शिक्षामंत्री ने निर्देश देकर स्कूलों को बंद ही रखने को कहा

21 सिंतबर से उत्तराखंड में स्कूल न खोलने का राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इस मामले में निर्देश दिए हैं। बता दें कि 21 सिंतबर से 50 प्रतिशत स्टाफ स्कूल आने और कंटेनमेंट जोन से बाहर के स्कूलों में कक्षा नौ से 12 तक के बच्चों को स्कूल आने की इजाजत दी गई थीं। मगर, इस संबंध में अभिभावकों की लिखित अनुमति अनिवार्य रखी गई थी। मगर, राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को भांपते हुए प्रदेश में स्कूल बंद ही रखने का ऐलान किया है।

विदित है कि प्रदेश में पाॅजीटिव मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। वर्तमान में 33 हजार के पार इसके मरीज हो गए है। वहीं, एक्टिव केस 10374 के करीब है।

कक्षा नौवी, दसवीं, बारहवीं की विज्ञान और अंग्रेेजी की पढ़ाई कराएगा दूरदर्शन

बृहस्पतिवार को डीडी उत्तराखंड और शिक्षा विभाग के बीच करार हुआ। ज्ञानदीप कार्यक्रम के तहत रोजाना आधा-आधा घंटे की कक्षा नौवी, दसवीं और बारहवीं के छात्रों को तीन एपिसोड के जरिए पढ़ाई कराई जाएगी। विज्ञान और अंग्रेजी विषय की पढ़ाई वरिष्ठ शिक्षक वीडियों के जरिए छात्रों को उपलब्ध कराएंगे। शुक्रवार से पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

एमओयू पर समग्र शिक्षा अभियान के एपीडी डॉ. मुकुल कुमार सती और दूरदर्शन से कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र रावत ने हस्ताक्षर किए। डॉ. सती ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से सभी शैक्षिक संस्थान फिलहाल बंद है। छात्रों की पढाई प्रभावित न हो, इसलिए दो माध्यमों से पढाई कराई जा रही है। ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पहाड़घ् के दूरदराज क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा न होने की वजह से वहां दूरदर्शन काफी उपयोगी साबित होगा। इस प्रकार को प्रदेश का हर छात्र देख सकता है।

डीडी के कार्यक्रम प्रमुख डॉ. सुभाष चंद्र थलेडी ने बताया कि छात्र हर रोज के लेक्चर को डीडी उत्तराखंड के आधिकारिक यूट्यूब चौनल पर भी भी देख सकते हैं। इन सभी एपिसोड को रोजाना यूट्यूब पर अपलोड किया जाएगा।

राहतः सरकार ने कहा-किसी भी गेस्ट टीचर नही निकाला जायेगा

उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण समाप्त होने के बाद शिक्षा विभाग में दो हजार से अधिक शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया। अधिकतर प्रमोशन सहायक अध्यापक से लेक्चरर के पदों पर होने हैं। जबकि सरकार की ओर से हाल ही में इन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है। ऐसे में नियमित लेक्चरर मिलने के बाद गेस्ट टीचरों को उन पदों से हटाने को लेकर गेस्ट टीचरों में भय बन रहा है। लेकिन राहत देने वाली बात है कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी गेस्ट टीचर को विभाग से बाहर न किया जाए। प्रमोशन से जो पद खाली होंगे उन पदों पर गेस्ट टीचरों को तैनाती दी जाए।
शिक्षा विभाग में शिक्षकों के चार हजार से अधिक पद खाली हैं। लोक सेवा आयोग से लेक्चरर और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से सहायक अध्यापक समय पर न मिलने से शिक्षकों की कमी बनी थी। सरकार की ओर से शिक्षकों के खाली पदों पर खासी कवायद के बाद गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है। जिन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है वे अधिकतर लेक्चरर के पद हैं। लेकिन अब प्रमोशन में आरक्षण समाप्त होने के बाद सहायक अध्यापक से लेक्चरर के 1949 पदों पर प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया। विभाग को नियमित तैनाती के 1949 लेक्चरर मिलने से उन स्कूलों से गेस्ट टीचरों को हटना होगा, जिन स्कूलों में इनकी तैनाती की गई है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों के प्रमोशन से जितने पद खाली होंगे उन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की जाएगी। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी गेस्ट टीचर को बाहर न किया जाए। प्रदेश के दुर्गम और अति दुर्गम स्कूलों में गेस्ट टीचरों को तैनाती दी गई है।

खुशखबरीः सरकार ने अशासकीय स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया शुरु की

प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में लटकी शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्ती के प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के बाद भर्ती का रास्ता साफ हो गया। शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को लोक सभा और इसके बाद पंचायत चुनाव की आचार संहिता के चलते पूरा नहीं किया जा सका था।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के मुताबिक भर्ती की अधूरी प्रक्रिया को अब पूरा किया जाएगा। प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों, प्रिंसिपलों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की इसी वर्ष जनवरी और फरवरी में भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
विभिन्न जनपदों की ओर से इसके लिए नियुक्ति विज्ञप्ति निकालकर अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक तीन महीने के भीतर भर्ती की प्रक्रिया पूरी होनी थी, लेकिन फरवरी 2019 में लोक सभा चुनाव और इसके बाद पंचायत चुनाव की आचार संहिता के चलते भर्ती प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सका। शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों एवं कर्मचारियों के विभिन्न पदों पर लटकी भर्ती को पूरा करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन से अनुमोदन मांगा गया था। शासन की ओर से प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को भेजा गया था।
शिक्षा मंत्री के मुताबिक शुक्रवार को इस पर अनुमोदन दे दिया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि भर्ती केवल उन पदों पर होगी, जिन पदों पर इसकी प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका था। वहीं, राज्य युवा कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रविंद्र जुगरान के नेतृत्व में अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री से मिलकर शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्ती चयन प्रक्रिया पूरी करने की मांग की।