ब्लड बैंक को सांई भक्तों ने शिविर लगाकर दिया 15 यूनिट रक्त

श्री साईं गंगा सेवा समिति ने राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश के ब्लड बैंक विभाग को रक्तदान शिविर के जरिए 15 यूनिट रक्त उपलब्ध कराया है।

समिति अध्यक्ष व भाजपा युवा नेता प्रकांत कुमार ने बताया कि ब्लड बैंक की ओर से जरूरतमंदों को निशुल्क रक्त दिया जाता है। ब्लड बैंक से कोई भी जरूरतमंद बिना रक्त के न जाए। इसके लिए सांई भक्तों ने मिलकर समिति के तत्वावधान में ब्लड बैंक को रक्तदान शिविर के जरिए ब्लड उपलब्ध कराने का मन बनाया।

आज संपन्न हुए शिविर में साईं भक्तों ने बढ़-चढ़कर रक्तदान किया। साईं भक्तों ने कहा कि समाज को जागृत करने के लिए साई सेवक हर संभव कार्य करते हैं। उन्होंने सभी लोगों से रक्तदान करने की अपील की। रक्तदान करने वालों में प्रकांत कुमार, राहुल शर्मा, अनुज कुमार, आनंद शर्मा, दीपक प्रोथि, सागर शर्मा, प्रदीप शर्मा, हरिओम तलरेजा, विक्की जुनेजा, ओम पाल आदि उपस्थित रहे।

सरकारी अस्पताल में है सुविधाओं का अभावः राजकुमार अग्रवाल


राज्य आंदोलनकारी व देवभूमि उत्तरांचल उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन के जरिए उन्होंने राजकीय चिकित्सालय को एम्स ऋषिकेश से संचालित करने की मांग की है।

आज उन्होंने उप जिलाधिकारी ऋषिकेश को ज्ञापन देकर बताया कि ऋषिकेश तथा आसपास के पहाड़ी क्षेत्र की जनता बीमारी के इलाज के लिए राजकीय चिकित्सालय आते है। मगर अस्पताल में चिकित्सकों दवाओं व उपकरणों की कमी के चलते भारी समस्या उठानी पड़ रही है। साथ ही गंभीर रोगियों की देखभाल के लिए कर्मचारियों की नितांत आवश्यकता है, जो कि यहां नहीं है। बताया कि कुंभ, कावड़ यात्रा, चार धाम, हेमकुंड यात्रा जैसे कार्यक्रमों के दौरान बीमार होने पर मरीज इसी अस्पताल का रुख करते हैं उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश इस राजकीय चिकित्सालय का प्रबंध करें। जिससे जनता को इसका लाभ मिल सके। ज्ञापन देने वालों में कविता शाह, वेद प्रकाश धींगड़ा, मनीष अग्रवाल, शिव कुमार अग्रवाल, अमित कुमार, हरीश आनंद आदि शामिल रहे।

लाॅकडाउन में आपसी रंजिस भारी पड़ी मासूम पर, मौत

ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्र में दो पक्षों के बीच हुई पत्थरबाजी में सात माह के मासूम बच्चे की मौत हो गई। मासूम के पिता की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने दो पक्षों के चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, शिवाजी नगर गली नंबर 38 निवासी विजय पुत्र महेश चंद शर्मा ने कोतवाली में तहरीर दी है। उन्होंने बताया कि बीते शुक्रवार की रात करीब आठ बजे शिवाजी नगर की गली नंबर 36 में दो पक्षों के बीच पुरानी रंजिश के तहत पत्थरबाजी चल रही थी। उस वक्त उनकी पत्नी अपनी गोद में सात माह के बच्चे को लेकर मार्ग से गुजर रही थी। इसी दौरान एक पत्थर गोद में बच्चे के लग गया। आननफानन में वह बच्चे को लेकर राजकीय चिकित्सालय गए। यहां चिकित्सकों ने बच्चे को जौलीग्रांट अस्पताल रेफर कर दिया। जौलीग्रांट अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
वहीं, पुलिस ने तहरीर के आधार पर राजेंद्र पुत्र जगपाल निवासी गली नंबर 38 शिवाजी नगर, कुशाल व राहुल दोनों पुत्र संजय निवासी बापू ग्राम गली नंबर एक आईडीपीएल और रोहित उर्फ राजा पुत्र राजेंद्र निवासी बी ब्लॉक जहांगीरपुरी दिल्ली के खिलाफ गैर इरादातन हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।

ऋषिकेश राजकीय अस्पताल में संचालित ब्लड बैंक में नहीं है नियमित रक्तकोष अधिकारी

ब्लड बैंक ऋषिकेश पर लाइसेंस निरस्त होने का खतरा मंडराने लगा है। यह खतरा यहां नियमित रूप से पैथोलॉजिस्ट का न होने से है। हकीकत यह है कि यहां तैनात पैथोलॉजिस्ट सप्ताह में तीन दिन ऋषिकेश तो तीन दिन हरिद्वार में अपनी सेवाएं दे रहे है। इस मामले में राज्य ड्रग कंट्रोलर ने संज्ञान लिया है। ड्रग कंट्रोलर की मानें तो ब्लड बैंक में यदि नियमित रूप से पैथोलॉजिस्ट नहीं है, तो उसका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। ऐसे में एक बार फिर मरीजों के लिए समस्या पैदा हो जाएगी।

राजकीय चिकित्सालय में वर्ष 2012 में ब्लड बैंक संचालित हुआ था। दो साल के सफल संचालन के बाद वर्ष 2014 में यहां पैथोलॉजिस्ट न होने के कारण इसे बंद कर दिया गया। करीब 14 माह बाद यहां पैथोलॉजिस्ट डॉ. मुकेश कुमार पांडेय की रक्तकोष अधिकारी के पद पर नियुक्त की गई और ब्लड बैंक का पुनरू संचालन शुरू हो गया। नियमानुसार बिना रक्तकोष अधिकारी के रक्त नहीं दिया जा सकता है। इसके अलावा रक्तकोष के सभी कार्यों में पैैथोलॉजिस्ट के हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं।

इसलिए बनी समस्या
दरअसल हरिद्वार के राजकीय चिकित्सालय के ब्लड बैंक में तैनात पैथोलॉजिस्ट डॉ. रजत सैनी को मई 2019 में किन्हीं कारणों से सस्पेंड कर दिया गया। तभी से ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय के ब्लड बैंक में तैनात पैथोलॉजिस्ट डॉ. मुकेश कुमार पांडेय हरिद्वार में सप्ताह में तीन दिन सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में न ही हरिद्वार राजकीय चिकित्सालय में नियमानुसार ब्लड बैंक संचालित हो पा रहा है और न ही ऋषिकेश में ब्लड बैंक का सही मायने में संचालन हो रहा है। ड्रग कंट्रोलर ताजवर नेगी का कहना है कि यदि सप्ताह में तीन दिन बिना पैथोलॉजिस्ट के ब्लड बैंक का संचालन किया जा रहा है, तो ब्लड बैंक का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।

पैथोलॉजिस्ट का होना इसलिए है जरूरी
ब्लड बैंक संचालित करने के लिए केंद्रीय ड्रग कंट्रोलर एवं राज्य ड्रग कंट्रोलर कार्यालय से लाइसेंस जारी किया जाता है। इनके मानकों के अनुसार ब्लड बैंक में एक पैैथोलॉजिस्ट, एक टेक्नीशियन और एक स्टाफ नर्स का होना आवश्यक है। बिना पूर्णकालिक पैथोलॉजिस्ट के ब्लड बैंक का संचालन नहीं किया जा सकता है।