एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के चौथे राष्ट्रीय सांस्कृति उत्सव का हुआ रंगारंग आगाज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज रायपुर में आयोजित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के चौथे राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव 2023 में प्रतिभाग किया। नेशनल एजुकेशन सोसायटी फॉर ट्राइबल स्टूडेन्ट तथा स्टेट एकलव्य विद्यालय संगठन समिति उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश के 22 राज्यों से आए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के छात्र एवं शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों से आये छात्रों की उपस्थिति में यह उत्सव भारत की विविधता में सांस्कृतिक एकता का जश्न मनाने का एक मंच बन गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चार दिवसीय आयोजन ईएमआरएस में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास को गति देने के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के अनुरूप है, जो निरंतर सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ावा देगा, और समृद्ध भारत की सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत को राष्ट्रीय एकीकरण के माध्यम से विविधता में एकता की मिशाल बनेगा। उन्होंने कहा कि यह अवसर वास्तव में छात्रों के बीच उत्साह की भावना, सांस्कृतिक जुड़ाव और विभिन्न राज्यों से आने वाले छात्रों के बीच राष्ट्रीय एकता के भाव को भी मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मुख्य रूप से पांच प्रकार की जनजातियाँ निवास करती हैं। उनकी भौगोलिक, आर्थिक तथा ऐतिहासिक स्थितियाँ लगभग समान है। उन्होंने स्वयं जीवन का एक महत्वपूर्ण कालखंड थारू जनजाति के बीच में बिताया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समुदाय के पंडित नैन सिंह रावत के जीवन की शुरुआत भी एक महान सर्वेयर के रूप में इसी देवभूमि से हुई है, जिन्होंने तिब्बत की यात्रा के दौरान अपने कदमों की नाप से दुनिया को बताया कि ल्हासा की समुद्र तल से ऊंचाई कितनी है साथ ही दुनिया को तिब्बत के कई अनदेखे और अनसुलझे रहस्यों से भी रूबरू कराया तथा तिब्बत के नक्शे को दुनिया के सामने रखा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विगत 09 वर्षों के कार्यकाल में देश में अनुसूचित जनजातियों का समेकित सामाजिक-आर्थिक विकास हुआ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आज़ादी के इस अमृतकाल में भारत की जनजातीय परम्पराओं एवं शौर्य गाथाओं को भव्य पहचान दिलाई है। जनजातीय समाज के अस्तित्व, अस्मिता और आत्मनिर्भरता का सपना साकार किया है।
मुख्यमंत्री ने सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में एक अतिरिक्त एकलव्य विद्यालय की स्थापना हेतु केन्द्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियों के कल्याण एवं उनके जीवन स्तर में सुधार को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इनका आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक उत्थान और सर्वांगीण विकास कर उन्हें समाज के मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, कालसी, मेहरावना, बाजपुर व खटीमा में संचालित है। प्रतियोगी परीक्षा पूर्व कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था के साथ युवक-युवतियों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है। अनुसूचित जनजाति की पुत्रियों की शादी हेतु 50 हजार का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा जनजातीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु प्रतिवर्ष राज्य जनजाति महोत्सव तथा खेल महोत्सव आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है। जनजातीय शोध संस्थान के लिये 01 करोड के कार्पस फण्ड की भी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा एवं कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने भी इस आयोजन में अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा कि राज्य में जनजातीय छात्रों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने हेतु उन्हें प्राइमरी से स्नातकोत्तर स्तर तक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। शैक्षिक उत्थान एवं विकास हेतु वर्तमान में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है, शैक्षिक विकास हेतु धारचूला, गोपेश्वर, काशीपुर, खटीमा एवं धनपौ (चकराता) में छात्रावास संचालित है, अनुसूचित जनजाति के शिक्षित बेरोजगार युवक/युवतियों को तकनीकी शिक्षा हेतु प्रदेश में 03 आई.टी.आई. का संचालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष कर्नाटक में आयोजित ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव के तीसरे संस्करण में, देवभूमि के जनजातीय छात्रों की अद्वितीय प्रतिभा और क्षमताओं के बल पर उत्तराखण्ड राज्य समग्र श्रेणी में प्रथम स्थान पर रहा। उन्होंने इस उत्सव के चौथे संस्करण में देवभूमि के छात्रों को सभी श्रेणियों में बेहतर प्रदर्शन की भी शुभकामना दी।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक उमेश शर्मा काउ, राजकुमार पोरी, निदेशक जनजाति निदेशालय संजय सिंह टोलिया, छात्र-छात्राओं सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

खटीमा में 268 करोड़ 92 लाख की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को एकलव्य विद्यालय खटीमा मैदान में पहुंचकर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय समेत 45 करोड़ 54 लाख 49 हज़ार की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं 223 करोड़ 37 लाख 82 हजार की 84 योजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में खेल विश्वविद्यालय का निर्माण हो रहा है जिसका नाम महाराणा प्रताप के नाम पर रखा जाएगा। खटीमा में कंजाबाग तिराहे का नाम महाराणा प्रताप के नाम पर रखा जाएगा। इस चौराहे पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। खटीमा में महाराणा प्रताप प्रशासनिक एकेडमी प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया जाएगा। खटीमा के जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में भूमसेन का निर्माण किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि खटीमा की जनता के समर्थन के बूते मुख्य सेवक के रूप में उन्हें काम करने का मौका मिला और जब भी हुए खटीमा आते हैं भावविभोर हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा का थारू जनजातीय समाज सरल स्वभाव के साथ-साथ ईमानदार व्यक्तित्व का भी धनी है। जनजातीय समूहों का जीवन संस्कृति का एक विशेष दर्शन है जो प्रकृति के साथ समन्वय बिठाकर जीवन जीते हैं। उन्होंने कहा कि खटीमा की धरती स्वतंत्रता संग्राम की धरती रही है यहां से अनेक वीरों ने जन्म लिया है, चाहे राज्य गठन का आंदोलन हो या स्वतंत्रता संग्राम की घटना इस धरती का इतिहास वीरता के उदाहरणों से भरा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका हमेशा से सपना था कि खटीमा में कोई ऐसा संस्थान होना चाहिए जिसके माध्यम से जनजातीय बच्चे बहुत शानदार तरीके से आगे बढ़ें। अब वो सपना एकलव्य आवासीय विद्यालय के रूप में साकार हो रहा है जो जनजातियों के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सैनिकों का सम्मान बढ़ा है। चार दशक पुरानी वन रैंक वन पेंशन की मांग को केन्द्र सरकार ने पूरा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में चार धाम ऑल वेदर रोड, केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम के पुनर्निर्माण, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन, कुमाऊं क्षेत्र में एम्स का सेटेलाइट सेंटर की स्थापना जैसे एक लाख करोड़ के विकास कार्य प्रदेश में चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारा युवा आत्मनिर्भर बने जिसके लिए हम स्वरोजगार से जुड़ी अनेक योजनाओं को संचालित कर रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले समय में खटीमा में बाईपास की सुविधा मिलेगी, साथ ही जल्द खटीमा को नए बस अड्डे के निर्माण भी होगा।
इस दौरान अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा, विधायक नानकमत्ता प्रेम सिंह राणा, विधायक चंपावत कैलाश गहतोड़ी, कुमायूँ आयुक्त दीपक रावत, डीआईजी कुमायूँ निलेश आनंद भरणे, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया, गीता धामी समेत जिला प्रशासन के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय से जुड़े लोग मौजूद रहे।