हरदा ने सीएम की फोटो शेयर कर कांग्रेसियों को दिया सुझाव

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की राजनीति का एक पहलू यह भी है कि वे सही को सही और गलत को गलत कहने से नहीं चूकते। युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के तो खासतौर से मुरीद हैं। सीएम धामी की बीते कुछ माह में कई बार मुक्तकंठ से प्रशंसा कर चुके हैं। इधर, आज दोपहर में हरदा ने सोशल मीडिया पर एक सीएम धामी के रुद्रप्रयाग दौरे के दौरान सैर की फ़ोटो को शेयर किया है। इस फोटो पर उन्होंने लिखा है कि क्या अंदाज है!कांग्रेस के दोस्तों 2024 और 2027 क लिए कुछ और कसरत करना शुरू कर दो।

यह लिखकर हरीश रावत ने जहां एक बार फिर धामी के काम पर पुनः मुहर लगाई है तो कांग्रेसियों को भी सचेत किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें बहुत मेहनत करने की जरूरत है।

दरअसल, बीते कुछ दिनों में जिस तरह से सीएम धामी ने ताबड़तोड़ बैटिंग की है उसका जवाब विपक्ष के पास नजर नहीं आ रहा। अचकव भर्ती घपले में नोेेब के चेयरमैन व अन्यों को जेल में डालकर धामी ने सबको चारों खाने चित्त कर दिया है। ऐसे समय मे विपक्ष के प्रमुख नेता के पमुंह से आई यह तारीफ जहां सत्ताधारी दल के लिए मन मुताबिक है तो विपक्ष असहज हो सकता है। धामी की धमक दूर तक सुनाई दे रही है

हरीश रावत ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाले गलत बयान को छापने वाले समाचार पत्र पर कह दी यह बड़ी बात… आप भी जाने

अभी परसो मैंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर बोले गए झूठ के प्रकरण को हमारे तर्कपूर्ण खंडन के बाद समाप्त मान लिया जाए। हमने इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र साइबर क्राइम देहरादून में एफआईआर दर्ज करने हेतु दिया है।

भाजपा संगठित तौर पर इस झूठ को आज भी फैलाने में लगी है। यह झूठ धामी की धूम फेसबुक पेज जो राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री जी का पेज है, जिसमें उनके साथ प्रधानमंत्री जी का चित्र भी लगा है। पेज में जिस समाचार पत्र के आधार पर इस झूठ को फैलाकर विद्वेष पैदा किया गया है, वो कहीं से भी प्रचारित-प्रकाशित नहीं है।
वह कहां से मुद्रित है, इसको खोजना तो असंभव है। इस समाचार पत्र का कोई नाम भी नहीं है। किसी एजेंसी को उद्धृत नहीं किया गया है। इस झूठे समाचार को गढ़ने व प्रचारित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के डर्टीट्रिक्स विभाग अर्थात सोशल मीडिया में यह सब षड्यंत्रकारी कूट रचा गया है।
यदि कोई व्यक्ति इस तरीके के समाचार पत्र की 10 प्रर्तियां जिसमें संपादक, मुद्रक, वितरक और समाचार पत्र संवाददाता का नाम सहित मुझे उपलब्ध करवा दे तो मैं ₹50,000 उस व्यक्ति को देने को तैयार हूं।

पुष्कर धामी जो राज्य के पुनः मुख्यमंत्री बन सकते हैं, को इस अनैतिक कृत्य/झूठ का खण्डन करने के लिए स्वयं आगे आना चाहिए।

द कश्मीर फाइल्स के जरिए बीजेपी कर रही राजनीतिः हरीश रावत

चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के भीतर हरीश रावत निशाने पर हैं। इस बीच द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर हरदा का बयान आया है। हरीश रावत का कहना है कि ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर करने वाली फिल्मों से किसी को दिक्कत नही होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि भाजपाई इस फिल्म को देखकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।

एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में हरीश रावत ने कहा कि मैं द कश्मीर फाइल्स का विरोध नहीं करता हूं। ऐसी फिल्म जो सामाजिक और आर्थिक तथ्यों को उजागर कर रही हो, उससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए। हालांकि हरीश रावत ने कहा कि इस फिल्म के बहाने बीजेपी राजनीति कर रही है। बीजेपी के बड़े बड़े नेता फिल्म देखने जा रहे हैं और घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। हरदा ने कहा कि इतने सालों से बीजेपी सरकार केंद्र में है, क्या बीजेपी कश्मीरी पंडितों की घर वापसी करवा पाई है? क्या कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो चुका है?

हरीश रावत का भी मानना है कि लालकुआं से चुनाव लड़कर उन्होंने गलती की है। वो जानते थे कि लालकुआं से उन्हें हार मिलेगी। लेकिन पार्टी का मान रखने के लिए पार्टी का ये आदेश मानना पड़ा। हरदा ने कहा कि मैं रामनगर से चुनाव लड़ना चाहता था। वहां मेरू तैयारी थी। मैं वहां आसानी से जीत सकता था। लेकिन जैसे ही मां नामांकन के लिए रामनगर जाने लगा, मुझे संदेश मिला कि अब रामनगर से नहीं बल्कि लालकुआं से लड़ना है। मैंने पार्टी के आदेश का मान रखने के लिए लालकुआं जाना स्वीकार कर लिया। लेकिन जैसे ही लालकुआं पहुंचा मुझे आभास हो गया कि यहां सबकुछ ठीक नहीं है। कार्यकर्ताओं में मेरे लिए उत्साह नहीं था। फिर भी मैंने पार्टी के आदेश का पालन करने के लिए पूरा जोर लगाया।

उत्तराखंड की सभी 70 सीटों पर यह रहे रूझान, विजयी प्रत्याशियों की यह है सूची

उत्तराखंड 2022 विधानसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार अब खत्म हो गया है। दरअसल सभी विधानसभा सीटों के नतीजे आ चुके हैं। भाजपा 47 सीटों पर चुनाव जीती है तो वहीं कांग्रेस ने 19 सीटें हासिल की है। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी विनर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होनी बाकी है। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 57 सीटें जीती थी। उस हिसाब से भाजपा ने 10 सीटें खोई है। जबकि कांग्रेस 11 से बढ़कर 19 सीटों पर पहुंची है।

लेकिन 2022 उत्तराखंड भाजपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत की फिर से सरकार बना रही है। यह अलग बात है कि जिस मुख्यमंत्री के चेहरे पर भाजपा चुनाव जीती है वह खुद हार गए हैं। अब सीएम को लेकर मंथन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री के लिए कई दिग्गज नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। हालाकि पुष्कर सिंह धामी को फिर मुख्यमंत्री बनाने की भी चर्चा साथ-साथ चल रही है।

उत्तराखंड में तीसरा विकल्प बनकर मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ने एक भी सीट हासिल नहीं की। एएपी को जनता ने पूरी तरह नकारा है और भाजपा पर ही दोबारा विश्वास जताया है। इसके इतर दो सीटों पर निर्दलीय और दो पर बसपा कब्जा जमाने में कामयाब रही है।

ये जीते चुनाव, देखिए पूरी लिस्ट

1. अल्मोड़ा- कैलाश शर्मा (bjp)

2. रानीपुर आदेश चौहान (bjp)

13. बद्रीनाथ – राजेंद्र सिंह भंडारी (cong)

4. बागेश्वर- चंदन राम दास (bjp)

5. बाजपुर- यशपाल आर्य (cong)

6. भगवानपुर- ममता राकेश (cong)

7. भीमताल- राम सिंह खेरा (bjp)

8. चकराता- प्रीतम सिंह (cong)

9. चंपावत- कैलाश चंद्र (bjp)

10. चौबट्टाखाल- सतपाल महाराज (bjp)

11. देहरादून कैंट- सविता कपूर (bjp)

12. देवप्रयाग – विनोद कंडारी (bjp)

13. धनोल्टी- प्रीतम सिंह पंवार (bjp)

14. धर्मपुर- विनोद चमोली (bjp)

15. धारचूला- हरीश सिंह धामी (cong)

16. डोईवाला- बृज भूषण गैरोला (bjp)

17. डीडीहाट- बिशन सिंह चुफाल (bjp)

18. द्वाराहाट- मदन सिंह बिष्ट (cong)

19. गदरपुर- अरविंद पांडे (bjp)

20. गंगोलीहाट- फकीर राम (bjp)

21. गंगोत्री- सुरेश सिंह चौहान (bjp)

22. घनसाली- शक्ति लाल शाह (bjp)

23. हल्द्वानी- सुमित हृदेश (cong)

24. हरिद्वार- मदन कौशिक (bjp)

25. हरिद्वार ग्रामीण- अनुपमा रावत (cong)

26. जागेश्वर- मोहन सिंह ( bjp)

27. जसपुर- आदेश सिंह चौहान (cong)

28. झबरेड़ा- वीरेंद्र कुमार (cong) –

29. ज्वालापुर- रवि बहादुर (cong)

30. कालाढूंगी- बंशीधर भगत (cong)

31. कपकोट- सुरेश गढ़िया (bjp)

32. कर्णप्रयाग- अनिल नौटियाल (bjp)

33. काशीपुर- त्रिलोक सिंह चीमा (bjp

34. केदारनाथ – शैला रानी रावत (bjp)

35. खानपुर- उमेश शर्मा (निर्दलीय)

36. खटीमा- भुवन चंद्र कापडी (cong)

37. किच्छा- तिलक राज बेहड़ (cong)

38. कोटद्वार- रितु खंडूरी (bjp)

39. लक्सर- शहजाद (bsp)

40. लाल कुआं- मोहन सिंह बिष्ट (bjp)

41. लैंसडाउन – दिलीप रावत (bjp)

42. लोहाघाट- खुशाल सिंह (cong)

43. मंगलौर – सरवत करीम अंसारी (bsp)

44. मसूरी- गणेश जोशी (bjp)

45. नैनीताल- सरिता आर्या (bjp)

46. नानकमत्ता- गोपाल सिंह राणा (cong)

47. नरेंद्र नगर- सुबोध उनियाल (bjp)

48. पौड़ी- राजकुमार पोरी (bjp)

49. पिरान कलियर- फुरकान अहमद (cong)

50. पिथौरागढ़- मयूख महर (cong)

51. प्रतापनगर- विक्रम सिंह नेगी (cong)

52. पुरोला- दुर्गेश लाल (bjp)

53. रायपुर- उमेश शर्मा काऊ (bjp)

54. राजपुर रोड- खजान दास (bjp)

55. रामनगर- दीवान सिंह बिष्ट (bjp)

56. रानीखेत- प्रमोद नैनवाल (bjp)

57. ऋषिकेश- प्रेमचंद्र अग्रवाल (bjp)

58. रुड़की- प्रदीप बत्रा (bjp)

59. रुद्रप्रयाग- भरत सिंह चौधरी (bjp)

60. रुद्रपुर- शिव अरोड़ा (bjp)

61. सहसपुर- सहदेव सिंह पुंडीर (bjp)

62. सल्ट – महेश जीना (bjp)

63. सितारगंज- सौरभ बहुगुणा (bjp)

64. सोमेश्वर- रेखा आर्य (bjp)

65. श्रीनगर- धन सिंह रावत (bjp)

66. टिहरी- किशोर उपाध्याय (bjp)

67. थराली – भोपाल राम टम्टा (bjp)

68. विकासनगर- मुन्ना सिंह चौहान (bjp)

69. यम्केश्वर- रेनू बिष्ट (bjp)

70. यमुनोत्री- संजय डोभाल (निर्दलीय)

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यशपाल से मिले पूर्व स्पीकर कुंजवाल, हरीश रावत को लेकर कही ये बड़ी बात


पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। इस दौरान बातचीत में कुंजवाल ने कहा कि पूर्व सीएम और कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत के पास राज्य के विकास को लेकर सोच और ठोस विजन है।

उत्तराखंड के हित के लिए वह हमेशा आगे रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश की जनता भी उन्हें ही चाहती है। आम लोगों से लेकर कार्यकर्ताओं तक की नजर में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर हरदा ही पहली पसंद हैं। चुनाव से पूर्व हुए तमाम सर्वे में वह सबसे आगे दिखे। इसलिए कांग्रेस की सरकार बनने पर उत्तराखंड की कमान हरीश रावत को ही मिलनी चाहिए।

प्रदेश में हरीश रावत का सीएम बनाए जाने को लेकर कोई विरोध नहींः यशपाल आर्य

अभी मतगणना हुई नहीं है और ना ही यह तय हो पाया है कि प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी लेकिन कांग्रेस में अभी से मुख्यमंत्री को लेकर जिस तरीके से रस्साकशी चल रही है उसने राजनैतिक पारा गरम कर दिया है हरीश रावत प्रदेश में मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो बाकी हरीश रावत का विरोध कर रहे हैं वही पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने सीधे तौर पर हरीश रावत को ही सीएम बनाए जाने की पैरवी की है

मतदान खत्म होने के बाद कांग्रेस सरकार बनाने के दावे कर रही है. अभी से मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में बयानबाजी शुरू हो गई हैं. पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है कि वह या तो मुख्यमंत्री बनेंगे या घर बैठेंगे. इस पर कांग्रेस के ही नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. हरीश रावत के इस बयान पर कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने कहा कि हरीश रावत का कोई भी विरोध नहीं है. हालांकि अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को करना है.

गौर हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि जो भी कांग्रेस हाईकमान आदेश करेगा उसका पालन किया जाएगा. वहीं हरीश रावत के करीबी और पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा है कि हरीश रावत उत्तराखंड का बड़ा चेहरा हैं और हरीश रावत बड़ा नाम हैं. उत्तराखंड के निर्माण में और उत्तराखंड के विकास में हरीश रावत का बड़ा योगदान है. हरीश रावत चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष भी थे. उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था. साथ ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. ऐसे में हरीश रावत का कोई भी विरोध नहीं है.

यशपाल आर्य ने कहा है कि कांग्रेस में परंपरा है कि विधायक दल की बैठक होगी. उसमें केंद्रीय हाईकमान अंतिम निर्णय लेता है और सभी उस निर्णय का आदर करते हैं. लेकिन अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को करना है. उन्होंने कहा कि हरीश रावत का स्वभाव नहीं है कि वह घर बैठ सकें. हरीश रावत इस उम्र में भी पहाड़ से लेकर मैदान तक पार्टी और लोगों के लिए लगातार काम कर रहे हैं. प्रीतम की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि हरीश रावत का कोई विरोध नहीं है.

यशपाल आर्य इसलिए कर रहे हरीश रावत का समर्थन
हरीश रावत के साथ यशपाल आर्य की गणित सही बैठती है. हालांकि 2016 में यशपाल आर्य हरीश रावत सरकार को मझधार में छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी सरकार में करीब पांच साल कैबिनेट मंत्री बने रहे. ठीक चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में वापसी की. लेकिन यशपाल आर्य ने बीजेपी सरकार में रहते हुए कभी कांग्रेस या कांग्रेस के नेताओं के लिए कोई विरोधी बयानबाजी नहीं की थी. इसलिए जब उन्होंने बीजेपी छोड़ी तो उन्हें तुरंत कांग्रेस में ले लिया गया था. उनको और उनके बेटे को टिकट भी मिल गया. शायद यही कारण है कि यशपाल आर्य मुख्यमंत्री पद के लिए हरीश रावत का समर्थन कर रहे हैं.

राहुल का शंखनाद, भाजपा पर किया चौतरफा हमला

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी गुरुवार को देहरादून पहुंचे। यहां उन्होंने विजय सम्मान रैली को संबोधित करते हुए चुनाव अभियान का शंखनाद किया। रैली को संबोधित करने से पहले कांग्रेस नेता ने मंच पर मौजूद 1971 युद्ध के वीर सपूतों को शॉल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। इसके बाद राहुल ने कहा कि उनका और उत्तराखंड का कुर्बानी का रिश्ता है। मेरे पिता और दादी ने इस देश के लिए अपना खून दिया। ठीक इसी तरह उत्तराखंड के हजारों परिवार ने मातृभूमि के लिए बलिदान दिया है। ये बात उन लोगों को समझ नहीं आएगी जिनके परिवारों ने ऐसी कुर्बानी नहीं दी है। राहुल ने कहा कि आज देश को बांटा जा रहा है, कमजोर किया जा रहा है। एक भाई को दूसरे भाई से लड़ाया जा रहा है। पूरी सरकार दो-तीन पूंजीपतियों के लिए चलाई जा रही है। किसानों को कमजोर करने के लिए तीन कृषि कानून लाए गए थे। किसान एक साल तक डटे रहे जिसके बाद पीएम ने माफी मांगी और कानून को वापस लिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने आपकी जेब से पैसा निकालकर दो-तीन पूंजीपतियों का कर्ज माफ किया। जब तक दिल्ली में नरेंद्र मोदी की सरकार है तब तक युवाओं को रोजगार नहीं मिल सकता है। राहुल ने कहा कि उत्तराखंड में हमारी सरकार बनने पर महंगाई को कम किया जाएगा और युवाओं को रोजगार देने के अवसर पैदा होंगे।

हम रोजगार के अवसर पैदा करेंगे
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि गंगा में कई लोगों ने स्नान किया लेकिन ऐसा दिखाया जाता है कि एक ही व्यक्ति ने स्नान किया है। योगी जी, राजनाथ जी तक को इजाजत नहीं दी गई। उत्तराखंड में हमारी सरकार आएगी तो हम छोटे और मध्यम वर्ग के लोगों को रोजगार देने का काम करेंगे। एक बार फिर यहां रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

आपके और मेरे बीच रिश्ता है
राहुल गांधी ने कहा कि हम आपकी कुर्बानी समझते हैं। मैं वो दिन कभी नहीं भूल सकता जब स्कूल में मुझे बताया गया कि इंदिरा गांधी को 32 गोलियां लगी हैं। आप लोगों को भो फोन आया पापा शहीद हो गए, चाचा शहीद हो गए। आपके और मेरे बीच रिश्ता है। जिस महिला ने इस देश के लिए 32 गोलियां खाईं उनका नाम निमंत्रण पत्र तक में नहीं था। आज महंगाई बढ़ती जा रही है। पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं। नरेंद्र मोदी जी ने आपकी जेब से पैसा निकालकर 10 करोड़ रुपए का अरबपतियों का कर्ज माफ किया है।

मोदी की सरकार दिल्ली से हटे बिना नहीं मिलेगा रोजगार
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना में पूंजीपतियों का टैक्स माफ किया गया लेकिन मजदूरों को बस या रेल का टिकट तक नहीं मिला। जब तक नरेंद्र मोदी की सरकार दिल्ली से नहीं हटेगी युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, एयरपोर्ट, माइंस सब कुछ दो-तीन उद्योगपतियों के हाथों में जदा रहा है। आप लिखकर ले लो देश अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे पाएगा। आप ये मत सोचिए देश मजबूत हो रहा है। देश मजबूत तब होता है जब देश का नागरिक मजबूत होता है। जब देश की जनता बिना डके, झिझके काम कर सकती है। जब जनता बिना डरे बोल सकती है।

दो-तीन उद्योगपतियों के लिए बनाया था कृषि कानून
आज दे को बांटा जा रहा है, कमजोर किया जा रहा है। एक भाई को दूसरे से लड़ाया जा रहा है। कमजोर लोगों को मारा जा रहा है। पूरी सरकार दो-तीन लोगों के लिए, पूंजीपतियों के लिए चलाई जा रही है। किसानों के खिलाफ तीन कृषि कानून उन्हें खत्म करने के लिए बनाए गए। किसान पीछे नहीं हटे। एक साल बाद प्रधानमंत्री हाथ जोड़कर कहते हैं कि गलती हो गई। माफी मांगता हूं। माफी मांगने के बाद जो 700 किसान शहीद हुए उनके बारे में बीजेपी के नेता संसद में कहते हैं कि कोई किसान शहीद नहीं हुआ। सरकार ने किसानों को मुआवजा तक नहीं दिया। किसके लिए काम किया जा रहा था। ये साजिश थी। ये काम दो-तीन उद्योगपतियों के लिए किया जा रहा था।

राहुल अकेले ऐसे राष्ट्रीय नेता थे जो हमारे आंसू पोंछने आए
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी की वजह से बांग्लादेश बन पाया। जब हम विपत्ति में थे, केदारनाथ की त्रासदी में राहुल गांधी अकेले ऐसे राष्ट्रीय नेता थे जो हमारे आंसू पोंछने के लिए यहां आए। हमने अभूतपूर्व काम करके दिखाया। कोई ऐसा व्यक्ति नहीं दिखता जो कहता हो कि हमें लाभ नहीं मिला। पीएम मोदी पर तंज कसते हुए रावत ने कहा कि कुछ लोग यहां गुफा में ध्यान करने के लिए आते हैं। आपने उस समय हमें सहारा दिया जब हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही थी। पर्यटन नहीं चल रह पा रहा था। राहुल अकेले ऐसे नेता हैं जो सत्ता की आंखों में आंखे मिलाकर बात करते हैं। हम उत्तराखंड को बेरोजगार मुक्त उत्तराखंड बनाएंगे। कांग्रेस आएगी आपके बोझ को घटाएगी।

लोग राहुल को उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं
कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव ने रैली को संबोधित करते हुए कहा देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू ने देहरादून की जेल से डिस्कवरी ऑफ इंडिया किताब लिखी, इंदिरा गांधी ने हमेशा उत्तराखंड को प्यार दिया, राजीव और राहुल ने यहीं से पढ़ाई की। राहुल जी आज ये प्रदेश जिन कठिनाइयों से गुजर रहा है, उसमें लोग आपको उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। आज किसान निराश हैं। बेरोजगार साथियों को रोजगार नहीं मिला है। कांग्रेस के साथियों ने किसान और बेरोजगार साथियों के साथ खड़े होने का काम किया है। सरकार सिर से लेकर पैर तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। हमारी सरकार बनने पर हम युवाओं को रोजगार देने का काम करेंगे। भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएंगे। लोकायुक्त देने का काम करेंगे।

कांग्रेस का इतिहास बलिदान का रहा है
रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता आज वीर सौनिकों को नमन करने के लिए यहां पहुंचे हैं। आज ही के दिन इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे और दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश का जन्म हुआ था। आज लोग राहुल गांधी को उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। हम कृषि कानूनों पर सरकार को घुटनों पर ले आए। कांग्रेस किसानों के साथ खड़े रहे। कांग्रेस का इतिहास बलिदान का रहा है। मैं सेना के शौर्य को नमन करता हूं।

बहुगुणा ने हरीश पर बोला हमला, कहा-अपनी सीट घोषित करे रावत

’’कई बार रंग बदला है आसमां सहर होने तक’’ इस वाक्य के साथ पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कांग्रेस के लिए अगले दो सप्ताह बहुत सावधान रहने के निर्देश दिये है। वहीं, बहुगुणा ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी अपनी विधानसभा सीट घोषित करने की चुनौती भी दी है। भाजपा की सियासत में चल रही सरगर्मी के बीच दो दिन से देहरादून में डेरा जमाये हुए पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने आज मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान भाजपा में सब कुछ सामान्य होने की बात कही और कांग्रेस में बड़ी टूट के संकेत दिए। राजनीतिक पंडित अब इसके गुणाभाग में जुट गये है।
भाजपा में असंतुष्ट बताए जा रहे हरक सिंह, उमेश शर्मा काऊ सहित अन्य नेताओं की बयानबाजी पर पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने दो साफ कहा कि 2016 में भाजपा में आए सभी नौ लोग साथ बने रहेंगे। फिर उन्होंने शायराना अंदाज में ’’कई बार रंग बदला है आसमां सहर होने तक’’ की टिप्पणी करते हुए कहा कि समय बीत जाने दीजिए, कांग्रेस का क्या हाल होगा बस 15 दिन रुक जाओ। बहुगुणा बोले कि हरीश रावत बहुत मेहनती नेता हैं लेकिन वो अपने लिए विधानसभा क्षेत्र की घोषणा तो करें, कहीं ऐसा तो नहीं कि जिस लहर का वो अपने दम पर दावा कर रहे हैं, उसमें खुद ही डूब जाएं।
भाजपा आलाकमान द्वारा असंतुष्ट नेताओं से बातचीत के लिए भेजे जाने के सवाल पर बहुगुणा ने कहा कि कुछ दिन से चल रही चर्चाओं के कारण राजनैतिक धुंध उत्पन हो गई थी। अपने देहरादून आने के मकसद को उन्होंने कोविड के बाद की सामान्य मेल मुलाकात करार देते हुए कहा कि जिन राजनैतिक वजहों से कांग्रेस से संबंध तोड़े गए थे, उन परिस्थितियों में आज भी कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि देश का नेतृत्व और प्रदेश के विकास के लिए मोदी और भाजपा ही एक मात्र विकल्प हैं। इसलिए हम सब मिल कर 22 के चुनाव में जीत का प्रयास करेंगे। बहुगुणा ने कहा कि हरक, सुबोध, चैम्पियन, सिंघल, शैलारानी सभी स्वीकार करतें हैं कि हालात नहीं बदले हैं। अलबत्ता उन्होंने स्वीकार किया कि राजनीति में कुछ वाद विवाद होते रहते हैं, इन्हें हल कर लिया जाएगा। इसमें उनकी जो भूमिका होगी, उसे निभाने का प्रयास करेंगे।

हरदा के तीन-तीन राजनीतिक दलों के लिए लगाया पूर्व आईएएस पर उगाही का आरोप

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चडीगढ़ से फेसबुक पर एक ऐसा पोस्ट लिखा है, जिसने उत्तराखंड के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है । हरदा ने एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी पर अवैध उगाही का आरोप लगाया है। साथ ही तीन राजनीतिक दलों के साथ उगाही करने की बात भी कही है। दरअसल, पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा है । जिसमें उन्होंने लिखा है, चंडीगढ़ में हूं और आज सुबह बहुत जल्दी आंख खुल गई थी । मन में बहुत सारे अच्छे और आशंकित करने वाले दोनों भाव हैं। कभी अपने साथ लोगों के द्वेष को देख कर मन करता है कि सब किस बात के लिए और फिर भी मैं तो राजनीति में वह सब कुछ प्राप्त कर चुका हूं, जिस लायक मैं था । फिर भी मेरे मन में एक भाव आ रहा है कि सभी लड़ाइयां चाहे, वह राजनीतिक क्यों ना हो, वो स्वयं सिद्धि के लिए नहीं होती हैं।हरीश रावत ने कहा है कि मैं जानता हूं कि केंद्र में सत्तारूढ़ दल मेरे ऊपर कई प्रकार के अत्याचार ढाने की भी कोशिश करेगा, जिसकी तैयारियां हो रही हैं। इसका मुझे आभास है, लेकिन जैसे-जैसे ऐसा आभास बढ़ता जा रहा है, चुनाव में लड़ने की मेरी संकल्प शक्ति भी बढ़ती जा रही है।

हरीश रावत का कहना है कि एक नहीं बल्कि कई निहित स्वार्थ जो अलग-अलग स्थानों पर विद्यमान हैं, मेरी राह को रोकने के लिए एकजुट हो रहे हैं। हरीश रावत ने एक पूर्व नौकरशाह पर अवैध उगाही का आरोप लगाते हुए कहा कि एक रिटायर्ड नौकरशाह आज तो सत्तारूढ़ दल ही नहीं, बल्कि तीन-तीन राजनीतिक दलों के लिए एक साथ राजनीतिक उगाही कर रहा है । इसमें खनन की उगाई भी बंट रही है, क्योंकि उत्तराखंड में बहुत सारे लोगों के आर्थिक स्वार्थ जुड़े हुए हैं। उन सभी लोगों के एकजुट होने का प्रयास चल रहा है, ताकि वो सत्तारूढ़ दल की कुछ मदद कर सकें। वहीं, हरदा ने आगे लिखा है कि कहीं-कहीं 2022 नहीं तो 2027 की सुगबुगाहट भी हवाओं में है, मगर चंडीगढ़ का यह एकांत मुझे प्रेरित कर रहा है कि जितनी शक्ति बाकी बची है, उससे उत्तराखंड और उत्तराखंडियत की रक्षा, पार्टी की मजबूती के लिए, जो मैं अपने व्यक्तिगत कष्ट मान-अपमान और यातनाओं को झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए।

हरीश रावत के बयान का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने किया पलवार, अधिक पढ़ें…

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने हरीश रावत के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्होंने भाजपा पर विधायकों को चुराने का आरोप लगाया।
भाजपा अध्यक्ष भगत ने कहा कि जनता के द्वारा नकारे जाने के बाद हरीश रावत कुछ समय तो पश्चाताप के घड़ियाली आंसू बहाते रहे और हार की जिम्मेदारी लेते रहे, लेकिन चुनाव का समय आ रहा है तो अब सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिलों के गठन के लिए हरीश रावत का दावा उसी तरह है जैसे गैरसैण में राजधानी घोषित करने का फैसला। गैरसैण में आम जनता की मांग भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत द्वारा गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर पूरी की गई है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत निरंकुश रहे और वह किसी की नहीं सुनते थे जिस कारण उनके विधायकों ने उनकी सुनना बंद कर दिया और अलग रास्ता चुन लिया।
कांग्रेस के कई मंत्री विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने रावत की निरंकुशता से तंग आकर कांग्रेस पार्टी को ही बाय कर दिया। उन्होंने हरीश रावत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें अपने कार्यकाल को याद करना चाहिए और अपनी असफलता को छिपाने के लिए दूसरों पर दोष नहीं मढ़ना चाहिए।

भगत ने कहा कि आज हरीश रावत जनता के लिए संघर्ष नहीं बल्कि चेहरे की लड़ाई लड़ रहे हैं