राज्य के विद्यालयों में दूर होगी विज्ञान वर्ग के शिक्षकों की कमी

विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रवक्ता संवर्ग में 157 और अतिथि शिक्षकों की शीघ्र तैनाती की जायेगी। इन शिक्षकों को प्रदेश के पर्वतीय व दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित तथा अंग्रेजी विषय के रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्त किया जायेगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को अतिथि शिक्षकों को जनपदवार शीघ्र नियुक्ति देने के निर्देश दे दिये हैं।

राज्य सरकार ने प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में विज्ञान वर्ग के विभिन्न विषयों एवं अंग्रेजी विषय के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती करने का निर्णय लिया था। जिसके तहत विद्यालयी शिक्षा विभाग ने समय-समय पर प्रदेशभर के विभिन्न राजकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की तैनाती की। इसी क्रम में एक बार फिर प्रवक्ता संवर्ग में जनपदवार 157 और अतिथि शिक्षकों की नियुक्त की जायेगी। इन सभी अतिथि शिक्षकों को गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान एवं अंग्रजी विषय के रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दी जायेगी। जिसमें चमोली जनपद में 14 अतिथि प्रवक्ताओं को तैनात किया जायेगा, जिसमें गणित विषय में 3, भौतिक विज्ञान 5, रसायन विज्ञान 2 तथा जीव विज्ञान में 4 शामिल है। इस प्रकार पिथौरागढ़ में 9 अतिथि प्रवक्ता को तैनाती दी जायेगी है जिसमें गणित में 4 तथा अंग्रेजी विषय में 5 शामिल हैं। पौड़ी में 41 अतिथि शिक्षक दिये गये है जिसमें गणित में 2, भौतिकी 9, रसायन 13, जीव विज्ञान 7 तथा अंग्रेजी में 10 शिक्षक शामिल है। अल्मोड़ा में 55 अतिथि शिक्षकों को तैनाती दी जायेगी। जिसमें गणित में 4, भौतिकी 24, रसायन 7, जीव विज्ञान 2 तथा अंग्रेजी में 18 शिक्षक शामिल है। उत्तरकाशी में जीव विज्ञान एवं अंग्रेजी विषय में 1-1 अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति दी जायेगी। जबकि टिहरी में 8 अतिथि प्रवक्ता को नियुक्त किया जायेगा। जिसमें गणित में 3, रसायन 4 व अंग्रेजी में 1 शिक्षक शामिल है। इसी प्रकार नैनीताल में भौतिक, रसायन व जीव विज्ञान विषय में 1-1 अतिथि शिक्षक शामिल है। चम्पावत में 16 अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति दी जायेगी, जिसमें गणित में 3, भैतिकी 2, जीव विज्ञान में 1 तथा अंग्रेजी में 10 शिक्षक शामिल है। जबकि रूद्रप्रयाग जनपद में 9 अतिथि शिक्षकों को तैनाती दी है जिसमें जीव विज्ञान में 6 तथा अंग्रेजी विषय में 3 अतिथि शिक्षक शामिल हैं। इन सभी अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति प्रदेश के पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों में की गई है। विज्ञान वर्ग एवं अंग्रेजी विषय में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से स्थानीय स्तर पर छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी साथ ही उन्हें विज्ञान वर्ग की पढ़ाई के लिये किसी अन्य विद्यालय में नहीं जाना पडेगा।

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प्रदेश सरकार शिक्षा के स्तर को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रवक्ता संवर्ग में 157 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति सरकार के उस प्रयास का हिस्सा है, जो विज्ञान वर्ग एवं अंग्रेजी विषय की शिक्षा को सुलभ बनाने के लिये किया जा रहा है। इस कदम से स्थानीय स्तर पर छात्रों को विज्ञान वर्ग में भी बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।
– ’डॉ. धन सिंह रावत, विद्यालयी शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

उच्च शिक्षा मंत्री की स्वीकृति के बाद अनुपस्थित चल रहे 04 प्रोफेसर बर्खास्त

उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालयों में लम्बे समय से अवैध रूप से गैरहाजिर चल रहे 04 असिस्टेंट प्रोफेसरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की स्वीकृति के बाद इस संबंध में शासन स्तर से आदेश जारी कर दिये गये हैं। आदेश जारी करने से पहले चारों असिस्टेंट प्रोफेसर को विभाग द्वारा समय-समय पर नोटिस जारी किये गये, लेकिन किसी ने भी विभागीय नोटिस का कोई जबाव नहीं दिया और लगातार बिना किसी सूचना के गैरहाजिर रहे।

राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापरक शिक्षा एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण बनाने के लिये राज्य सरकार तमाम कोशिशों में जुटी है। राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ढ़ांचागत सुधार के साथ ही शिक्षकों की कमी को दूर किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार अब लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को भी बख्शने के मूड में नहीं है। इसी क्रम में प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे 04 असिस्टेंट प्रोफसरों की सेवा समाप्त कर दी गई है। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वर्षां से गायब इन प्राध्यापकों के तत्काल बर्खास्तगी की स्वीकृति दी, जिसके उपरांत शासन स्तर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये हैं। राजकीय सेवा से बर्खास्त इन असिस्टेंट प्रोफेसर में इन्द्रजीत सिंह, डॉ. नन्दिनी सिंह, ए.के. राय और डॉ. नरेश मोहन चड्ढ़ा शामिल हैं। भौतिक विज्ञान विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर इन्द्रजीत सिंह वर्ष 2004, डॉ0 नरेश मोहन चड्ढ़ा वर्ष 2003, डॉ. नन्दिनी सिंह तथा ए.के. सिंह वर्ष 2004 से लगातार गैरहाजिर चल रहे थे। जिन्हें विभाग द्वारा समय-समय पर चेतावनी पत्र निर्गत किये गये और पंद्रह दिन के भीतर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कहा गया। इसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा गया। इसके साथ-साथ विभाग ने प्राध्यापकों को जारी नोटिस को समाचार पत्रों में भी प्रकाशित कराया लेकिन किसी भी प्राध्यापक ने विभागीय पत्रों का कोई भी जवाब नहीं दिया। जिसके उपरांत विभाग ने अवैध रूप से अनुपस्थित चल रहे इन असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई अमल में लाई जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है।

उच्च शिक्षा विभाग में कई वर्षों से अवैध रूप से गैरहाजिर चल रहे 04 असिस्टेंट प्रोफेसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है। उच्च शिक्षण संस्थानों में लापरवाही और अनुशासनहीनता को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। भविष्य में भी ऐसे कार्मिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाये जायेंगे
– डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

सीएम ने किया अमर शहीदों को समर्पित हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक का विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ‘‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’’ पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक के माध्यम से सरकारी विद्यालयों में प्रारंभिक कक्षाओं के छात्र अब राज्य आंदोलन के साथ ही अमर शहीदों के बलिदान की गाथा से भी परिचित होंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक प्रकाशित की गई है, जिसे कक्षा छह से आठ तक सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक राज्य की युवा पीढ़ी को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक, लोक विरासत, लोकगीत, लोक नृत्य के साथ संस्कृति के विविध आयामों से परिचित कराने में मददगार होने के साथ राज्य की महान विभूतियों के जीवनी से परिचित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी देश व प्रदेश का सामाजिक एवं आर्थिक विकास वहां के बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। इसमें शिक्षकों की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। बच्चों को जीवन में आगे बढाने में उनका अमूल्य योगदान रहता है। बच्चों को किस प्रकार बेहतर गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान की जाय यह दायित्व भी विभाग के साथ शिक्षकों को निभाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी लोक संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा इसे बढावा देने के लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत हैं।

महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने बताया, बाल साहित्य के रूप में छात्रों के हित में इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया है। इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं को राज्य के प्राकृतिक स्थलों, वेशभूषा, खानपान और अपनी संस्कृति की जानकारी मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक कक्षाओं में छात्र श्रीदेव सुमन, तीलू रौतेली सहित अनेक महान विभूतियों के बारे में पढ़ेंगे। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी यह पुस्तक आधार बनेगी। इस पुस्तक के माध्यम से बच्चों को राज्य की धार्मिक, एतिहासिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित होंगे।

महानिदेश शिक्षा ने बताया कि एससीईआरटी की ओर से कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं के लिए ‘‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’’ पुस्तक प्रकाशित करने के बाद इसी प्रकार अब कक्षा नौ और 10वीं के छात्र-छात्राओं के लिए भी पुस्तक तैयार की जाएगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डा. प्रेमचन्द अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, सचिव विनय शंकर पाण्डेय, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड बंदना गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

यूनिवर्सिटी ऑफ पैट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडीज में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनिवर्सिटी ऑफ पैट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) में यूपीईएस द्वारा शुरू की गई आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों के लिए ‘ज्योति छात्रवृति’ एवं खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए ‘विजय’ छात्रवृति का शुभारम्भ किया। यूपीईएस द्वारा उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति एवं परम्पराओं के संवर्द्धन, संरक्षण और अध्ययन हेतु ‘सेंटर फॉर कल्चर एंड आर्ट एवं भारतीय पुरातन ज्ञान को नई पीढ़ी से जोड़ने के उद्देश्य से ‘सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज’ की स्थापना की गई है, जिनका शुभारम्भ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थित में किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में बड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के आने से केवल उनमें पढ़ने वाले छात्रों का जीवन ही नहीं संवरता, बल्कि आसपास के क्षेत्र के लोगों के जीवन में भी अनेक बदलाव आते हैं। स्थानीय स्तर पर लोगों के आजीविका के संसाधन भी बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के सीमान्त क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में यूपीईएस द्वारा क्या योगदान दिया जा सकता है, इस दिशा में विश्वविद्यालय को ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि यूपीईएस द्वारा होनहार गरीबों एवं प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए छात्रवृति की शुरूआत की गई है वह सराहनीय प्रयास है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाने के देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लाई गई है। उत्तराखण्ड राज्य में बाल वाटिका से इसका शुभारंभ हो चुका है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को गुरू पूर्णिमा की शुभकामनाएं भी दी।

इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, यूपीईएस के कुलपति डॉ. सुनील राय, प्रति कुलपति डॉ. राम शर्मा, कुलसचिव मनीष मदान, डॉ. वी.के. सिंह, डॉ. गुरविन्दर विर्क, डॉ. नलिन मेहता एवं अन्य गणमान्य मौजूद थे।

मस्ती की पाठशाला में बच्चों को मिला सीखने का अवसर

मस्ती की पाठशाला में आज एक भ्रमण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रतिभागी बच्चों को योग नगरी रेलवे स्टेशन के पार्क मे ले जाया गया। जहाँ बच्चों ने पेंटिंग, खेल कूद एवं अन्ताक्षरी आदि के माध्यम से शिविर में प्रतिभाग किया। बच्चों को मनोरंजन के साथ संरचनात्मक कलाओं से जोड़े रखने के उद्देश्य से भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी बच्चों को अनौपचारिक तौर पर विद्यालयी वातावरण से जोड़े रखना, विशेषतया संरचनात्मक कलाओं को निखारने व खेल खेल में शिक्षा से जोड़े रखना शिविर के आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।

शिविर की संचालक अध्यापिका सुश्री निरुपमा शर्मा ने बताया कि शिविर में बच्चों को विभिन्न प्रकार की पेंटिंग, घर पर तुरंत तैयार किए जाने वाले फूड आइटम्स बनाना, नृत्य गायन आदि सिखाए जाएंगे एवं खेल-खेल में मनोरंजन के साथ शैक्षिक ज्ञान वर्धन सत्रों का संचालन भी किया जा रहा है।

संस्था सचिव सरिता भट्ट ने बताया कि 15 दिवसों तक चलाए जाने वाले इस शिविर के समापन दिवस पर बच्चों की कला प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी व बच्चों द्वारा तैयार कलाकृतियों एवं अन्य कलाओं का प्रदर्शन भी किया जाएगा। तथा प्रमाण पत्र व पुरुस्कार वितरण भी किया जाएगा।
ज्ञात हो कि ग्राम मनसा देवी ऋषिकेश में सेतु फाउंडेशन संस्था द्वारा प्राथमिक शैक्षिक कार्यक्रम बड्स एकेडमी के अंतर्गत निर्धन परिवार के बच्चों के लिए एक ग्रीष्मकालीन शिविर मस्ती की पाठशाला का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यक्रम में संस्था सचिव सरिता भट्ट, अध्यक्ष श्याम प्रकाश, माधव भट्ट, सुमित बडोला, संजय कौशिक अश्वनी गुप्ता, अध्यापिकाएं निरुपमा शर्मा, प्रीति, ममता एवं स्वयमसेवी प्रथम रतूडी, दीपा, कोमल आदि उपस्थित रहे।

एमआईटी में साइंटिफिक पेपर राइटिंग विषय पर वर्कशॉप का हुआ आयोजन

पंडित ललित मोहन शर्मा कैंपस श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, स्पेक्स देहरादून व मेडिकल लैब टेक्नोलोजी विभाग, ऋषिकेश के संयुक्त तत्वाधान में साइंटिफिक पेपर राइटिंग विषय पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया।

इस वर्कशॉप में छात्रों को वैज्ञानिक लेखन के प्रति जागरूक कराने के साथ साथ वैज्ञानिक लेखन कार्य मे किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तथा उच्च स्तरीय शोध पत्र कैसे तैयार किया जाता है, को विस्तारपूर्वक समझाया गया। इनमें ऋषिकेश के विभिन्न कॉलेजों से आए छात्र शामिल हुए, जिसमें मॉडर्न इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, ढालवाला के बॉयोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, रसायन व गणित के 28 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

विभाग की ओर से गणित विषय के प्रवक्ता आशीष गुप्ता के प्रतिनिधित्व में छात्रों का दल वर्कशॉप में शामिल हुआ। छात्रों ने सीखा कि किसी विषय को वैज्ञानिक तरीके से कैसे लिखा जा सकता है? इस वर्कशॉप में विज्ञान क्षेत्र के जाने-माने दिग्गजों ने उक्त विषय पर अपने व्याख्यान दिए। संस्थान के निदेशक रवि जुयाल व विज्ञान विभागाध्यक्षा प्रो. कौशल्या डंगवाल ने छात्रों के वैज्ञानिक लेखन कार्यशाला में रुचि दिखाने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

स्पीकर अग्रवाल ने अटल उत्कृष्ट विद्यालय छिद्दरवाला का किया नामांकरण उद्धाटन


राजकीय इंटर कॉलेज छिदरवाला अब अटल उत्कृष्ट विद्यालय के नाम से जाना जाएगा। स्पीकर प्रेम चंद अग्रवाल ने इस विद्यालय भवन के नामकरण का उद्घाटन किया।

स्पीकर ने कहा कि राज्य में अंग्रेजी और हिंदी माध्यम से 190 अटल उत्कृष्ट विद्यालयो का आज विधिवत उद्घाटन हुआ है। जिसमें ऋषिकेश विधानसभा में राजकीय इंटर कॉलेज छिदरवाला को चयनित किया गया। उन्होंने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी के नाम से इस विद्यालय का नामकरण कर सरकार ने सराहनीय कार्य किया है ।उन्होंने कहा है कि आधुनिक युग में अंग्रेजी एवं हिंदी माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देने की दृष्टि से सीबीएसई पैटर्न पर प्रदेश के लिए तमाम 190 विद्यालय संचालित किए जाएंगे। जिससे छात्रों को आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त होंगे।

उद्घाटन समारोह के अवसर पर स्पीकर ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में दो विद्यालयों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में चयनित किया गया है। जिससे भारतीय संस्कृति पर आधारित अंग्रेजी और हिंदी माध्यम की शिक्षा मिलेगी श्री अग्रवाल ने कहा है कि सूचना एवं तकनीकी युग में आधुनिक शिक्षा का अत्यंत महत्व है इसलिए इन विद्यालयों में उस प्रकार की शिक्षा दी जाएगी जिससे छात्रों को प्रतिपदा के युग में आगे बढ़ने में सोहलिया तक होगी।

इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ पौधारोपण कर किया गया। मौके पर डोईवाला के ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र नेगी, विद्यालय के प्रधानाचार्य योगेंद्र सिंह रावत, खंड शिक्षा अधिकारी उमा देवी, जिला पंचायत सदस्य रीना रागड, क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर खत्री, पंकज किशोर, प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष सोबन केन्तुरा, प्रधान भगवान सिंह महर, प्रधान चमन पोखरियाल, विमला नैथानी, प्रधान कमलजीत कौर, हरीश कालुड़ा, अनीता राणा, सम्मा पवार, एसएन बहुगुणा, पितांबर पैन्यूली, भूपेंद्र रावत, चंद्रवीर धर्म सिंह आदि उपस्थित थे।