उत्तराखंड में शराब पर लगा हेल्थ केयर टैक्स

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण उत्तराखंड को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने अहम फैसले लिए। इसमें पेट्रोल के दाम एक और डीजल के दाम दो रुपये बढ़ा दिए गए हैं। वहीं, शराब के विभिन्न ब्रांड में बीस रुपये से लेकर पांच सौ रुपये तक का हेल्थ केयर टैक्स लगाया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर मंत्रिमंडल की बैठक हुई। शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना के चलते हुए राजस्व नुकसान को देखते हुए शराब, पेट्रोल और डीजल के दामों को बढ़ाया है।

शराब की प्रति बोतल पर हेल्थ केयर टैक्स लगाया है। शराब की तीनों श्रेणियों में दाम बढ़ाए गए हैं। नए रेट से अर्जित होने वाला टैक्स प्रदेश की विभिन्न योजनाओं और कोविड-19 रोकथाम में खर्च होगा। अनुमान है कि हेल्थ केयर टैक्स से 250 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व आएगा। बढ़े हुए दाम इस वित्तीय वर्ष में प्रभावी रहेंगे। प्रदेश सरकार ने ध्यान रखा है कि शराब के दाम उत्तर प्रदेश से कम रहें। पेट्रोल और डीजल पर वैट में मामूली वृद्धि की गई है। इस वृद्धि से प्रदेश को 120 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित होगा।

इन बातों पर कैबिनेट ने लिया फैसला
– उत्तराखंड में पेट्रोल एक रुपये और डीजल के दाम दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाने का फैसला लिया गया।
– शराब के दामों में तीन कैटेगरी में वृद्धि की गई है जो 20 रुपये से लेकर 425 रुपये के बीच है।
– उत्तराखंड लौटने वाले प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू होगी।
– हरिद्वार में अस्थि विसर्जन पर लगी रोक हटा दी गई है।
– उद्यमियों को ऋण सब्सिडी में लाभ मिलेगा।
– 50 हेक्टेयर वाले पट्टे पर मशीन से हो सकेगा खनन

मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि 50 हेक्टेयर तक के खनन पट्टों पर अब मशीन से खनन हो सकेगा। मामला अदालत में विचाराधीन पचास हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र वालेे पट्टाधारकों को यह अनुमति नहीं दी गई है। सरकार इसको लेकर हाईकोर्ट जाएगी। वहीं रायवाला से हरिद्वार के भोगपुर तक खनन पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए सरकार न्यायालय में जाने के साथ केंद्र से भी वार्ता करेगी।

दो शिफ्ट में काम करने की अनुमति
कारखानों में दो शिफ्ट में काम करने की अनुमति मंत्रिमंडल ने दे दी है। इसके लिए श्रमिकों को ओवर टाइम देना होगा। 11-11 घंटे की दो पालियों में काम करने वाले श्रमिकों को 6 कार्यदिवस काम करना होगा और प्रतिदिन तीन घंटे ओवरटाइम मिलेगा। निरंतर उत्पादन करने वाले कारखानों में 12-12 घंटे की दो शिफ्ट होगी। यहां चार घंटे का ओवर टाइम मिलेगा।