पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि जनवरी में कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी जायेगी। कहा कि उत्तराखंड की जनता के इस बार भाजपा को सत्ता से बाहर करने का मन बना चुकी है। भाजपा के अंदर इस समय संग्राम मचा है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज करेगी।
ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को मतदाता जागरूकता अभियान पदयात्रा के समापन पर पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि इस समय भाजपा में अंदर झगड़ा चल रहा है। इससे राज्य को नुकसान हो रहा है। सत्तारूढ़ दल बुरी तरह से आपस में उलझा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि खनन और भ्रष्टाचार चल रहा है। पद बिक रहे हैं। अब जनता कांग्रेस को ही सत्ता में देखना चाहती है। कहा कि जनवरी में कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी जायेगी। राज्य में आधे से अधिक सीटों पर सहमति बन चुकी है। उन्होंने महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गौदियाल ने कहा कि राज्य में जन आक्रोश को लेकर भाजपा परेशान है। इसलिये भाजपा नेता लगातार उत्तराखंड धमक रहे हैं। महंगाई, बेराजगारी और भ्रष्टाचार से परेशान जनता भाजपा को सबक सिखाने को तत्पर है। इस दौरान रेलवे मार्ग स्थित नीरज भवन से त्रिवेणीघाट तक मतदाता जागरूकता अभियान पदयात्रा निकाली गई। यह रेलवे मार्ग, घाट चौक होकर त्रिवेणीघाट पर संपन्न हुई। त्रिवेणीघाट पर पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गंगा आरती भी की। इसमें बड़ी संख्या में कांग्रेसी शामिल हुये। इस अवसर पर पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, पूर्व ब्लॉक प्रमुख डा.केएस राणा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी अंबिका सजवाण, पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, जयेन्द्र रमोला, महंत विनय सारस्वत, सुधीर राय, सरोज देवराडी, पार्षद मनीष शर्मा, संजय गुप्ता, प्यारेलाल जुगरान, सोनू पाण्डेय, दीपक धमांदा, राव शाहीद अहमद, मुर्सलीन, उर्मिला नौटियाल, अरविंद जैन, सतेन्द्र रावत समेत अन्य मौजूद रहे।
रावत ने चुनावी बिगुल फूंका
दिल्ली से लौटने के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी चुनावी यात्रा का पहला पड़ाव ऋषिकेश को बनाया। यहां पार्टी प्रत्याशी का चेहरा घोषित करने को लेकर स्थानीय राजनीति कई खेमों में बंटी हुई है। रावत ने ‘राजपथ की चाहत रखने वालों को यहां परोक्ष रूप से प्रत्याशी को लेकर संकेत भी दिया। हालांकि किसी भी अनापेक्षित विवाद से बचने के लिए उन्होंने वही ट्रिक इस्तेमाल किया जो हाईकमान ने उनके साथ दिल्ली में किया था। कार्यक्रम के आयोजक कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला को उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बगलगीर बनाये रखा।