पर्यटन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रदेश को मिला प्रथम पुरस्कार

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उत्तराखंड राज्य को पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बेस्ट एडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन और पर्यटन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है। प्रदेश के पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ से यह पुरस्कार प्राप्त किया। इस अवसर पर सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे भी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड को ये पुरस्कार मिलने पर पर्यटन मंत्री महाराज ने समस्त प्रदेशवासियों और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को बधाई दी। महाराज ने कहा कि यह सम्मान उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य देश-विदेश के सैलानियों को प्रदेश में आने का निमंत्रण देता है जहां पर्यटन की सभी श्रेणियों में हर प्रकार की सुविधाएं और अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार को ही मसूरी में हेलीकॉप्टर के माध्यम से हिमालय दर्शन की सेवा का भी शुभारंभ किया गया है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा पर्यटन विभाग उत्तराखंड में पर्यटकों को आकर्षित करने वाली कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को मिले दोनों पुरस्कार यह सिद्ध करते हैं कि प्रदेश को लेकर पर्यटकों के बीच लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। श्री महाराज ने कहा कि हिमालय दर्शन सेवा शुरू होने से प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोत्तरी होगी। पर्यटक जॉर्ज एवरेस्ट से हेलीकॉप्टर के माध्यम से हिमालय की ऊंची-ऊंची चोटियों और उत्तराखंड के अलौकिक नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।

पर्यटन के क्षेत्र में राज्य में उठाये गये नए कदमों की जानकारी देते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटकों की बढ़ती हुई रूचि को देखते हुए पर्यटन विभाग ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर एक बहुत ही आकर्षक फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कॉन्टेस्ट का भी शुभारंभ किया है। इसके अंतर्गत पांच विभिन्न श्रेणियों में फोटो एवं वीडियो ऑनलाइन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इस कॉन्टेस्ट के माध्यम से पर्यटन प्रेमियों को 25 लाख रुपए से भी अधिक के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

महाराज ने बताया उत्तराखंड पर्यटन द्वारा देशभर के ट्रैवल इनफ्लुएंसर के लिए भी एक आकर्षक योजना लांच की गई है जिसके अंतर्गत अंग्रेजी ही नहीं अपितु क्षेत्रीय भाषाओं में वीडियो बनाने वाले ट्रैवल इनफ्लुएंसर का इंपैनलमेंट पर्यटन विभाग में किया जाएगा। इसके पश्चात उन्हें उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर परिचयात्मक भ्रमण अर्थात फैमिलियराइजेशन टूर आयोजित करवाए जाएंगे, जो उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रायोजित होंगे। श्री महाराज ने कहा कि हमारी योजना है कि ट्रैवल और टूरिज्म क्षेत्र के इनफ्लुएंसर्स के माध्यम से उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता, यहां की लोक कलाएं, यहां की ग्रामीण संस्कृति, यहां की एडवेंचरस भू-पारिस्थितिकी, होमस्टे, अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव और पौष्टिक व्यंजन देश के कोने-कोने तक पहुंचें।

पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा, प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए इस बार कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक होने वाला ट्रैक ऑफ द ईयर-पिंडारी ग्लेशियर और बागची बुग्याल, मसूरी व नैनीताल में दिसंबर 2022 में आयोजित होने वाला विंटर लाइन कार्निवाल, दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 तक चंपावत में राफ्टिंग चौंपियनशिप, फरवरी 2023 में औली में आयोजित होने वाली नेशनल स्कीइंग चौंपियनशिप और मार्च 2023 में ऋषिकेश में होने वाला अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव जैसे आयोजन शामिल हैं।

सीएम के अनुरोध पर रेल मंत्रालय ने 28 करोड़ 31 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की

रेल मंत्रालय द्वारा देवबंद-रूड़की नई रेल लाईन के लिए हरिद्वार जिले के चार गांवों की अधिग्रहित की गयी भूमि के स्वामियों को मुआवजे की निर्धारित राशि रू. 28.31 करोड़ स्वीकृत की गई है।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यह जानकारी दी है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से और फिर 06 अगस्त 2022 को रेल मंत्री से हुई चर्चा के दौरान इसका अनुरोध किया था। धनराशि स्वीकृत करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया है।

अब तीर्थनगरी में मोबाइल एप से मिलेगी सारी जानकारी, यात्रियों को मिलेगी सहूलियत

कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने ऋषिकेश सहित मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम को पर्यटकों के अनुरूप मूलभूत सुविधाएं देने के लिए एकीकृत अवस्थापना विकास परियोजना को भारत के आर्थिक कार्य मंत्रालय द्वारा 1600 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया। बता दें कि परियोजना को पूर्व में नीति आयोग और आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार ने स्वीकृति प्रदान की थी।

एडिशनल प्रोग्राम डायरेक्टर उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलेपमेंट विनय मिश्रा के साथ मंत्री डॉ अग्रवाल जी ने ऋषिकेश नगर सहित मुनिकीरेती, स्वर्गाश्रम के एकीकृत अवस्थापना विकास परियोजना के संबंध में जानकारी हासिल की।

विनय मिश्रा ने बताया कि नगर निगम ऋषिकेश, नगर पालिका मुनिकीरेती और नगर पंचायत स्वर्गाश्रम के लिए बनी परियोजना को भारत के आर्थिक कार्य मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान की है। बताया कि परियोजना की कुल लागत लगभग 200 मीलियन यूरो (लगभग रूपये 1600 करोड़) है। परियोजना हेतु भारत सरकार व राज्य सरकार का वित्तीय अनुपात 80रू20 प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि इसमें भारत सरकार द्वारा यूरोपीय वित्तपोषण संस्था ज्ञथ्ॅ को 160 मीलियन यूरो की सहायता हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।

विनय मिश्रा ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत ऋषिकेश नगर निगम, मुनिकीरेती नगरपालिका तथा स्वर्गाश्रम नगर पंचायत क्षेत्र में एक सिटी ऐप कार्य करेगा। जो एक तरह से यात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों के लिए मददगार साबित होगा। इस ऐप के जरिए यात्री अपनी लोकेशन के आसपास ही पार्किंग, टॉयलेट, मेडिकल, अस्पताल, प्याऊ, पुलिस चौकी, सरकारी दफ्तर, व्यापारिक संस्थान, गंगा घाट, मंदिर सहित अन्य तीर्थ स्थल आदि की जानकारी ले सकेंगे। साथ ही यात्री पार्किंग पर अपना वाहन पार्क कर इलेक्ट्रिक व्हीकल के जरिए अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।

बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत 24ग्7 पेयजल आपूर्ति प्रणाली, पेयजल मीटर वर्षाजल प्रबन्धन व बाद सुरक्षा, सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाएं, स्मार्ट शहरी स्थल परिधान व सामान कक्ष, प्रतीक्षालय, घाट और व्यापारिक स्थल का विकास, सड़के और यातायात प्रबंधन भूमिगत उपयोगिता नालिका नागरिक सुरक्षा और सुविधाओं हेतु विकसित एकीकृत नियंत्रण व आदेश केन्द्र, स्मार्ट स्तम्भ व ऊर्जा बचत हेतु उपकरणों की स्थापना, परिवहन केंद्र, बस टर्मिनल और पार्किंग इत्यादि के कार्य किए जाने हैं।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री व ऋषिकेश विधायक डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने इस परियोजना के लिए भारत के आर्थिक कार्य मंत्रालय से स्वीकृति मिलने पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि उनकी ओर से वैश्विक व राष्ट्रीय मंच पर लगातार तीर्थ नगरी को पर्यटकों के अनुरूप मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने हेतु लगातार प्रयास किया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड का चहुमुखी विकास हो रहा है कहा कि प्रधानमंत्री का तीर्थ नगरी से जुड़ाव होने के चलते इस परियोजना को स्वीकृति मिल सकी है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश में अनेक विकास कार्य हुए हैं। इस परियोजना के जरिए पार्किंग और रोपवे का रास्ता भी खुलेगा। ऋषिकेश नगर में स्थानीय नागरिकों एवं पर्यटकों को बेहतर मूलभूत सुविधाए उपलब्ध होंगी। साथ ही ट्रैफिक जाम से होने वाली परेशानी को कम करने के उद्देश्य से ऊंचे पथों का निर्माण किया जायेगा। स्थानीय नागरिकों व पर्यटकों को बेहतर पेयजल एवं स्वच्छता सुविधाएं प्राप्त होंगी। जीविकोपार्जन गतिविधियों में वृद्धि होगी।

साइंस सिटी को यूकॉस्ट के महानिदेशक और सचिव एनसीएसएम ने किया समझौता

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थित में आज साइंस सिटी देहरादून के लिए उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) उत्तराखण्ड शासन एवं राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् (एनसीएसएम ) के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल एवं सचिव एनसीएसएम ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। एनसीएसएम भारत सरकार के संस्कृत मंत्रालय की एक स्वायत्तशासी संस्था है जो देश में विज्ञान संग्रहालयों का निर्माण तथा संचालन करती है। साइंस सिटी देहरादून में विज्ञान धाम, झाझरा में विकसित होगी। साइंस सिटी लगभग चार वर्षों में बनकर तैयार हो जायेगी। 173 करोड़ रूपये की इस परियोजना के लिए 88 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार एवं 85 करोड़ रूपये राज्य सरकार वहन करेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि देहरादून में बनने वाले साइंस सिटी सबके आकर्षण का केन्द्र बने इसके लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। इसे निर्धारित समयावधि से पूर्व पूर्ण करने के प्रयास किये जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े प्रोजक्ट को पूरा करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना जरूरी है। सबके सामुहिक प्रयासों से यह प्रोजक्ट समय से पहले पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत की वैज्ञानिक संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। राज्य सरकार का प्रयास होगा कि उत्तराखण्ड के वैशिष्ट्य को लोग साइंस सिटी के माध्यम से देख सकें। साइंस सिटी के लिए स्थान का चयन भी छात्र-छात्राओं एवं लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

साइंस सिटी देहरादून में खगोल एवं अंतरिक्ष विज्ञान ,रोबोटिक्स, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विरासत, भूगर्भीय जीवन, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, वर्चुअल रियलिटी, ऑग्मेंटेड रियलिटी, आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स के साथ स्पेस थियेटर सहतारामंडल, हिमालय की जैवविविधता पर डिजिटल पैनोरमा, सिम्युलेटर, एक्वेरियम, उच्च वोल्टेज व लेजर, आउटडोर साइंस पार्क, थीम पार्क, बायोडोम, बटरफ्लाई पार्क, जीवाश्म पार्क एवं मिनिएचर उत्तराखंड आदि होंगे। साथ ही अन्य सुविधाओं के रूप में कन्वेंशन सेंटर तथा प्रदर्शनी हॉल आदि भी साइंस सिटी का हिस्सा होंगे।

साइंस सिटी प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संचार, लोकव्यापीकरण तथा नवप्रवर्तन की दिशा में विद्यार्थियों, शिक्षकों, आम नागरिकों एवं पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण तथा आकर्षण का केन्द्र होगी। केंद्र सरकार की स्पोक्स योजना के तहत क्षेत्र्रीय विज्ञान केंद्र देहरादून के साइंस सिटी देहरादून में उन्नयन के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी। इस सैद्धांतिक मंजूरी के बाद संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के डेलीगेटेड इन्वेस्टमेंट बोर्ड (डीआईबी) की मंजूरी भी साइंस सिटी देहरादून के लिए अप्रैल 2020 में प्राप्त हो गई थी।

इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आर.के सुधांशु, एनसीएसएम के पूर्व महानिदेशक गंगा सिंह रौतेला, निदेशक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम डॉ. अजंन रे, अपर सचिव विजय यादव, अपर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. समीर सिन्हा, डॉ. प्रकाश चैहान आदि उपस्थित थे।

वैश्विक भारत वैज्ञानिक समिट का पहला सत्र एम्स ऋषिकेश में हुआ आयोजित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई वैश्विक भारत वैज्ञानिक समिट का पहला सत्र एम्स ऋषिकेश में संपन्न हुआ। डीआरडीओ के माध्यम से आयोजित समिट के पहले सत्र में एक थीम भारत के पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों में ट्रॉमा एवं इमरजेंसी सेवाओं का विकास थी।

गौरतलब है कि वैभव समिट प्रधानमंत्री मोदी की दूरगामी सोच और पहल पर आयोजित की जा रही है। एम्स ऋषिकेश ने पिछले चार वर्षों में निदेशक पद्मश्री प्रो. रविकांत की अगुवाई में इन विषयों पर संपूर्ण देश में अद्वितीय कार्य किया है। इसी कारण से भारत सरकार द्वारा इन विषयों के लिए एम्स ऋषिकेश को चैंपियन इंस्टीट्यूट बनाया गया है।

इस मंथन में देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक ही नहीं अपितु विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के कई प्रसिद्ध चिकित्सा वैज्ञानिक भी सम्मिलित हुए। विशेषज्ञों द्वारा कई दौर के मंथन के पश्चात भारत के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में ट्रॉमा एवं इमरजेंसी सेवाओं का ब्ल्यू प्रिंट एम्स के ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम की अध्यक्षता एवं ट्रॉमा सर्जरी एंड क्रिटिकल केयर विभाग के डा. मधुर उनियाल के नेतृत्व में तैयार किया गया।

इस अवसर पर निदेशक प्रो. रविकांत ने विशेषज्ञ मंडल की सराहना करते हुए बताया कि एम्स ऋषिकेश पहले से ही उत्तराखंड के दुर्गम एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रॉमा एंड इमरजेंसी चिकित्सा सेवाओं को पहुंचाने के लिए सतत प्रयासरत रहा है और अब प्रधानमंत्री श्री मोदी की इस दूरगामी योजना के द्वारा इस कार्य और भी उत्साह के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। जो कि न केवल उत्तराखंड में वरन देश के अन्य दुर्गम एवं पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भी एक वरदान साबित होगा।

डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि सरकार की इस सक्रिय भागीदारी से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि वैभव समिट में तैयार किए गए ब्ल्यू प्रिंट पर शीघ्रता से कार्य होगा एवं इसका लाभ शीघ्र ही देश की जनता तक पहुंच सकेगा।

डा. उनियाल ने बताया कि प्रधानमंत्री की इस योजना के कारण विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के प्रदत्त वैज्ञानिक एवं चिकित्सकों में अत्यधिक उत्साह है। अपनी मातृभूमि के लिए सरकार द्वारा उनकी भागीदारी सुनिश्चित कराने के निर्णय पर वह गर्व महसूस कर रहे हैं।
डॉ. उनियाल ने बताया कि कि सर्वसम्मति से विशेषज्ञों का यह निर्णय हुआ है कि उत्तराखंड में ऐसी सुविधाओं को सर्वप्रथम लॉंच कर एक सफल मॉडल बनाया जाएगा स इस मॉडल को उत्कृष्ट रूप से तराशने के बाद इसे देश के अन्य दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकेगा।

समिट में एम्स ऋषिकेश से प्रो. कमर आजम, डा. मधुर उनियाल, अरुण वर्गीश, अमेरिका से प्रो. मंजरी जोशी, प्रो. मयूर नारायणन, प्रो. सुनिल आहूजा, प्रो. रानी कुमार, इंग्लैंड से प्रो. अजय शर्मा, आस्ट्रेलिया से प्रो. शांतनु भट्टाचार्य, एम्स दिल्ली से प्रो. अमित गुप्ता, प्रो. संजीव भोई, प्रो. तेज प्रकाश, केजीएमयू लखनऊ से प्रो. संदीप तिवारी, प्रो. समीर मिश्रा आदि शामिल हुए।

संक्रमण से बचने के लिए दो गज की दूरी और मास्क का रखें ध्यानः प्रो. रविकांत

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर भारत सरकार द्वारा घोषित कार्यक्रम के तहत चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ व अन्य कर्मचारियों ने कोरोना काल में आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन करने व दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करने की सामूहिक शपथ ली। इस अवसर पर एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने कहा कि नियमित मास्क पहनने, एक-दूसरे से दो गज की दूरी बनाए रखने से ही हम सामुदायिक स्तर पर एक दूसरे व्यक्ति में फैलने वाले संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं। इस दौरान एम्स अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज में शपथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें डीन (एकेडमिक) प्रो. मनोज गुप्ता व डीन (हॉस्पिटल अफेयर्स) प्रो. यूबी मिश्रा तथा प्रो. सुरेश कुमार शर्मा ने सभी को शपथ दिलाई।

इस दौरान कार्मिकों ने कोविडकाल में कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का संकल्प लिया। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में एक ही स्थान पर अधिक भीड़भाड़ नहीं हो, इसका ध्यान रखते हुए विभिन्न विभागों में विभागाध्यक्षों ने अधिनस्थों को शपथ दिलाई। साथ ही कई लोगों ने संबंधित वेबसाइट पर ऑनलाइन संकल्पपत्र भरकर कोविड के खिलाफ जनांदोलन में हिस्सा लिया।

गौरतलब है कि बीते सप्ताह आगामी त्योहारों व ठंड के मौसम में कोरोना महामारी से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए जनांदोलन में लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्होंने देशवासियों से कोविडकाल में बचाव के लिए जरुरी सावधानियां बरतने का आह्वान किया व इस मुहिम को एक जनांदोलन का रूप देने की आवश्यकता बताई।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत दी जा रही है छूटः सीएम

ऐसे उद्योग जहां 100 या इससे कम श्रमिक कार्यरत हैं और 90 प्रतिशत श्रमिकों का वेतन 15 हजार रूपए प्रतिमाह से कम है, इस योजना से लाभ उठा सकते हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी औद्योगिक संस्थानों से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में भारत सरकार द्वारा ईपीएफ में दी गई छूट का लाभ उठाने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों में आमजन को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना प्रारम्भ की गई है। इसी के अंतर्गत मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक 6 माह के लिए ऐसे उद्योगों, जिनमें 100 या इससे कम श्रमिक कर्मचारी कार्यरत हों और साथ ही 90 प्रतिशत श्रमिक कर्मचारी 15 हजार रूपए से कम वेतन ले रहे हों, के भविष्य निधि का अंशदान (नियोक्ता और कर्मचारी दोनों) का वहन भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, देहरादून के क्षेत्राधिकार में कुल 4502 ऐसे संस्थान हैं, जो कि उक्त योजना के तहत कवर हो सकते हैं, परंतु अभी आधे से भी कम संस्थानों ने इसका लाभ लिया है। मुख्यमंत्री ने शेष संस्थानों से आग्रह किया है कि भारत सरकार की इस योजना में आवेदन करें ताकि नियोक्ता व श्रमिक दोनों को लाभ मिले।

केन्द्र सरकार जागरुकता के लिए मीडिया संस्थानों को करेगी पुरस्कृत

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आशा व्यक्त की है कि इस वर्ष 21 जून को योग दिवस पर बड़ी संख्या में लोग भाग लेंगे। आज नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में जावडेकर ने कहा कि योग भारत की अपनी विरासत है साथ ही यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए विश्व को उपहार भी है। प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इस वर्ष योग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न मीडिया संस्थानों को पुरस्कृत किया जायेगा।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर झारखण्ड के रांची में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसमें लगभग तीस हजार लोगों के भाग लेने की आशा है। इसमें योग संगठन और योग गुरूओं के अलावा राज्य की जानी-मानी हस्तियां भी शामिल होंगी।

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जानिए कौन है उत्तराखंड से, जिन्हें मिला है मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा

अजीत डोभाल देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने रहेंगे। साथ ही भारत सरकार में उनका दर्जा कैबिनेट मंत्री स्तर का होगा। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में उन्हें राज्य मंत्री स्तर का दर्जा प्राप्त था। राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके योगदान को देखते हुए डोभाल को फिर से यह जिम्मेदारी दी गई है।
सोमवार को कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में इसकी जानकारी दी गई है। आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने डोभाल को इस पद पर दोबारा नियुक्त किये जाने के संबंध में अपनी मंजूरी दे दी है और यह व्यवस्था 31 मई 2019 से प्रभावी होगी। प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ-साथ उनकी नियुक्ति भी स्वतः समाप्त हो जाएगी ।
आदेश में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर नियुक्ति के दौरान उन्हें कैबिनेट मंत्री का रैंक दिया गया है। डोभाल को पहली बार मई 2014 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया था और उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था।

एक नजर में डोभाल ….

50 के दशक में मिजो मूल के भारतीय सेना के एक हवलदार लालडेंगा को केंद्र सरकार की नीतियां अपने क्षेत्र के लिए अनुचित लगीं। नतीजतन उसने सेना की नौकरी छोड़ी, बागी होकर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) बनाया और मिजोरम को भारत से पृथक एक संप्रभु राष्ट्र बनाने के लिए हिंसक आंदोलन छेड़ दिया। मिजो जिला उस समय असम का हिस्सा था। एमएनएफ ने सरकारी कार्यालयों और सुरक्षाबालों पर हमले शुरू कर दिए। इस आंदोलन से सेना तो निपट ही रही थी, केरल काडर के एक युवा आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल को पृथकतावादियों से वार्ता में लगाया गया।
डोभाल ने वार्ता के दौरान इस आंदोलन के नेताओं का दृष्टिकोण न केवल भारत के साथ रहने के लिए बदला बल्कि अंततः खुद लालडेंगा ने भी शांति प्रस्ताव को स्वीकार किया। इन वार्ताओं की सफलता ने अजित डोभाल को अपने सेवाकाल के मात्र छठवें वर्ष में पुलिस सेवा मेडल दिलवाया, यह सम्मान पाने वाले वे सबसे युवा पुलिस अधिकारी बने। यह एक घटना इंटेलीजेंस और राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े मामलों में अजित डोवाल की भूमिका को केवल समझाने के लिए काफी है।
डोभाल ने अपने करीब 37 वर्ष के कॅरिअर में सिक्कम के भारत में विलय, आईएसआई समर्थित खालिस्तानी आतंकवाद, रोमानियाई राजदूत लिवियू राडु की पंजाब में अपहरण के बाद रिहाई, स्वर्ण मंदिर को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए चले ऑपरेशन ब्लैक थंडर, इस्लामाबाद में सात वर्ष हाईकमीशन में सेवा और 90 के दशक में कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ इख्वान उल मुस्लेमून संगठन स्थापित करने जैसे कारनामे अंजाम दिए। इनके लिए उन्हें विशेष रूप से पहचाना जाता है।

बीएसएनएल के नंबर 10 से 13 डिजिट के होंगे

अब भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के नई सीरीज के नंबर दस के बजाए 13 डिजिट के होंगे। केंद्रीय सूचना मंत्रालय के निर्देश पर बीएसएनएल ने इस पर अपना काम भी शुरू कर दिया है।

पिछले दिनों दिल्ली में संपन्न हुयी बैठक में इस व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया गया। चर्चा यह है कि 10 अंकों के लेवल में अब नए मोबाइल नंबरों की गुंजाइश पूरी हो चुकी है, इसी वजह से नई सीरीज शुरू की जा रही है। इस वर्ष के अंत तक पुराने दस अंकों के मोबाइल नंबरों को भी 13 अंकों में तब्दील कर दिया जाएगा।

हालांकि, वर्तमान नंबर कैसे बदले जाएंगे, यह प्रक्रिया अभी तय नहीं हो पाई है। नंबर तो वही रहेगा, लेकिन डिजिट आगे जुड़ेंगे या पीछे, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। बीएसएनएल के जीएम (मोबाइल) एसके सिंह के अनुसार इस संबंध में हमें अभी तक कोई निर्देश नहीं मिले हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से ही ऐसी खबर सुनने में आ रही हैं। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन की ओर से निर्देश मिलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।