उत्तराखंड के डॉ मायाराम उनियाल को प्रतिष्ठित धनवंतरी पुरस्कार, प्रकृति परीक्षण अभियान में सराहना

आयुष के बडे़ फलक पर उत्तराखंड की चमक बिखरी है। पहाड़ के लाल और देश के जाने-माने आयुर्वेद, जड़ी-बूटी विशेषज्ञ डॉ मायाराम उनियाल को केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने प्रतिष्ठित धन्वंतरी पुरस्कार प्रदान किया है। देशभर के सिर्फ तीन विशेषज्ञों को यह पुरस्कार दिया गया है। दूसरी तरफ, आयुष मंत्रालय के बेहद महत्वपूर्ण प्रकृति परीक्षण अभियान के पहले चरण में उत्तराखंड को उसके प्रयासों के लिए सराहना मिली है। पूरे प्रदेश में डेढ़ लाख लोगों का प्रकृति परीक्षण किया गया है।

मुंबई में आयुष मंत्री ने किया डॉ उनियाल का सम्मान

केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से 20 फरवरी को मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में डॉ मायाराम उनियाल को यह पुरस्कार दिया गया। केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने प्रताप राव जाधव ने डॉ उनियाल के साथ ही आयुर्वेद विशेषज्ञ प्रताप डॉ ताराचंद व डॉ जमदग्नि को धनवंतरी पुरस्कार प्रदान किया। इस पुरस्कार के अंतर्गत विशेषज्ञों को पांच-पांच लाख रुपये की धनराशि प्रदान की गई है। डॉ उनियाल को इससे पहले, आयुष मंत्रालय की ओर से प्रतिष्ठित लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी दिया जा चुका है। उन्होंने आयुर्वेद, जड़ी-बूटी के क्षेत्र में कई शोध किए हैं। डॉ उनियाल का कहना है कि जब से प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नरेंद्र मोदी आसीन हुए हैं, तब से आयुष क्षेत्र ने गति पकड़ी है। उन्होंने कहा कि आयुष के क्षेत्र में उत्तराखंड तमाम संभावनाओं से भरा हुआ है।

उत्तराखंड में डेढ़ लाख लोगों का प्रकृति परीक्षण

केंद्रीय आयुष मंत्रालय के बेहद महत्वपूर्ण प्रकृति परीक्षण अभियान के पहले चरण में उत्तराखंड में डेढ़ लाख लोगों का प्रकृति परीक्षण किया गया है। इस अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था। इस अभियान के तहत उत्तरकाशी के महीडांडा जैसे सीमांत इलाके में स्थित आईटीबीपी की पोस्ट तक भी आयुष टीम पहुंची और जवानों का प्रकृति परीक्षण किया। राज्य समन्वयक डॉ जेएन नौटियाल के अनुसार-विपरीत भौगोलिक स्थितियों के बावजूद डेढ़ लाख लोगों का उत्तराखंड में प्रकृति परीक्षण किया गया है। इसकी सराहना हुई है। उत्तराखंड समेत सभी राज्यों के समन्वयकों को मंत्रालय के स्तर पर सम्मानित किया गया है।

देश ने पार किया एक करोड़ का निर्धारित लक्ष्य
प्रकृति परीक्षण अभियान में पूरे देश में एक करोड़ लोगों के प्रकृति परीक्षण का लक्ष्य रखा गया था। लक्ष्य से ज्यादा एक करोड़ 29 लाख लोगों का प्रकृति परीक्षण किया गया है। इस अभियान में केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने एक पोर्टल लॉच किया है, जिसमें रजिस्ट्रेशन कराने के बाद संबंधित व्यक्ति से बातचीत के आधार पर उसकी प्रकृति का निर्धारण किया जा रहा है। वात, कफ व पित्त की स्थिति का आंकलन करके संबंधित व्यक्ति की प्रकृति उसे बताई जा रही है। इसके साथ ही, आयुर्वेद चिकित्सक संबंधित व्यक्ति को उसकी प्रकृति के अनुरूप आहार-विहार का परामर्श दे रहे हैं।

देश के प्रकृति परीक्षण अभियान में लक्ष्य से ज्यादा लोगों का परीक्षण किया गया है और कई कीर्तिमान बने हैं। कठिन भौगोलिक स्थितियों वाले उत्तराखंड राज्य ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए अच्छे प्रयास किए हैं। इस अभियान का दूसरा चरण गतिमान है। लोगों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए यह अभियान उपयोगी साबित होगा।
डॉ आशुतोष गुप्ता, सचिव देश का प्रकृति परीक्षण अभियान।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आयुष के क्षेत्र में देश निरंतर प्रगति कर रहा है। देश के प्रकृति परीक्षण अभियान को पहले चरण में मिली सफलता उत्साहित करने वाली है। इससे लोगों का जीवन निरोगी व स्वस्थ होगा। मैं इस अभियान से जुड़े समस्त लोगों और पुरस्कृत होने वाले विशेषज्ञों को हार्दिक बधाई देता हूं।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

गौलापार स्पोर्ट्स स्टेडियम का सीएम ने किया निरीक्षण, शुक्रवार को नेशनल गेम्स का होना है समापन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी गौलापार स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित 38 वें राष्ट्रीय खेलों की विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर समापन कार्यक्रम हेतु अंतिम रूप से की जा रही तैयारियों का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने समापन समारोह को भव्यता पूर्वक सम्पन्न कराए जाने हेतु की जा रही विभिन्न तैयारियां मंच निर्माण, साज सज्जा, बैठने की व्यवस्था आदि व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर, की जा रही सभी तैयारियां की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह की पूर्व तैयारियां का स्थलीय निरीक्षण करते हुए स्टेडियम के ऑडिटोरियम में अधिकारियों के साथ बैठक कर समापन समारोह की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों से जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है इस समापन कार्यक्रम को भव्यता से सम्पन्न करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा, दर्शक दीर्घा, और अन्य सभी सुविधा बेहतर हो इसका विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि 38 वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत सभी प्रतियोगिताएं उत्तराखंड राज्य के भीतर ही सम्पन्न हुई, राज्य के बाहर नहीं जाना पड़ा। इस हेतु सभी इंफ्रास्ट्रक्चर यहाँ तैयार किया गया। आने वाले समय में राज्य के युवाओं को इसका बेहतर लाभ प्राप्त होगा और यहाँ के खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले उत्तराखंड राज्य 25 स्थान पर था आज पदक जीतकर 7 वें स्थान पर है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या न हो इस हेतु सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद हो। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने फैनसिंग के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय प्रतिभागियों से परिचय प्राप्त कर उन्हें मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। उन्होंने निशानेबाजी प्रतिभागियों का मनोबल बढाते हुये उत्साहवर्धन किया।

इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट,डा0 अनिल कपूर डब्बू, दिनेश आर्य, एशियन फैनसिंग फैडरेशन के महासचिव राजीव मेहता, सचिव खेल अमित सिन्हा, आयुक्त/सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत, आईजी डा. योगेन्द्र रावत, जिलाधिकारी वंदना निदेशक खेल प्रशान्त आर्या, ले. जनरल (सेनि) हरपाल सिंह के साथ ही अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बीआरओ द्वारा निर्मित 75 प्रमुख परियोजनाओं को रक्षा मंत्री ने किया राष्ट्र को समर्पित

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित 75 प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किया। इसमें 09 परियोजनाएं उत्तराखंड की शामिल हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वर्चुअल रूप से उपस्थित थे।

उत्तराखंड में जिन 09 परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया उनमें गढ़वाल क्षेत्र में करछा पुल, मींग गधेरा पुल, घस्तोली पुल, पागल नाला पुल और देहरादून जनपद में शिवालिक परियोजना का कार्यालय और रहने का स्थान शामिल हैं। कुमाऊं क्षेत्र में सुरिंगघाट पुल, चिमला पुल, पैनागढ़ पुल और गोसीगढ़ पुल का लोकार्पण किया गया।

उत्तराखंड की 09 परियोजनाओं का लोकार्पण करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पूरी हुई बुनियादी ढांचे की ये परियोजनाएं विशेष रूप से दूरदराज और वंचित क्षेत्रों के उत्थान के लिए काफी सहायक होंगी। ये परियोजनाएं कनेक्टिविटी को बढ़ाकर और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर राज्य के परिदृश्य को बदलने में सहयोग करेंगी। इनसे न केवल पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि महत्वपूर्ण रोजगार के अवसरों के सृजन का भी अवसर मिलेगा। ये परियोजनाएं जीवंत ग्राम समुदायों के विकास को गति देंगी और दूरदराज के सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंच में सुधार करेंगी, जिससे इन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों में आर्थिक विकास और रक्षा क्षमताएं दोनों मजबूत होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए पुलों के निर्माण से राज्य में कनेक्टिविटी में काफी सुधार होगा। यात्रा के समय को कम करेंगे। इससे धार्मिक एवं सामान्य पर्यटन के साथ ही सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे और उत्तराखंड को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेंगे। ये बुनियादी ढांचा परियोजनाएं क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक सतत विकास और समृद्धि को बढ़ावा देंगी।

इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर प्रसन्न जोशी और कर्नल प्रदीप शर्मा उपस्थित थे।

सभी सार्वजनिक भवनों, होटलों, बड़े संस्थानों में स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम होगा लागू

सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार विनी महाजन एवं मुख्य सचिव उत्तराखण्ड राधा रतूड़ी ने सचिवालय में वर्चुअली सभी जिलाधिकारियों के साथ स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण तथा जल जीवन मिशन की समीक्षा की।

सचिव डीडीडब्लयूएस भारत सरकार विनी महाजन एवं मुख्य सचिव उत्तराखण्ड राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को सभी ग्राम सभाओं द्वारा ओडीएफ प्लस कैटगरी के तहत उदीयमान, उज्ज्वल तथा उत्कृष्ट रेटिंग के लिए किये जा रहे कार्यों को आईएमआईएस पर अपलोड करने निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में वेस्ट मेनेजमेंट के तहत घरेलू स्तर पर टवीन पिट टॉयलेट्स, ग्रे वाटर के लिए एचएच सोक पिट/किचन गार्डन, कम्पोस्ट पिट के साथ ही सामुदायिक समाधानों पर विशेष बल देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट यूनिट स्थापित करने, सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक का प्रयोग करने, सेनेटरी वेस्ट मेनेजमेंट के लिए सभी सार्वजनिक स्थलों, पर्यटक स्थानों, होटल, रेस्टोरेंट, होम स्टे आदि में रेड बिन लगाने के निर्देश दिए गए हैं। जनपदों में बायोमेडिकल वेस्ट मेनेजमेंट पर भी गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रदेश में पेयजल के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को प्रत्येक घर, स्कूल, आंगनबाड़ी में पेयजल आपूर्ति का सर्टिफिकेशन करवाने के निर्देश दिए गए है। साथ ही पेयजल से सम्बन्धित गतिमान योजनाओं की जानकारी वाले स्कीम इर्न्फोमेशन बोर्ड सभी स्थानों विशेषकर पंचायत स्तर पर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। पंचायतों में इन योजनाओं के सम्बन्ध में चर्चा करवाने के निर्देश भी सम्बन्धित अधिकारियों को दिए गए हैं। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शत् प्रतिशत घरों, आंगबाड़ियों एवं स्कूलों में पेयजल आपूर्ति हेतु अधिकारियों को अधिक से अधिक फील्ड विजिट करने, ब्लॉक स्तर, ग्राम स्तर से विस्तृत आंकड़े व सूचनाएं एकत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही अधिकारियों को पेयजल आपूर्ति के साथ ही इस सम्बन्ध में शिकायतों के ससमय निवारण हेतु मेकेनिज्म मजबूत करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारियों को गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त पेयजल आपूर्ति हेतु कन्टीजेन्सी प्लान (आकस्मिक योजना) तैयार करने, पंचायत स्तर पर नल जल मित्र का प्रशिक्षण करवाने, लीकेज को तत्काल रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि पेयजल आपूर्ति से जुड़ी योजनाओं को समय से पूरा करना जिलाधिकारियों की निजी जिम्मेदारी है। जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में आने वाली बाधाओं व समस्याओं को तत्काल मुख्य सचिव के संज्ञान में लाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव रतूड़ी ने सचिवालय समेत राज्य के सभी सार्वजनिक भवनों, होटलों, बड़े संस्थानों में स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए हैं। भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग तथा पर्यटन मंत्रालय द्वारा संचालित स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम के तहत हॉस्पिटिलिटी क्षेत्र में होटल्स, होम स्टे, लॉजस, धर्मशालाओं, टै्रकिंग कैम्पस आदि में स्वच्छता, शौचालय, ग्रे वाटर मेनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट तथा अपशिष्ट प्रबंधन आदि के आधार पर स्वच्छता रेटिंग दी जाती है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसे प्रदेश के सभी सार्वजनिक भवनों एवं होटल्स, होम स्टे आदि पर लागू करने की बात कही। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को होटल मालिकों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि हमें राज्य में ग्रीन स्टेट की अवधारणा को बढ़ावा देना है तथा रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को प्रोत्साहित करना है।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सेनिटेशन वर्कर्स के लिए बीमा योजना शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक के उपयोग के सम्बन्ध में एक बैठक लोक निर्माण विभाग तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के जल्द आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में जानकारी दी गई कि फरवरी 2024 तक ओडीएफ प्लस ग्रामों के मामले में राष्ट्रीय कवरेज 87.5 प्रतिशत है तथा उत्तराखण्ड में यह 87.36 प्रतिशत रहा है। राज्य के कुल 95 ब्लॉक में से 62 ब्लॉक में प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट यूनिट स्थापित हो चुकी हैं। राज्य के कुल 14977 ग्रामों में से 9848 ग्राम सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट से आच्छादित है। राज्य के 9890 ग्राम ग्रे वाटर मेनेजमेंट से आच्छादित हो चुके हैं।

बैठक में सचिव अरविन्द सिंह हयांकी, भारत सरकार से अपर सचिव तथा एमडी जल जीवन मिशन चन्द्रभूषण कुमार, एमडी स्वच्छ भारत मिशन जितेन्द्र श्रीवास्तव, निदेशक जल जीवन मिशन रंजीत कुमार, वर्चुअली सभी जनपदों के जिलाधिकारी तथा केन्द्र तथा राज्य सरकार के सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

केन्द्र सरकार ने राज्य की दो निकायों को दिया राष्ट्रीय पुरस्कार

स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में नगर निगम देहरादून और नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढ़ालवाला को प्रथम स्थान मिलने पर भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है। इसके लिए शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अधिकारियों को प्रोत्साहित किया है।
नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में यह पुरस्कार दोनों निकायों के अधिकारियों को निर्वतान महापौर/अध्यक्ष की मौजूदगी में दिया गया। विभागीय मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम देहरादून को राज्य के नगर निगम की श्रेणी में क्लीन सिटी के रूप में प्रथम पुरस्कार मिला है, जबकि नॉर्थ जोन में 68वीं रैंक हासिल हुई है। डॉ अग्रवाल ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में नगर निगम देहरादून को नॉर्थ जोन में 69वीं रैंक मिली थी, इस वर्ष नगर निगम देहरादून ने अपनी रैंक में सुधार किया है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि वहीं नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला को राज्य की नगर पालिकाओं की श्रेणी में क्लीन सिटी के रूप में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, बताया कि पिछले वर्ष भी नगर पालिका मुनिकीरेती को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के बाद विभागीय मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अधिकारियों को प्रोत्साहित किया। इस मौके पर महापौर देहरादून सुनील उनियाल गामा, पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती रोशन रतूड़ी, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, कमिश्नर नगर निगम देहरादून गौरव कुमार, अधीक्षण अभियंता शहरी विकास निदेशालय रवि पांडेय, सहायक नगर आयुक्त एसपी जोशी, अधिशासी अभियंता मुनिकीरेती तनवीर मारवाह, मनोज बिष्ट, दीपक कुमार, नरेश, रंजीत सिंह, दिग्विजय सेमवाल आदि उपस्थित रहे।
बता दें कि राष्ट्रीय स्तरीय पुरस्कार निकायों के प्रदर्शन जैसे घरों से नियमित कूड़ा उठान, कूड़ा निस्तारण, रात्रिकाल में सफाई व्यवस्था, निकाय क्षेत्र के अंतर्गत शौचायलयों की सफाई, पर्यावरण मित्रों की सुरक्षा आदि के मानकों के आधार पर दिया जाता है।

हर व्यक्ति को मिले आयुष्मान भवः योजना का लाभ अपर सचिव भारत सरकार


भारत सरकार में अपर सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय हेकाली झिमोमी डे. भ्मांसप श्रीपउवउप अपने एक दिवसीय दौरे पर देहरादून पहुंची। जहां उनके द्वारा देहरादून स्वास्थ्य महानिदेषालय में स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन के सभागार में आयुष्मान भवः, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन कार्यक्रम तथा यूसैक्स के कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।

आयुमान भवः, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन कार्यक्रम तथा यूसैक्स के कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए अपर सचिव, स्वास्थ्य हेकाली झिमोमी द्वारा कहा गया कि आयुष्मान भवः कार्यक्रम के अन्तर्गत आम जन तक सरकारी स्वास्थ्य सेवायें पहुचाना भारत सरकार का मुख्य उद्देष्य है। उन्होंने सभी कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देषित किया कि जहां जहॉ आयुष्मान मेलों का आयोजन किया जाना है, वहां पर लोगो को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए ताकि अधिक-अधिक लोगों को आयुष्मान कार्यक्रम के अन्तर्गत मिलने वाली आयुष्मान कार्ड, आभा आई0 कार्ड तथा स्वास्थ्य सम्बंधी अन्य जानकारियां मिल सकें व समय आने पर वह इनका लाभ ले सकें। कार्यक्रम की कार्ययोजना इस प्रकार हो कि इसका ज्यादा से ज्यादा लोगो को लाभ मिल सके। अपर सचिव द्वारा बताया गया कि क्यांेकि यह पहाडी राज्य है इसलिए विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी एक विषेष कार्ययोजना बनाकर आयुष्मान कार्यक्रम को सफल बनाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अंगदान को लेकर भी राज्य में जनजागरूकता कार्यक्रम चलायें जायें ताकि अधिक से अधिक लोग अंगदान का महत्व समझ कर अंगदान का संकल्प लें और जरूरतमंद लोगों की जिंदगी बचाने में आगे आ सकें।

वहीं भारत सरकार की अपर सचिव हेकाली झिमोमी द्वारा राज्य में डेंगू की रोकथाम को लेकर उठाए जा रहे कदमों की सराहना की गई विशेष कर हॉटस्पॉट क्षेत्र में चलाए जा रहे डेंगू नियंत्रण महाअभियान को एक नवीन पल के रूप में सराहा गया। अपर सचिव द्वारा कहा गया की अग्रिम वर्षों में फ्रंटलाइन वर्कर्स के माध्यम से नियमित तौर पर संचारी रोगों के नियंत्रण रोकथाम एवं जागरूकता हेतु घर-घर जाकर कार्य करने के लिए कार्य योजना बनाई जाए।

स्वास्थ्य सचिव डॉ0 आर राजेष कुमार द्वारा अपर सचिव स्वास्थ्य, नई दिल्ली भारत सरकार को आष्वासन दिलाया गया कि भारत सरकार द्वारा दिये गये सभी दिषानिर्देषों का पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा। आयुष्मान भवः कार्यक्रम के अन्तर्गत दिये गये निर्देष एवं लक्ष्यों को प्राप्त किया जाएगा। इसका साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य में अंगदान को लेकर आम जनमानस को लगातार प्रेरित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों का असर है कि कई लोगों ने राज्य में अंगदान का संकल्प लिया है।

समीक्षा बैठक में राज्य की ओर से स्वाती भदौरिया, मिषन निदेषक एन0एच0एम0, आषीष श्रीवास्तव मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आयुष्मान, डॉ भागीरथी जंगपांगी प्रभारी निदेषक स्वास्थ्य महानिदेषालय, डॉ टी0 के0 टम्टा अपर निदेषक स्वास्थ्य महानिदेषालय, डॉ0 अजय कुमार नगरकर अपर परियोजना निदेषक, यूसैक्स, डॉ0 वी0एस0 टोलिया, डॉ अमित शुक्ला, डॉ0 राजन अरोडा, डॉ0 पंकज कुमार सहित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

विशेष सहायता ऋण के लिए सीएम ने प्रधानमंत्री का जताया आभार

वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पूंजीगत निवेश 2023-24 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड को विशेष सहायता (ऋण) के लिए 951 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को प्रदान की गई इस विशेष सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया।

वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जिन महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए 2023-24 के लिए राज्य को विशेष सहायता स्वीकृत की गई है, उनमें जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की सुविधा के लिए 110 करोड़ रूपये, नैनीताल में मॉडल कॉलेज अपग्रेडेशन के लिए 61 करोड़ रूपये, 500 बेड के दून मेडिकल कॉलेज के लिए 60 करोड़ एवं दून मेडिकल कॉलेज कैम्पस के लिए 33.98 करोड़ रूपये की विशेष सहायता प्रदान की गई है। पीएमजीएसवाई स्टेट शेयर के लिए 56 करोड़ रूपये, रूड़की देवबंद रेल लाईन के लिए 55 करोड़ रूपये, सहसपुर में स्किल हब के लिए 25.91 करोड़ रूपये, फार्म मशीनरी बैंक के लिए 25 करोड़ रूपये, टनकपुर आईएसबीटी के लिए 25 करोड़ रूपये, देहरादून में बस डिपो/वर्कशाप के लिए 25 करोड़ रूपये एवं अल्मोड़ा सीवरेज स्कीम के लिए 20.16 करोड़ की विशेष सहायता प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त अन्य योजनाओं में भी विशेष सहायता के तहत भारत सरकार द्वारा धनराशि स्वीकृत की गई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में केंद्रीय मंत्री के साथ सीएम ने किया वर्चुअल प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मादक पदार्थों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के सबंध में आयोजित बैठक में वर्चुअल प्रतिभाग किया। बैठक में विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल, उपराज्यपाल एवं मुख्यमंत्री उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अति महत्वपूर्ण विषय पर बैठक के आयोजन के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सरकार, पूरी सख्ती के साथ ड्रग ट्रैफिकिंग के खिलाफ कार्य कर रही है और इसके सार्थक परिणाम भी लगातार देखने को मिल रहे हैं। राज्य सरकार उत्तराखंड में भी ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने व इसके तंत्र को ध्वस्त करने के लिए कारगर प्रयास कर रही है। उत्तराखण्ड को 2025 तक ड्रग फ्री बनाने का लक्ष्य रखा है, इसके लिए हर स्तर पर कार्य योजना के साथ किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जहां एक ओर लोगों और विशेषकर युवाओं में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई जा रही है वहीं दूसरी ओर नशा तस्करी से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कड़ी करवाई भी की जा रही है। इस वर्ष अभी तक एन.डी. पी.एस एक्ट के तहत 586 मामले पंजीकृत हुए हैं, जिनमें 742 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। मादक पदार्थों की रोकथाम एवं इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही हेतु उत्तराखण्ड राज्य में वर्ष 2022 में त्रिस्तरीय एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है। उत्तराखण्ड में मानिसक स्वास्थ्य नियमावली को राज्य सरकार ने स्वीकृति दी है। नशे की प्रवृति को रोकने एवं नशाग्रस्त व्यक्तियों को मुख्यधारा से जोड़ने तथा पुनर्वास हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड की जेलों में कैदियों को नशे से मुक्त कराने के लिए विशेष रूप से काउंसलिंग एवं सेमिनार भी आयोजित कराये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में चार इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिटक्ट्स संचालित हैं। एम्स नई दिल्ली की सहायता से राज्य में एडिक्शन ट्रीटमेंट फेसिलिटी का भी संचालन किया जा रहा है और वर्तमान में एम्स ऋषिकेश में 10 बेड क्रियाशील है। केंद्र सरकार द्वारा उत्तरकाशी, चम्पावत, अल्मोडा एवं श्रीनगर में भी ए.टी.एफ के संचालन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को दिए जा रहे इस सहयोग के लिए आभार भी व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जनपद में संचालित शिक्षण संस्थानों में एंटी ड्रग क्लब कमेटी का गठन किया गया है जिसमें सदस्य के रूप में संस्थान के ही जागरूक छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों, प्रधानाचार्य को सम्मिलित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा वर्ल्ड एंटी ड्रग्स डे के अवसर पर 01 लाख 25 हजार युवाओं को ’एंटी ड्रग ई-शपथ’ दिलाई गई। कक्षा 06 से लेकर 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में ड्रग्स के विषय को सम्मिलित करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा एनसीईआरटी को प्रस्ताव भेजा गया है। नशे की रोकथाम एवं इसके सम्बन्ध में जानकारी तथा जन सामान्य को किसी भी प्रकार की सहायता हेतु हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किए गए हैं और इन्हें प्रसारित भी किया जा रहा है।

प्रोक्योरमेंट की अनुमति मिलने पर मोटा अनाज उत्पादन करने वाले किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत सरकार द्वारा मोटे अनाज (मण्डुआ) के प्रोक्योरमेंट की अनुमति दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मोटे अनाज (मण्डुआ) के 0.096 लाख मीट्रिक टन की प्रोक्योरमेंट की अनुमति मिलने से राज्य में मिलेट (मोटा अनाज) उत्पादन करने वाले किसानों को बडा लाभ मिलेगा। मण्डुवा, पौष्टिकता से भरपूर होता है। किसानों से खरीद कर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों और लोगों को उपलब्ध कराया जा सकेगा। इससे राज्य के किसानों की आय में बढोतरी तो होगी ही साथ ही स्कूलो के बच्चों और ज़रूरतमंदों को पोष्टिक आहार भी मिलेगा।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इसी महीने भारत सरकार के सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को फसल वर्ष 2022-23 के मोटे अनाज के प्रोक्योरमेंट के लिए प्लान प्रेषित किया गया था। भारत सरकार ने उत्तराखण्ड के प्रोक्योरमेंट प्लान को स्वीकार करते हुए मोटे अनाज के 0.096 लाख मीट्रिक टन के प्रोक्योरमेंट की अनुमति दी है। यह प्रोक्योरमेंट भली भांति हो, इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, मंडी परिषद, सहकारी समितियों, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को आपसी समन्वय से काम करने के निर्देश दिये गये हैं। इसमें जिलाधिकारियों की विशेष भूमिका रहेगी। मण्डुवा के प्रोक्योरमेंट की यह अनुमति फसल वर्ष 2022-23 के लिए दी गई है। मण्डुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3574 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित है। यह राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के कृषकों की आमदनी बढ़ाने हेतु अभिनव प्रयास सिद्ध होगा। प्रथम चरण में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पायलेट योजना के अन्तर्गत जनपद अल्मोड़ा एवं पौड़ी के कृषकों से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मण्डुवा खरीद योजना लागू की जायेगी। क्रय किये गये मण्डुवा को प्रथम चरण में राज्य के मैदानी जनपद ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार एवं देहरादून तथा नैनीताल जनपद के मैदानी क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत वितरित किया जायेगा।

इस योजना से उक्त जनपदों के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लगभग 8 लाख परिवार लाभान्वित होगें जिनको प्रतिमाह / प्रतिकार्ड 01 कि०ग्रा० मण्डुवा निःशुल्क वितरित किया जायेगा। राज्य के पर्वतीय जनपदों में मण्डुवा का क्रय सहकारिता विभाग द्वारा जनपद अल्मोड़ा में संचालित 20 क्रय केन्द्रों एवं जनपद पौड़ी में 11 क्रय केन्द्रों पर क्रय कर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा इसका वितरण पात्र लाभार्थियों को सुनिश्चित किया जायेगा। प्रथम चरण में 9600 मी०टन मण्डुवा क्रय किये जाने की कार्ययोजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। इस योजना के क्रियान्वयन में सरकार पर लगभग 45.00 करोड़ व्ययभार आयेगा।

साइबर इश्यू प्रस्तुतिकरण में उत्तराखंड भी रहा शामिल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह मंत्रालय के चिंतन शिविर में प्रतिभाग किया। गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित चिंतन शिविर के द्वितीय दिन गृह मंत्रालय द्वारा चार राज्यों को साइबर इश्यू प्रस्तुतिकरण देने हेतु चुना गया। जिसमें उत्तराखण्ड राज्य भी शामिल था। इस क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व, मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशन में उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य पुलिस का प्रतिनिधित्व करते हुए साइबर विषयों का प्रस्तुतिकरण समस्त राज्यों के सामने किया गया।

उनके द्वारा वर्तमान में प्रचलित उत्तराखण्ड के ई-सुरक्षा के मॉडल को विस्तार से बताया गया। उसके उपरान्त उनके द्वारा वर्ष 2021 के पॉवर बैंक घोटाले एवं वर्ष 2022 में फर्जी चाईनीज वेबसाइट के माध्यम से घोटालों में उत्तराखण्ड द्वारा पूरे देशभर में अभियोगों का अनावरण का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा कुछ अच्छी पहलों पर भी प्रकाश डाला गया। जैसे कि राज्य में साइबर थाने में शून्य अभियोग पंजीकृत करना जिससे कि पीड़ित को तत्काल अभियोग पंजीकरण कर उस पर कार्यवाही करते हुए पीड़ित को न्याय दिलाया जा सके, थानों की दीवारों पर साइबर जागरुकता सन्देश, साइबर बुलेटिन जागरूकता हेतु आदि।

टीम द्वारा साइबर समस्याओं के सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। जैसे कि साइबर अपराध की विवेचना की शक्ति उप निरीक्षक स्तर अधिकारियों को देना जिससे कि विवेचनाओं का समयबद्ध विधिक निस्तारण किया जा सके, आई0टी0 एक्ट कानून को मजबूत करने हेतु सजा का प्रावधान और कठोर किया जाना सम्बन्धी जिससे अभियुक्तगण को शीघ्र जमानत न मिल सके व अपराध की पुर्नावृत्ति न कर सके तथा बढ़ते हुए साइबर अपराधों की चुनौतियों के क्रम में नये साइबर कानून की आवश्यकता लाना। भारत सरकार की पहल 1930 को 112 से जोड़ा गया व उक्त हेल्पलाईन नम्बर को प्रभावी करने हेतु बैंकों एवं इस प्रकार के वित्तीय कम्पनियों को प्रभावी रूप से प्रेरित करने हेतु निर्देश जारी करना। कानून व्यवस्था को बाधित करने हेतु बल्क सन्देशों (ठनसा ैडै) पर लगाम लगाने हेतु भी कुछ सुझाव प्रस्तुत किये गये।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वोकल फॉर लोकल मूल मंत्र के उद्देश्य से प्रेरणा लेकर उत्तराखंड राज्य द्वारा द्वितीय हैकॉथान चरण से क्रिप्टो करेंसी डार्क नेट और रोड दुर्घटना रोकने हेतु स्वदेशी समाधान मिलेंगे जिससे देश के अन्य राज्यों की भी मदद होंगी। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर प्रकाशित फर्जी खबर व भड़काऊ पोस्ट पर भी सख्ती से कानून बनाया जाने तथा ऐसी पोस्ट को तत्काल सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटाने की त्वरित प्रक्रिया करने सम्बन्धी सुझाव भी प्रस्तुत किये गये।