पौड़ी के एक लाल अभिनव रावत ने शनिवार को नौसेना में सेकेंड लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन हासिल कर लिया है। केरल के इजीमाला स्थित नेवल अकादमी में पासिंग आउट परेड के बाद अभिनव नौसेना की मुख्यधारा में शामिल हो गया। अभिनव की पीपिंग सेरमनी में उसके पिता मातवर सिंह रावत और मां लक्ष्मी रावत भी मौजूद रही। अभिनव पौड़ी जिले के एकेश्वर ब्लाक के चमाली गांव का निवासी है। सेकेंड लेफ्टिनेंट अभिनव रावत ने कहा कि वह उत्तराखंड की देशसेवा और कर्तव्यपरायणता की समृद्ध और गौरवशाली परम्परा से प्रभावित था, इसलिए सेना को प्राथमिकता दी। उसकी इस उपलब्धि पर पूरे गांव में खुशी का माहौल है। अभिनव के दादा भोपाल सिंह रावत और दादी दूरा देवी गांव में ही रहते हैं। दादा भोपाल सिंह रावत ने कहा कि पोते की इस उपलब्धि पर उन्हें गर्व है।
22 वर्षीय सेकेंड लेफ्टिनेंट अभिनव रावत ने 2018 में इंद्रापुरम गाजियाबाद के कैंब्रिज स्कूल से 12वीं करने के बाद नेवल अकादमी के लिए आवेदन किया और पहली बार में ही सर्विस सलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) क्लियर कर दिया। अभिनव का सलेक्शन आईआईटी के लिए भी हुआ था लेकिन उसने देशसेवा को प्राथमिकता दी। अभिनव के पिता मातबर सिंह रावत दिल्ली की एक कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं। उनका कहना है कि अभिनव ने पहले से ही तय किया था कि वह सेना में जाएगा। उसकी इस उपलब्धि पर हमें गर्व है।
गौरतलब है कि चमाली गांव वीर योद्धाओं का गांव है। देश सेवा यहां की परम्परा है। इस गांव के हर परिवार से कोई न कोई सदस्य सेना में है। गांव के हवलदार बुद्धिसिंह रावत और हवलदार झगड़ सिंह रावत स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। गांव में दो पूर्व कर्नल और दर्जन भर से भी अधिक पूर्व जेसीओ हैं। कारगिल युद्ध में अपना सर्वाेच्च बलिदान देने वाले लांसनायक बलवीर सिंह नेगी भी इसी गांव के हैं।
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मूर्तिकार की तरह छात्रों का भविष्य संवारे शिक्षकः त्रिवेन्द्र रावत
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विद्यालय के बहुउद्देशीय हॉल, डिस्पेन्सरी तथा अतिथि कक्ष का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया। इससे पूर्व उन्होंने विद्यालय का निरीक्षण कर विद्यालय में चल रही शैक्षणिक व शिक्षणेत्तर गतिविधियों की जानकारी भी ली। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों व छात्रों को विद्यालय की स्थापना दिवस की शुभकानायें देते हुए कहा कि इस विद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में जो कीर्तिमान स्थापित किये हैं वह सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक का कार्य मूर्तिकार की तरह है। जिस प्रकार तमाम कठिनाइयों व परिश्रम के बाद मूर्तिकार पत्थर को तरासकर आकर्षक मूर्ति का निर्माण कर उसे जीवन्त बनाता है, उसी प्रकार शिक्षक भी छात्रों को कड़ी मेहनत व समर्पित भाव से उन्हें शिक्षित करने का कार्य करते हैं। छात्रों के जीवन में शिक्षक का बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने सही कहा था कि विद्यालय में भवन व लाइब्रेरी आदि अन्य सुविधाओं की कमी को एक योग्य शिक्षक ही दूर कर सकता है। एकलव्य विद्यालय इसका जीता जागता उदाहरण है। छात्रों को शिक्षित करने, उनके व्यक्तित्व विकास का जो समर्पित भाव व दृढ़ इच्छा शक्ति इस विद्यालय के प्रधानाचार्य व शिक्षकों में है वह निसंदेह सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी संस्था आसानी से खड़ी नहीं होती है। इसके लिये कड़ी मेहनत व समर्पण का भाव होना जरूरी है। अत्यधिक फीस लेकर शिक्षा देने वाले स्कूलों से बेहतर शिक्षा का माहौल छात्रों को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में मिल रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के बच्चों के पिछले दो वर्ष में विभिन्न आईआईटी, एमबीबीएस व प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पर भी प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने विद्यालय को जनजाति क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा का प्रमुख केन्द्र बताया है। स्कूल के शिक्षकों को भी जनजाति छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल प्रदान करने के लिये बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराना समाज के व्यापक हित में है, हमारे छात्र बेहतर गुणात्मक शिक्षा के बल पर ही देश के कर्मठ शिक्षित नागरिक बन सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने विद्यालय के 7 छात्रों को विभिन्न संस्थानों आई0आई0टी0, एन0आई0टी0 एवं आईआईआईटी में, दो छात्रों का एमबीबीएस, 4 छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कालेजां में प्रवेश मिलने को विद्यालय की गौरवपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने इसके लिये छात्रों के साथ ही विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जी.सी.बडोनी व शिक्षकों को भी बधाई दी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना के अभी सिर्फ 9 साल पूर्ण हुए, इस अल्प समय में विद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। सीमित संसाधन व शिक्षकों की संख्या कम होने के बावजूद भी विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही, विभिन्न प्रकार के हुनर बच्चों को सिखाये जा रहे हैं, यह एक सराहनीय प्रयास है। देश की तरक्की के लिए बेहतर शिक्षा का होना जरूरी है। इस दिशा में जनजातीय क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।
विधायक मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि जब इस विद्यालय की स्थापना हुई तब यहां पर छात्र संख्या 46 थी, जबकि आज विद्यालय में लगभग 400 छात्र-छात्राएं हैं। इस विद्यालय के छात्रों को आईआईटी, एमबीबीएस व अन्य उच्च संस्थानों में यहां के छात्रों को प्रवेश मिला है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय अन्य स्कूलों के लिए रोल मॉडल बन सकता है।
कार्यक्रम में अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बी.आर.आर्य, उपाध्यक्ष जनजातीय आयोग मूरत राम शर्मा, सचिव एल फैनई, अपर सचिव रामविलास यादव, निदेशक जनजातीय कल्याण सुरेश जोशी, ब्लाक प्रमुख कालसी अर्जुन सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चैहान सहित विद्यालय के शिक्षक व छात्र आदि उपस्थित थे।