मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को पिथौरागढ़ में जिला मुख्यालय के चंडाक रोड स्थित वरदायिनी मंदिर परिसर में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने नव निर्मित 100 फीट ऊंचाई का तिरंगा फहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भूमि देव एवं वीरों की भूमि है। तिरंगा युवाओं में देश भक्ति का जज्बे के साथ ही देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करता है।
इस अवसर पर पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल, विधायक पिथौरागढ़ चंद्रा पंत, अध्यक्ष नगर पालिका राजेद्र रावत, आयुक्त कुमाऊं सुशील कुमार, आईजी निलेश आनंद भरणे, जिलाधिकारी डॉ आशीष कुमार चौहान, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह मौजूद रहे।
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9 करोड़ की योजनाओं से विधानसभा ऋषिकेश की आधी आबादी को मिलेगा स्वच्छ जल
ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल निगम के माध्यम से लगभग 9 करोड 4 लाख रुपए की लागत से निर्मित होने वाली श्यामपुर में पेयजल योजना का आज जलशक्ति केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल एवं पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने संयुक्तरुप से शिलान्यास किया।
श्यामपुर के अंतर्गत पंचायत भवन, भल्लाफ़ार्म में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जलशक्ति केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि ऋषिकेश क्षेत्र में पानी की किल्लत इस पेयजल योजना से दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि गरीबों की मूल भूत योजनाएं आवास, शौचालय, पेंशन, हर घर को 18 घंटा बिजली, टोंटी से जल 2022 तक प्रत्येक घर को उपलब्ध कराया जाएगा। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि देशभर में पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप हर घर पीने का पानी पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों को पैसे की कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने इसके लिए खजाना खुला रखा है। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार परियोजनाओं के रखरखाव के लिए ट्रेनिंग जैसे कार्यक्रम शुरू कर रही है।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने लगभग 9 करोड 4 लाख रुपए की लागत से निर्मित होने वाली श्यामपुर पेयजल योजना के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना से भल्ला फार्म, भट्टा फार्म, श्यामपुर मोहल्ला, श्यामपुर, बैटरी फ़ार्म एवं नंबरदार फार्म के निवासी शुद्ध पेयजल आपूर्ति से लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से क्षेत्र में दो ट्यूबेल, दो उच्च जलाशय, राइजिंग मेन सहित 44 किलोमीटर नई पाइप लाइन बिछाये जाने का कार्य किया जाना है। विस अध्यक्ष ने कहा कि श्यामपुर क्षेत्र में पेयजल की समस्या को देखते हुए वह विगत कई समय इस योजना को स्वीकृत किए जाने के लिए प्रयासरत थे। उन्होंने कहा कि इस पेयजल योजना के बन जाने से श्यामपुर क्षेत्र में पेयजल का संकट दूर होगा एवं हजारों परिवार शुद्ध पेयजल से लाभान्वित होंगे।
पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि प्रदेश में पेयजल योजनाओं को लेकर सरकार द्वारा विशेष कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश के हर व्यक्ति को पानी देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही पहाड़ी और दूरस्थ क्षेत्रों में पंपिंग योजनाओं के तहत ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश में वर्षा जल संग्रहण को लेकर सरकार द्वारा काफी कार्य किए जा रहे हैं। जिसके लिए प्रदेश स्तर पर विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह और एनजीओ की सहायता से वृहद स्तर पर जल संग्रह को लेकर कार्य किया जा रहा है। कहा कि क्षेत्रों मे 1 रूपये पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराना राज्य सरकार द्वारा जनहित में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय है।
इस अवसर पर पेयजल निगम के मुख्य अभियंता केके रस्तोगी, मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र पंत, अधिशासी अभियंता मिशा सिन्हा, भाजपा के मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, श्यामपुर के प्रधान विजय पाल जेठूडी, किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रभाकर पैनूली, क्षेत्र पंचायत सदस्य विजय लक्ष्मी पंवार, प्रधान दीपा राणा, खैरी कला प्रधान चंद्रमोहन पोखरियाल, राजवीर रावत, जसविंदर राणा, पंकज जुगलान, कमला नेगी, इंदु थपलियाल, समा पवार, पवन पांडे, राकेश व्यास, राजेश व्यास सहित अन्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप धस्माना ने किया।
केन्द्रीय और राज्य की पेयजल योजनाओं का लोगों का लाभ दिलाने का निर्देश
पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल द्वारा बुधवार को सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से की गयी। समीक्षा बैठक में राज्य स्तर से सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता मिशन निदेशक, अपर सचिव, जल जीवन मिशन, प्रबन्ध निदेशक, उत्तराखण्ड पेयजल निगम मुख्य महाप्रबन्धक, उत्तराखण्ड जल संस्थान, मुख्य अभियन्ता, राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन एवं अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जनपदों से जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, पेयजल संस्थाओं के अधिशासी अभियन्ताओं एवं अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत आतिथि तक कुल 15.18 लाख परिवारों के सापेक्ष 6.82 लाख परिवारों को पेयजल संयोजन प्रदान किया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों के 96 प्रतिशत विद्यालयों एवं 91 प्रतिशत आंगनबाड़ियों को पेयजल से आच्छादित किया जा चुका है।
पेयजल मंत्री द्वारा समस्त जिलाधिकारियों एवं उपस्थित अन्य अधिकारियों को जल जीवन मिशन के कार्यों को समयबद्ध रूप से गुणवत्ता एवं मानकों के अनुरूप कार्याे को सम्पादित करने हेतु निर्देशित किया गया। उनके द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि ऐसी योजनायें जिनमें पेयजल की उपलब्धता मानकों से कम है के प्राक्कलन प्राथमिकता पर तैयार कर स्वीकृत करवाये जाये। जनपदों में अवस्थित विद्यालयों, आश्रम शालाओं, आंगनबाडी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पंचायत घर आदि सार्वजनिक भवनों को दिनांक 2 अक्टूबर, 2021 तक पेयजल से आच्छादित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
इसके अतिरिक्त नाबार्ड कार्यक्रम में स्वीकृत तथा दीर्घकाल से अपूर्ण पेयजल योजनाओं को पूर्ण करते हुए विगत दो माह में जनता को निम्न पेयजल योजनाओं में पेयजल उपलब्ध कराया गया।
1. जनपद रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत जवाड़ी रौठिया ग्राम समूह पेयजल योजना अनु. लागत रू0 1599.74 लाख की स्वीकृति वर्ष 2006 में राज्य सेक्टर ग्रामीण में दी गयी थी, वन भूमि की स्वीकृति लम्बित होने तथा स्थानीय विवाद के कारण योजना के कार्य वर्ष 2012 में प्रारम्भ हो सके थे। तत्पश्चात पाईप सामग्री की दरों में वृद्धि होने के कारण योजना की पुनरीक्षित लागत रू० 2539.53 लाख नाबार्ड कार्यक्रम में वर्ष 2018 में स्वीकृति प्रदान की गयी। योजना का स्रोत लस्तरगाड़ नदी से प्रमुख ग्रामों की दूरी लगभग 55 किमी0 है। योजना में 18 राजस्व ग्रामों की 52 बस्तियां सम्मिलित हैं तथा 10276 आबादी को लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में 9 ग्रामों की 24 बस्तियों को पेयजल सुचारू रूप से उपलब्ध हो गया है तथा 850 परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है।
2. जनपद पौड़ी के अन्तर्गत विकासखण्ड कल्जीखाल की डांडा नागराजा पम्पिंग पेयजल योजना अनु. लागत रू० 2648.49 लाख की स्वीकृति वर्ष 2012 में एनआरडीडब्लूपी, नाबार्ड कार्यक्रम में दी गयी थी, उक्त योजना में 72 राजस्व गांवों के 112 बस्तियाँ सम्मिलित हैं। योजना में समय-समय पर विद्युत व्यवधान एवं गंगा नदी में देवप्रयाग के समीप निर्मित इनटेकवैल में नदी में अत्यधिक सिल्ट आने के कारण पम्पिंग बाधित होने से उक्त योजना में सुचारू रूप से पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा था। वर्तमान में गुरुत्व स्रोत रांधीगाड़ से प्राप्त हो रहे 250 एलपीएम डिस्चार्ज को बढ़ाकर 600 एलपीएम किया गया, जिस कारण वर्तमान में पर्याप्त पम्पिंग करते हुए 70 ग्रामों को पेयजल आपूर्ति उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें से 2 ग्रामों में नई सड़क निर्माण होने के कारण क्षतिग्रस्त पाईप लाईन को ठीक कराया जा रहा है।
3. जनपद टिहरी गढ़वाल के अन्तर्गत अकरी बारजूला ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना स्वीकृत लागत रू० 4770.17 लाख नाबार्ड कार्यक्रम में वर्ष 2015 में स्वीकृत की गयी थी। उक्त योजना में 42 राजस्व ग्रामों की 105 बस्तियों को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु योजना वर्ष 2020 में पूर्ण की गयी, विगत कुछ वर्षाे में क्षेत्र के अन्तर्गत निर्माण कार्यों के चलते एवं पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने, दैवीय आपदा के कारण अलकनन्दा नदी में दिनांक 18.06.2021 को आयी बाढ़ के कारण अत्यधिक सिल्ट आने के कारण इन्टेक वैल से रॉ वाटर पम्पिंग को बार-बार बन्द करना पड़ रहा है, जिससे योजना पर सुचारू रूप से पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाती है। वर्षा ऋतु में अलकनन्दा नदी में सिल्ट की अधिकता को देखते हुये योजना के समीप चन्द्रभागा गदेरे से अल्प समय में वैकल्पिक स्रोत से ट्रीटमेन्ट प्लान्ट तक रॉ वाटर की व्यवस्था की गयी है, जिससे योजना में सम्मिलित सभी ग्रामों में पेयजल उपलब्ध हो रहा है।
बरसाती जल स्रोतों को र्पुनजीवित करेगी राज्य सरकार-चुफाल
प्रदेश के पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने पेयजल विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि बरसाती जल स्रोत द्वारा टैंक के माध्यम से जल संग्रह कर पेयजल हेतु उपयोग किया जाय।
पेयजल मंत्री ने कहा जल जीवन मिशन के तहत चलायी जाने वाली योजना के अतिरिक्त ग्राम पंचायत के माध्यम से पेयजल मद के योजना का उपयोग करने का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि इस योजना के तहत ग्राम पंचायत के माध्यम से उन क्षेत्रों को चिन्हित कर लिया जाय जहां पेयजल की समस्या है अथवा पानी का स्रोत नही है। पंचायत के माध्यम से इस कार्य के लिए लगभग 300 करोड रूपये के बजट का उपयोग किया जायेगा।
पहाडी क्षेत्र में 8-10 किलोमीटर के बीच बहुत से स्थान है जहां जल स्रोत नही है या पेयजल की समस्या है। ऐसे क्षेत्रों में बरसाती जल स्रोत का उपयोग ढाई लाख लीटर क्षमता वाले टैंक में संग्रह कर साफ सफाई के बाद बरसात के बाद भी पेयजल हेतु उपयोग किया जायेगा।
बरसाती जल स्रोत का उपयोग परम्परागत रूप में भी किया जाता रहा है। इसकी लागत भी अत्यन्त कम आयेगी। ऐसे क्षेत्रों को भी चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है जहॉ पेयजल की मात्रा कम है।
बैठक में कहा गया कि जल जीवन मिशन की योजनाओं से सम्बन्धित डीपीआर अगस्त माह तक पूर्ण कर लिया जाय और टेण्डर इत्यादि करा कर सितम्बर से कार्य प्रारम्भ करा दिया जाय।
इस अवसर सचिव नितेश झा, अपर सचिव पेयजल नितिन भदौरिया, मुख्य महाप्रबन्धक जल संस्थान एस0 के0 शर्मा, मुख्य अभियन्ता विजय पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।