उद्यमियों से उत्तराखण्ड को अपनी कर्मभूमि बनाने का किया आह्वान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में देश के उद्योग जगत से जुड़े उद्यमियों से संवाद कर उद्यमियों का उत्तराखण्ड को अपनी कर्मभूमि बनाने का आह्वान किया। उत्तराखण्ड को देश में तेजी से विकास करने वाला राज्य बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे उद्यमी राज्य के ब्रांड एम्बेसडर है। संवाद के दौरान बड़ी संख्या में विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव रखने के साथ राज्य में निवेश की भी सहमति जताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की अर्थ व्यवस्था को USD 5 ट्रिलियन बनाये जाने का लक्ष्य रखा है। इसी को ध्यान में रखते हुये उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये सशक्त उत्तराखण्ड मिशन लॉच किया गया है, जिसके अन्तर्गत अगले 5 वर्षों में राज्य की जीएसडीपी दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति की कड़ी के रूप में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की निवेशक केन्द्रित नीतियां, बुनियादी ढांचे में निवेश, कुशल जनशक्ति की उपलब्धता और गुड गवर्नेस के द्वारा राज्य में स्वस्थ निवेश के वातावरण की नींव रखी है। बेहतर योजना संरचना, प्रभावी नीति निर्धारण, नवाचारों का प्रोत्साहन एवं अन्तर्विभागीय समन्वय तथा विकास कार्यों के अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु नीति आयोग की तरह राज्य में सेतु (State Institute for Empowering and Transforming Uttarakhand) का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की भांति राज्य सरकार द्वारा भी अनुपयोगी अधिनियमों को हटाने/बदले जाने की कार्यवाही की जा रही है। अब तक लगभग 1250 ऐसे अधिनियमों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से लगभग 500 अधिनियमों को सिंगल रिपील एक्ट के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को बेहतर एवं समयबद्ध सुविधायें देने हेतु प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जा रहा है। राज्य में अवस्थापना सुविधाओं के सृजन तथा निवेशकों को आकर्षित करने हेतु उत्तराखण्ड इन्वेस्टमेंट एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (UIIDB) का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक दृश्टि से सशक्त राज्य की परिकल्पना आज सभी राज्य कर रहे हैं। हमने भी उत्तराखण्ड को वर्श 2025 तक देष का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु हम सामुहिक प्रयासों के द्वारा प्रधानमंत्री जी की अवधारणा ’’सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास’’ इस मूल मंत्र को साकार करने की दिशा में कार्य कर रहे है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में पिछले 9 सालों में उत्तराखण्ड राज्य में हर क्षेत्र में तेजी से विकास कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को विभिन्न विकास योजनाएं दी गई है। चार धाम ऑल वेदर रोड पर तीव्र गति से काम किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से कार्य हो रहा है। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य पर तेजी से कार्य चल रहा है। बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत कार्य प्रगति पर हैं। प्रधानमंत्री जी ने गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास किया है। इससे आने वाले समय में यात्रा सुगम होगी। ऋषिकेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड भारत की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। पवित्र चारधाम मंदिर, हरिद्वार व ऋशिकेष में मोक्षदायिनी गंगा के साथ-साथ मानसखण्ड मंदिर मिशन प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि फिल्मांकन की दृष्टि से पूरा उत्तराखण्ड ही एक डेस्टिनेशन है। उन्होंने कहा कि राज्य में ’’ईज आफ डूईंग बिजनेस’’ के साथ-साथ ’’पीस आफ डूईंग बिजनेस’’ भी है। उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असंतोष की घटनायें न के बराबर हैं। श्रमिक असंतोष के कारण उद्योगों में मानव श्रम का ह्रास देश में सबसे कम है। उत्तराखण्ड में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 22 प्रतिशत कम अपराध दर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि सम्पूर्ण देष में 9वें स्थान पर है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ’’ LEADS’’ रैंकिंग में वर्श 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ’’लीडर’’ श्रेणी में शामिल है। राज्य में निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित ’’इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेल’’ की स्थापना की है, जो निवेशकों/व्यवसायियों के लिये ’’वन स्टॉप शॉप’’ के रूप में डेडीकेटेड हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट। रू0 5.00 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिये एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध है। निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति हेतु राज्य में ऑनलाईन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल www.investuttarakhand.uk.gov.in की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में 2003 के बाद पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा स्वीकृत किये गये विशेष औद्योगिक पैकेज से औद्योगीकरण में तेजी आई है। राज्य में तीन बडे औद्योगिक पार्क बनाये गये हैं। राज्य की नीति संरचना में पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना हेतु नीति-2023 शामिल हैं। हमने विभिन्न क्षेत्रों में 27 नीतियां प्रख्यापित की हैं। राज्य की सभी नीतियां निवेशक अनुकूल हैं और हमने अन्य राज्यों की तुलना में अपनी नीतियों को आकर्षक बनाया है। राज्य में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सैक्टर के उद्योगों की स्थापना हेतु बना लिया है। इसके साथ-साथ उद्योगों के लिये आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु निजी औद्योगिक आस्थानों/क्षेत्रों की स्थापना हेतु नीति-2023 लागू की है। निजी क्षेत्र में उद्योग स्थापना हेतु यदि 80 प्रतिशत भूमि उद्यमी द्वारा क्रय कर ली जाती है और शेष भूमि क्रय करने में बाधा उत्पन्न होती है, तो राज्य सरकार द्वारा उक्त भूमि का अधिग्रहण कर उपलब्ध कराया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्यमियों, हितधारकों तथा सम्बन्धित विभागों से निरन्तर संवाद के माध्यम से ही समस्याओं के निस्तारण का प्रारम्भ सितम्बर, 2021 से किया गया है। विभिन्न बैठकों में उद्यमियों द्वारा उठाई गई समस्याओं में से 90 प्रतिशत से अधिक समस्याओं का निस्तारण किया जा चुका है। विभिन्न उद्योगों एवं राज्य सरकार के विभागों के मध्य विवाद की स्थिति के सम्मानजनक निस्तारण हेतु सुलह समिति बनाई है। इस समिति के माध्यम से बातचीत एवं आपसी सुलह के द्वारा ऐसे विवादों के समाधान की व्यवस्था है। हमारी नीतियों की संरचना प्रगतिषील है और इनका उद्देश्य सतत् और समग्र विकास है। हामारी नितियां महिलाओं, एस0सी0, एस0टी0 और युवा के विकास पर केन्द्रित हैं। सम्पन्न पारिस्थितिक तंत्र, कुषल और प्रतिभाशाली कार्यबल, उच्च तकनीकी विषेशज्ञता, निरन्तर इनोवेषन और व्यापार अनुकूल नीतियों के संयोजन द्वारा हम राज्य को सभी तरह के व्यवसाय एवं व्यवसायियों हेतु एक आदर्ष गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिये संकल्पित हैं। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों के उत्साहजन सुविधाओं के प्रति आभार जताते हुए उत्तराखण्ड राज्य के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 ’’डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-2.0’’ के अन्तर्गत देष के विभिन्न शहरों में आयोजित होने वाले रोड शो में सम्मिलित होने व इस आयोजन के मुख्य कार्यक्रम में सहभागी बनने की भी अपेक्षा की।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस.एस संधु, सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली ने भी राज्य में निवेशकों के हित में की गई पहल की जानकारी दी। सचिव उद्योग विनय शंकर पाण्डे ने आभार व्यक्त किया तथा महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से उद्योगों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। संवाद के दौरान असोचेम के अध्यक्ष अजय सिंह ने उत्तराखण्ड की स्टार्टअप पॉलिसी की सराहना करते हुए, राज्य में होटल टूरिज्म को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। ऑटोमोटिव कॉम्पोनेन्ट मनुफैचतुरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डारेक्टर जनरल विन्नी मेहता ने उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए उनकी औद्योगिक नीतियों को सराहा। आल इंडिया मोटर्स ट्रंसपोर्ट (कांग्रेस) ए.पी. उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड में अब काम करना आसान है। पी एच डी चौम्बर ऑफ कॉमर्स ने कहा उत्तराखंड सरकार पूरे भारत में औद्योगिक गतिविधियों के लिए बहुत सक्रिय है और उन्होंने उत्तराखंड सरकार को सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में किये जा रहे प्रयासों के लिये बधाई दी है।
इस संवाद कार्यक्रम में पीएचडी चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री के महासचिव सौरभ सनयाल, ऑटोमोटिव कम्पोनेंट मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के महानिदेशक विन्नी मेहता, हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इण्डिया के महासचिव सिद्धार्थ भट्टाचार्य, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष बलदेवभाई प्रजापति, इण्डियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटरस् के अध्यक्ष राजीव मेहरा, ऑल इण्डिया मोटर ट्रॉसपोर्ट कांग्रेस के महासचिव नवीन गुप्ता, ऑल इण्डिया फूड प्रोसेसर्स एसोसिएषन के अध्यक्ष राघव जदली, एसोएिसशन ऑफ कन्टेनर ट्रेन ऑपरेटर्स के अध्यक्ष मनीष पुरी, द फेडरेशन ऑफ इण्डियन चौम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री के अध्यक्ष शुभ्रकांत पाण्डा, एसोसिएटेड चौम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष अजय सिंह, कॉन्फेड्रेशन ऑफ रियल स्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के सचिव पंकज गोयल, होटल एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के महासचिव एम.पी बेजबरूवा, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एण्ड सर्विस कम्पनीज के अध्यक्ष देबजानी घोष, सोसाइटी ऑफ इण्डिया ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चर्स के महानिदेशक राजेश मेनन सहित लगभग तीन दर्जन से अधिक उद्यमियों ने अपने सुझाव एवं विचार रखे।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी के साथ अन्य अधिकारी एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।

राज्य में निवेश के लिए सीएम ने की चर्चा, उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने दिए सुझाव

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के सफल आयोजन हेतु नीतिगत आधार तथा मार्गदर्शन उपलब्ध कराये जाने के लिए गठित मुख्यमंत्री सलाहकार समूह की पहली बैठक सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य में औद्योगिक निवेश बढ़ाने, रोजगार को बढ़ावा देने एवं राज्य की आर्थिकी में वृद्धि के लिए आगे की कार्ययोजनाओं पर चर्चा की गई। राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए और क्या बेहतर प्रयास किये जा सकते हैं, इसके लिए औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों से सुझाव लिये गये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए निवेशकों द्वारा जो भी सुझाव दिये जा रहे हैं, उन सभी सुझावों को गंभीरता से लेते हुए उनको कार्यरूप में लाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि इन्वेस्टर समिट होने तक राज्य में निवेश की अच्छी ग्राउंडिंग हो जाय। इसके लिए नीतियों का सरलीकरण के साथ उन पर तेजी से क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों को सभी अनुमतियां समय पर मिल जाएं इसके लिए समय सीमा निर्धारित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है, राज्य में निवेशकों को हर सम्भव सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के प्रयास राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में शांति व्यवस्था के साथ ही बेहतर मानव संसाधन भी उपलब्ध है। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि उन्हें जिन-जिन क्षेत्रों में दक्ष मानव संसाधन की आवश्यकता है, वह बताई जाए। राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्थाएं की जायेंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हुआ है। इन्वेस्टर समिट में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा निवेशकों को राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों के रोजगार के संसाधन बढ़ेगे ओर पलायन भी रूकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें हमारे उद्योग जगत से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों से लगातार संवाद हो रहे हैं। विभिन्न बैठकों में निवेशकों द्वारा उठाई गई समस्याओं के निस्तारण के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 से निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ेगें एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उद्योग जगत में हो रहे नए नवाचारों से हमारे उद्यमियों को भी लाभ प्राप्त होगा। राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों एवं उद्यमियों की लगन, फीडबैक से हमारा राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में अचीवर्स की श्रेणी में सम्मिलित होकर अन्य कई बड़े राज्यों के समकक्ष खड़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारम्भ किये गये मेक इन इण्डिया और पी. एम. गति शक्ति जैसी केन्द्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं में उत्तराखण्ड के उद्यमी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आजादी के इस अमृत काल में उत्तराखण्ड को भी आगे बढ़कर अपना योगदान देना है, इसमें उद्योग जगत की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है। औद्योगिक विकास के बैकबोन लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूत करने और राज्य में व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनायें शुरू की गयी है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में आई०सी०डी० की स्थापना की गयी है। शीघ्र ही अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का कार्य आरम्भ होने वाला है। राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड लॉजिस्टिक्स नीति-2023 प्रख्यापित की गयी है, जिससे आधारभूत संरचना के विकास में मदद मिलेगी। राज्य सरकार ने विकसित उत्तराखंड को केंद्र में रख कर अपनी नीतियां बनाई हैं और यहीं कारण है कि आज उत्तराखंड तेजी से बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल एवं सौरभ बहुगुणा ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपने सुझाव दिये।
इस अवसर पर निवेशकों द्वारा राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए अनेक सुझाव दिये गये। बैठक में औषधीय पादपों को बढ़ावा देने, राज्य में संचालित उद्योगों का सर्वे करने, उद्योगों की स्थापना के लिए अनुमतियां प्राप्त करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने, उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लैण्ड बैंक बनाने के सुझाव प्राप्त हुए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, औद्योगिक जगत से पतंजलि से आचार्य बालकृष्ण, सुभाष त्यागी, आईआईएम काशीपुर से प्रो. कुलभूषण बलूनी, आईआईटी रूडकी से प्रो. कमल किशोर पंत, चेयरमैन ग्राफीक ऐरा कमल घनशाला, अनिल गोयल, विजय धस्माना, डॉ. एस. फारूक, मुकुन्द प्रसाद, पंकज गुप्ता एवं औद्योगिक जगत से जुडे़ अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग में निकाली भर्ती

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला सहायक के 107 पदों के लिए भर्ती निकाली है। इन पदों पर संबंधित विषय के साथ 12वीं पास युवा आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 25 अगस्त है। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत के मुताबिक, आवेदक की आयु 18 से 42 साल होनी चाहिए। प्रयोगशाला सहायक भौतिक विज्ञान के 18, रसायन विज्ञान के 18, जंतु विज्ञान के 21, वनस्पति विज्ञान के 21, भूगोल के 18, गृह विज्ञान के दो, मनोविज्ञान के तीन, मानव विज्ञान के एक, बीएससी गृह विज्ञान के दो और शिक्षा शास्त्र के तीन पदों पर भर्ती होगी।
सरकार के आदेश के तहत भर्ती के लिए आवेदन शुल्क से छूट दी गई है। भर्ती के लिए दो पेपर होंगे। पहला पेपर सामान्य ज्ञान व सामान्य अध्ययन का होगा, जिसमें 100 अंकों के 100 सवाल पूछे जाएंगे। इसके लिए दो घंटे का समय दिया जाएगा। दूसरा पेपर विषयपरक जानकारी का होगा, जिसमें 200 अंकों के 200 सवाल पूछे जाएंगे। यह तीन घंटे का पेपर होगा। चार सवाल गलत करने पर एक अंक काट लिया जाएगा। परीक्षा के लिए सभी जिलों में केंद्र बनाए जाएंगे। भर्ती के लिए 12वीं के अलावा यूजी या पीजी डिग्री, छह माह का कंप्यूटर कोर्स करने वालों को अधिमान मिलेगा। भर्ती के लिए 25 अगस्त तक वेबसाइट https://psc.uk.gov.in/ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
उत्तराखंड से 10वीं, 12वीं की परीक्षा पास करने वाले युवा आवेदन कर सकते हैं। ऐसे युवा भी आवेदन कर सकते हैं, जो उत्तराखंड के मूल निवासी हैं और दूसरे राज्यों में निवास करते हैं। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि के बाद पांच दिन के लिए अभ्यर्थियों को अपने आवेदन में गलती सुधारने का मौका भी दिया जाएगा। इसकी सूचना अलग से आयोग जारी करेगा।

बेरोजगार मतदाता किस पर करेगा भरोसा

प्रदेश में 8 लाख 42 हजार बेरोजगार पंजीकृत हैं। जबकि पूरे राज्य में कुल 82 लाख वोटर हैं। इनमें से करीब 25 फीसदी मतदाता बुजुर्ग हैं। यदि इन वोटरों को हटा दिया जाए तो राज्य में बेरोजगार वोटरों का आंकड़ा इससे भी ऊपर निकल जाता है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट भी राज्य में बेरोजगारी और रोजगार के कम मौके होने की तस्दीक कर रही है। प्रदेश में नौ फीसदी नौकरी योग्य ग्रेजुएट युवा बेरोजगार घूम रहे हैं।
शहरी इलाकों में 4.3 फीसदी जबकि ग्रामीण इलाकों में 4.0 फीसदी बेरोगारी की दर है। उत्तराखंड में रोजगार एवं श्रम भागीदारी दर देश में सबसे कम है। सीएमआईई के अनुसार दिसंबर तक उत्तराखंड में रोजगार दर 30.43 फीसदी थी। यह राष्ट्रीय औसत 37.42 फीसदी से काफी कम है और देश में सबसे नीचे है।
इसके बाद गोवा 31.99, उत्तर प्रदेश 32.79 एवं पंजाब 36.86 का स्थान आता है। पर सरकार और मंत्री बेरोजगारी के लिए केवल कोरोना का कारण बताते रहे हैं। हालांकि कोरोना से पहले भी रोजगार की तलाश में पलायन सतत चलता रहा। इस कारण उत्तराखंड के सैकड़ों गांव वीरान हो चुके हैं।
हर बार किए जाते हैं वादेरू केंद्र और राज्य के हर चुनाव में मतदाताओं से रोजगार बढ़ाने के वादे किए जाते हैं। लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद यह वादे कोरी घोषणाएं साबित होती हैं। इस बार भी बड़े-बड़े राजनीतिक दल और प्रत्याशी युवाओं को लुभाने के लिए नई-नई योजनाएं लाने का वादा कर रहे हैं। कोई नई नौकरियां लाने की बात कह रहा है तो कोई स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने का वादा कर रहा है। देखना है कि चुनाव संपन्न होने के बाद युवाओं से किए जा रहे वायदों पर कितना काम होता है।
प्रदेश में 25 से 45 साल के लोगों में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है। इसमें युवा पुरुष व महिलाएं दोनों ही शामिल हैं। जबकि यही वर्ग प्रदेश का सबसे बड़ा मतदाता भी है। साफ है सरकार और राजनीतिक दलों का फोकस मुख्य समस्या पर नहीं है। प्रदेश में महिलाओं की बेरोजगारी दर 7.6 फीसदी है। कुमाऊं विवि में समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. डीएस बिष्ट के अनुसार युवाओं को योग्यता अनुसार काम न मिले तो उसका सीधा असर समाज पर पड़ता है। रोजगार के नए मौके तलाशने के लिए सरकार को ज्यादा ठोस कदम उठाने होंगे।

मुख्यमंत्री ने विशेष सैक्टर चिन्हित करके रोजगार उपलब्ध कराने के दिए निर्देश

(एनएन सर्विस)
कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेशवासियों को रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विशेष सैक्टर चिन्हित किये जाएं, जिसमें लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार विभिन्न क्षेत्रों में उपनल के माध्यम से भर्ती की जा सकती है। स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं तकनीक के क्षेत्र में कार्मिकों की और तैनाती की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपनल के माध्यम से जो भी भर्ती की जायेगी, उसमें पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रितों को सबसे पहले प्राथमिकता दी जायेगी। यदि किसी क्षेत्र में पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रित की उपलब्धता नहीं हो पाती है, तब ही अन्य लोगों को उपनल के माध्यम से भर्ती की जायेगी। नौकरी के लिए विभिन्न क्षेत्र चिन्हित होने के बाद उपनल द्वारा पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इसके लिए इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक अर्थात् 31 मार्च 2021 तक आवेदन किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र चिन्हित किये जाय जिसमें समय की मांग एवं परिस्थितियों के अनुसार प्रदेशवासियों विशेषकर पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रितों एवं महिला समूहों को उपनल के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश के बड़े शहरों देहरादून एवं हल्द्वानी में वरिष्ठ नागरिकों, जो विभिन्न कारणों से अपने घर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं। उनके लिए उपनल के माध्यम से मल्टीसर्विस सेंटर स्थापित किये जाय। वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए उपनल के माध्यम से उचित दरों पर सेवाएं दी जा सकती हैं। उपनल के माध्यम से सेवाएं देने पर सेवाकर्ता का पूरा रिकॉर्ड रहेगा। इससे लोगों में विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव न्याय प्रेम सिंह खिमाल, सचिव वित्त अमित नेगी, अपर सचिव प्रदीप रावत, उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर पी.पी.एस. पहावा (से.नि), निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास ब्रिगेडियर के.वी चन्द (से.नि) आदि उपस्थित थे।