स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, एक बेहतर चिकित्सक बनने के लिये सकारात्मक सोच भी जरूरी

चिकित्सा पेशा का मूल उद्देश्य जन सेवा होना चाहिये इसके अलावा एक बेहतर चिकित्सक बनने के लिये सकारात्मक सोच भी जरूरी है ताकि अपने पेशे में आने के बाद चिकित्सक मरीजों की संवेदनाओं को समझ कर बेहतर उपचार दे सके। इसके लिये एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों को इन सभी बातों पर अमल करते हुये अपने आचरण में उतारना होगा ताकि भविष्य में एक सफल चिकित्सक बन सके।

यह बात प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित ‘चरक शपथ ग्रहण’ समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। डॉ. रावत ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को सम्बोधित करते हुये कहा कि एक सफल चिकित्सक बनने के लिये सकारात्मक सोच के साथ प्रशिक्षण लेना जरूरी है ताकि मरीजों की संवेदनाओं को समझते हुये उन्हें बेहतर उपचार दे सके। उन्होंने कहा कि चिकित्सा पेशे का मुख्य उद्देश्य मानव सेवा होना चाहिये तभी चरक शपथ का उद्देश्य पूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में समाज के साथ ही चिकित्सकों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद चिकित्सकों को समाज में विशेष दर्जा प्राप्त है। जिसको ध्यान में रखते हुये चिकित्सकों को भी मरीजों एवं उनके तीमारदारों से मधुर व्यवहार रखना जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों में ढांचागत व्यवस्था के साथ ही आधुनिक चिकित्सकीय उपकरणों की व्यवस्था कर रही है। इसके अलावा कॉलेजों में पर्याप्त फैकल्टी, पैरामेडिकल स्टॉफ व तकनीकी स्टॉफ की भी तैनाती निरंतर की जा रही है ताकि यहां अध्ययनरत एमबीबीएस छात्रों को हर प्रकार की सुविधाएं मिल सके। सरकार का यह भी प्रयास है कि आने वाले दो वर्षों में राज्य के प्रत्येक मेडिकल कॉलेजों में पीजी की 100-100 सीटें स्वीकृत कराई जाय इसके लिये समय-समय एनएमसी को प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। डा. रावत ने कहा कि शीघ्र ही चिकित्सा शिक्षा विभाग को 53 प्रोफेसर, 103 एसोसिएट प्रोफेसर व 440 असिस्टेंट प्रोफेसरों के रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति की जायेगी। साथ ही संविदा पर कार्यरत शिक्षकों के वेतनमान में भी बढ़ोत्तरी की जायेगी ताकि मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की किसी भी प्रकार की कमी न रहे। इस दौरान उन्होंने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को चरक शपथ दिलाते हुये कहा कि व्हाइट कोट हमें एक चिकित्सक के रूप में पहचान दिलाता है साथ ही हमें इस जिम्मेदारी को निभाने के लिये प्रतिबद्ध करता है। जो याद दिलाता है कि हमारे हाथों में किसी का जीवन है और हमें इसकी रक्षा करनी है। उन्होंने छात्रों को यह भी शपथ दिलाई कि हम अपने ज्ञान, क्षमता और संवेदनाओं के साथ मानवता की सेवा करेंगे।

इस अवसर पर कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो. एम.एल.ब्रह्म भट्ट, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. गीता जैन, अपर निदेशक डॉ. आर.एस. बिष्ट, संयुक्त निदेशक डॉ. एम.सी. पंत सहित अन्य विभागीय अधिकारी व एमबीबीएस छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

विश्व खाद्य दिवस पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग उत्तराखंड द्वारा खाद्य सुरक्षा संवाद का आयोजन

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग उत्तराखण्ड द्वारा खाद्य करोबारीं, मीडिया व विषय विशेषज्ञों के साथ दिनांक 07.06.2024 शुक्रवार को विश्व खाद्य दिवस पर खाद्य सुरक्षा संवाद आयोजित किया जा रहा है। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि अपर आयुक्त आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग उत्तराखंड ताजबर सिंह जग्गी सहित विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रहेगी। कार्यक्रम पेसेफिक होटल, सुभाष रोड में सुबह 11 बजे आयोजित होगा।

सुरक्षित आहार स्वास्थ्य का आधार- डॉ आर राजेश कुमार
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग उत्तराखण्ड डॉ आर राजेश कुमार ने राज्य की जनता को विश्व खाद्य दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हर व्यक्ति के लिए सुरक्षित आहार ही स्वस्थ रहने का आधार है। जिसके लिए खाद्य विभाग अपनी पूरी मुस्तैदी और ईमानदारी के साथ राज्य में कार्य कर रहा है। राज्य के माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग चारधाम यात्रा मार्गों व पर्यटन केन्द्रों पर विशेष अभियान चलाकर नकली खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर नकेल कसी जा रही है। विगत पांच महीनों में ही जनवरी 2024 से मई 2024 तक 1763 नमूने लिये जा चुके हैं। जांच में दोषी पाये जाने वालों के विरूद्व विभागीय कार्रवाई के साथ ही मुकदमें दर्ज किये जा चुके हैं। उन्होंने आम जनता से भी जागरूक होने की अपील की और किसी भी तरह की समस्या या शिकायत के लिए विभागीय टोल फ्री नम्बर 180018004246 पर जानकारी देने की बात कही।

जल्द होगी 25 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, उत्तराखण्ड ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि खाद्य विभाग द्वारा राज्य में खाद्य अपमिश्रण पर अंकुश लगाने हेतु मानव संसाधन जैसे कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी को जल्दी दूर कर लिया जायेगा। इस हेतु 25 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के चयन हेतु लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेजा गया है। लोक सेवा आयोग से चयन होने तक प्रतिनियुक्ति पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी तैनात किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेयरिंग कमेटी का गठन
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के प्राविधानों के प्रभावी क्रियान्ययन व अनुश्रवण हेतु राज्स स्तर पर मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में विभागीय सचिवों की स्टेयरिंग कमेटी का गठन किया गया है। जनपद स्तर पर जिला अधिकारी की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के कार्यालयाध्यक्ष की स्टेरिंग कमेटी का गठन किया गया है। राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर गठित स्टेरिंग कमेटीयों की नियत समयावधि में बैठक आयोजित की जाती है। राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2006 के प्राविधानों के तहत अपीलीय अधिकरण देहरादून एवं हल्द्वानी में पीठासीन अधिकारी एवं रजिस्ट्रार कार्यरत है। जनपद स्तर पर अपर जिला अधिकारी/जिला अधिकारी द्वारा दायर वादों के विरुद्ध अपीलों का समयबद्ध निस्तारण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के प्रवर्तन/सर्विलान्स की कार्यवाही में तेजी लायी जा रही है।

राज्य में 2000 स्ट्रीट वेन्डरों को किया गया प्रशिक्षित
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि खाद्य उपभोकताओं को अपमिश्रण के प्रति जागरूक किये जाने हेतु प्रशिक्षण व त्वरित जॉच हेतु 03 सचल खाद्य विश्लेषणशालाओं के माध्यम से निगरानी नमूने जॉच किये जा रहे है। खाद्य उपभोगताओं से अपमिश्रण सम्बन्धी शिकायतों पर सूचना देने हेतु टोल फ्री नम्बर 180018004246 क्रियाशील है। खाद्य करोबारकर्ताओ को खाद्य नियमों की जानकारी, स्वच्छता सम्बन्धी मानकों हेतु जागृत करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। 2000 स्ट्रीट वेन्डरों को राज्य के विभिन्न जनपदों में प्रशिक्षित किया जा चुका है।

जल्द शुरू होगी सर्विलान्स की कार्यवाही’
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि अपमिश्रण सम्बन्धी अपराध का पता लगाने व अपराधी को पकड़वाने में मदद करने हेतु जल्द ही राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के नियमों के तहत विधि व निधि निर्धारित करने हेतु प्रयासरत है। बताया कि खाद्य तरक्षा और औषधि प्रशासन द्वारा जल्द ही सर्विलान्स की कार्यवाही करेगा, जिसमें फल (आम, पोला आदि), मसाले, दूध व खाद्य तेल प्रमुख है। उन्होंने कहा कि राज्य में विद्यमान खाद्य निर्माण इकाईयों का रिस्क बेस निरीक्षण किये जायेगे। दुग्ध उत्पदों, खाद्य तेल, मसाले निर्माण इकाईयों का समय-समय पर निरीक्षण कर नियमों के उल्लंघन पर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।

पिछले पांच महीनों में लिए गये 1763 नमूने
राज्य में उपभोगताओं को सुरक्षित आहार स्वास्थ्य का आधार विषय व ईंट राईट इण्डिया अभियान के अन्तर्गत संचालित नवाचारों में प्रतिभाग करने हेतु वृहद स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम किये जायेगें। बताया कि चारधाम व पर्यटक सीजन के दृष्टिगत विशेष अभियान व सर्विलान्स किया जा रहा है। सर्विलान्स अभियान के तहत फल, मसालों, तेल एवं दुग्ध तथा दुग्ध उत्पाद आदि के निम्मानुसार नमूनें संग्रहित किये गये है। जनवरी, 2024 से मई, 2024 तक सर्विलान्स नमूनों की संख्या 1763 है। जिनमें से प्राप्त जॉच रिपोर्ट 1040 हैं और अधोमानक नमूनो की संख्या 60 है।

स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर सभी जिलों के डीएम, सीएमओ व नगर निगम को जारी किए कड़े निर्देश

राज्य में डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों को देखते हुए उनकी रोकथाम व उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को गाइडलाइन जारी की है। जिलाधिकारियों व सीएमओ को 20 बीस महत्वपूर्ण बिंदुओं की गाइडलाइंस जारी की गई है। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार लगातार डेंगू व चिकनगुनिया रोकथाम के लिए लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सुझाव पर स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू व चिकनगुनिया मरीजों के उपचार व रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा विगत वर्षों से डेंगू व चिकनगुनिया रोग राज्य में एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग का वेक्टर एडिज मच्छर है। जुलाई से नवम्बर माह तक का समय डेंगू वायरस के संक्रमण के लिये अनुकूल होता है। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग एक मच्छर जनित रोग है जो कि कूलर, फूलदान, गमले, खुली पानी की टंकी, पुराने टायर, एकत्रित कबाड, इत्यादि में जमा पानी में पैदा होते हैं। डेंगू रोग के रोकथाम के लिए जन सहभागिता अत्यन्त आवश्यक है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अन्य समस्त विभागों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है। समस्त विभागों द्वारा डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियां समयान्तर्गत की जायें। डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली समस्त गतिविधियां समस्त विभाग निरन्तर करते रहें ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सकें और इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरन्तर प्राप्त की जाए। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु ब्लाक वार Micro Plan बनाकर कार्यवाहिया करना सुनिश्चित करे व उक्त माइक्रोप्लान राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को प्रेषित किये जायें। नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अन्य समस्त विभागों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है। समस्त विभागों द्वारा डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियां समयान्तर्गत की जायें।

1. डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली समस्त गतिविधियां समस्त विभाग निरन्तर करते रहें ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सकें और इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरन्तर प्राप्त की जाए।

2. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु ब्लाक वार Micro Plan बनाकर कार्यवाहिया करना सुनिश्चित करे व उक्त माइक्रोप्लान राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को प्रेषित किये जायें।
3. नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

4. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिसके लिए नगर निगम/नगर पालिका आशा कार्यकत्री व अन्य विभागों के सहयोग से टीमें बनाकर क्षेत्र में कार्यवाही की जाए।

5. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा आवश्यकतानुसार फॉगिग की जाये।
6. जनजागरूकता व जनसहभागिता हेतु आई०ई०सी० संसाधनो का समुचित्त व समयान्तर्गत उपयोग करें।

7. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों जैसे नगर निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य एवं शहरी विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, लोक निर्माण, जल संस्थान, जल निगम आदि के सहयोग व अंतर्विभागीय समन्वय हेतु जनपद स्तर पर बैठकों का समय से आयोजन किया जाए व उनके कार्यवृत्त राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को प्रेषित किये जायें।

8. डेंगू के उपचार एवं नियंत्रण हेतु भारत सरकार की गाईडलाइन “National Guidelines for Clinical Management of Dengue fever” (संलग्न) को समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालायों/चिकित्सकों को आवश्यक कार्यवाहियों हेतु उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

9. जनपदों के चिकित्सालयों (जिला/बेस व मेडिकल कालेज) में भारत सरकार की गाईडलाइनके अनुसार आवश्यक कार्यवाही जैसे पृथक डेंगू आईसोलेशन यार्डतैयार करमच्छरदानी (LLIN) युक्त पर्याप्तबेड की उपलब्धता, Standard Case Management आदि सुनिश्चित करें एवं डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित करें।

10. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगियों के समुचित प्रबन्धन हेतु अपने जनपद में चिकित्सा केन्द्रों को पूर्ण रूप से कार्यशील रखें व उनमें पर्याप्त स्वास्थ्य मानव संसाधन जैसे चिकित्सक, नर्स आदि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।

11 . डेंगू पीडित गम्भीर रोगियों (DHF/DSS) हेतु Platelets की उपलब्धता सुनिश्चित करें। 12. डेंगू जांच केन्द्रो में समय से आवश्यक सामग्री जैसे ELISA जांच किट व अन्य जांच सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।

13. डेंगू रोगियों की शुरूआती चरण में पहचान हेतु, फीवर सर्वे किये जायें, लक्षणों के आधार पर डेंगू रोग की संदिग्धता होने पर जांच की जाये।

14. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगी पाये जाने की स्थिति में रोगी के घर के आस-पास लगभग 50 घरों की परिधि में आवश्यक रूप से Space/ Focal Spray कराने के साथ साथ जनपदीय आर०आर०टी० द्वारा क्षेत्र में सघन फीवर सर्विलेन्स एवंलार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) कराएँ।

15. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की रोकथाम के लिए आम जनमानस का सहयोग अत्यन्त आवश्यक है व जन जागरूकता ही एक कारगर उपाय है। अतः आप अपने स्तर से प्रभावी प्रचार प्रसार करवायें। प्रचार प्रसार सामग्री की सापट प्रति संलग्न।

16. स्वास्थ्य विभाग व आई०एम०ए० प्रतिनिधियों / निजी चिकित्सालयों/पैथोलोजी लैबों के मध्य समन्वय बैठक (CME Meeting/Workshop) की जाये ताकि आमजन में डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग के प्रति व्यापत भ्रान्ति/भय को दूर किया जा सके। दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिला कार्ययोजना मे भी

17 . किसी भी प्रकार की आकस्मिक / आपातकालीन आवश्यकता के डेंगू के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाये।

18. मीडिया को डेंगू एवं चिकनगुनिया सम्बन्धित संवेदनशील सूचनायें व सकारात्मक जानकारी सम्बोधित करने हेतु जनपद स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के किसी एक अधिकारी को Media Spokes person अधिकृत किया जाये।

19. जनमानस को डेंगू सम्बन्धित जागरूकता एवं समुचित जानकारी प्रदान करने के लिये राज्य मुख्यालय पर Integrated Helpline क्रियाशील है जिसका टोल फ्री नं० 104 है। इसी प्रकार जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह जून से नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित कर उक्त दूरभाष न० से राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को अवगत करायें।

20. डेंगू एवं चिकनगुनिया की दैनिक रिर्पोट (केस शून्य होने पर भी) संलग्न प्रारूप पर सायं 4:00 बजे तक नियमित रूप से राज्य स्तर पर E-mail- uknvbdcp@gmail.com पर भेजना सुनिश्चित करें। अतः उपरोक्तानुसार समयबद्ध कार्यवाही कर, कृत कार्यवाही से अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराना सुनिश्चित करें।

नर सेवा नारायण सेवा के भाव से देश में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा एम्सः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एम्स ऋषिकेश में नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन के 43वें दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन ’NMOCON -2024’ के शुभारंभ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिवेशन में आए चिकित्सक एवं छात्रों का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानने वाला यह संगठन निरंतर ’नर सेवा नारायण सेवा’ के भाव से देश में अपनी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। देश के विभिन्न स्थानों पर चिकित्सकों और छात्रों द्वारा स्वास्थ्य से जुडे विभिन्न विषयों पर चिंतन करना सराहनीय प्रयास है। इस प्रकार ’’स्वास्थ्य सेवा से राष्ट्र सेवा’’ और ’’स्वास्थ्य सेवा ही राष्ट्र सेवा’’ के सिद्धांत को अपनाकर संगठन द्वारा अंत्योदय की भावना से कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। साथ ही स्वास्थ्य के विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर सुधार जारी है, इनमें सस्ते उपचार व दवाइयां, ग्रामीण स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, मानव संसाधन का विकास और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बढ़ाने के लिए तकनीक का उपयोग आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवा में अंत्योदय की सोच के साथ कार्य कर रही है। पिछले दस वर्षों में देश में 200 से अधिक नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण हुआ है। वर्तमान में 22 से अधिक एम्स में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। साथ ही योग और आयुष को लेकर देश में और अधिक जागरूकता आई है। विश्व में योग को लेकर आकर्षण बढ़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान एवं जल जीवन मिशन ने कई रोगों की रोकथाम में सहायता की है। पोषण अभियान देश में कुपोषण को नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध हुआ है। राष्ट्रीय टेली-मेडिसिन सेवा-ई-संजीवनी ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग सुदूर क्षेत्र में स्थित रोगियों के डायग्नोसिस, उपचार और प्रबंधन को सक्षम करने के लिए किया है। इनके उपयोग से सुदूर गांव में रहने वाला कोई व्यक्ति भी शहरों में रहने वाले चिकित्सकों से शुरुआती परामर्श प्राप्त कर सकता है। स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया है। जो स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाभार्थियों तक सुविधाओं को पहुंचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के परस्पर समन्वय से कार्यों का सफल सम्पादन किया जा रहा है। प्रदेश में सभी को निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही कैशलेस उपचार देने की दिशा में अटल आयुष्मान योजना प्रभावी साबित हो रही है। अब तक करीब 55 लाख से ज्यादा लोगों का आयुष्मान कार्ड होल्डर के रूप में पंजीकरण हो चुका है। अटल आयुष्मान योजना और आयुष्मान कार्ड की सहायता से 5 लाख से अधिक मरीजों ने समय पर अपना इलाज भी कराया है। प्रदेश सरकार जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार कई योजनाएं चला रही है। गर्भवती महिलाओं के लिए ’जननी सुरक्षा योजना’ के अंतर्गत मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए इस योजना का संचालन किया जा रहा है। इन्द्रधनुष योजना के तहत बच्चों का निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। आमजन की मधुमेह, रक्तचार, स्तन कैंसर एवं मुंह के कैंसर की निःशुल्क जाँच तथा स्क्रीनिंग के लिए हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर संचालित किए जा रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर के माध्यम से आम जनमानस को उनके क्षेत्रों में स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए जन आरोग्य अभियान का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन का उद्देश्य क्षय रोगियों को रोग मुक्त करना है, जिसके लिए भारत को क्षय मुक्त बनाने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा गया है। जबकि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए धरातल पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत ने संपूर्ण विश्व का नेतृत्व किया। कोरोनाकाल में देश के साथ विदेशों में भी निःशुल्क वैक्सीन दी गई। प्रधानमंत्री जी द्वारा शुरू किए गए हर अभियान का लाभ अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को मिल रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के आधार पर निरंतर कार्य कर रहे हैं। सभी के सहयोग से हम स्वस्थ, समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करने में सफल होंगे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, निदेशक एम्स प्रो. मीनू सिंह, आरएसएस सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि एवं अन्य लोग मौजूद थे।

उत्तराखंड आयुष्मान योजनाः अबतक 54 लाख लोगों के बने कार्ड, 10 लाख मरीजों ने उठाया लाभ

उत्तराखंड में आयुष्यान योजना बहुत बड़ी राहत के तौर पर सामने आई है। राज्य में इस योजना के तहत अबतक 54 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। जबकि लगभग दस लाख मरीजों का उपचार योजना के तहत किया जा चुका है। जिस पर सरकार ने लगभग 1900 करोड से अधिक़ की धनराशि खर्च कर दी है।

उत्तराखंड सरकार प्रदेश के आम लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार सार्थक प्रयास कर रही है। राज्य में संचालित आयुष्मान योजना प्रदेश के लोगों के लिये संजीवनी का काम कर रही है। राज्य में अबतक लगभग 10 लाख लोग आयुष्मान योजना के तहत अपना निःशुल्क उपचार कर चुके हैं, जिस पर राज्य सरकार 1900 करोड़ से अधिक की धनराशि व्यय कर चुकी है। इस योजना के अंतर्गत राज्य में अबतक 54 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य मार्च 2024 तक प्रदेश में पांच वर्ष से अधिक आयु वर्ग के शतप्रतिशत लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का है ताकि प्रदेश के सभी लोगों को इस योजना से कवर किया जा सके।

सुकून देते आंकड़े

जनपद आयुष्मान कार्ड उपचारित
अल्मोड़ा 272763 27086
बागेश्वर 119867 11829
चमोली 211040 35610
चंपावत 125272 17444
देहरादून 1112592 268779
हरिद्वार 908322 171210
नैनीताल 516223 87359
पौड़ी गढ़वाल 389934 82841
पिथौरागढ़ 228072 31008
रूद्रप्रयाग 127111 21798
टिहरी 332797 58358
यूएस नगर 888549 149295
उत्तरकाशी 186226 33272
कुल 5418768 995889

प्रदेश में आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति के लिये 5 लाख रूपए तक के मुफ्त उपचार की सुविधा है। आंकड़ों पर अगर गौर करें तो यह राज्य के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। सरकार का मकसद राज्य में शतप्रतिशत लोगों को इस योजना के तहत कवर करना है इसके लिये व्यापक स्तर पर लगातार प्रयास किये जा रहे हैं
– डॉ धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री, उत्तराखंड सरकार

डा. राजे नेगी ने दी बच्चों को दी मोबाइल फोन के कम इस्तेमाल की सलाह

नेगी आई केयर सेंटर के द्वारा माँ आनंदमई मेमोरियल स्कूल रायवाला में एक दिवसीय निशुल्क स्कूल स्क्रीनिंग कैम्प का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ स्कूल की प्रधानाचार्या सुतोपा बॉस ने किया। इस मौके पर नेगी आई केयर सेंटर के संचालक डॉ राजे नेगी ने अपने सहयोगी मनोज नेगी, स्मिता कंडवाल के साथ मिलकर करीब 262 स्कूली बच्चो की आंखों का निशुल्क परीक्षण किया।

इस मौके पर ड़ॉ नेगी ने सभी बच्चो को जागरूक करते हुवे मोबाइल फोन, टीवी एवं वीडियोगेम का कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी। सेहत के साथ ही आंखों को स्वस्थ एवं निरोगी रखने के लिए खान पान में उचित आहार जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, जूस, दूध, अंडा, ड्राईफ्रूट का सेवन करने की जानकारी दी गयी। डॉ नेगी ने बताया कि दो दर्जन से अधिक बच्चो की आंखों की नजर कम पाई गई। जिनको नजर का चश्मा लगाने की सलाह दी गयी।

इस मौके पर शिक्षिका साधना चमोली, आरती, पूजा, किरन, वंदना, विनीता भावना, अंजली, प्रिया, पुष्पा एवं ममता ने सहयोग किया।

एनएचएम निदेशक भारत सरकार का दो दिवसीय उत्तराखंड दौरा

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सभागार में डॉ नेहा गर्ग, निदेशक, एनएचएम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालाय भारत सरकार की अध्यक्षता में प्रदेश में संचालित विकसित भारत संकल्प यात्रा व राष्ट्रीय कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में निदेशक महोदया द्वारा प्रदेश में संचालित विकसित भारत संकल्प यात्रा व राष्ट्रीय कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के कुशल क्रियान्वयन को सराहा। उन्होंने कहा, प्रदेश में विकिसित भारत संकल्प यात्रा के तहत स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आमजन की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग व जांचे निरतंर की जा रही है।

निदेशक डॉ नेहा गर्ग ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम में संस्थागत प्रसव में हुए सुधारों को सराहा साथ ही मातृ मृत्यु दर कम किये जाने हेतु आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में प्रतिरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में यू-विन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण किया जा रहा है जिस पर निदेशक द्वारा टीकाकरण की व्यपकता को बढ़ाने हेतु बल दिया गया।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर (पूर्व में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) में दवाईयों की उपलब्धता बढ़ाने पर बैठक में आवश्यक निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा, प्रदेश में सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर आने वालों को दवाईयां मुहैया कराना सुनिश्चित किया जाए।

निदेशक डॉ नेहा गर्ग द्वारा बताया गया कि भारत सरकार आमजन को स्वास्थ्य प्रदान किये जाने हेतु उत्तराखंड को पूर्ण सहयोग दे रही है। जिस हेतु विभिन्न कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग कर उपयोगी निर्देश भी समयानुसार दिए जा रहे हैं।

बैठक में निदेशक महोदया द्वारा राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, क्वालिटी एश्योरेंस, ब्लड स्क्रीनिंग, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग, गैर संचारी रोग आदि कार्यक्रमों की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को विभिन्न कार्यक्रमों का लाभ आम जनमानस को पहुंचाने हेतु निर्देश दिये।

उन्होंने कहा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एक महत्वपूर्ण पहलू है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के उद्देश्य से कार्य कर रहा है। इस मिशन के अंतर्गत, सरकार ने कई कदम उठाए हैं जो भारतीय नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में हैं जो ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को मजबूत कर रहा है।

बैठक में स्वाति भदौरिया मिशन निदेशक एनएचएम, कार्यक्रम अधिकारी डॉ अमित शुक्ला, डॉ राजन अरोड़ा, डॉ अजय नगरकर, डॉ पकंज सिंह, डॉ अर्चना ओझा, डॉ फरीदुजफर, डॉ मुकेश राय, डॉ तुहिन कुमार, राज्य क्रार्यक्रम प्रबंधक महेंद्र मौर्य आदि अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

एड्स जागरूकता में युवा वर्ग को निभाना होगा अहम किरदारः कर्नल आलोक गुप्ता

विश्व एड्स दिवस पर उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति व स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक राज्य स्तरीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। दून मेडिकल कॉलेज अस्तपाल ओ०पी०डी० बिल्डिंग सभागार में आयोजित गोष्ठी में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि एड्स संक्रमण के कई कारण हो सकते हैं। इसलिए एड्स संक्रमित व्यक्तियों को सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित करना चाहिए और उन्हें प्रेम व सम्मान देना चाहिए। इस साल विश्व एड्स दिवस की थीम ष्लैट कम्युनिटी लीडष् है। राज्य स्तरीय गोष्ठी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता एस०एच०ओ० कैन्ट, देहरादून, थे। उक्त कार्यक्रम में विषिष्ठ अतिथि के तौर पर डा० अनुराग अग्रवाल, चिकित्सा अधीक्षक, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, डा० नारायण जीत, एच०ओ०डी० मेडिसिन राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, पवन कुमार कोठारी जेलर, डिस्ट्रिक जेल देहरादून, डा० विशाल धीमान एडिशनल प्रोफेसर एम्स ऋषिकेश एवं डा० अजय कुमार, अपर परियोजना निदेशक, उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति थे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके बाद मंच पर आसीन अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। अपर परियोजना निदेशक, यूसैक्स डॉ अजय कुमार द्वारा मुख्य अतिथि तथा उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया गया एवं उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा संचालित गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी दी गयी। अपर परियोजना निदेशक द्वारा कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले प्रतिभागियों की उपलब्धियां के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता ने कहा कि एड्स पीड़ितों को प्यार और सम्मान देना चाहिए, जिससे वह खुद को अलग-थलग न समझें। उन्होंने बताया कि किसी के साथ खाना खाने, छूने आदि से एड्स नहीं होता है। इसलिए इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाना जरूरी है। इस दौरान उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को रक्तदान के लिए भी प्रेरित किया।
उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति व स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुख्य अतिथि कर्नल आलोक गुप्ता एस०एच०ओ० कैन्ट, देहरादून, द्वारा एच०आई०वी०/एड्स पर उत्कृष्ठ कार्य कर रही संस्थाओं एवं टी०आई० संस्थाओं, को सम्मानित किया गया। डा० अनुराग अग्रवाल चिकित्सा अधीक्षक, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, डा० नारायणा एच०ओ०डी० मेडिसिन राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, श्री पवन कुमार कोठारी जेलर, डिस्ट्रिक जेल देहरादून, डा० विशाल धीमान एडिशनल प्रोफेसर एम्स ऋषिकेश द्वारा सम्बोधन दिया गया।

इस मौके पर राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, के छात्र छात्राओं एवं हंसा नृत्य नाटक कला सोसाइटी के ग्रुप मैम्बर्स द्वारा एच०आई०यी०/एड्स विषय पर सांस्कृतिक प्रस्तुति की गयी, कार्यक्रम में मंच का सफल संचालन अनिल वर्मा, चौयरमेन यूथ रेडक्रास सोसाईटी, उत्तराखण्ड शाखा द्वारा किया गया।

उक्त कार्यक्रम में मेजर प्रेमलता वर्मा यूथ रेडक्रास समिति विहान नेटवर्क से दो एच०आई०वी० पॉसिटिव महिला स्पीकर द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये, महाराणा प्रताप स्पोटर्स कॉलेज से स्पोटर्स टीचर लोकेश, साथी ग्रुप देहरादून से गालिब, एवं अनिल रावत, हरीश चन्द्र शर्मा उप सचिव, रेडक्रास सोसाइटी, डा० नवीन सिंघल एच०ओ०डी० डी०आई०टी० यूनिवर्सटी, देहरादून, डा० अमन शुक्ला कॉर्डिनेटर ग्राफिक एरा, यूनिवर्सटी, देहरादून, नारायण सिंह राणा उत्तरकाशी द्वारा प्रतिभाग किया गया, तथा देहरादून में कार्यरत विभिन्न टी०आई० संस्थायें-एग्नेस कुंज सोसाइटी (होप), बालाजी सेवा संस्थान, पी०ई० जे०के०एस०, चौखम्बा, रूद्रा, टी०आई० संस्थान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर/प्रोग्राम मैनेजर एवं प्रतिनिधियों, डी०ए०वी० पी०जी० कॉलेज, (रोवर्स एंड रैजर्स), एन०एस०एस० के छात्र-छात्राओं एवं उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियन्त्रण समिति के अधिकारियों एवं कर्मचारियों एवं अन्य विभागों के विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

हैल्थ सैक्टर सेवा का सैक्टर, आपसी समन्वय से काम करें अधिकारी-कर्मचारीः सुधांशु

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर हैं। इन तीन दिनों में स्वास्थ्य सचिव ने कुमांउ मंडल की विभिन्न चिकित्सा इकाईयों का निरीक्षण कर संबधित अधिकारियों को जरूरी दिषा निर्देष दिए। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा जिन चिकित्सा इकाईयों का निरीक्षण किया गया उनमें बीडी पांडेय हॉस्पिटल नैनीताल, टीवी सेंनिटोरियम भवाली, जीबी पंत हॉस्पिटल नैनीताल, सुषील तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, बेस चिकित्सालय हल्द्वानी, महिला चिकित्सालय हल्द्वानी, उपजिला चिकित्साल काषीपुर, हैल्थ वेलनेंस सेंटर खुरपा ताल सहित कई अन्य चिकित्सा ईकाइयों का दौरा कर जरूरी दिशा निर्देश दिए।

इसी क्रम में आज एटीआई नैनीताल से केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने वीडियो कांन्फ्रेसिंग के जरिए राज्य स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा बैठक ली। जिसमें राज्य के सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेष कुमार द्वारा राज्य में चल रही बिभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों, चिकित्सा षिक्षा, आयुष्मान योजना का विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने राज्य में चल रही केन्द्र पोषित योजनाओं की प्रगति पर संतोष जाहिर करते हुए उनमें तेजी लाने के निर्देष अधिकारियों को दिये।

निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देष
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने कहा हैल्थ सैक्टर सेवा का सैक्टर है। इसमें सभी को मिलकर सेवा भाव से कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों कहा प्रदेश के हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिटिकल केयर ब्लॉक, मेडिकल कॉलेज व अन्य निर्माणाधीन कार्य में तेजी लाई जाये। जिससे आम जनता को इसका लाभ जल्द से जल्द मिल सके। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने दिसंबर 2023 तक निर्माण कार्यों को पूरा करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके साथ ही उन्होंने अल्मोड़ा, हरिद्वार, पिथौरागढ़, उधमसिंहगनर मेडिकल कॉलेज के निर्माणकार्यों को यथाशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने अधिकारियों से बीडी पांडेय हॉस्पिटल नैनीताल में सुविधाओं को बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के बजट की कमी आती है तो केन्द्र उसमें राज्य को पूरा सहयोग देगा। इसके साथ ही उन्होंने जीबी पंत हॉस्पिटल नैनीताल को सैटिलाइट हॉस्पिटल के रूप में बिकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाने की बात भी कही। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने टीवी सेंनिटोरियम भवाली को उच्च स्तरीय टीवी एंव चेस्ट संस्थान के रूप में बिकसित करने के निर्देष भी अधिकारियों को दिए। इसके साथ ही नैनीताल के गेठिया सेंनिटोरियम को मेंटल हैल्थ इंस्टीटियूषन के रूप में विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाने की बात कही।

केन्द्र सरकार देगी पूरा सहयोग
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने कहा उत्तराखंड के स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु भारत सरकार पूरा सहयोग देगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के यू कोट वी पे मॉडल की प्रशंसा करते हुए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के मनोबल को बढ़ाने के लिए उच्चतम वेतन प्रदान करने के कार्य को अत्यधिक सराहना की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज से उत्तराखंड के अधिक से अधिक लोगों को मिल रहे लाभ की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों व मैदानी इलाकों में कोविड टीकाकरण सहित अन्य मैनेजमेंट में अच्छा कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधित सरकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए यह आवश्यक है वर्तमान में स्वास्थ्य संबंधित परियोजनाएं जो गतिमान हैं, उसका विभाग द्वारा अनुसरण एवं अनुपालन किया जाए। ताकि इन योजनाओं का लाभ राज्य के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

बैठक में डॉ. आर राजेश कुमार, सचिव स्वास्थ्य, आषीष श्रीवास्तव, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, अमनदीप कौर, अपर सचिव स्वास्थ्य, नमामि बंसल अपर सचिव स्वास्थ्य सहित सभी 13 जनपदों के अधिकारी और कार्यक्रम अधिकारी वर्चवल रूप से जुड़े थे।

उत्तराखंडः 18 हजार लोगों ने दी टीबी को मात

टीबी मुक्त उत्तराखंड के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास धरातल पर नजर आने लगे हैं। टीबी रोगियों की सेवा के लिये प्रदेश में हजारों ने लोगों ने आगे आ कर सामुदायिक भागीदारी निभाई है। इन निःक्षय मित्रों की मदद से सूबे में 18 हजार से अधिक लोग टीबी को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्य में अबतक 9630 लोगों ने निःक्षय मित्र के तौर पर अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। जिसमें नि-क्षय मित्र चिन्हित टीबी रोगियों को गोद लेकर टीबी मुक्त अभियान में अहम भूमिक निभा रहे हैं। जिसमें हरिद्वार जनपद में सर्वाधिक 2148 नि-क्षय मित्र पंजीकृत हैं जबकि ऊधमसिंह नगर में 2173, नैनीताल 1288, देहरादून 1470, अल्मोड़ा 497, पौड़ी गढ़वाल 467, टिहरी 387, पिथौरागढ़ 245, रूद्रप्रयाग 221, चमोली 205, उत्तरकाशी 197, चम्पावत 179 तथा बागेश्वर में 153 नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है।

डॉ. रावत ने बताया कि सूबे में अबतक 15070 टीबी मरीजों का चिन्हिकरण किया जा चुका है, जिसमें से 10521 मरीजों ने नि-क्षय मित्रों से सामुदायिक सहयोग के लिये हामी भरी है जबकि प्रदेश में 9814 रोगी नि-क्षय मित्रों के सहयोग से लाभान्वित हो रहे हैं। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 313, बागेश्वर 99, चमोली 146, चम्पावत 148, देहरादून 1508, पौडी गढ़वाल 223, हरिद्वार 3375, नैनीताल 984, पिथौरागढ़ 245, रूद्रप्रयाग 161, टिहरी गढ़वाल 264, ऊधम सिंह नगर 2109 तथा उत्तरकाशी में 239 शामिल हैं। डॉ. रावत ने बताया कि टीबी उन्मूलन की ओर सकारात्मक अग्रसर होने के दृष्टिगत भारत सरकार ने राज्य के सात जनपदों का चयन सर्टिफिकेशन प्रक्रिया के लिये किया। जिनमें से देहरादून जनपद को गोल्ड जबकि चम्पावत, पौड़ी व टिहरी गढ़वाल को ब्रॉंन्ज मेंडल प्रदान किये गये, जोकि प्रदेश के लिये टीबी उन्मूलन की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।

’सूबे में 18 हजार टीबी रोगी हुये स्वस्थ’
स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित क्षय रोग उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेशभर में टीबी रोगियों का लगातार चिन्हिकरण किया जा रहा है। विभाग द्वारा रोगियों को दिये जा रहे बेहतर उपचार व सामुदायिक सहयोग का नतीजा है कि राज्य में 18 हजार 785 लोगों ने टीबी को मात दे दी है, जोकि विभाग के लिये बड़ी उपलब्धि है। टीबी रोग से अब तक अल्मोड़ा जनपद में 723, बागेश्वर में 246, चमोली 875, चम्पावत 489, देहरादून 2424, पौड़ी गढ़वाल 417, हरिद्वार 5613, नैनीताल 2543, पिथौरागढ़ 609, रूद्रप्रयाग 507, टिहरी 729, ऊधमसिंहनगर 3133 तथा उत्तरकाशी में 477 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।