मुनिकीरेती थाना क्षेत्र में गंगा में नहाते समय एक महिला पानी के तेज बहाव में आकर डूबने लगी। फरिश्ता बनकर आए जल पुलिस के जवानों ने रेस्क्यू कर महिला को पानी से सुरक्षित बाहर निकाला। महिला ने रेस्क्यू टीम का आभार जताया है।
मुनिकीरेती थाना पुलिस के मुताबिक रविवार सुबह करीब 10.30 बजे नावघाट में एक महिला गंगा में स्नान कर रही थीं। इसी बीच वह डुबकी लगाते समय पानी की तेज धारा में आकर बहने लगीं। खुद को खतरे में देख महिला ने बचाव के लिए शोर मचाया। शोर सुनकर घाट पर मौजूद जल पुलिस के जवान सतर्क हुए और गंगा में डूब रही महिला को बचाने के लिए आपदा उपकरण से लैस होकर गंगा में छलांग लगा दी। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद जल पुलिस के जवान गंगा में करीब 300 मीटर आगे तक बह चुकी महिला को पानी से सुरक्षित बाहर ले आए। पुलिस ने महिला की पहचान रीना (38) पत्नी धनीराम निवासी निकट कारगी चौक, देहरादून के रूप में कराई है। बताया कि महिला यहां गंगा स्नान के लिए आयी थी। परिजनों को सूचित कर दिया गया है। रेस्क्यू टीम में जल पुलिस के जवान सुभाष ध्यानी, गजपाल सिंह, रविंद्र तोमर, विदेश चौहान, राकेश रावत, पुष्कर रावत, महेंद्र सिंह आदि शामिल रहे।
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कामयाबी, करोड़ो रुपये के खर्च को बचाते हुए निगम ने किया करार
धार्मिक और पर्यटन के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान रखने वाले ऋषिकेश को एक बड़ी कामयाबी मिली है। नगर निगम क्षेत्र के अन्र्तगत निगम ने प्लास्टिक के कूड़े का निस्तारण करने की जो योजना बनाई है। अगर वह साकार होती है तो स्वच्छता के क्षेत्र में यह कियी क्रांति से कम नही होगा। नगर निगम प्रशासन ने इसका खाका तैयार कर लिया है।
महापौर अनिता ममगाई ने बताया कि शहर में प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए निगम और जीआईजेड कंपनी के बीच करार हुआ है। महापौर ने बताया प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि विदेशी तकनीक पर आधारित इस करोड़ों रुपए की योजना में प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए निगम को एक रुपये का खर्चा भी नहीं करना पड़ेगा। करार करने वाली कंपनी ही लागत वहन करेगी।
महापौर ने बताया कि यह कंपनी जीआईजैड कम्पनी प्लास्टिक से उत्पन्न कूड़े को कम करने के संबंध में सहयोग करेगी। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का नाम है ’’अविरल’’ है जो गंगा नदी में या उसके आसपास प्लास्टिक वेस्ट को कम करता है। महापौर की माने तो यह एक मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी एमआरएफ ऋषिकेश में बनाएगी। जिससे प्लास्टिक कूड़ा शहर से कम होगा। इसके लिए निगम द्वारा गठित टीमों के माध्यम से शहरवासियों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान और इसके इस्तेमाल को कम करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों के द्वारा बताया जाएगा।
सहायक नगर आयुक्त व नोडल अधिकारी विनोद लाल ने बताया कि यह प्रोजेक्ट 2 वर्ष चलेगा। जिसमें गोविंद नगर स्थित टंचिग ग्राउंड पर मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट 1500 स्क्वायर मीटर में बनेगा। जिसमें 5 मेट्रिक टन का प्लास्टिक वेस्ट का हर दिन निस्तारण किया जायेगा।