मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में प्रदेश में बनाए जा रहे हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने सभी हेलीपोर्ट्स और हेलीपेड्स की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में चार धाम और पर्यटन के साथ ही यहां की खूबसूरती और शांति के कारण टूरिज्म की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे पर्यटकों के पास पैसा तो है पर समय का अभाव है जिसके चलते ऐसे पर्यटक यहां आने से बचते हैं। मुख्य सचिव ने ऐसे पर्यटकों को भी ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अधिक से अधिक हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जॉय राइड्स की भी असीम संभावनाएं हैं, इसके साथ ही हिमालय दर्शन जैसी योजनाओं को अधिक से अधिक स्थानों से संचालित किया जाए। इसके लिए हेली के साथ ही फिक्स विंग सेवाओं पर भी फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि यहां की खूबसूरती के देखने के बाद इन्हीं में से बहुत से लोग यहां इन्वेस्ट करने को आगे आएंगे।
मुख्य सचिव ने कुछ हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स के लिए कई बार बिड्स फेल होने पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि टेंडर करते समय ग्राउंड रियलिटी के अनुसार रेट तय किए जाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स का मास्टर प्लान बनाते समय भविष्य की संभावनाओं और आवश्यकताओं को देखते हुए प्लानिंग की जाए। इन हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स का ट्रैफिक प्लान अगले 20, 25, 50 साल के ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए बनाया जाए।
मुख्य सचिव ने हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स के लिए भूमि चयनित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि हमारे उद्देश्य की पूर्ति हो। रीजनेबल रेट पर मिलने पर प्राइवेट लैंड भी खरीदा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी जगह ढूंढने के चक्कर में कई बार हम ऐसी जगह अस्पताल, स्कूल, आईटीआई आदि खोल लेते हैं जहां कोई नहीं जाता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि रामनगर में हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने डीएम नैनीताल को रामनगर में हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स की स्थापना को प्राथमिकता पर लिया जाए। उन्होंने कहा कि मसूरी, नैनीताल और हरिद्वार जैसे पर्यटक स्थलों में 2 या 2 से अधिक हेलीपोर्ट्स या हेलीपैड्स बनाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि नए प्रस्तावित हेलीपोर्ट्स या हेलीपैड्स में फीजिबिलिटी शीघ्र करवा ली जाए। फॉरेस्ट क्लीयरेंस और लैंड एक्विजिशन के कार्यों में भी तेजी लाते हुए शीघ्र अतिशीघ्र इनका निर्माण कार्य शुरू करवाया जाए।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस समय कुल 83 हेलीपैड्स हैं, जिसमें 51 सरकारी और 32 प्राइवेट हैं। साथ ही अंडर कंस्ट्रक्शन हेलीपैड्स की संख्या 22 है। पर्यटन विभाग ने 33 नए हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स प्रस्तावित किए हैं। जनपदों द्वारा 10 नए प्रस्ताव भेजे गए हैं।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, सीईओ सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी सी. रविशंकर सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।
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राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लिए हैली सेवा शुरु, बढ़ेगा पर्यटन
नागरिक उड्डयन मंत्रालय और उत्तराखण्ड सरकार द्वारा तीसरी हेलीकाप्टर समिट-2021 का आयोजन किया गया। इसकी थीम इंडिया@75 भारतीय हेलीकाप्टर उद्योग के विकास में तेजी लाना और वायु सम्पर्क बढ़ाना था।
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि भारत का विकास सभी राज्यों के सहयोग से मुमकिन है। उन्होंने कहा उत्तराखंड सरकार हमेशा विकास में अपना योगदान देने हेतु तत्पर रहती है। उन्होंने कहा केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन एवं राज्य में युवा नेतृत्व से उत्तराखंड का विकास तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा विभिन्न दुर्गम क्षेत्रों में हर छोटी बड़ी सुविधा पहुंचाने हेतु हेलीकॉप्टर का योगदान रहता है। उन्होंने कहा हमने भारत में हेलीकॉप्टरों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें। उन्होंने कहा आज मुख्यमंत्री और मैंने संयुक्त रूप से उत्तराखंड के विभिन्न जगहों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की है इससे निश्चित रूप से जनता को लाभ मिलेगा। साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में एवियेशन टर्बाे फ़्यूल (एटीएफ) में लगने वाले वेट को 20 प्रतिशत से घटाकर 2 परसेंट किए जाने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय में हेलीकाप्टर एक्सीलेटर सैल की स्थापना करने और देश में हेलीकाप्टर कोरिडोर विकसित किए जाने की बात कही गई। कार्यक्रम में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की वेबसाईट पर हेली सेवा पोर्टल का बीटा वर्जन लांच किया गया। साथ ही सिविल हेलीकाप्टर आपरेशन के दिशानिर्देश के लिए हेली दिशा नामक पुस्तिका का विमोचन किया गया। साथ ही हेलीकाप्टर आपरेशन के प्रोत्साहन के लिए नीति और हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेज का रोड मैप भी जारी किये गये।
समिट में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए बड़ा महत्वपूर्ण दिन है। प्रधानमंत्री की सोच है कि देश का सामान्य नागरिक भी हवाई सेवा का लाभ उठाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नई हेली सेवाओ का शुभारंभ करने पर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि आम जनता भी हेलीकॉप्टर का लाभ ले सके इस पर हमारी सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा हम सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र के साथ हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी कार्य करेंगे। उन्होंने कहा हेलीकॉप्टर सेवाओं को बढ़ावा देने से संबंधित आने वाली हर समस्या का समाधान करने के लिए हमारी सरकार तैयार है। उन्होंने कहा हमारी सरकार कम दामों पर जनता को हेली सुविधा देने पर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेलीकॉप्टरो की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा आपदा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में हेलीकॉप्टरों ने हमेशा जीवनदायिनी की भूमिका निभाई है। प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड में एवियेशन टर्बाे फ़्यूल (एटीएफ) में लगने वाले वेट को 20 प्रतिशत से घटाकर 2 परसेंट कर दिया है, इसके पीछे सरकार की मंशा यह है कि एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अधिक से अधिक हेली कंपनियां उत्तराखंड आए।
इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि हिमालय क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर की भूमिका और ज्यादा बढ़ जाती है। उन्होंने कहा एयर एंबुलेंस, एयर टैक्सी एवं आपदाओं में हेलीकॉप्टर की अहम भूमिका रहती है। हिमालयी क्षेत्रों में हेलीकॉप्टरों की कनेक्टिविटी बढ़ाई जाए इस पर कार्य किया जाएगा।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में हमेशा से ही हेलीकॉप्टरो की अहम भूमिका रही है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड में एयर टैक्सी पर भी जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा टिहरी बांध जैसी विभिन्न जगहों पर सी प्लेन उतारे जाने को लेकर हमारे प्रयास जारी है।
इस दौरान राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, उत्तराखण्ड में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, सचिव नागरिक उड्डयन भारत सरकार राजीव बंसल, संयुक्त सचिव नागरिक उड्डयन भारत सरकार उषा पाधी, एयरपोर्ट ऑथेरिटी ऑफ इण्डिया के चेयरमेन संजीव कुमार, सचिव नागरिक उड्डयन उत्तराखण्ड दिलीप जावलकर, एयरबस इंडिया के एमडी रेमी मेलार्ड, फिक्की के महासचिव दिलीप चिनॉय सहित भारत सरकार और उत्तराखण्ड सरकार के अधिकारी और एवियेशन सेक्टर से जुड़े लोग उपस्थित थे।
फिर उभरा केदारनाथ धाम, सितम्बर मध्य तक 13 करोड़ की अधिकत्तम आय
वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद यात्रियों की संख्या में आई भारी गिरावट के कारण मंदिर की आय लगभग नगण्य हो गई थी। इससे केदारपुरी की आर्थिकी भी पूरी तरह चरमरा गई थी। यहां तक कि मंदिर के कर्मचारी-अधिकारियों का वेतन निकालना भी मुश्किल हो गया था। ऐसे में बदरीनाथ धाम की आय से केदारनाथ धाम से जुड़े कर्मचारियों को वेतन दिया गया।
इसके बाद वर्ष 2017 में मंदिर की आय में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। उस वर्ष बाबा के खजाने में नौ करोड़ की रकम जमा हुई। वहीं, वर्ष 2018 में आय का आंकड़ा 11.5 करोड़ रुपये पहुंच गया। इसमें हेली कंपनियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस वर्ष अब तक केवल हेली सेवाओं से ही मंदिर को छह करोड़ रुपये की आय हो चुकी है। विदित हो कि हेली सेवाओं से आने वाले यात्रियों को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति वीआइपी दर्शन करवाती है। इसकी एवज में प्रति यात्री 2100 रुपये की रकम मंदिर समिति के पास जमा कराता है।
केदारनाथ धाम में यात्रियों की आमद बढ़ने से इस वर्ष मंदिर की आय में भी जबरदस्त उछाल आया है। अब तक बाबा के खजाने में 13 करोड़ से अधिक की रकम पहुंच चुकी है, जो कि वर्ष 2018 में हुई आय की तुलना में दो करोड़ रुपये अधिक है। अभी मंदिर के कपाट बंद होने में लगभग डेढ़ माह का समय शेष है। अच्छी कमाई होने से मंदिर समिति के कर्मचारी काफी खुश है और अब मंदिर के सौंदर्यकरण व नए अतिथिगृह के निर्माण के साथ ही कर्मचारियों के वेतन-भत्तों की निकासी में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।
वहीं, केदारनाथ धाम की आय बढ़ने से मंदिर समिति अब तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ और भगवान के शीतकाल पड़ाव स्थल मक्कूमठ में यात्रियों के लिए विश्राम गृह का निर्माण करने जा रही है। इसके अलावा मंदिर समिति के अधीन आने वाले आयुर्वेदिक विद्यालय और संस्कृत विद्यालयों के संचालन भी अब किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी।
आय वर्षवार
वर्ष———————–आय
2019——————-13.40 करोड़ (सितंबर मध्य तक)
2018——————-11.50 करोड़
2017———————9.05 करोड़
2016———————5.30 करोड़