दून मार्ग पर कार सवार और अकेले राहगीर को ठगने वाला गिरोह सक्रिय
गिरोह में महिला सदस्य भी शामिल, अब तक दो मामले आ चुके हैं सामने
ऋषिकेश।
किसी अनजान को कार से लिफ्ट देना या अकेले में लिफ्ट लेना भारी पड़ सकता है। दून मार्ग पर कार सवार और अकेले राहगीरों को ठगने वाला गिरोह सक्रिय हो रखा है। अलग-अलग तरीके से घटनाओं को अंजाम देने के लिए गिरोह में महिला सदस्य भी शामिल हैं। हाल फिलहाल दून मार्ग पर ऐसे दो मामले सामने आए हैं। हालांकि शर्मिंदगी के कारण पीड़ित पुलिस को तहरीर देने से बच रहे हैं। ऐसे में बिना शिकायत पुलिस कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठा रही। उधर, सीओ चक्रधर अंथवाल का कहना है कि दो मामले पुलिस के संज्ञान में आए हैं, लेकिन किसी ने पुलिस को तहरीर नहीं दी है। कई बार इस तरह के मामलों में लोग पुलिस में शिकायत नहीं करते हैं। पुलिस अपने स्तर से संदिग्धों पर नजर रख रही है।
श्रीरामलीला कमेटी में हारमोनियम बजाने वाले हरीशचन्द्र राही कुछ दिन पहले बालावाला स्थित अपने घर जाने के टिहरी बस अड्डे के बाहर से गुजर रहे थे। उन्होंने कमेटी से सात हजार रुपये एडवांस ले रखे थे। एक कार सवार ने देहरादून जाने के लिए पूछा। कहा कि बस का भाड़ा दे देना। बुजुर्ग कार बैठ गए। कार में दो लोग सवार थे। उन्होंने कार एक गली में मोड़ दी। कहा कि यहां हमारा सरकारी कार्यालय है। हमें सरकारी पैसा जमा कराना है। इस दौरान इधर-उधर की बात कहते हुए उन्होंने हरीश चंद्र को भी अपने झांसे में फंसा लिया। उने सात हजार रुपये ले लिए और फिर वहां से गायब हो गए।
दो हफ्ते पहले एक शिक्षक अपनी कार से शाम के समय देहरादून जा रहे थे। नटराज चौक पर कुछ लोगों ने उनसे लिफ्ट मांगी। शिक्षक ने मना कर दिया। इतने में एक महिला ने बस न मिलने की बात कही। अकेले होने का हवाला देकर आगे छोड़ने का आग्रह किया। सात मोड़ से पहले महिला ने कार रोकने के लिए कहा। शिक्षक को डरा धमका कर उनके पास मौजूद रुपये ले लिए। इसके बाद वह पीछे से आ रहे कार सवार लोगों के साथ बैठकर फरार हो गई। शिक्षक का कहना है कि वह लोग वही थे, जो नटराज चौक पर महिला को बैठाने का आग्रह कर रहे थे। शर्मिंदगी की वजह से उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी।