विकास के रथ पर सवार नगर निगम के तीन महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों पर विभागीय अधिकारियों ने स्वीकृति की मुहर लगा दी है। आज निगम कार्यालय में वाइल्ड लाइफ व नमामि गंगे के टीम के अधिकारियों के साथ मेयर की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन हुई।
नूतन वर्ष में नगर निगम प्रशासन ने योग नगरी ऋषिकेश को पर्यटन हब के रूप में विकसित कर शहर वासियों को एक नायाब तोहफा देने की तैयारी पूरी कर ली है। संजय झील के जीर्णोद्धार के साथ साथ गंगा तट त्रिवेणी घाट पर गंगा अवलोकन केंद्र एवं आस्था पथ पर गंगा वाटिका के निर्माण के लिए विभागीय कवायद शुरू हो गई है। सब कुछ योजना मुताबिक रहा तो वर्ष 2021 में शहर की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के साथ यह तीनों योजनाएं भी धरातल पर उतरती हुई नजर आयेंगी।सोमवार की दोपहर नमामि गंगे की सेंट्रल टीम ने उत्तराखंड की वाइल्डलाइफ टीम के साथ तीनों महत्वाकांक्षी प्रोजेक्टों का स्थलीय निरीक्षण किया। नगर निगम आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल ने भारतीय वन्यजीव संस्थान भारत सरकार के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्रेयश, भारतीय पर्यटन विकास निगम के चिन्मय शर्मा, नमामि गंगे उत्तराखण्ड के सामाजिक विशेषज्ञ डॉ पूरन चन्द्र जोशी एवं संदीप उनियाल को मौका मुआयना करा कर तीनों योजनाओं की विस्तृत जानकारी अधिकारियों को दी। इसके पश्चात तमाम अधिकारी निगम कार्यालय में पहुंचे जहां महापौर को उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तीनों प्रोजेक्टों का कांसेप्ट बहुत शानदार है ।इन योजनाओं को धरातल पर लाने के बाद पर्यटन के साथ-साथ तीर्थाटन को भी इसका लाभ मिलेगा। महापौर ममगाई ने बताया कि उनके द्वारा भारतीय वन्यजीव संस्थान उत्तराखंड की विभागाध्यक्ष डॉ रुचि बडौला को त्रिवेणी घाट पर अवलोकन केन्द्र, आस्था पथ पर गंगा वाटिका एवं संजय झील के जीर्णोद्धार के लिए पत्र प्रेषित किया गया था ।उनके द्वारा तुरंत पत्र का संज्ञान लेकर आज जिस रफ्तार के साथ मौका मुआयना कराने के लिए टीमों को भेजा गया है उससे साफ है कि जल्द ही यह योजनाएं धरातल पर उतर कर ऋषिकेश को पर्यटन हब के रुप में विकसित कराने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।