कोर्ट के आदेश के बाद नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर बोला हमला

नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के जंगलों में आग लगने के मामलों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को छह माह में वन विभाग में खाली पड़े 65 प्रतिशत पदों को भरने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायतों को मजबूत करें और वर्षभर जंगलों की निगरानी करवाएं। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जवाब दाखिल कर कहा था कि वन विभाग में खाली पड़े फॉरेस्ट गार्ड के पदों पर शैक्षणिक योग्यता घटाकर हाईस्कूल कर दी गई है ताकि पदों को भरा जा सके। दो हजार पदों पर भर्ती प्रकिया जारी है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से चार सितंबर तक विस्तृत जवाब पेश करने के लिए कहा है।

कोर्ट के आदेश के बाद नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हर बात का सज्ञान कोर्ट ले रहा है। सरकार को निर्देश दे रहा है उसके बाद भी सरकार काम नहीं कर रही है। राज्य में सरकार नाम की चीज नजर नहीं आ रही है। वन विभाग में कई महीने से फाॅरेस्ट गार्ड के पद खाली पड़े हैं, परंतु भाजपा सरकार इस की सुध नहीं ले रही है। राज्य में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, वन विभाग में खाली पड़े पदों को भरने के प्रति राज्य सरकार उदासीन है। नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के जंगलों में आग लगने के मामलों पर स्वतरू संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए छह माह में वन विभाग में खाली पड़े 65 प्रतिशत पदों को भरने के निर्देश दिए हैं। पहले भी कोर्ट ने गांव स्तर से ही आग बुझाने के लिए कमेटियां गठित करने के लिए कहा था, जिस पर आज तक अमल नहीं किया गया। सत्ता में आते ही कांग्रेस सबसे पहले सभी पदों को भरने का काम करेगी।

फारेस्ट गाॅर्ड मामले की जांच हो चुकी है, कांग्रेस का प्रदर्शन हास्यास्पदः डा. देवेंद्र भसीन

फाॅरेस्ट गाॅर्ड मामले में देहरादून में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को भाजपा ने हास्यास्पद बताया। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि मामले पर गठित एसआईटी जांच पूरी कर उसकी रिपोर्ट दो सप्ताह पूर्व ही चयन आयोग को भेज चुकी है। वहीं, कांग्रेस कोरोना काल में नियम तोड़ते हुए प्रदर्शन कर रही है ।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। कांग्रेस के बड़े नेताओं को यही पता नहीं है कि जिस फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में घपले की बात को लेकर उन्होंने आज जो प्रदर्शन करवाया, उसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में पहले से गठित एसआईटी मामले की जांच पूरी कर चुकी है। साथ ही अपनी रिपोर्ट दो सप्ताह पूर्व अधीनस्थ सेवा आयोग को प्रेषित कर चुकी है। यह एसआईटी एसएसपी सैंथिल के नेतृत्व में गठित की गई थी। अब एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर आयोग आगे की कार्यवाही करेगा।

कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है और वह जनता को भ्रमित करने की कोशिश करती रहती है। हर बार कांग्रेस को मुंहकी खानी पड़ती है। कांग्रेस मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में प्रदेश की भाजपा सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति को लेकर परेशान है।