स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार एवं सुढृढ़िकरण को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। लोगों को सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार द्वारा ‘निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना’ चलाई जा रही है, जिसके तहत आम जनता को 266 पैथोलॉजी जांच निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। इस महत्वकांक्षी योजना के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में हर प्रकार की पैथोलॉजी जांचे जिसमें बायोप्सी, कैंसर मार्कर, हार्माेन प्रोफाइल, विटामिन स्तर नापने जैसी तमाम महंगी जांचें शामिल है। अब तक प्रदेशभर में 6.72 लाख से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं जबकि अबतक 23 लाख से अधिक पैथोलॉजी जांचे हो चुकी हैं। निःशुल्क योजना के तहत प्रत्येक दिन औसतन 1500 लोगों की 5 हजार से अधिक पैथोलॉजी जांचे निःशुल्क की जा रही हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। डॉ रावत ने बताया कि सरकार ने आम लोगों की विकट परिस्थिति को देखते हुये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ‘निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना’ संचालित की है, जिसके तहत लोगों के विभिन्न रोगों से संबंधित 266 पैथोलॉजी जांच मुफ्त में की जा रही है, जो कि प्रदेशभर के सभी राजकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध है। विभागीय मंत्री ने बताया कि ‘निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना’ 12 अगस्त 2021 को शुरू की गई थी तब से लेकर अब तक प्रदेशभर में 6 लाख 72 हजार 154 लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इस योजना के तहत अबतक कुल 23 लाख 10 हजार 305 पैथोलॉजी जांच मुफ्त में की जा चुकी है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 38344 मरीजों की 128518 पैथोलॉजी जांचे मुफ्त में की गई जबकि बागेश्वर में 16382 मरीजों की 64307 जांचे, चमोली में 23246 मरीजों की 70944 जांचे, चम्पावत में 25685 मरीजों की 92226, देहरादून में 165016 मरीजों की 513920 जांचे, हरिद्वार में 90829 मरीजों की 324567 जांचे, नैनीताल में 60786 मरीजों की 177295 जांचे, पौड़ी जनपद में 32904 मरीजों की 115710, पिथौरागढ़ में 45008 मरीजों की 180797 जांचे, रूद्रप्रयाग में 11462 मरीजों की 45272 जांचे, टिहरी गढ़वाल में 28680 मरीजों की 98872 जांचे, ऊधमसिंह नगर में 112523 मरीजों की 428805 जांचे, उत्तरकाशी में 21289 मरीजों की 69072 जांचे की जा चुकी हैं। डॉ रावत ने बताया कि प्रदेशभर के सभी राजकीय चिकित्सा इकाईयों में प्रत्येक दिन में औसतन 1500 लोगों की 5 हजार से अधिक पैथोलॉजी जांचे मुफ्त में की जा रही है। उन्होंने कहा कि निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना के अंतर्गत ऐसी पैथोलॉजी जांचे जो प्रदेश के चिकित्सालयों में उपलब्ध नहीं हो पा रही थी ऐसी जांचे निजी क्षेत्र के सेवा प्रदाता के माध्यम की उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना के तहत हर प्रकार की पैथोलॉजी जांचे जिसमें बायोप्सी, कैंसर मार्कर, हार्माेन प्रोफाइल, विटामिन स्तर नापने जैसी तमाम महंगी जांचें भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, यह सम्पूर्ण कार्यप्रणाली ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संचालित की जा रही है, साथ ही रोगियों को एस0एम0एस0 के माध्यम से रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि निःशुल्क जांच सैम्पल का टी0ए0टी0 (टर्न अराउण्ड टाइम) निर्धारण किया गया है जिससे रोगियों की जांच रिपोर्ट ससमय उपलब्ध करायी जा रही है।
डॉ रावत ने कहा कि निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना प्रदेश के आम लोगों को खासकर पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्र के लोगों के लिये वरदान साबित हो रही है। इस योजना से जहां लोगों को अस्पताल में ही निःशुल्क जांच की सुविधा मिल रही है वहीं उन्हें निजी पैथोलॉजी सेंटरों के चक्कर भी नहीं काटने पड़ रहे हैं। जिससे उनका समय और पैसा बच रहा है।
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धामी सरकार की बड़ी पहल-207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचे अब निःशुल्क
उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास एवं विस्तार के लिये एक नयी योजना अस्तित्व में आ गयी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की उपस्थिति में निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना का शुभारम्भ करते हुए इसे राज्य की जनता को समर्पित किया। देहरादून के जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) अस्पताल) में आयोजित शुभारम्भ कार्यक्रम की अध्यक्षता राजपुर विधायक खजान दास द्वारा की गयी।
निशुल्क जांच योजना से आमजन को मिलेगा लाभः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निःशुल्क जांच योजना का लाभ समाज के अन्तिम छोर पर खड़े लोगों तक पहुंचेगा। अभी तक धन के अभाव में जो लोग अपनी जांच नहीं करा पाते थे, अब उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे।
दिसम्बर तक शत प्रतिशत कोविड वैक्सीनेशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती पर राज्य सरकार का विशेष ध्यान है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ है। राज्य में 72 प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 23 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है। दिसम्बर तक राज्य में शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले सात सालों में केन्द्र सरकार से उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में मदद मिली है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का प्रधानमंत्री का एजेण्डा रहा है। इस माह केन्द्र से राज्य को काविड की 17 लाख वैक्सीन मिली। अगले माह से और अधिक वैक्सीन केन्द्र से मिलेंगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में निःशुल्क जांच योजना की अच्छी शुरूआत हुई। इस योजना का लाभ सभी को मिलेगा। इस योजना के प्रसार के लिए हर जिले में बड़े आयोजन किये जायेंगे। अटल उत्तराखण्ड आयुष्मान योजना के तहत सभी परिवारों को 5 लाख रूपये तक का निःशुल्क उपचार दिया जा रहा है। इसस योजना के तहत अभी तक 3 लाख 17 हजार से अधिक लोगों का मुफ्त ईलाज हो चुका है।
मरीजों को जांच संबंधित सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध रहेंगी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से राज्य के प्रमुख जिला, उप जिला चिकित्सालयों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर चरणबद्ध तरीके से निःशुल्क जांच योजना आज से लागू हो गयी है। इस योजना के लागू होने से मरीजों को उपचार के दौरान डायग्नोस्टिक एवं जांच संबंधित सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध होगी। यह योजना पूरे वर्ष भर कार्यशील रहेगी, ताकि आईपीडी, ओपीडी एवं इमरजेन्सी में आने वाले मरीजों को पैथोलॉजी जांच के लिए किसी प्रकार की असुविधा उत्पन्न न हो।
पहले चरण में 6 जिलों की 38 और दूसरे चरण में शेष जिलों की 32 चिकित्सा इकाइयों पर चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही योजना
योजना के प्रथम चरण में निःशुल्क जांच की सुविधा राज्य के 6 जनपदों क्रमशः अल्मोड़ा, टिहरी, देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार एवं ऊधमसिंहनगर में स्थित 38 जिला उप जिला चिकित्सालय तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है। द्वितीय चरण में राज्य के शेष जनपदों के 32 चिकित्सा इकाईयों पर यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से लागू होगीं।
योजना में 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचें शामिल
योजना का क्रियान्वयन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा लोक निजी सहभागिता के अनुसार होगा। निःशुल्क जांच योजना के अन्तर्गत 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांच को सम्मिलित किया गया है, जिसके लागू होने से सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉजी सुविधाओं का सुदृढीकरण होगा।
स्टैंडर्ड डायग्नोस्टिक प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा सुनिश्चित
सेवा प्रदाता के साथ किए गए अनुबंध के अनुसार लैब, प्रयोगशाला हब मॉडल के अनुसार कार्य करेगी, जिसे कलेक्शन सेंटर एंड टेस्टिंग सेंटर या स्पोक कलेक्शन सेंटर मॉडल अनुरूप क्रियान्वित किया जायेगा। लैब द्वारा की जाने वाली समस्त जांचों एवं वहां पर कार्य करने वाले तकनीशियन, पैथोलॉजिस्ट एवं अन्य मानव संसाधन के संबंध में एनएबीएल गाईडलाईन,, एसओपी का अनुपालन करना आवश्यक किया गया है।
पैथोलॉजी सैम्पल जांच रिपोर्ट के संबंध में आन्तरिक एवं बाह्य गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सेवा प्रदाता द्वारा स्टैंडर्ड डायग्नोस्टिक प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त यह लैब समुदाय हेतु प्राइमरी डायग्नोस्टिक टेस्ट की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगी।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा इस योजना को संचालित करने के लिए रू० 5 करोड़ का बजट प्राविधान किया गया है। मिशन द्वारा अनुबंधित फर्म के स्तर से लगभग 500 मानव संसाधन का रोजगार सृजन होगा, जिन्हें सेवा प्रदाता की ओर से नियुक्त किया जा रहा है। इस योजना के लागू होने से उपचार के दौरान मरीजों के अतिरिक्त जेब खर्च में कटौती होगी और जन सामान्य को स्वास्थ्य उपचार लेने में सहायता होगी।
योजना के शुभारम्भ अवसर पर सचिव अमित नेगी, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, निदेशक एनएचएम डॉ० सरोज नैथानी, जिला चिकित्सालय की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शिखा जंगपांगी, चन्दन हैल्थ केयर के डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव, एनएचएम तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण एवं जिला चिकित्सा के समस्त चिकित्सक एवं अन्य स्टॉफ उपस्थित हुए।