मुख्यमंत्री से मुलाकात कर होटल व्यापारियों ने कराया अपनी समस्या से अवगत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भेंट की। उन्होंने कहा कोविड-19 की वजह से राज्य में पर्यटन एवं अन्य लोगों के आवागमन न होने से होटल संचालकों एवं होटल एसोसिएशन को काफी समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है। होटलों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को वेतन देने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखंड में पर्यटन कि दृष्टि से यह सबसे महत्वपूर्ण समय है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस अवसर पर होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न समस्याएं रखीं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि होटल एसोसिएशन की प्रमुख समस्यायों को गंभीरता से लिया जाएगा और उनका समाधान करने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि ग्रीन जोन वाले जनपदों विभिन्न गतिविधियों में तेजी लाई जाए, ताकि अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार हो सके।

इस अवसर पर विधायक मुन्ना सिंह चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा अनिल गोयल, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप सहानी, सेक्रेट्री संजय अग्रवाल, प्रदीप कर्णवाल, आशीष गोयल आदि उपस्थित थे।

बाहरी राज्यों से लौटे लोगों को राज्य में ही रोका जा सकता है…, इसकी रणनीति तैयार करे आयोग

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण हुए रिवर्स पलायन पर पलायन आयोग से अध्ययन रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से गांव वापस लौटे उत्तराखंड वासियों को किस तरह राज्य में रोका जा सकता है, इसे लेकर रणनीति तैयार की जाए। सीएम ने मंगलवार को अपने आवास पर मंत्रिपरिषद के साथ देश में लॉकडाउन से पैदा परिस्थितियों पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा को अवसर के रूप में किस प्रकार बदला जाए हमें इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा। लॉकडाउन की स्थिति के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी होने वाले निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। बदलते हालात में अर्थव्यवस्था को किस प्रकार मजबूती प्रदान की जाए, इसकी भी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को लौटे हैं।

ये लोग रिवर्स माइग्रेशन की ओर अग्रसर हों, इसके लिए पलायन आयोग एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार करके पेश करे। आयोग इनसे वार्ता कर उनसे सुझाव भी प्राप्त करे। यहां लौटे लोगों को यहां पर बेहतर संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध कराकर उन्हें रोका जा सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं लॉकडाउन के दौरान सरकार सामूहिक निर्णय लेगी। इस संबंध में कोई भी विभाग अपने स्तर से किसी भी प्रकार का आदेश निर्गत नहीं कर सकेगा।

कोरोना संक्रमण की रोकथाम में तैनात सभी लोगों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 10 लाख की सम्मान निधि की व्यवस्था की गई है। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जो इससे संबंधित प्रकरणों को देखेगी तथा किसी अनहोनी की स्थिति में उनके आश्रितों को यह धनराशि प्रदान करने की संस्तुति करेगी।

राज्य में जीएसटी में पिछले एक माह में हुआ 32 प्रतिशत सुधारः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि शीघ्र ही देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी। कृषि, पशुपालन एग्रोबेस लघु, मझोले एवं कुटीर उद्योग अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे। प्रमुख अर्थशास्त्रियों का भी मानना है कि अर्थव्यवस्था की मंदी का यह दौर अस्थायी है। आटोमोबाइल सहित अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेजी आनी शुरू हो गयी है।
उत्तराखण्ड के परिपेक्ष्य में राज्य के विकास की दिशा में किये जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जीएसटी के क्षेत्र में पिछले एक महीने में 32 प्रतिशत तक सुधार हुआ है। हम राज्य में सर्विस सेक्टर को बढ़ावा दे रहे हैं। फिल्मांकन, पर्यटन, सोलर पावर, वैलनेस, साहसिक खेलों जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
शुक्रवार को हरिद्वार बाईपास रोड स्थित होटल में आयोजित जी बिजिनेस लीडरशिप कानक्लेव को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में 13 जिले 13 नये पर्यटन गंतव्य की दिशा में मजबूत पहल हुई है। इसकी डीपीआर तैयार की जा रही है। पिथौरागढ़ में 50 एकड में ट्यूलिप गार्डन तथा 1200 करोड़ के प्रोजेक्ट टिहरी के लिये चयनित किये गये हैं। देश व दुनिया के पर्यटक यहां आये इसकी व्यवस्था की जा रही है। राज्य के नैसर्गिक सौन्दर्य के प्रति अधिक से अधिक लोग आकर्षित हो इसके प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में फिल्म संस्थान की स्थापना की जायेगी जहां राज्य के युवाओं को कन्टेन्ट राइटिंग व एक्टिंग आदि विधाओं का प्रशिक्षण मिलेगा।
फिल्मकार राज्य के प्रति बड़ी संख्या में आकर्षित हो रहे हैं।
कुंभ मेले के सफल आयोजन की व्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश इसके बेहतर आयोजन की है, इसके लिए अब तक 27 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। सभी अखाड़ों व सन्त महात्माओं का इसमें सहयोग लिया जा रहा है, उनसे भी निरंतर संवाद बनाया जा रहा है जो इस क्षेत्र के अनुभवी लोग हैं।

पलायन रोकने को हो चुका सर्वे, भविष्य की कार्ययोजना भी तैयार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग उत्तराखण्ड द्वारा जनपद पिथौरागढ़ का विशलेषण कर पलायन को कम करने से सम्बन्धित रिपोर्ट का विमोचन किया। इस रिपोर्ट में जनपद पिथौरागढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायन के कम करने के उपायों पर सुझाव दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए जिन जनपदों का सर्वे हो चुका है। उन जनपदों के भविष्य की कार्ययोजना भी तैयार किया जाए। पलायन को किस प्रकार नियंत्रित कर रिवर्स माईग्रेशन की संभावनाओं के लिए सुनियोजित आधार तैयार किये जाएं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आयोग द्वारा जनपदवार किये जा रहे विशलेषण एवं अर्थव्यवस्था, आजीविका सुधार तथा स्वरोजगार सृजन के अवसरों से सम्बन्धित सुझाव निश्चित रूप से सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि पलायन प्रभावित जनपदों के विकास हेतु विभिन्न विभागों को संयुक्त कार्ययोजना तैयार करने पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए इन क्षेत्रों को किस प्रकार विकसित किया जा सकता है इस पर भी गहन अध्ययन किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने व रिवर्स माइग्रेशन के लिए विशेषज्ञों व विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले बुद्धिजीवी वर्ग से भी सुझाव लिये जाने चाहिए।

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने व पलायन को कम करने के लिए राज्य के विभिन्न जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर विशेषज्ञों व स्थानीय लोगों के साथ विचार विमर्श किया गया। विभिन्न विश्वविद्यालयों व संस्थानों पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन पर अंकुश लगाने के लिए विषय विशेषज्ञों व छात्रों के भी सुझाव लिये गये। शासन स्तर पर भी बैठकें आयोजित की गई।

जीएसटी की दरों में संसोधन से टूरिज्म और सर्विस बेस्ड इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगाः सीएम

सीएम आवास में आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हालही में केंद्र सरकार द्वारा इकोनॉमी में उठाए गए सुधारवादी कदमों से उत्तराखंड को भी बड़ा फायदा होगा। पिछले एक डेढ़ साल से उत्तराखंड में निवेश और उद्योगों को मजबूत करने के लिए की गई पहल को अब और मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हमने अनेक नई नीतियां बनाई हैं और अनेक नीतियों मे आवश्यक संशोधन किए हैं। सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम को मजबूती दी है, निवेश के अनुकूल माहौल बनाया है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद अब तक 17 हजार करोड़ रुपए का निवेश ग्राउंडेड हो चुका है। केंद्रीय वित्तमंत्री जी ने आर्थिक सुधारों की जो घोषणाएं की हैं, उसके बाद हमारे प्रयासों को और भी ज्यादा बल मिलने वाला है। इन घोषणाओं का सीधा फायदा उत्तराखंड के उद्योग जगत को मिलने वाला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्यटन राज्य है। हमने पर्यटन को बूस्ट करने के लिए नई पर्यटन नीति बनाई है। जीएसटी की दरों में संशोधन से टूरिज्म और सर्विस बेस्ड इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। पहले 2500 से 7500 रुपये तक के होटल कमरों पर 18 प्रतिशत टैक्स लगता था, जिसे घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह 7500 से ऊपर के होटल कमरों पर पहले 28 प्रतिशत जीएसटी लगता था जिसे घटाकर 18 प्रतिशत किया गया है। एक हजार रुपये से कम के होटल कमरों पर 5 प्रतिशत तक जीएसटी लगता था, लेकिन अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। राज्य के होटल व्यावसायियों का कहना है इससे राज्य में होटल व्यवसाय में 15 से 20 प्रतिशत तक ग्रोथ होगी। इससे उत्तराखंड में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर मजबूत होगा, ज्यादा पर्यटक आने से होटल व्यवसाय मजबूत होगा जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, रोजगार की नई संभावनाएं पैदा करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भंडारण योग्य खाद्य पदार्थों पर भंडारण के समयानुसार छूट दी जाएगी, इससे उत्तराखंड में भी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को छूट मिल सकेगी। यहां के उत्पादों को भंडारण की उचित व्यवस्था मिलेगी, उत्पादों की खपत बढ़ेगी तो स्थानीय काश्तकारों को फायदा मिलेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हुआ है, राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू की है, जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन बढ़ेगा, लोगों को रोजगार मिलेगा, इलेक्ट्रिक वाहनों से प्रदूषण पर नियंत्रण लगेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राहत से उत्तराखंड में ऑटोमोबाइल, फार्मा, मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के लिए भी यह एक बड़ा बूस्ट होगा। स्किल्ड मैनपावर, प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम, बेहतर कानून व्यवस्था, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से निकटता आदि कारणों से उत्तराखण्ड को विशेष लाभ होगा।