ऋषिकेश।
एसआरएचयू नर्सिंग निदेशक डॉ. रेनू धस्माना ने नर्सेस दिवस की शुभकामनाएं देते हुए इसका महत्व बताया। बोलीं कि नोबल नर्सिंग सेवा की शुरुआत करने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस के तौर पर अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। नर्सिंग का मतलब जिंदगी की रक्षा करना है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को लगन के साथ काम करने की सलाह दी। उन्होंने मौजूद छात्र-छात्राओं को नर्सिंग देखभाल को और बेहतर और उच्च स्तर पर ले जाने के लिए प्रेरित किया।
हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग ऑडिटोरियम में अंतरराष्ट्रीय नर्सेस डे पर करीब 28 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। ग्रुप डांस जिसकी थीम रेंज ऑफ मोशन एक्सरसाइजिज रही, इसमें हिमालयन हॉस्पिटल व कॉलेज ऑफ नर्सिंग की छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। ग्रुप डांस में अक्षिता एड ग्रुप जीएनएम ने प्रथम स्थान, जीएनएम द्वितीय वर्ष से मोनिका शाह एंड ग्रुप ने दूसरा स्थान व हिमालयन हॉस्पिटल स्टाफ नर्स से श्वेता एंड ग्रुप ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता जिसकी थीम नर्स सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त एवं नेतृत्व करने के लिए एक आवाज पर आधारित रही, इसमें हॉस्पिटल स्टाफ से प्रथम स्थान तनुजा बडवाल, द्वितीय स्थान काजल गिरी बीएससी नर्सिंग चौथे वर्ष व अक्षिका पॉल बीएससी नर्सिंग द्वितीय वर्ष की छात्रा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। डॉ. संचिता पुगाजंडी ने कहा कि नर्सिंग एक दर्पण की तरह है, जिसके जरिए लोग मरीज को केयर साफ-साफ देख सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। संचालन हरलीन कौर ने किया। आयोजित कार्यक्रम में डॉ. कैथी, कमली प्रकाश, उपमा जॉर्ज, हरलीन कौर प्रिति प्रभा ने सहयोग दिया।
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160 किलो की महिला ने दिया स्वस्थ बच्ची को जन्म
ऋषिकेश।
हार्मोनल अंसुतलन के कारण 34 वर्षीय देहरादून निवासी संजना का वजन 160 किग्रा है। संजना के पहले से दो बच्चे हैं। तीसरी बार जब संजना ने गर्भधारण किया तो प्रसव की जटिलताओं के कारण दून के ज्यादातर चिकित्सकों ने उनका केस लेने से मना कर दिया। ऐसे में उन्होंने एम्स ऋषिकेश से संपर्क किया। अत्यधिक जटिलता के कारण एम्स के डॉक्टरों ने संजना को हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट रेफर किया।
यहां पर महिला रोग चिकित्सक डॉ. देवनंदा चौधरी ने संजना की प्रारंभिक जांचों के बाद सर्जरी का फैसला लिया। बताया कि संजना के पहले दोनों बच्चे भी सर्जरी से ही पैदा हुए थे। हालांकि इस बार बहुत ज्यादा वजन और हाई ब्लड प्रेशर के कारण सर्जरी में जटिलाताएं और भी बढ़ गईं। बच्चे के गले में गर्भनाल भी लिपटी हुई थी। कुछ घंटों की जटिल सर्जरी के बाद संजना ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
सर्जरी सफल बनाने में डॉ. दीपमाला, डॉ. गुरजीत खुराना, डॉ. पारुल का विशेष योगदान रहा। स्वामीराम हिमालयन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने हाईरिस्क सर्जरी सफल बनाने वाले डॉक्टरों की टीम को बधाई दी। साथ ही उन्होंने संजना और बच्चे के स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
बच्चे की मौत पर नर्सिंग में काटा हंगामा
ऋषिकेश।
चंद्रेश्वरनगर धोबीघाट के सुजीत के सात माह के बेटे सुप्रीत की तबीयत खराब होने पर चन्द्रेश्वरनगर के ही एक नर्सिग होम में भर्ती कराया गया था। कुछ देर बाद डॉक्टर ने उसे जौलीग्रांट रेफर कर दिया जबकि जौलीग्रांट पहुंचते ही डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
बच्चे की मौत से परिवारवालों का गुस्सा फूट पड़ा। वे शव लेकर वापस चंद्रेश्वर नगर स्थित नर्सिंग होम लौट आए और हंगामा शुरू कर दिया। वे इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे और दवा की ओवरडोज से बच्चे की मौत होने की बात कह रहे थे। हंगामे के कारण नर्सिंग होम पर भीड़ लग गई और डर कर डॉक्टर ने स्वयं को एक कमरे में बंद कर दिया। नर्सिग होम के स्टॉफ ने ही मामले की सूचना पुलिस को दे दी। पुलिस ने ही कमरे में कैद डॉक्टर को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया। कोतवाल सुरेन्द्र सामंत ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। मामला चिकित्सक से जुड़ा है, इसलिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी मामले में चिकित्सकों का पैनल गठित करेंगे। रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई होगी। वहीं डॉक्टर पर लगे आरोपों की जांच के लिए डॉक्टर के ब्लड और यूरिन का सैंपल दून अस्पताल भेजा गया है।