किसानों को कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में जनपद स्तर पर बड़े कार्यक्रम आयोजित करेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कृषि और उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में किसानों की आर्थिकी को और तेजी से बढ़ाने की दिशा में प्रभावी प्रयास किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ एक पैकेज के रूप में मिले। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ किसानों को मिले इसके लिए राज्य और जनपद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि पॉलीहाउस के निर्माण में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए पॉलीहाउस योजना सहायक सिद्ध होगी, इनके निर्माण में लेटलतीफी करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक साल के लिए निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से राज्य में पॉलीहाउस का निर्माण किया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि यंत्रीकरण योजना से किसानों को लाभान्वित किया जाए। इस योजना के तहत अनेक कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। फार्म मशीनरी बैंक योजना से किसानों को तेजी से जोड़ने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक योजना से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मिलेट को बढ़ावा देने के लिये और कारगर प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये कृषि क्षेत्र बढ़ाने के साथ उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक साल का एक्शन प्लान बनाया जाए। उत्पादों की वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य में प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में एप्पल और कीवी मिशन के तहत तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि सेब के उत्पादन में वृद्धि के साथ ही पैकेजिंग और मार्केटिंग की दिशा में भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सेब और कीवी उत्पादन में वृद्धि राज्य में किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने में गैम चेंजर साबित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ऐरोमा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं है। ऐरोमैटिक सेक्टर किसानों की आय बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को ऐरोमैटिक खेती के लिए अधिक से अधिक प्रेरित किया जाए।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी गई कि महिलाओं की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए अभी तक 28 महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी योजना से जोड़ गया है, इस वर्ष इस योजना से 280 महिलाओं को जोड़ा जायेगा। स्टैट मिलेट मिशन नीति के तहत वर्तमान में 01 हजार महिलाओं के समूह गठित किये गये हैं, 2025 तक इन समूहों की संख्या 03 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 05 हजार महिला कृषकों को स्वरोजगार के लिए जैविक खेती प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। चाय उत्पादन और संगंध कृषि एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा रही है।

आमजन के जीवन को सुगम बनाने के लिए कृषि और उद्यान के क्षेत्र में ई- सुविधा की दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में अनेक नवाचार किये जा रहे हैं। राज्य में ‘तिमरू द उत्तराखण्ड’ परफ्यूम लांच किया गया है जिसकी प्रधानमंत्री ने भी सराहना की। राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि इौर औद्यानिकी का वार्षिक कलेण्डर भी जारी किया गया है। 2027 तक राज्य में 23342 पॉलीहाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 8500 पॉलीहाउस बनाये गये हैं।

बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव एस.एन. पाण्डेय, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, आनंद स्वरूप, दीप्ति सिंह, निदेशक सगंध पौध केंद्र नृपेन्द्र चौहान एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने कृषि व उद्यान विभाग को सभी पॉलिसी के अन्तिम प्रस्ताव भेजने की डेडलाइन दी

उत्तराखण्ड में मिलेट पॉलिसी, हाई टेक एप्पल नर्सरी पॉलिसी, पोस्ट हार्वेस्ट इन्फ्रा पॉलिसी, कीवी फार्मिंग पॉलिसी, हनी पॉलिसी, महक रेव्ल्यूशन पॉलिसी, झंगौरा के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के निर्धारण पर तेजी कार्य चल रहा है। इसके साथ ही राज्य में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने तथा किसानों की सुविधा व हित को ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में सेतु आयोग व कृषि एवं उद्यान विभाग की बैठक में हाई डेनस्टि एप्पल पॉलिसी में संशोधन के प्रस्ताव को अन्तिम रूप देने के लिए उद्यान विभाग को 15 दिन की डेडलाइन दी है। इस सम्बन्ध में सब्सिडी वितरण को तीन किस्तों में 80 प्रतिशत, 10 प्रतिशत व 10 प्रतिशत किये जाने पर चर्चा की गई। वर्तमान पॉलिसी के तहत 171 एकड़ क्षेत्र में सेब उत्पादन के प्रस्ताव के सम्बन्ध में अभी तक 436 किसानों के आवेदन प्राप्त हुए हैं।

हाईटेक एप्पल नर्सरी पॉलिसी के सम्बन्ध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सभी स्टेकहॉल्डर्स के साथ चर्चा करने के बाद पॉलिसी को अन्तिम रूप में जल्द से जल्द प्रस्तावित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पोस्ट हार्वेस्ट इन्फ्रा पॉलिसी में वांछित संशोधन के बाद इस राज्य से फंडिग करवाने के साथ अन्तिम रूप में प्रस्तावित करने के निर्देश दिए हैं।

कीवी क्लटीवेशन पॉलिसी को एक सप्ताह से पहले अन्तिम रूप में प्रस्तावित करने का निर्देश देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस सम्बन्ध में कीवी उत्पादकों को 80 प्रतिशत, 10 प्रतिशत व 10 प्रतिशत की तीन किस्तों में सब्सिडी वितरण पर चर्चा की है।

राज्य में एकीकृत मधुमक्खी उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लाई जा रही हनी पॉलिसी को अन्तिम रूप से प्रस्तावित करने के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उद्यान विभाग को 4 सप्ताह की डेडलाइन दी है। उन्होंने मिलेट पॉलिसी में वाछिंत संशोधन कर इसे भी जल्द से जल्द अन्तिम रूप में प्रस्तावित करने के निर्देश दिए हैं। मिलेट पॉलिसी के तहत मिलेट्स की उत्पादकता बढ़ाने तथा क्षेत्र विस्तार पर फोकस किया जाएगा। सीएस ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में गेहूँ व चावल की खेती से मिलेट्स की खेती में शिफट करने के विजन के साथ पॉलिसी पर कार्य किया जाए। उन्होंने मिलेट्स की खेती से राज्य के किसानों को मिलने वाले कार्बन क्रेडिट पर भी जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने झंगौरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य को निर्धारित करने के प्रस्ताव को भी जल्द प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य में मिलेट्स उत्पादन की सटीक आंकड़े जुटाने के निर्देश दिए हैं।

राज्य में फलोरीकल्चर की अपार संभावनाओं को देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हल्द्वानी व ऋषिकेश में फूलों की मंडी स्थापित करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के साथ ही मंडियों तथा विभागों के मध्य समन्वय के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में सप्लाई चेन को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एग्रीकल्चर मास्टर प्लान के तहत सॉयल प्रोफाइलिंग के कार्य को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में टीडीसी का नाम परिवर्तित कर उत्तराखण्ड सीड कॉरपोरेशन करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई ।

इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, सेतु आयोग वाइस चेयरमैन राजशेखर जोशी, सहित कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

उत्तराखंड के कृषि उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था हो-धामी

कृषकों को कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में उत्पादन का अच्छा दाम मिले इसके लिए बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था की जाए। कृषकों की आय दुगुनी करने के लिए उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाए। किसानों को मोटे अनाजों के अधिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करें। किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कृषि, उद्यान एवं अन्य संबंधित विभाग समन्वय से कार्य करें। अधिकारी बैठक में पूरी तैयारी से आयें, कार्य के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड 2025 के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कृषि एवं उद्यान के अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक रोडमैप की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए, इसकी मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है, किसानों की आय को बढ़ाने में मिलेट्स अहम भूमिका निभायेगा। तीन सितारा, चार सितारा एवं पांच सितारा होटलों में मिलेट्स की व्यवस्था हो, इसके लिए इन्हें भी प्रोत्साहित किया जाए। पैक्स एवं क्रय केन्द्रों पर मिलेट्स खरीदने की उचित व्यवस्था रखी जाए। जो स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मंडुवा लेंगी, उनको इन्सेंटिव शीघ्र मिल जाए। उन्होंने कहा कि मिलेट्स उत्पादन के लिए प्राकृतिक और परंपरागत रूप से सभी संसाधन राज्य के पास हैं। मिलेट्स के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को रोल मॉडल बनाने की दिशा में कार्य किये जाएं।
कृषि अवसंरचना निधि के तहत धीमी कार्य प्रगति पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि इसमें निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मजबूत कार्ययोजना बनाई जाए। इसके तहत किसानों को ऋण लेने में कोई असुविधा न हो, इसके लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण की दिशा में ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंदरों से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जल्द ही वन विभाग, शहरी विकास एवं अन्य संबंधित विभागों की बैठक की जाए।
मुख्यमंत्री ने उद्यान विभाग के रोडमैप की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में पॉलीहाउस स्थापना के कार्यों में अभियान के तहत कार्य किये जाएं। कैबिनेट द्वारा इसके लिए किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इन पॉलीहाउस में फल, फूल, सब्जी का जो उत्पादन होगा, इनको देश भर में भेजा जायेगा। इसके लिए गढ़वाल और कुमायूं में मण्डी बनाने का निर्णय लिया गया है। पॉलीहाउस पर कार्य प्रगति की जल्द समीक्षा भी की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। कीवी और एप्पल मिशन के तहत तेजी से कार्य किया जाए। मौन पालन के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं। मौन पालन किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक अच्छा माध्यम है, इस दिशा में कार्य करने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा अगर बाहर से उच्च गुणवत्ता युक्त पौध ली जा रही है, तो उनका डीबीटी के माध्यम से समय पर भुगतान हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र चौधरी, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, विजय कुमार जोगदाण्डे, कृषि, उद्यान एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

पहाड़ी उत्पाद मुंडवा, रामदाना, झंगोरा पर प्रदेश सरकार का विशेष फोकस हैः गणेश जोशी

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में सचिव वी. बी.आरसी पुरुषोत्तम अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान उद्यान निदेशक एचएस बवेजा कृषि निदेशक गौरीशंकर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मंत्री जोशी ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मंत्री जोशी ने प्रदेश में उद्यान के गार्डनों को होल्टीकल्चर टूरिज्म के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। मंत्री जोशी रायवाला में गौहरीमाफी स्थित राजकीय उद्यान गंगालहरी में सेंटर फॉर एक्सीलेंस में फ्लोरी कल्चर के प्रोजेक्ट को 6 माह के भीतर धरातल पर तैयार करने के अधिकारियों निर्देश दिए। बैठक में मंत्री जोशी ने कृषि सचिव से लेकर विभाग के निदेशक को माह के 10 दिन फ़ील्ड में भ्रमण कर कार्य करने के भी निर्देश दिए। बैठक में धनोल्टी में होल्टीकल्चर टूरिज्म के रूप में विकसित करने पर भी विचार विमर्श किया गया।

बैठक में सेब की पेटियां किसानों को सही समय पर ओर अच्छी क्वालिटी की पेटी किसानों को मिले इसके लिए मंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा अगली बार सेब बागवानों को सेब की पेटी के लिए बाहर न जाना पड़े इसके लिए अभी से तैयारी की जाए।बैठक में मंत्री जोशी ने कहा कि 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलेट्स ईयर घोषित किया है।

मंत्री ने कहा मिलेट्स कि आज अधिक डिमांड है उन्होंने अधिकारियों को सुनिश्चित किया है कि सरकार का पहाड़ी उत्पाद जैसे मुंडवा, रामदाना, झंगोरा पर विशेष फोकस है। मंत्री जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि राशन की दुकान में जो गरीबों को राशन दिया जाता है उसमें 1 किलो मंडवा भी दिया जाएगा। इसी प्रकार मिड डे मील, आंगनवाड़ी में मोटे अनाज को भेजेंगे ताकि इसकी खपत बढ़े किसानों जो पैदावार पैदा करता है। उसको उचित दाम मिले इसके लिए मोबाइल वैन के जरिए किसान के खेत में जाकर उसकी उपज को खरीदें।

ताकि जो बीच में पैसा व्यापारी को मिलता है उसकी जगह सीधा लाभ किसान को मिले। मंत्री जोशी ने कहा इससे हमारे जो मिलेट्स है उसके उत्पाद में बढ़ावा होगा। इसके अलावा मंत्री जोशी ने जनवरी में जो क्रॉप्स लगाए जा रहे हैं वह उच्च गुणवत्ता युक्त क्रॉप्स हो। इसके साथ ही मंत्री जोशी ने अधिकारियों को मिलेट्स का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करने पर भी जोर दिया। इसके साथ ही मंत्री जोशी ने 25 दिसंबर से विभाग द्वारा रूप गार्डनिग के कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर भी अधिकारियों को समय पर सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए।

सचिव वी. बी.आरसी पुरुषोत्तम अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान उद्यान निदेशक एचएस बवेजा कृषि निदेशक गौरीशंकर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

किसान को अच्छी पैदावार और गुणवत्ता युक्त पौध उपलब्ध कराये-गणेश जोशी

कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को सचिवालय स्थित एफआरडीसी सभागार में उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ एक सप्ताह पूर्व हुई बैठक में दिए गए दिशा निर्देशों की प्रगति की जानकारी ली।
बैठक में मंत्री जोशी ने विभागीय अधिकारियों से पिछली समीक्षा बैठक में दिए गए दिशा निर्देश की जानकारी ली अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि शीतकालीन सीजन में फल एवं सब्जी के पौध की डिमांड में फलों की डिमांड 7,47,341 आयी है। ऐसे ही सब्जियों के पौधों की मांग 257.61 लाख आयी है। इसी प्रकार फलों में सेब की पौध की डिमांड 4,15,905 आयी है। मंत्री जोशी ने अधिकारियों को सेब पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए अधिकारियों को जनपदवार डीएचओ से पर्सनली बात कर प्लांटेशन बढ़ाने के निर्देश दिए।
मंत्री जोशी ने कहा कि किसान को गुणवत्ता युक्त वैरायटी के पौधे उपलब्ध कराए जाए। उन्होंने कहा आज किसान सेब की एम-9 की वैरायटी की जगह रूट स्टॉक की वैरायटी की ओर जा रहे है, जिसको लेकर मंत्री जोशी ने कहा कि जिससे किसानों को लाभ हो वह अच्छी वैरायटी के पौध किसानों को उपलब्ध कराया जाय। मंत्री जोशी ने एम-9 को रूटस्टॉक में परिवर्तित कर किसानों को गुणवत्ता युक्त और अच्छी पैदावार के पौधे उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मंत्री जोशी ने कहा कि किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ शीघ्र ही ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू करने जा रहे हैं जिसमें हिमाचल के जीत चौहान से बातचीत की जा रही है। ताकि वह किसानों को ट्रेनिंग दे सके।
बैठक में रूफ गार्डनिंग को लेकर भी चर्चा की गई जिसमे उद्यान विभाग द्वारा रूफ गार्डनिंग को प्रोत्साहित करने के लिए 25 दिसंबर से 2 जनवरी 2023 तक रूप गार्डनिंग सप्ताह के रूप में मनाया जायेगा। मंत्री जोशी ने कहा कि फरवरी बसंतोत्सव के समय उसमें फूलों के साथ साथ रूफ गार्डनिंग में उगाई गई उत्पाद के साथ प्रतियोगिता की जाएगी। जिसमे रूफ गार्डनिंग के प्रोत्साहन के लिए विजेता को ईनाम दिया जाएगा।
बैठक में मंत्री जोशी ने सेंटर फॉर एक्सीलेंस को लेकर अधिकारियों को एक सप्ताह में एक्शन प्लान बनाने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही मंत्री जोशी ने अधिकारियों को नर्सरी के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए मंत्री जोशी ने कहा कि अगली बार किसान पौध के लिए बाहर न जाए, सभी पौध यहां से अन्य राज्यों में सप्लाई हो इसके लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। मंत्री जोशी ने कहा कि हमारा जो संकल्प है कि 2025 तक किसान को आय दोगुनी हो इस दिशा में प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है।
इस अवसर पर सचिव वी.बी. आरसी पुरुषोत्तम, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने फलदार पेड़ लगाने की अपील की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास परिसर स्थित लीची के पेड़ों से लीची तोड़ने की व्यवस्था का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि देहरादून की लीची के लिये भी पहचान रही है। देहरादून की यह पहचान बनी रहे इसके लिये अधिक से अधिक लीची के पेड़ लगाए जाने की उन्होंने जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में जन जागरूकता पर भी ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने उद्यान विभाग को इसके लिये पहल करने को कहा। राजकीय परिसरों आवासों के साथ ही सार्वजनिक स्थलों व पार्कों में लीची सहित अन्य फलदार पेड़ों के लगाये जाने के प्रयास किये जाने के लिये जनभागीदारी की भी उन्होंने जरूरत बतायी।
प्रभारी उद्यान मुख्यमंत्री आवास दीपक पुरोहित ने मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री आवास परिसर एवं उद्यान निदेशालय परिसर में स्थापित फलदार पेड़ो की जानकारी दी। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष मार्च में तापमान में बहुत ज्यादा वृद्धि से समस्त फलों पर कुप्रभाव पड़ा है। पिछले एक सप्ताह में तापमान में जो वृद्धि हुई है, उससे लगभग 25 प्रतिशत लींची फल फटने की समस्या आयी है।

मौनपालन को पायलट प्रोजेक्ट की तरह लें उद्यान विभाग के अधिकारीः सीएम

मुख्यमंत्री आवास में आज शहद निष्कासन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शहद निष्कासन कार्यक्रम का अवलोकन किया गया। इस दौरान लगभग 25 किग्रा शहद निकाला गया। मुख्यमंत्री ने उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि मौनपालन को पायलट प्रोजक्ट की तरह लिया जाय। जनपद चम्पावत में हाईटेक मौनपालन प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की जाय। मौनपालन की सम्भावनाओं के सम्बन्ध में पीपीटी के माध्यम से विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जाय।

मुख्यमंत्री ने उद्यान प्रभारी दीपक पुरोहित को मुख्यमंत्री आवास परिसर व परिसर से बाहर खाली स्थानों पर मौनपालन हेतु उपयुक्त स्थान का चयन करने के निर्देश दिये गये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री आवास परिसर को औद्यानिकी क्रियाकलापों का उत्कृष्ट मॉडल के रूप में विकसित किया जाए, ताकि आवास में आने वाले आगुन्तकों को औद्यानिकी से सम्बन्धित उन्नत तकनीकों की जानकारी प्राप्त हो सके।

निदेशक उद्यान डा. हरमिन्दर सिंह बवेजा के द्वारा अवगत कराया है कि मधुमक्खियों के द्वारा परपरागण से उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ मधुमक्खियों से शहद उत्पादन के अतिरिक्त Royal Jelly, Propolis, Bees wax, Pollen, Comb Honey, Bee Venom आदि महत्वूपर्ण उत्पाद प्राप्त होते हैं। मधुमक्खियां जैव विविधता एवं पर्यावरणीय स्थिरता में भी सहयोग प्रदान करती है। मधुमक्खी पालन से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के सृजित होने से कास्तकारों को अतिरिक्त आय प्राप्त होती है।

मुख्यमंत्री आवास में रोजगार के क्षेत्र में किये जा उद्यानिकी विभाग के ट्रायल हो रहे सफल

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री आवास में उद्यान विभाग के द्वारा राज्य के उद्यानिकी क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में कई प्रकार के ट्रायल किये जा रहे है। जिनसे युवा इन क्षेत्रों को रोजगार के रुप में अपनाये। इसी क्रम में मुख्यमंत्री आवास परिसर में उद्यान विभाग द्वारा एक पेड पर आम की 42 प्रजातियों की ग्राफ्टिंग की गयी। अरूनिमा, अरूनिका, अम्लिका, सूर्या, लालिमा, मल्लिका, निलय, आम्रपाली इत्यादि को मिलाकर कुल 42 प्रजातियों की ग्राफ्टिंग एक पेड पर की गयी।
मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून डाॅ0 मीनाक्षी जोशी द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को इन प्रजातियों के बारे में विस्तृत से जानकारी दी गयी। वहीं, आवास परिसर में मौनपालन से इस वर्ष 22 कि0ग्रा0 शहद का उत्पादन हुआ। जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा पुनः मौनपालन को बढ़ावा देने हेतु योजना बनाने हेतु निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री द्वारा उद्यान प्रभारी दीपक पुरोहित को आवास परिसर में औद्यानिकी की अन्य गतिविधियां भी शुरू करने हेतु निर्देशित किया गया। पुरोहित द्वारा बताया कि आवास परिसर में अगले वर्ष तक अनुमानित आम की 200 से भी अधिक प्रजातियाँ लगायी जायेंगी।