स्कूली बच्चों को दी मानसिक रोग से बचाव की शिक्षा

ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट ने मानसिक रोग से बचाव को जागरूकता अभियान चलाया। विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को मानसिक रोग से बचाव को जागरूक किया।

ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट द्वारा सरस्वती विद्या निकेतन जूनियर हाई स्कूल वीरभद्र में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ग्रेस सिंह ने विश्व मानसिक रोग दिवस की अवधारणा, स्थापना, मानसिक रोगों के लक्षण, मानसिक रोगों के प्रकार, उनके कारक व उनसे उबरने व बचावों के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि जागरूकता व समय से उचित इलाज ही इस रोग से छुटकारा दिला सकता है। उन्होंने विभिन्न चार्ट व पोस्टरों, प्रश्नोत्तरी, खेल व रोल प्ले द्वारा मानसिक रोगों पर विस्तृत चर्चा की एवं मानसिक रोगों पर विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर बहुत ही सरल भाषा में दिए। प्रिंसिपल विमला रावत ने मानसिक रोगों की जागरूकता को बहुत ही आवश्यक कदम बताया। कहा कि अब समय आ गया ही कि मानसिक रोगों को छुपाने की बजाए उचित उपचार किया जाए। मौके पर ट्रस्ट सचिव सैमुएल हर्बर्ट, अनिता पयाल, पूनम, सावित्री थापा, गिडियन सिंह, रमा घपोला आदि उपस्थित रहे।

चिकित्सा के क्षेत्र में एम्स के ट्रामा रथ की पहल कारगर साबित होगीः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से एम्स के ट्रामा रथ का फ्लैग ऑफ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स ऋषिकेश द्वारा ट्रामा रथ के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों और अन्य विद्यालयों में जाकर आम लोगों को इस चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूक करने एवं प्रशिक्षित करने का अभियान छेड़ा है, यह सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। चिकित्सा के क्षेत्र में इस तरह की पहल कारगर साबित होंगी।

एसोसिएट प्रो. एम्स ऋषिकेश डॉ. मधुर उनियाल ने कहा कि 11 से 17 अक्टूबर तक ट्रामा सप्ताह के तहत एम्स ऋषिकेश का ट्रामा रथ राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अन्य विद्यालयों में जाकर छात्र-छात्राओं तथा आम जनमानस को चिकित्सा के प्रति तात्कालिक सहायता और आवश्यक इलाज की जानकारी देगा एवं उन्हें प्रशिक्षित करेगा। यह ट्रामा रथ उत्तराखंड के आम जनमानस में ट्रॉमा चिकित्सा के प्रति जन जागरूकता लाकर उन्हें दुर्घटना के दौरान किस प्रकार से फर्स्ट ऐड दिया जाता है और घायल व्यक्ति की जान कैसे बचाई जा सकती है, इसका प्रशिक्षण देगा। सप्ताह भर तक चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत ट्रॉमा रथ अलग अलग दिनों में अलग अलग स्थानों पर एम्स के ट्रॉमा विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरों के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगा।

इस अवसर पर विधायक सुरेश गड़िया, डॉ. अजय कुमार, डॉ. कमलेश बैरवा, डॉ. पी. सी. मीणा, डॉ. दिनेश पंचाल उपस्थित थे।

यूएचएसडीपी से एनएबीएच एक्रिडिएशन को जुटाये जायेंगे संसाधन

केन्द्र पोषित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम्स डेवलपमेंट परियोजना के जरिये जिला अस्पतालों की सूरत बदली जायेगी। परियोजना के प्रथम चरण में सूबे के पांच जिला चिकित्सालयों का चयन कर सुधारीकरण का कार्य गतिमान है। जिसके तहत अस्पतालों की गुणवत्ता संवर्द्धन के लिये एनएबीएच स्तरीय मानकों के अनुरूप संसाधन जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। ताकि आने वाले समय में जिला अस्पतालों को आसानी से एनएबीएच मान्यता मिल सके।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में एनएचएम के अंतर्गत केन्द्र पोषित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम्स डेवलपमेंट परियोजना की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को परियोजना के अंतर्गत चयनित पांच जिला चिकित्सालयों अल्मोड़ा, बागेश्वर, रूद्रप्रयाग, चमोली तथा जिला महिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़करण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि परियोजना के अंतर्गत चयनित चिकित्सालयों में एनएबीएच स्तरीय मानक पूर्ण करने के लिये गैप एसेसमेंट के आधार पर शासन द्वारा पूर्व में ही डीपीआर अनुमोदित कर लगभग रूपये 74 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है। जिसके तहत चयनित जिला चिकित्सालयों में 10 विशेषज्ञ चिकित्सक, 10 स्टॉफ नर्स, 2 लैब टेक्निशियन, एक एक्स-रे टेक्नीशियन तथा एक मैट्रन तैनात किये जाने का प्रावधान है। इसके अलावा परियोजना के अंतर्गत अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इस कार्य हेतु रूपये 20 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है जबकि शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान आईआईएचएमआर जयपुर एवं एएससीआई हैदराबाद के माध्यम से सीएमओ, सीएमएस व एसीएमओ को कौशल संबर्द्धन हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी प्रकार चयनित चिकित्सालयों में लोक निजी सहभागिता के अंतर्गत कम्युनिकेशन कार्य योजना एवं डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान भी अपडेट किया जा रहा है। विभागीय मंत्री ने उम्मीद जताई है कि वर्ष 2023 तक परियोजना के पूर्ण क्रियान्वयन पर चयनित जिला चिकित्सालयों में अमूलचूल परिर्वतन देखने को मिलेगा, जिससे चिकित्सालयों को एनएबीएच एक्रिडिएशन कराने में खासी मदद मिलेगी।
समीक्षा बैठक में प्रभारी अधिकारी डॉ0 अमित शुक्ला ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्वीकृत 50 पदों के सापेक्ष 28 पदों पर तैनाती दे दी गई है। इसी प्रकार स्टॉफ नर्स के स्वीकृत 50 पदों, एक्स-रे टेक्नीशियन तथा मैट्रन के 05 पदों एवं लैब टेक्नीशियन के 10 पदों के सापेक्ष पूर्ण तैनाती कर दी गई है। जबकि अधिकारियों के प्रशिक्षण का कार्य गतिमान है।

बैठक में प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर0 राजेश, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, एपीडी यूएचएसडीपी डॉ0 प्रेम लाल, संयुक्त निदेशक पीपीपी डॉ0 अमित शुक्ला, वित्त नियंत्रक बिरेन्द्र कुमार, डॉ0 विपुल विश्वास, डॉ0 राजन अरोड़ा सहित विभगाय अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने दून अस्पताल का किया औचक निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का औचक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों का हालचाल जाना और फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने मरीजों को दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को परखने के लिए खुद वह भोजन खाया। उन्होंने कहा कि मरीजों की सेवा भगवान की सेवा है। मरीजों के साथ मधुरता से व्यवहार किया जाए तो आधी बीमारी तो वैसे ही दूर हो जाती है। सेवा भाव का होना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने अस्पताल में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। स्वच्छ माहौल से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि इलाज के लिए आने वालों को अधिक इंतजार न करना पड़े। मरीजों के साथ साथ आने वाले उनके तीमारदारों को भी परेशानी न हो। अस्पताल में सभी आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने दून अस्पताल में इमरजेंसी वार्डों, आईसीयू एवं डेंगू वार्ड का निरीक्षण किया।

इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

स्वास्थ्य विभाग से खबर, राज्य में 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा जन जागरूकता अभियान

आम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आगामी 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रदेशभर में स्वास्थ्य जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। जिसके तहत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्से गांव-गांव जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। इसके अलावा टीबी एवं मोतिया बिंद मरीजों का चिन्हिकरण, आयुष्मान योजना की जानकारी देने के साथ ही तम्बाकू मुक्त अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेश के सभी तेरह जनपदों में विभिन्न श्रेणी के 1071 रिक्त पदों को शीघ्र भरा जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के 1071 पदों को न भरे जाने पर हैरानी जताई। उन्होंने एनएचएम के अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को एक माह के भीतर सभी रिक्त पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में टेक्नीशियन एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिये एनएचएम के तहत स्वीकृत पदों को शीघ्र भरा जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आगामी 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रदेशभर में स्वास्थ्य जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। अभियान के तहत प्रदेशभर में तैनात एक हजार से अधिक कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (सीएचओएस) प्रत्येक माह 10-10 गांव में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे, साथ ही टीबी एवं मोतिया बिंद के मरीजों का चिन्हिकरण भी करेंगे। इसके अलावा आम लोगों को आयुष्मान योजना, तम्बाकू मुक्त एवं टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान की भी जानकारी देंगे।

बैठक में विभागीय मंत्री ने कुमाऊं मण्डल के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं जिला परियोजना प्रबंधक एनएचएम के साथ विभिन्न योजनाओं की जनपदवार समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी सीएमओ को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो कार्यदायी संस्थाएं डीपीआर के अनुरूप समय पर कार्य नहीं कर पा रही है उनको बदलने की कार्यवाही अमल में लाई जाय। उन्होंने निर्माण कार्यों की यूसी प्रत्येक माह महानिदेशालय एवं शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश भी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिये।

बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 शैलजा भट्ट, अपर सचिव अमनदीप कौर, निदेशक डॉ0 विनीता शाह, निदेशक कुमाऊं मंडल डॉ0 तारा आर्या, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, वित्त नियंत्रक खजान चंद पाण्डेय, कुमाऊं मंडल के सीएमओ एवं डीपीएम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

एक सप्ताह में तैनात करने होंगे प्रभारी एसीएमओ
स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशक को विभिन्न जनपदों में एसीएमओ के रिक्त पदों पर एक सप्ताह के भीतर प्रभारी एसीएमओ तैनात करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर कार्यां की अधिकता एवं केन्द्र पोषित योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिये एसीएमओ की तैनाती की जानी अति आवश्यक है। उन्होंने महानिदेशक को विभाग में लम्बे समय से रिक्त पदोन्नति के पदों को भी शीघ्र डीपीसी करा कर भरने के निर्देश दिये।

एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न जनपदों में रिक्त हैं ये पद
देहरादूनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 13 जनपदों में विभिन्न श्रेणी के 1071 रिक्त पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरा जायेगा। जिनमें सर्विस डिलीवरी के तहत एएनएम, स्टॉफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, मेडिकल ऑफिसर, विशेषज्ञ चिकित्सक, सीएचओ, आयुष चिकित्सक, कॉउंसलर एवं अन्य सेवाओं के 960 तथा प्रोग्राम मैनेजमेंट के अंतर्गत एसपीएमयू, एसएचएसआरसी, डीपीएमयू तथा बीपीएमयू के 111 पद रिक्त हैं। निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी ने बताया कि सभी रिक्त पदों को एनएचएम की आउट सोर्स एजेंसी टी एंड एम के माध्यम से जनपदवार भरा जायेगा। इसके लिये अभ्यर्थियों को संबंधित एजेंसी की अधिकृत बेवसाइट www.tnmhr.com पर आवेदन करना होगा। इसके उपरांत जनपद स्तरीय कमेटी द्वारा अर्हता पूर्ण करने वाले अभ्यर्थियों का चयन किया जायेगा।

एम्स ऋषिकेश की कार्यप्रणाली से अवगत हुए मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एम्स, ऋषिकेश में आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री को ऋषिकेश एम्स द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्य, जन सेवा कार्यों, एम्स में मौजूद डॉक्टर, फैकल्टी, छात्रों एवं एडमिट मरीजों की संख्या, विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में अवगत करवाया गया।

एम्स कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि ऐम्स ऋषिकेश में आधुनिक तकनीकी के माध्यम से मरीजों का इलाज किया जा रहा है, उन्होंने कहा एम्स ऋषिकेश में हेली सर्विस के माध्यम से दूरदराज पहाड़ों से गंभीर मरीजों को इलाज हेतु लाया जाता है उत्तराखंड राज्य के साथ ही अन्य राज्य से भी बड़ी संख्या में मरीज इलाज हेतु एम्स ऋषिकेश आते हैं। प्रो. मीनू सिंह ने कहा की आने वाले समय में एम्स ऋषिकेश ड्रोन के माध्यम से दूरदराज पहाड़ी इलाकों में आवश्यक दवाइयों को पहुंचाने का कार्य भी करेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एम्स ऋषिकेश को आपदा प्रबंधन विभाग के साथ समन्वय बनाने की बात कही, उन्होंने कहा आपदाओं के दौरान एम्स ऋषिकेश अपनी अहम भूमिका निभाता आया है, आपदा पीड़ित लोगों को जल्दी इलाज मिल सके इसके लिए राज्य सरकार एवं एम्स ऋषिकेश में आपसी समन्वय होना जरूरी है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य के विभिन्न जगहों पर डॉक्टरों द्वारा कैंप लगाए जाएं, जिससे गांव में ही मरीजों के इलाज मिल सके । मुख्यमंत्री ने एम्स ऋषिकेश के विस्तार हेतु राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद किए जाने की बात कही।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, मेडिकल सुपरिटेंडेंट संजीव मित्तल, प्रो. जया चतुर्वेदी, प्रो. मनोज गुप्ता एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

कोरोना केसों में बड़ा उछाल, आज मिले 282 नए मरीज

उत्तराखंड में कोरोना के 282 नए मरीज मिले और 223 ठीक हुए। इसके बाद एक्टिव मरीजों की संख्या 1180 हो गई है। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 13.08 प्रतिशत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को देहरादून में 137, नैनीताल में 35, अल्मोड़ा में 18, बागेश्वर में एक, हरिद्वार में 22, पौड़ी में तीन, रुद्रप्रयाग में दो, टिहरी में 19, यूएस नगर में 32 और उत्तरकाशी जिले में 13 मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्ठि हुई है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों से 2699 सैंपल जांच के लिए भेजे गए जबकि 1874 सैंपल की जांच रिपोर्ट आई है। राज्य में संक्रमण की दर 13 प्रतिशत से अधिक हो गई है जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 94 प्रतिशत रह गई है। कोरोना के बढ़ते केसों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें।

आधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त एंबुलेंस को सीएम ने दिखाई हरी झंडी

मुख्यमंत्री आवास में स्धित कैंप कार्यालय में आज सुबह सीएसआर के तहत डिक्सन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड द्वारा उत्तराखंड सरकार को आधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त दो ट्रैवलर एंबुलेंस प्रदान की गईं।

एंबुलेंस की सेवाओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और डिक्सन टेक्नोलॉजीज के सीईओ राजीव लोनियाल भी मौजूद थे।

भारत सरकार ने राज्य के दो प्रमुख अस्पतालों की सेवाओं को किया प्रमाणीकृत

भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड के दो प्रमुख अस्पतालों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रमाणीकृत (Cetrification) किया गया है। स्वास्थ्य सचिव डा० पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि एस०पी०एस चिकित्सालय ऋषिकेश तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रायपुर में प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का भारत सरकार की टीम द्वारा आंकलन पश्चात इन दोनो अस्पतालों की विशिष्ट सेवाओं को प्रमाणीकृत किया गया है।

ज्ञातव्य है कि सरकारी अस्पतालों में खराब स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत Quality Assurance कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकारी अस्पतालों की सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि समान्य जनमानस का सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर विश्वास हो सके और उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए अस्पताल प्रतियोगिता की भावना के साथ कार्य कर सकें।

Quality Assurance कार्यक्रम के माध्यम से अस्पताल द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सुविधाओं का मूल्यांकन स्वय अस्पताल के स्टॉफ, जनपद एवं राज्य की टीम द्वारा किया जाता है। मूल्यकान उपरान्त सुविधाओं की उपलब्धता में किसी भी प्रकार की कमी के होने पर उसमे तुरन्त सुधार कर सुविधाओं में गुणात्मक सुधार लाने की पहल की जाती है।

स्वास्थ्य सचिव उत्तराखण्ड को भारत सरकार द्वारा प्रेषित पत्र में उल्लेख किया गया है कि एस0पी0एस0 चिकित्सालय ऋषिकेश में संचालित 6 विभागों द्वारा गुणवत्ता के सभी मानकों को पूर्ण किया गया है जिसके क्रम में इन विभागों को 90% स्कोर के साथ NQAS Certification (National Quality Assurance Standards) किया गया है।

इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रायुपर तथा एस०पी०एस० चिकित्सालय ऋषिकेश के लेबर रूम की सुविधाओं को LaQshya Certification प्रदान किया गया है। LaQshya Certification के तहत एस०पी०एस० चिकित्सालय ऋषिकेश में संचालित प्रसूति विभाग की ओ0टी0 (Maternity OT) को भी गुणवत्ता के लगभग सभी मानक पूर्ण करने पर LaQshya Certification निर्धारित शर्तों के अन्तर्गत दिया गया है।

राज्य की दो प्रमुख चिकित्सा ईकाईयों को भारत सरकार द्वारा NQAS & LaQshya Certification दिए जाने के लिए स्वास्थ्य सचिव डा० पंकज कुमार पाण्डेय ने संबंधित अस्पतालों के चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की स्टेट टीम को बधाई दी है।

मिशन स्माईल अभियान के तहत एम्स ऋषिकेश में 60 बच्चों के निशुल्क होंगे कटे होंठ व तालू के ऑपरेशन

एम्स ऋषिकेश में मिशन स्माइल अभियान के तहत कटे होंठ और तालू के निशुल्क आपरेशन किए जाएंगे। संस्थान में बुधवार से चार दिनों तक लगातार ऑपरेशन होंगे। जिनमें मिशन के तहत्र पंजीकृत 60 बच्चों और युवाओं की सर्जरी की जाएगी।

एम्स ऋषिकेश के प्लास्टिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. विशाल मागो व चिकित्सक डॉ. देवरति चटोपाध्याय ने बताया कि एम्स संस्थान में 2016 से अब तक 320 मरीजों की सफल सर्जरी की जा चुकी है। यह सभी मरीज बेहतर तरीके से अपनी निजी जिन्दगी जी रहे हैं। बताया कि मिशन स्माइल एक 80 जी- और एफसीआरए पंजीकृत मेडिकल चौरिटेबल ट्रस्ट है, जो कि कटे होंठ, कटे तालू और चेहरे की अन्य विकृतियों के साथ पैदा हुए बच्चों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए निशुल्क सर्जरी की सेवा प्रदान करता है। संस्था इस मुहिम को लेकर समर्पित होकर कार्य कर रही है। संस्था 2002 से मिशन स्माइल के तहत अब तक 61,000 से अधिक कटे होंठ व कटे तालू ग्रस्त रोगियों को मुफ्त चिकित्सा प्रदान कर चुकी है। इस संस्था से एम्स ऋषिकेश वर्ष 2016 से जुड़कर इस तरह के ग्रसित मरीजों की सेवा में जुटा हुआ है। मिशन स्माइल ने इस मिशन के अंतर्गत भारत में अब तक 110 से अधिक चिकित्सा मिशन संचालित किए हैं। एम्स ऋषिकेश में 6 अप्रैल से 9 अप्रैल-2022 तक भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड की सीएसआर पहल के तहत मिशन स्माइल के तहत पंजीकृत 60 बच्चों, युवाओं व अन्य लोगों के कटे होंठ, कटे तालू की मुफ्त सर्जरी की जाएगी। इनमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश आदि प्रांतों के मरीज शामिल हैं। इस चिकित्सा मिशन में प्लास्टिक चिकित्सा विभाग, एनेस्थिसियोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, डेंटिस्ट्री, स्पीच थैरपी और नर्सिंग स्टाफ मिलकर एम्स ऋषिकेश में एक टीम की तरह कार्य करेगी।