अमित नेगी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।
उद्यमियों की सहायता के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का सरलीकरण-सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में उद्योग विभाग की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रयासों की जरूरत बताते हुए बड़े उद्योगपतियों से संवाद कर प्रदेश में उद्योग लगाने हेतु आकर्षित करने, उद्योगों में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, उद्यमियों की सहायता के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का सरलीकरण और अधिक प्रभावी बनाए जाने के साथ ही उद्योगों की स्थिति एवं समस्याओं आदि की जानकारी के लिए कांक्रीट ऑडिट की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान देने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उद्योगों से संबंधित लंबित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण तत्परता एवं समयबद्धता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के हित में लिए गए निर्णयों की भी जानकारी उद्यमियों को होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं निवेशकों से संवाद से निवेश संवर्धन एवं आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने युवाओं में उद्यमिता एवं स्वरोजगार के प्रति अभिरुचि पैदा करने की भी जरूरत बताई। उन्होंने मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी, मेगा टेक्सटाइल पॉलिसी, क्रय वरीयता नीति, एम.एस.एम.ई. इकाइयों को दी जाने वाली सहूलियतों से संबंधित नियमों में किए जाने वाले आवश्यक संशोधनों पर त्वरित कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन विषयों पर त्वरित निर्णय हेतु मुख्य सचिव के स्तर पर सभी सम्बन्धित विभागों की बैठक आयोजित किये जाने के भी निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने औद्योगिक विकास योजना को विस्तारित किये जाने, जनपद हरिद्वार मे इन लेण्ड कन्टेनर डिपो की स्थापना, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम के अन्तर्गत कल्स्टर विकास योजनाओं, अमृतसर-कोलकता इंडस्ट्रियल कोरिडोर, खटीमा एवं टनकपुर में सिड़कुल की स्थापना से सम्बन्धित प्रस्तावों के क्रियान्वयन मे भी तेजी लाये जाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य प्रदेश में औद्योगिकरण को बढ़ावा देना है। राज्य में उद्योगों के अनुकूल माहौल है। कानून व्यवस्था की भी कोई समस्या नहीं है। बिजली की उपलब्धता है, इनके साथ ही राज्य का शान्त एवं स्वच्छ वातावरण उद्यमियों के अनुकूल है। इसके लिये सभी विभागों को समेकित प्रयासों पर ध्यान देना होगा। राज्य का औद्योगिक वातावरण प्रदेश की आर्थिकी एवं रोजगार सृजन में भी मददगार है।
बैठक में सचिव उद्योग राधिका झा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में उद्योगों की स्थिति विभागीय कार्यों एवं प्रदेश में व्यापक औद्योगीकरण के लिये किये जा रहे प्रयासों, नीतियों कार्यक्रमों के साथ ही सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र हरिद्वार पंतनगर, सेलाकुई, कोटद्वार,आईटी पार्क देहरादून, सितारगंज एस्कॉर्ट फार्म में उपलब्ध एवं आवंटित भूमि आदि की भी जानकारी दी।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धू, अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, प्रबन्ध निदेशक सिड़कुल रोहित मीणा, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, उप निदेशक अनुपम द्विवेदी एवं अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के महाप्रबन्धक उद्योग उपस्थित थे।